लण्ड का जादू बिस्तर पर देखती हूँ

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

आदित्य साहू नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और मुझे भी लगा कि क्यों न मैं भी अपनी दास्तान आप सब लोगों के साथ साझा करूँ, इसलिए मैं आपको अपनी पहली कहानी सुना रहा हूँ। मैं आदी (बदला हुआ नाम) सूरत से हूँ और यहाँ पर एक बड़ी कम्पनी में नौकरी करता हूँ। मेरी उम्र 23 साल की है और अभी मेरी शादी नहीं हुई है, सो आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि इस उम्र में तो सेक्स जी भर के आता है। यह घटना 7-8 महीने पहले की है। मैं जिस घर में रहता हूँ वहीं पर मेरे कमरे के बाजू वाले घर में एक नया जोड़ा रहता था, जिनका नाम अनिल और सोनी भाभी था। नाम तो सोनी था पर मैं उन्हें भाभी बुलाया करता था। सोनी बहुत ही मस्त माल थी क्योंकि उनकी शादी को सिर्फ 1.5 साल हुए थे और उनकी कोई औलाद अभी तक नहीं थी। अनिल भी एक कम्पनी में नौकरी करते थे और सोनी हमेशा घर में रहती थी। सोनी भाभी मुझे बहुत अच्छी लगती थी, उनकी साइज़ 34-32-34 की होगी। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सोनी भाभी कितनी मस्त होगी। मेरे दिल में उनके साथ चुदाई करने की इच्छा तो थी, पर वो इतनी जल्दी पूरी हो जाएगी इसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। हमारी कंपनी का वार्षिक उत्सव था, उस दिन मुझे छुट्टी मिली हुई थी और मैं घर में टीवी देख रहा था। लगभग 11 बजे मेरे घर के दरवाजे की घन्टी बजी तो मैंने सोचा कि मेरे ऑफिस वाले दोस्त आए होंगे, पर जब मैंने दरवाज़ा खोला तो देखा कि भाभी खड़ी थी।भाभी उस समय काले रंग के गाउन में थी, मैं तो उन्हें देखता ही रह गया। उन्हें एहसास तो हो गया कि मैं उन्हें ही देख रहा हूँ तो उन्होंने मुझे टोकते हुए कहा- आदी…। मैंने हड़बड़ाते हुए कहा- हाँ भाभी, क्या हुआ? तो उन्होंने कहा- अनिल जॉब पर गए हुए हैं और मुझे घर साफ़ करना है, इसलिए कुछ सामान है जो मैं नहीं निकाल पा रही हूँ तो तुम मेरी मदद कर दोगे? मैंने तुरंत कहा- हाँ भाभी, क्यों नहीं मैं तो आप पूरा दिन खाली हूँ और टीवी देख रहा था, आप चलिए मैं आता हूँ। इतना सुन कर भाभी चली गई और मैंने टीवी बंद करके दरवाज़ा बन्द किया और उनके घर पर चला गया। भाभी ने आवाज़ लगाई, ‘आदी, दरवाज़ा बंद कर देना…’ मैंने कहा- ठीक है। मैं अन्दर जाकर उनका सामान जो अल्मारी के ऊपर रखा हुआ था, वो सब हटा कर कमरे की सफाई में मदद करने लगा। करीब एक घंटा बाद वो बोली- मैं अब थक गई हूँ और अब बाद में करूँगी। मैंने कहा- भाभी मैं हूँ न, आप चाहें तो हम दोनों मिलकर साफ़ कर लेते हैं। उन्होंने कहा- नहीं.. बाद में.. वो यह बोलकर सोफे पर बैठ गईं, उन्होंने कहा- आदी मेरे लिए एक गिलास पानी ले आओगे? तो मैंने कहा- ठीक है। मैं गया और रसोई से जब पानी लेकर आया, उसके बाद मैंने जो नज़ारा देखा तो मैं यकीन भी नहीं कर सकता था। मैंने देखा कि भाभी ने अपना गाउन उतार दिया था और सिर्फ ब्रा और पैन्टी में बैठी हुई थी। यह देखकर मेरे तो कदम ही रुक गए, मैं कुछ बोलूँ उसके पहले भाभी ने कहा- आदी गर्मी बहुत लग रही थी इसलिए मैंने उतार दिया, क्यों गलत किया क्या? मैंने कहा- नहीं भाभी… सही किया आपने। मैं उन्हें पानी देने गया और जान-बूझकर पानी को उनके उरोजों में हल्का सा गिरा दिया। मैंने कहा- सॉरी भाभी, लाओ मैं साफ़ कर देता हूँ। मैंने तुरंत अपना हाथ उनके सीने में लगाया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- ये क्या कर रहे हो? मेरे मुँह से कुछ न निकला और अचानक मैंने कहा- भाभी आप बहुत सुन्दर लग रही हो, मेरी तो हालत ख़राब हो रही है आपको इस तरह देखकर। भाभी मुस्कराई और बोली- जब इतने में ये हाल है तो आगे क्या होगा। मैंने कहा- मतलब? भाभी बोली- लाओ मैं भी देखती हूँ कि तुम्हारी हालत कहाँ से ख़राब है। वो मेरे पजामे के ऊपर से लंड पकड़ कर देखने लगी। उसका हाथ लगना था कि मेरा लंड फुंफकार मारने लगा। भाभी बोली- यह तो बड़ा हो रहा है। मैंने आँख मारते हुए कहा- आपके हाथ में जादू है इसलिए.. उन्होंने भी वासना भरी आवाज में कहा- चलो कमरे में इसका जादू भी बिस्तर पर देखती हूँ। वो अपने कमरे में जाने लगी और मैं पीछे-पीछे उनके साथ कमरे में पहुँच गया। मैंने कहा- भाभी अगर आप बुरा न मानो तो एक बात पूछूँ? भाभी- हाँ.. पूछो। मैंने कहा- क्या बात है आज आप मुझ पर इतना मेहरबान कैसे हैं? तो उन्होंने कहा- अनिल के लन्ड में मुझे मज़ा नहीं आता है क्योंकि उनका लंड छोटा है और मैंने कई बार देखा कि तुम मुझे अजीब निगाह से देखते हो, तो मैंने सोचा कि कभी मौका मिला तो तुम्हें आजमा कर देखूँगी और मुझे तुम्हारे भाई साहब ने बताया था कि कल तुम्हारी छुट्टी है, अगर कुछ काम पड़े तो आदी को बुला लेना, इसलिए। मैं मस्त निगाहों से उनकी जवानी को देख रहा था। भाभी ने कहा- अब इन बेकार की बातों को छोड़ो और आज खुल कर मज़ा करते हैं। भला मैं ऐसा मौका कहाँ छोड़ने वाला था सो मैंने भी कहा- ठीक है.. भाभी आप भी सोचोगे कि मैंने तुम्हें क्यों आजमाया.. उसके बाद मैंने तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिए और भाभी जैसे अपने कपड़े उतारने लगीं तो मैंने मना किया और मैंने कहा- मैं हूँ न.. आप क्यों मेहनत कर रही हैं। यह सुन कर भाभी हँसने लगी और बोली- कोई बात नहीं ये लो। वे मुझसे से लिपट गईं। मैंने तुरंत उन्हें चूमना और चाटना शुरू कर दिया। मैंने उनकी गर्दन, उनकी पीठ, उनके बाजुओं पर जी भर के चुम्बन किए, जिससे वो पागल हो गई और मैंने इसी बीच उसकी ब्रा उतार फेंकी। मैंने जैसे ही उनके गोरे-गोरे दूध देखे, मेरे लौड़े की तो हालत ख़राब हो गई। मैं कभी उनके उरोजों को जी भर के मसलता तो कभी छोटे बच्चों की तरह चूसता। इस पर सोनी की हालत बहुत अधिक वासना युक्त होने लगी और वो बोली- आदी मेरी चूत गीली हो गई है। मैंने कहा- अभी रुको सोनी.. मैं तुरंत उसके नीचे की तरफ जाकर हौले से उनकी पैंटी उतार दी। सोनी ने चूत को बिलकुल साफ़ करके रखा था। मैंने देर न करते हुए तुरंत सोनी की चूत पर अपनी जीभ रख दी। मेरे इस अचानक हुए कदम से सोनी सहम गई और मैंने उसकी चूत को फैला-फैला कर बहुत चूसा। सोनी बोली- अब बस करो आदी। उसने मेरे सर में धक्का देकर मुझे अलग कर दिया और तुरंत मेरा लंड पकड़ कर उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और कम से कम 10 मिनट तक जी भर कर चूसा। इतने में मेरी भी हालत ख़राब हो गई थी। मेरा 8 इन्च लम्बा और 3 इन्च मोटा लौड़ा पूरी तरह तन कर तैयार हो चुका था। सोनी बोली- अब तुम अपने इस मूसल छाप मोटे लंड का कमाल कब दिखाओगे? इतना कहना था कि मैंने तुरंत उसको सीधा करके अपने लंड में थूक लगाया और उसकी चूत की दरार में रख कर घुसेड़ने लगा। जैसे ही सुपारा छेद में फंसा मैंने एक जोरदार झटका मारा और आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुस गया। वो अपनी आवाज़ नहीं रोक पाई, जोर से चिल्लाई- उई.. मार डालोगे क्या? मैंने कहा- अभी तो आधा गया है रानी, अभी बहुत बाकी है। तो बोली- साले डाल न… कि अब किसी पंडित को बुलाकर मुहूर्त निकलवाऊँ। मैंने कहा- इसकी जरूरत नहीं है मादरचोदी और ये ले.. इतना कहते हुए मैंने पूरा का पूरा लंड सोनी चूत में पेल दिया और वो कराह पड़ी- आह्ह्ह्ह्ह्.. क्या डालता है तू… तो भोसड़ी के.. मज़ा आ गया.. अब धक्का लगना चालू हो गए, मेरे हर धक्के में वो सिसिया रही थी और मुझे भी बड़ा आनन्द आ रहा था। मुझे अपने लौड़े पर नाज हो रहा था कि इतनी मस्त चूत मुझे चोदने को मिल रही है। मेरे हर धक्के में वो ‘आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊम्म्म्म्म्म आया रे.. मारर डाला.. साले भोसड़ी के..!’ और मैं भी ‘ये ले साली.. मादरचोदी..’ लगभग 25-30 मिनट तक हमने गजब की चुदाई की और अब चलाचली की बेला आई, हम झड़ने लगे और मैंने सोनी की चाहत पर अपना सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया। कुछ देर निढाल हो कर हम दोनों पड़े रहे फिर उसके बाद मैंने उसे कुतिया बनाकर भी चोदा। मैंने उस दिन चार बार हरेक कोण से चुदाई की। अब वो बहुत खुश थी और मैं भी ! उसके बाद अब हमें जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई कर लेते हैं और आज भी यह दौर चल रहा है। इसके बाद की चुदाई मैं आप सब को बाद में बताऊँगा। कृपया आप मुझे मेल करके जरूर बताएँ कि आपको मेरी चुदाई कैसी लगी। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000