झाँटें किसके लिए साफ करूँ

रवि नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार मेरा नाम रवि है और मैं दिल्ली के नजफगढ़ से हूँ। मैं इस वेबसाइट का चहेता हूँ। वैसे मैं देखने में ज्यादा स्मार्ट नहीं हूँ फिर भी ठीक हूँ। रंग सांवला है और 5 फिट 7 इंच लबांई है। मेरी उम्र 23 साल है। वैसे तो मैं काफी सेक्सी हूँ और मुझे बड़े मम्मों व उभरे हुए चूतड़ों वाली औरतें व लड़कियां काफी पसंद हैं। मैंने कभी भी किसी की चूत नहीं चोदी थी, सिर्फ नहाती हुई औरतों को ही नंगा देखा है। अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ यह बात आज से दो साल पहले की है। मैं जिस इलाके में रहता हूँ वो एक अच्छा इलाका है। मेरे दो मकान है, एक में मेरा परिवार रहता है और दूसरा मकान किराये पर दे रखा है। जिसमें तीन किराऐदार रहते हैं, जिनमें से दो तो नौकरी वाले हैं और एक परिवार रहता है, जो कुछ समय पहले ही आये हैं, उन्हें मैं भैया और भाभी कहता हूँ। भाभी की उम्र करीब 27 साल है और भैया की 30 है। उनके दो बच्चे हैं, एक की उम्र 2 साल है व दूसरे की 4 साल है। भाभी देखने में नहीं लगतीं कि दो बच्चों की माँ हैं। उनका नाम गीता है (बदला हुआ नाम) उनका रंग गोरा है और चूचों का क्या कहना…! इतने बड़े हैं कि उनके ब्लाउज में समाते ही नहीं हैं। करीब 36 के तो होगे ही..! उनके चूतड़ भी एकदम गोल और थोड़े बड़े हैं। उनके नैन-नक्श भी काफी अच्छे हैं। उनका पति कुछ कमजोर है और किसी कम्पनी में नौकरी करता है। उसकी व मेरी काफी अच्छी पटती है। सभी लोगों के काम पर चले जाने के बाद भाभी अकेली हो जाती हैं, इसलिए उसका पति मुझसे बोल जाता है कि घर का ख्याल रखूँ। वैसे तो मैं खाली ही रहता हूँ, इसलिए मैं भी कभी-कभार वहाँ पहुँच जाता हूँ। वैसे तो मैंने कभी भी गीता भाभी को गलत नजर से नहीं देखा, पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसके बाद उन्हें देखना का मेरा नजरिया बिल्कुल ही बदल गया। तो उस दिन हुआ यह कि मैं रोज की तरह मकान की छत पर था, फिर मैं नीचे आ गया। मैंने देखा कि भाभी के कमरे का गेट थोड़ा सा खुला हुआ था। जब मैंने अन्दर देखा तो देखता ही रह गया। भाभी पलंग पर सो रही थीं और उनके बच्चे खाट पर सो रहे थे। भाभी तो बिल्कुल बेहोश होकर सो रही थीं उनकी साड़ी बिल्कुल अस्त-व्यस्त हो रही थी और उनका पेटीकोट उनके घुटनों से भी ऊपर जा रहा था जिस कारण उनकी चिकनी जांघें दिख रही थीं और उनके ब्लाउज का ऊपर का बटन खुला हुआ था, जिस कारण उनके आधे से ज्यादा चुच्चे दिख रहे थे। ये सब देख कर तो मेरी हालत खराब हो गई और मेरा लंड खड़ा हो गया। मेरा मन तो कर रहा था कि जाकर अभी चोद दूँ, पर मैंने खुद पर कण्ट्रोल किया लेकिन मेरी तो हालत खराब हो गई थी। मैं अन्दर घुस गया और फिर उनके पास खड़ा हो गया और एकदम पास से उनके मस्त शरीर के सारे नजारे लेने लगा। फिर मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को भाभी के मम्मों के ऊपर रख दिया, पर उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। फिर मैं धीरे-धीरे उनके चूचों को मसलने लगा। मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आ रहा था। मैं उत्तेजित हो चुका था और मेरी स्पीड बढ़ती चली गई। धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा हाथ उनके ब्लाउज में घुसेड़ दिया। उन्होंने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। उनके चूचुक काफी कड़े हो गए थे पर भाभी अभी भी सोई हुई थीं या पता नहीं सोने का नाटक कर रही थीं। फिर मैंने अपना हाथ उनकी जांघ पर रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा। फिर मैंने हिम्मत करके उनकी साड़ी व पेटीकोट को ऊपर कर दिया, जिस कारण उनकी काली कच्छी दिखने लगी। मैं तो पागल सा हो गया था। मैंने गौर किया कि भाभी के मुँह से कुछ सिसकारियाँ सी निकल रही थीं। जब तक मेरा हाथ उनकी कच्छी में पहुँच चुका था। मुझे डर लगा कि कही वो जग ना जाएं, इसी डर से मैं वहाँ से जाने लगा। तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया, मेरी तो जैसे गाण्ड ही फट गई। मैंने पलट कर देखा तो वो मुझे घूर रही थीं। मैं डर गया और फिर मैं वहाँ से भागने के लिए अपना हाथ छुड़ाने लगा, पर उन्होंने मेरा हाथ और भी कस कर पकड़ लिया। मैं भाभी से आँखें नहीं मिला पा रहा था, मैं उनसे बोलने लगा- मुझे माफ कर दो, ये सब गलती से हो गया। पर वो अभी भी मुझे घूर रही थीं। फिर मैं उनसे बोलने लगा- प्लीज… किसी को मत बताना… नहीं तो मेरी बहुत बदनामी होगी। और मैं फिर रोने लगा। उन्होंने मुझसे बोला- नहीं बताऊँगी, पर तुम्हें मेरा एक काम करना होगा। मैंने तुरन्त कह दिया- ठीक है, आप जो भी काम बोलेगीं मैं करूँगा! फिर उन्होंने मुझसे कहा- अब तुम्हें मेरी ये आग, जो तुमने भड़का दी है, उसे अब शांत करना होगा। मैंने कहा- मैं कुछ समझा नहीं? मेरे इतना कहते ही, उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींच लिया, जिस कारण मैं उनके ऊपर गिर गया और फिर उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया। मैंने उनसे बोला- आप क्या कर रही हो? तो उन्होंने कहा- चुप रहो, मैं जो कर रही हूँ, करने दो… वरना तुम्हारी खैर नहीं! और फिर इसके बाद तो वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगीं। ये सब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मेरा लंड तो मेरा पैन्ट फाड़ने को तैयार था। फिर उन्होंने मेरा हाथ अपने ब्लाउज के ऊपर रख दिया और दबाने लगीं, फिर क्या था..! मैंने डर को खत्म किया और उनका साथ देने लगा और मैंने धीरे-धीरे उनके ब्लाउज के सारे बटन खोल ब्लाऊज़ उनके बदन से अलग कर दिया और वो तो काली ब्रा में कहर ढा रही थीं। उनकी ब्रा इतनी टाईट थी कि क्या बताऊँ…! इसके बाद मैं उनके चूचों को ब्रा में ही दबाने लगा और उन्हें बेतहाशा चूमता जा रहा था। ये सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था और मुझे अजीब सा लग रहा था। फिर मैंने उनकी ब्रा को उनके शरीर से अलग कर दिया, उनके चूचों को नंगा देख कर तो मैं पागल सा हो गया। उनके चूचों के निप्पल कुछ काले-काले जामुन जैसे थे। फिर मैं उनके एक मम्मे को दबाने लगा व दूसरे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। भाभी तो ‘उउ उउउ आआआ..’ करने लगीं और उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया। पहली बार किसी औरत ने मेरा लंड पकड़ा था इसलिए मुझे बहुत अच्छा लगा। काफी देर तक मैंने उनके चूचों को चूसा, जिस कारण वो लाल हो गए थे। फिर वो मेरे लण्ड को मेरी पैन्ट में से बाहर निकाल कर उसके साथ खेलने लगीं। तब तक मैं भी अपना हाथ उनके पेटीकोट में डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगा। जिससे उनकी सिसकारियाँ और तेज हो गईं। फिर कुछ देर बाद उनकी साड़ी को उतार दिया, फिर उनके पेटीकोट को भी खोल दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ कच्छी में खड़ी थीं। फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया। वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। क्या बताऊँ, दोस्तो… मैं तो जैसे जन्नत में आ गया था! वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं, जैसे किसी ब्लु-फिल्म में अंग्रेजन चूसती है। फिर कुछ समय बाद जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड उनके मुँह में से निकाल लिया। अब मेरी बारी थी, मैंने कई ब्लू-फिल्मों में देखा है कि आदमी चूत जरूर चाटता है और इसमें औरत को बड़ा मजा आता है। ये सब देखकर मेरा भी मन करता था, पर आज तक ऐसा मौका मिला ही नहीं था। शायद आज मेरी फूटी किस्मत जागने जा रही थी। फिर मैंने भाभी की कच्छी को भी उतार दिया, उनकी चूत काली थी और उनकी झाँटें भी कुछ बड़ी थीं, शायद कई दिनों से साफ नहीं करी थीं। मैंने पूछा तो वो बोलीं- झाँटें किसके लिए साफ करूँ? तुम्हारे भैया की तबियत खराब रहती है, हमें चुदाई करे तो महीनों हो गए हैं। जब तुमने मेरे चुच्चे दबाए, तो मेरी चूत की आग और भड़क गई। अब जल्दी से इसे शान्त कर दो। फिर मैंने भाभी को पंलग पर लेटा दिया और मैं उनके घुटनों पर आ गया, तो उन्होंने पूछा- यह क्या कर रहे हो? तो मैंने बोला- मुझे आपकी चूत चाटनी है..! तो वो बोलीं- नहीं वो जगह साफ नहीं है..! पर मैं नहीं माना, जब मैं अपनी उंगलियों से उनकी झाँटें हटा रहा था, तो मुझे कुछ गीला सा लगा। मैं समझ गया कि वो झड़ चुकी हैं। फिर मैंने उनकी चूत को थोड़ा चौड़ा करके उसमें अपनी जीभ डाली। मुझे उसका स्वाद कुछ अजीब सा लगा और उसमें से अजीब सी खुशबू भी आ रही, पर कुछ भी मुझे तो उस चटाई में बड़ा मजा आ रहा था। फिर कुछ समय के बाद उन्हें भी इसमें मजा आने लगा और वो ‘उउउअअअइइ..’ जैसी आवाजें निकालने लगीं। धीरे-धीरे उनकी आवाज और तेज हो गई, मैं कुछ समझ पाता, इससे पहले ही वो झड़ गईं और उनका सारा पानी मेरे मुँह पर गिर गया। फिर मैंने अपना मुँह साफ किया। भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और कहने लगीं- अब मत तड़पाओ.. जल्दी से इसे मेरी चूत में घुसेड़ दो प्लीज! फिर मैंने उनके घुटनों को थोड़ा फैलाया, जिससे उनकी चूत का मुँह कुछ खुल गया। फिर क्या था मुझे बड़ी खुशी हो रही थी क्योंकि मैं पहली बार चुदाई करने जा रहा था। मैंने लंड का मुँह चूत पर रखा और उसे अन्दर घुसेड़ने लगा, तभी उनके मुँह से आवाज निकलने लगी। वो काफी दिनों के बाद चुद रही थीं, इसलिए उनकी चूत टाइट हो गई थी पर मैंने उनकी एक ना सुनी और धीरे-धीरे पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया, फिर झटके मारने लगा और वो चिल्लाने लगी पर मैं नहीं माना और अपने झटकों की स्पीड को बढ़ा दिया। पूरा कमरा पच…पच…पच… की आवाज से भर गया फिर धीरे-धीरे भाभी को भी मजा आने लगा क्योंकि वो भी अपनी गांड को उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थीं। मैंने उन्हें कई तरीकों से चोदा इस चुदाई में उन्हें बड़ा मजा आ रहा था। जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ, तो मैंने उनसे पूछा- कहाँ झड़ूँ? तो वो बोलीं- चूत में मत झड़ना! मैंने अपना सारा माल उनके पेट पर झाड़ दिया और उसके बाद मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा। फिर वो बोलीं- आज तुमने मेरी प्यास बुझा दी, अब तो मैं तुमसे ही चुदवाया करूँगी। यह सुनकर तो मैं जैसे खुशी के मारे पागल सा हो गया। वो बोलीं- अब जाओ, तुम्हारे भैया आने वाले हैं। मैं बोला- भाभी, पर मुझे तो आपकी गांड मारनी है। इस पर वो बोलीं- अभी नहीं, फिर कभी..! फिर हमने अपने आप को साफ किया और अपने अपने कपड़े पहने और वहाँ से आ गया। इसके बाद मैंने उन्हें कई बार चोदा उनकी गांड भी मारी। फिर उसके बाद मैं एक कम्प्यूटर कोर्स करने लगा, जिस कारण मैं बिजी हो गया। पर जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं उन्हें जरूर चोदता हूँ। मेरी कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करें, अगर मुझे आपका समर्थन मिला, तो मैं अपनी और भी कहानियाँ लिखूँगा। [email protected]