भिलाई की रेखा को चोदा

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

रोहन पाण्डे मैं रोहन अपनी पहली सेक्स कथा लिखने जा रहा हूँ। बात उस समय की है जब मैं भिलाई में बारहवीं की परीक्षा दे रहा था। मैं भिलाई के सुप्रसिद्ध पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। मेरी मुलकात रेखा नाम की एक लड़की से हुई। वह मेरी क्लासमेट थी। मैं उसे बहुत पहले से लाइन मारता था। एक दिन वो मुझे स्कूल के बाहर रोते हुए मिली। तब मैंने सहानभूति दिखाते हुए उससे पूछा, तो उसने बताया कि त्रैमासिक परीक्षा में वह फेल हो गई है, इस कारण उसे मास्टर जी ने बाहर भगा दिया है। तब मैंने उसे समझाते हुए कहा- इसमें रोने की कोई बात नहीं है, ये सब तो होता रहता है। उस दिन मैंने भी स्कूल से बंक मार दिया क्योंकि मैं भी एक ‘टनाका’ माल को कैसे रोते हुए छोड़ सकता था। फिर मैंने उससे कहा- चलो कहीं चलते हैं। फिर मैंने उसको भिलाई सिविक सेंटर ले गया वहाँ हम दोनों ने खूब पानी पूरी खाईं, उसके बाद मैंने उसे उसके हॉस्टल पर छोड़ दिया। मैं मन ही मन उसकी चूचियों के बारे में ही सोच रहा था। फिर अगले दिन उसने मुझे स्कूल में ‘हाय’ किया। इस प्रकार धीरे-धीरे हम दोनों अच्छे दोस्त हो गए। एक दिन फिर हम दोनों की मुलाक़ात सिविक सेंटर में हुई। हम दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई। मैं तो केवल उसके मम्मों का दीवाना था। फिर मैंने उसे अपने पॉइंट पर लाने के लिए बातों ही बातों में उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या? पहले तो उसने ‘नहीं’ कहा, पर थोड़ी देर के बातचीत के बात उसने मुझे बताया कि उसका एक बॉयफ्रेंड है। वो हमारी ही क्लास में है। और वो लड़का मेरा ही फ्रेंड निकला। मैंने उससे पूछा- अगर वो तुम्हें मेरे साथ देख लेगा, तो क्या होगा..! फिर उसने बताया- मेरा बॉय फ्रेंड बहुत ही बेवकूफ टाइप का है। मैंने पूछा- वो कैसे? उसने मुझे बताया- जब भी मुझे वह फ़ोन करता है, तब मुझे बहुत पकाता है और रात को तो हद ही कर देता है। वो मुझे रात फ़ोन करके तरह-तरह के खाना पकाने की तरकीब बताते रहता है और मुझे तो वो दिखने में भी कोई ख़ास नहीं लगता है। मैंने उससे कहा- मेरे बारे में क्या ख्याल है? उसने कहा- यार तुम्हारी तो बात ही अलग है। शायद रेखा मुझे पसंद करने लगी थी। यहाँ से मेरी कहानी चालू होती है। 16 दिसम्बर जो कि मेरा जन्म दिन है, मैंने रेखा को अपने बर्थ-डे पर पार्टी पर इनवाईट किया। मैंने रायपुर के होटल सेलिब्रेशन में अपनी पार्टी रखी थी, रेखा भिलाई से रायपुर मेरे पार्टी में आई। केक कटने के बाद मेरे सभी दोस्तों ने खाना खाया और सभी चले गए। मैंने रेखा से कहा- हम दोनों कार से साथ-साथ रायपुर चलेंगे। पर मेरी किस्मत इतनी अच्छी थी कि तभी मेरे ड्राईवर का फ़ोन आया। उसने बताया कि कार ख़राब हो गई है, करीब रात के आठ बजे तक ही ठीक हो पाएगी। देखते ही देखते रेखा से बात करते हुए रात के आठ कैसे बज गए पता ही नहीं चला। तब मैंने ड्राईवर से फ़ोन पर बात की, उसने कहा- कुछ समय और लग जाएगा। अब रात के 10:30 हो चुके थे, तब रेखा ने मुझे कहा- यार प्लीज, मुझे बस-स्टैंड तक छोड़ दो, मैं चली जाऊँगी। मैंने उससे कहा- यार बहुत रात हो चुकी है आज हम यहीं रूक जाते हैं। फिर सुबह दोनों साथ ही चलेंगे। वो मान गई, तब मैंने उसी होटल में दो कमरे बुक कर दिए। दोनों अपने-अपने कमरे में चले गए। फिर अचानक रात को 12:30 को मेरे दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। मैंने देखा तो वो रेखा थी, मैंने उसे अन्दर आने को कहा। उसने कहा- यार मुझे अभी नींद नहीं आ रही है। लेकिन मुझे तो नींद आ रही थी, पर जब एक विशाल ‘चूची-धारी’ यौवना रात के एक बजे किसी के सामने हो, तो वह कैसे सो सकता है। तब मैंने टीवी ऑन कर दिया। वो तो बड़े मन से टीवी पर सास-बहू का एपिसोड देख रही थी, मैं मन ही मन उसको चोदने की सोच रहा था। तब मैंने अपने मोबाइल पर एक ब्लू-फिल्म ऑन करके, पॉज करके, टीवी के रिमोट के पास रख कर बाथरूम की ओर चला गया। तब जब मैं लौटा तो मैंने देखा कि रेखा मोबाइल को बड़े ध्यान से देख रही है। अचानक उसकी नज़र मुझ पर पड़ी। उसने मुझे देखते ही मोबाइल जमीन पर पटक दिया। तब मैं समझ गया कि भाई मेरी तो आधी बात बन गई। मैं रेखा के करीब जाकर बैठ गया और उससे पूछा- तुम क्या देख रही थीं। वह तो शरमा गई। मैंने कहा- यार इसमें शरमाने की क्या बात है..! यह तो जीवन की कला है। फिर हम दोनों के बीच एडल्ट बातें शुरू हो गईं। बातों ही बातों में मैंने उससे उसकी चूचियों का साइज़ पूछ लिया। अब तक हम दोनों बहुत खुल चुके थे। उसने भी एक मुस्कान दी और बताया- 32.. फिर क्या दोस्तो, मैंने उसकी टाँगों को धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया। धीरे धीरे वह भी गर्म हो गई, अचानक उससे रहा नहीं गया, उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझे चूमने लगी। मैं उसे जोर से अपने बांहों में जकड़ कर चूमने लगा। फिर धीरे से मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा। भाइयों मुझे लग रहा था कि मक्खन के कटोरे में मैंने अपना हाथ डाल दिया है। मैंने झट से उसकी टी-शर्ट उतार दी, वो काले रंग की ब्रा पहने हुई थी, अब मैं दोनों हाथों से उसके मम्मों को दबा रहा था और उसे चूम रहा था। फिर मैंने उसकी जीन्स की ज़िप खोली, तब उसने मुझे कहा- प्लीज रोहन.. बस रहने दो, यह सब गलत है। तब मैंने उसे समझाया- देखो रेखा.. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और प्यार की शुरूआत सेक्स से ही होती है। फिर मैंने उसके सर पर हाथ रख कर कसम खाई- यार मैं कहाँ तुमसे धोखा करने जा रहा हूँ’.. मैं शादी करूँगा, तो सिर्फ तुमसे और किसी से नहीं। वह मेरी बातों में आ गई। फिर मैंने एक झटके से उसकी जीन्स खोल दी। अब वो सिर्फ अपने चड्डी और ब्रा में थी। भाइयों क्या कहूँ.. चड्डी और ब्रा में वो कितनी कमाल लग रही थी। उसके मम्मों के उभार तो ना जाने हिमालय से भी ऊँचे लग रहे थे और उसका उभरा हुआ पिछवाड़ा तो मानो तबले के जैसा मस्त था। कुछ देर चूचियों और गाण्ड से खेलने के बाद मैंने उसे उसके अंत: वस्त्रों से मुक्त कर दिया। उसके सुन्दर-सुन्दर दो मखमल के गुब्बारों और उन पर दो काली-काली बौंड़ियां उगी देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए थे। मैंने आज तक किसी लड़की को अपने सामने टॉपलैस नहीं देखा था। उसकी फुद्दी के ऊपर हल्के भूरे बाल थे। फिर क्या… मैंने उसकी दोनों टाँगों को फैलाया और उसकी फुद्दी को निहारने लगा। उसकी फुद्दी की दीवारें तो मानो एक-दूसरे से चिपकी हुई थीं। वो पूरी तरह से खिला-माल थी। तब मैंने उसके फुद्दी की दीवारों को अपने उंगली से अलग करने की कोशिश की, वो सहम सी गई। फिर मैंने ब्लू-फिल्म के चुदक्कड़ों के जैसे उसकी फुद्दी के पास अपना मुँह ले गया। उसकी फुद्दी की मादक गंध ने तो मुझे पूरी तरह से पागल कर दिया और मैं तुरन्त ही उसकी फुद्दी को चाटने लगा। वह धीरे-धीरे सिसकने लगी- हा हा हुई हुई…! फिर अचानक से पाँच मिनट बाद वो उठ खड़ी हुई। मैंने उससे पूछा- क्या हुआ..! उसने कहा- जानू जोर की ‘आई’ है..! तब मैंने कहा- यार तुम मेरे ऊपर मूत दो, मुझे बड़ा मजा आएगा। मैं उसके नीचे जमीन पर लेट गया, उसने मेरे मुँह पर मूतना शुरू किया। ना जाने उसके मूत की नूनिया स्वाद ने मुझे पागल कर दिया। मेरी हालत तो ऐसी थी कि अगर वो कहती उसे दो नंबर आया है, तो मैं उसकी टट्टी तक खा जाता। भाइयों लड़की को अपने मुँह में मुतवाने का कुछ अलग ही मज़ा है। फिर मैं उसे अपने बिस्तर पर लिटा कर, फिर से उसकी चूत चाटने लगा, वो झड़ चुकी थी। फिर मैंने उसे अपना लण्ड चूसने को कहा, उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया और तुरंत बाहर निकाल दिया। शायद उसे मेरे लण्ड का स्वाद अच्छा नहीं लगा। फिर मैंने उसके गाण्ड के नीचे एक तकिया रख दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। वह थोड़ी डरी, मैंने अपना थूक उसकी चूत पर रखा और जोर मारा, मेरा लण्ड फिसल गया। मेरा भी पहली बार था, मुझे भी पता नहीं था कि छेद कहाँ पर होता है। फिर मैंने फिर से कोशिश की, इस बार मेरा लण्ड उसकी फुद्दी में आधा घुस गया। मेरे लण्ड का चमड़ा ऊपर आने के कारण मुझे थोड़ा दर्द हुआ, पर रेखा तो चिल्ला उठी। मैंने पास रखे टिशू पेपर उसके मुँह में ठूँस दिए और पूरी ताकत से अपना लण्ड घुसाने लगा। रेखा तो दर्द के मारे छटपटाने लगी। अब मेरा पूरा लण्ड उसकी फुद्दी के अन्दर था। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया। कुछ देर बाद रेखा भी शायद मजा लेने लगी, मैंने उसके मुँह से पेपर निकाला और उसे जोर-जोर से चोदने लगा। वह भी मजे से सिसकारियाँ मारने लगी- ही.. हिस्स ही ही हय्य्य..! फिर करीब 20 मिनट की चूत-लीला के बाद मैं झड़ गया। मैंने लन्ड का सारा पानी उसकी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया। इसी तरह हम पाँच मिनट एक-दूसरे के ऊपर पड़े रहे। जब मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला तो मैं डर गया पूरा बिस्तर खून से सना था, उसकी चूत पूरी लाल हो चुकी थी। मेरे लण्ड का चमड़ा फट गया था, उससे भी खून आ रहा था। रेखा की चूत फट चुकी थी, वहाँ से भी खून आ रहा था। हम दोनों का दर्द से बड़ा बुरा हाल था। मुझे तो रेखा से ज्यादा अपने बाबा जी की चिंता हो रही थी। मुझे डर लगने लगा कि कहीं मेरे बाबा का हिसाब चुकता तो नहीं हो गया… यह फिर से दोबारा खड़ा हो पाएगा या नहीं…! यही सोचते हुए मैं रेखा की गांड पर हाथ फेर रहा था कि तभी मेरे बाबाजी में कुछ हलचल हुई, मैं यह देख कर बड़ा ही खुश हुआ। तब मैं रेखा को उल्टा लिटा कर उसकी गांड के छेद को चाटने लगा, अचानक रेखा ने मेरे मुँह पर पाद दिया और जोर से हँसने लगी। तब मैंने सोचा कि इस शरारती को तो सबक सिखाना ही होगा, मैंने उसकी गांड में अपना थूक डाल दिया, फिर मैंने अपना लण्ड उसकी गांड के ऊपर रखा और जोर से झटका दिया, मेरा पूरा लण्ड उसकी गांड की गहराई में समां गया। वो चीख उठी- उई मम्मी मम्मी..! मैं उसकी एक न सुनते हुए जोर-जोर से उसकी गाण्ड मारने लगा, फिर उसे चोदते-चोदते मैं उसकी गाण्ड में ही झड़ गया। यह सब करते हुए सुबह के 5 बज चुके थे। सुबह के 6 बजते तक एक बार फिर मैंने रेखा का फुद्दी को चोदा और फिर सात बजे तक हम दोनों भिलाई के लिए निकल गए। रेखा और हम दोनों दर्द के मारे ठीक से चल नहीं पा रहे थे। इसके बाद हमने आने वाले पाँच महीनों तक खूब चुदाई की, जब भी समय मिलता मैं और रेखा अपनी भूख मिटा लेते। इन दिनों रेखा दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रही है। पिछले एक साल से मैंने उसे नहीं चोद सका हूँ। तो दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की कहानी, रेखा के साथ। प्लीज यकीन करें यह मेरी सच्ची कहानी है, आप लोगों को कहानी कैसी लगी, प्लीज अपना कमेंट जरुर दें। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000