सीमा भाभी की अन्तर्वासना
विक्की शर्मा मेरा नाम विक्की है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में काफ़ी स्मार्ट हूँ और मेरा शारीरिक सौष्ठव भी अच्छा है। इसका एक कारण है कि मैं रोज़ जिम जाता हूँ। मैं अभी 25 साल का हूँ मुझे शुरू से ही चुदाई करना बहुत पसंद है। दोस्तो, मैं अन्तर्वासना पर भेजी गई कहानियाँ रोज़ पढ़ता हूँ काफ़ी अच्छी और उत्तेजक कहानियाँ पढ़ने को मिलती हैं दिल खुश हो जाता है। तो मैंने भी सोचा क्यों ना अपनी सच्ची घटना भी आप लोगों को लिखूँ। यह बात दो साल पहले की है, मेरे घर में एक कमरा खाली था और हमें किराएदार की ज़रूरत थी। तो कुछ दिन बीतने के बाद एक नया शादीशुदा जोड़ा हमारे घर पर कमरा लेकर रहने लगा। किराएदार भाभी के बारे में बता दूँ उनका नाम सीमा था। क्या गजब की माल थी वो.. एकदम गोरी दूध जैसी! उसकी चूचियाँ कम से कम 36 कमर 30 और गांड 36 की… पहले दिन से ही मैं उन पर फिदा हो गया। मैं और मेरा लौड़ा उनकी मदमस्त जवानी देख कर हिचकोले खाने लगा था। अब मैं किसी ना किसी बहाने से उनसे बात करने लगा। एक दिन मैं अपने कमरे में सो रहा था कि मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी। यहाँ मैं आपको बता दूँ कि उनका कमरा और मेरा कमरा पासपास है। उनकी रोने की आवाज़ आ रही थी। मैंने चाबी के छेद में से देखा तो वो बिल्कुल नंगी थीं और रो रही थीं और उसका पति सोया हुआ था और रोते रोते कह रही थीं- जब तुम मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते, तो शादी क्यों की.. ना अपना इलाज करवाते हो और ना कुछ करते हो… वो उठ कर बाथरूम की ओर आने लगीं। मैं अपने कमरे में आया और उसे चोदने की योजना बनाने लगा। अगली सुबह जब उसका पति ऑफिस गया तो मैं उनके कमरे में गया। ‘भाभी.. गुड-मॉर्निंग!’ उसकी शक्ल रोने जैसी हो रही थी। जवाब में उसने भी ‘गुड-मॉर्निंग’ कह दिया, फिर पूछने लगी- चाय पिओगे? मैंने ‘हाँ’ कह दिया और वो रसोई में चाय बनाने चली गई, मैं भी उसके पीछे रसोई में चला गया और बोला- भाभी आप कल रात को रो क्यों रही थीं? उसने मेरी ओर देखा और कहने लगी- नहीं तो? मैंने कहा- मैंने सुना था! मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला- भाभी आप बहुत खूबसूरत हो और रोते हुए बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती हो.. क्या मैं आपके कुछ काम आ सकता हूँ? वो मेरे गले लग कर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी। मुझे तो मानो जन्नत मिल गई हो, मैं उसके आँसू पौंछने लगा, तो वो बिल्कुल पिंघल गई, बोलने लगी- तुम्हारे भैया कुछ करते ही नहीं.
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! मैंने ‘हाँ’ कहा और उसके होंठ चूसने लगा। फिर होंठ चूसते ही मैं उसे बेड पर ले गया। वो मदहोश हो कर मेरी बाहों में सिमट गई ‘अहहस्स..’ की आवाज़ निकालने लगी। फिर मैंने उसके चूचे ऊपर से ही दबाने लगा था और वासना की आग में कब हमारे कपड़े बदन से अलग हो गए कोई पता ही नहीं चला। अब वो और मैं बिल्कुल नंगे थे। मैं उसके चूचुकों पर अपनी जीभ घुमा रहा था और वो बोले जा रही थी- विक्की, मेरे चूचे खा जाओ अहहस्स..! मैंने उसके चूचे खूब दबाए, चूसे.. फिर मैं उसकी नाभि को चूमता हुआ चूत तक पहुँच गया और बिना बालों की चूत देख कर मुझसे रहा नहीं गया और उसकी चूत के दाने को चाटने लगा। वो अपनी कमर उछाल-उछाल कर मेरे मुँह पर अपनी चूत लगा रही थी और मैं ज़ोर-ज़ोर से चूत के दाने को चूस रहा था। वो झड़ गई और कहने लगी- अपना लंड दो मुझे.. मैं मरी जा रही हूँ! मैंने कहा- भाभी पहले चूस तो लो! मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था, वो देख कर कहने लगी- बहुत मोटा है, पूरा मुँह में नहीं जाएगा! मैंने उसके मुँह के आगे अपना टोपा लगाया और वो धीरे-धीरे चूसने लगी। पहली बार किसी लड़की ने मेरा लंड चूसा… बहुत मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर चूसने के बाद वो कहने लगी- विक्की, अब मत तड़फाओ चोद दो मेरी चूत.
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