चुदासी भाभी की कुम्भकर्णी नींद

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

दोस्तो, मेरा नाम संजू गुप्ता है, उम्र 24 साल, अभी मेरी शादी नहीं हुई है। मेरे परिवार में 7 लोग हैं। मैं, मेरा भाई, मेरे माँ-बाप, भाभी और भाभी के दो बच्चे। मेरी भाभी का फिगर 36-30-38 एकदम कामुक लगती हैं। उनका रंग गोरा है, उम्र 28 के करीब होगी। यह कहानी नहीं, सच्ची घटना है जो आप के साथ भी कई बार घटी होगी। बात एक साल पहले की है, गर्मियों का मौसम था, हम सब छत पर सोते थे। मैं छत पर खाट बिछा कर सोता था और सभी लोग छत पर बिस्तर बिछा कर सोते थे। मेरी भाभी मेरे पलंग के बाएं ओर नजदीक ही सोती हैं। वो बहुत गहरी नींद में सोती हैं। एक दिन जब हम सभी छत पर सो रहे थे। लगभग रात को एक बजे मेरी नींद खुली, मुझे प्यास लगी थी, मैंने सोचा कि पानी पीकर फिर से सो जाता हूँ। मैंने अपनी बाएं तरफ जैसे ही उतरने को हुआ तो देखा मेरी भाभी का ब्लाउज खुला है और पेटीकोट ऊपर को खिसक गया है। भाभी अन्दर ब्रा और नीचे पैन्टी नहीं पहने थीं इसलिए दोनों मम्मे बाहर लटक रहे थे। भाभी करवट लेकर सो रही थीं इसलिए उनकी पूरी पिछाड़ी दिख रही थी। चाँद की रोशनी बहुत तेज़ होने से सब साफ नजर आ रहा था। ये देख के मेरे होश उड़ गए। मैंने सोचा क्यों न मैं भाभी का ब्लाउज ठीक कर दूँ और पेटीकोट नीचे कर दूँ। मैंने इधर-उधर देखा कहीं कोई देख न ले वर्ना क्या सोचेगा..! इसलिए मैंने अपनी खाट को आहिस्ता से खड़ा किया और भाभी के बाईं ओर लगा दिया जिससे मैं और भाभी किसी और को न दिखें। अब मैं भाभी के नजदीक गया तो मेरे मन में वासना सवार होने लगी। मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था। मैंने सोचा क्यों न थोड़ा भाभी के अंग को छूकर देखूँ। मैंने उनके मम्मे को हल्के से दबाना शुरू कर दिया। मुझे मजा आने लगा तो मैंने उनके चूचुकों को चूसना चालू कर दिया। भाभी अभी तक सोई हुई थीं। उनके मम्मे में से थोड़ा दूध निकल रहा था। धीरे-धीरे मैंने उनकी नाभि को चुम्बन किया। फिर धीमे-धीमे नीचे चूत पर आ गया। लेकिन भाभी करवट लेकर सो रही थीं, इस वजह से चूत साफ नजर नहीं आ रही थी। मैंने भाभी को पीछे जाकर हल्का सा ताकत लगा अपनी ओर खींचा। भाभी अभी तक कुम्भकरण की तरह सो रही थीं। मैंने उनकी दोनों टाँगों को थोड़ा फैलाया और बीच में खुद बैठ गया। हाय… उनकी चूत.. एकदम गोरी और बिना झांटों के थी.. शायद उसी दिन झांटे साफ़ की थीं..! मैंने चूत की दोनों पंखुरियों को अपने उंगली से खोला तो देखा चूत अन्दर से गुलाबी थी, छोटा सा छेद था, ऊपर एक मूँगफली के दाने की तरह एक दाना था। मैं अपनी जीभ से उसे चाटने लगा। दस मिनट बाद चूत चाट-चाट कर बिल्कुल गीली हो चुकी थी और मैं भी बहुत गरम हो चुका था। मैंने अपनी चड्डी उतारी और अपना 6.7 इंच का लंड हल्के से भाभी की चूत में घुसेड़ने लगा। आधा लंड अन्दर जाते ही भाभी करवट लेने लगीं, मैं तुरंत उठकर एक तरफ बैठ गया। मेरी तो डर के मारे गांड फट के हाथ में आ गई। मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया फिर भाभी के पीछे जाकर उनकी चूत में अपना लंड डालने लगा। चूत टाँगों के बीच दब गई थी, सो लंड बहुत फंस-फंस कर अन्दर जा रहा था। दो बार लंड फिसल कर इधर-उधर गया, लेकिन तीसरी बार में अन्दर चला गया। अब मैंने झटके से अपना पूरा लंड भाभी की चूत में डाला, तो मैंने देखा कि भाभी की तरफ से कुछ प्रतिक्रिया हुई उन्होंने अपनी मुट्ठी कसके बंद कीं।मुझे लगा शायद भाभी जाग गई हैं। मैंने यह देखने के लिए के भाभी जागी हैं या नहीं, उनके पपीतों पर हाथ रखा और जोर से लंड की चोट मारी। उनकी धड़कनें तेज़ चलने लगी थीं, मैं समझ गया कि भाभी जानबूझ कर कुम्भकरण जैसी नींद का ड्रामा कर रही हैं, उन्हें भी मजा आ रहा था। यह देख मेरा डर और झिझक दोनों खत्म हो गए। अब तो मैंने भाभी को कस के पकड़ा और चूत में ज़ोर-ज़ोर से चोट मारने लगा। कहीं मुँह से आवाजें नहीं निकल जाएँ, भाभी ने अपने दोनों होठों को अन्दर की ओर कस के दबा लिया। थोड़ी देर में भाभी झड़ गईं लेकिन मैं अभी भी धकापेल करने में लगा हुआ था। करीबन दस मिनट चोट देने के बाद मैं झड़ने लगा तो मैंने आहिस्ता से भाभी के गालों को पकड़ा और बाएं तरफ से अंगूठे और दायें तरफ से उंगली से गालों को दबाया तो भाभी का मुँह खुल गया। मैं खड़ा हुआ और अपना माल उनके मुँह में उड़ेल दिया, सारा माल मुँह में चला गया। थोड़ा बहुत गालों से बह भी रहा था। मैंने भाभी के कपड़े सही किए, ब्लाउज के बटन लगाए और तुरंत खड़ा हुआ, चड्डी पहनी और पानी पी कर अपनी चारपाई बिछा कर लेट गया। भाभी अभी भी कुम्भकरण की एक्टिंग कर रही थीं। थोड़ी देर बाद अपने हाथों से अपने गालों से बहता मेरा वीर्य चुपके से उंगली से चाटने लगीं और तृप्त होकर सोने लगीं। सुबह हुई तो मेरी फट तो रही थी। मैं भाभी के सामने नहीं आ रहा था। यह देख कर भाभी ने मुझे आवाज लगाई, “संजू खाना लगा दिया है, खा लो..!” और वो मुझे खाना परोसने लगीं और सामान्य तरीके से बात करने लगीं, जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं कि उनके साथ क्या हुआ है..! मैंने डरते हुये उन पर एक कमेंट किया। मैंने कहा- भाभी आप की नींद बहुत गहरी है..! मैंने आप से रात में पानी मांगा तो आप उठी ही नहीं..! तब भाभी मुझे चूतिया बनाती हुई बोलीं- क्या करें देवर जी, हम तो कुम्भकरण हैं.. कोई सोते में हमें मार के भी चला जाएगा तो हमें पता भी नहीं चलेगा.. फिर आपको पानी देना तो दूर की बात रही.. हमें नहीं पता कब आपने पानी मांगा हम तो गहरी नींद में सो रहे थे। मैं समझ गया कि भाभी मुझे बेवकूफ बना रही हैं ताकि मैं ये सब फिर करूँ। इस तरह भाभी का जब-जब चुदवाने का मन होता वो अपना पेटीकोट ऊपर करके और ब्लाउज खोल कर सो जाती थीं और मैं उसे अलग-अलग तरीके से चोदता था। मैं एक साल में अभी तक भाभी को 45 से ज्यादा बार चोद चुका हूँ। कई बार तो सीधे उसके ऊपर चढ़ कर चोदा है पर वो साली अभी तक कुम्भकरण बनने का नाटक करती है। दोस्तो, मेरी ये सच्चे तजुर्बे की कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताइएगा। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000