कनाडा से आई देसी चूत का मजा- 5

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दोनों जवान लड़कियाँ जवानी के जोश में थी. दोनों फिर से चुदने के लिए झट से तैयार हो गयीं. इस बार उनकी एक नहीं बल्कि दो दो लंड से एक साथ चुदाई होनी थी.

दोस्तो, आपका एक बार फिर से स्वागत है अन्तर्वासना की गर्म दुनिया में! मैं आपके लिए अपनी कहानी का अंतिम भाग लेकर आया हूं.

इससे पहले भाग कनाडा से आई देसी चूत का मजा- 4 में आपने पढ़ा था कि दोनों लड़कियों की गांड चोदने के बाद एक बार फिर से गीत मेरा लंड लेने के लिए तैयार हो गयी. मैंने उसको गोद में उठा कर उसकी चूत पर लंड लगाकर अंदर घुसा दिया और संजय ने नेहा की चूत चूसना शुरू कर दिया.

नेहा जोर जोर से सिसकारने लगी. मैंने उन्हें देख कर कहा- संजय यार, पहले गीत की जवानी मस्त कर दें, फिर नेहा को भी देखते हैं, इधर आना ज़ल्दी।

मेरी आवाज़ सुन कर संजय और नेहा ने एक दम पीछे देखा और हमारी तरफ देख कर एक स्माइल दी. नेहा बोली- ओह्ह वाओ… क्या मस्त सीन है सालों, अब गीत तो मज़े में है.

संजय अब तक हमारे पास आ गया था और मैंने संजय को गीत के पीछे जाने का इशारा किया जिसे गीत तो समझ ही चुकी थी, किंतु नेहा अब समझ गयी. नेहा हमें देख कर फिर बोली- ओह्ह वाओ … गीत साली … आज नहीं बचेगी तू.

उसके बाद संजय ने गीत के चूतड़ों के नीचे हाथ लगा कर हमें थोड़ा सहारा दिया और अब मैंने गीत को थोड़ा और ऊपर को किया जिससे संजय को एडजस्टमेंट हो जाए.

फिर जैसे ही गीत की गांड संजय के लंड के बराबर आई तो संजय ने गीत के चूतड़ों के नीचे हाथ लगा कर उसे अपने लौड़े पर एडजस्ट किया. अब तक गीत की चूत के अंदर मेरा लंड वैसे ही था मगर हम कोई भी झटका नहीं लगा रहे थे.

मेरे नीचे खड़े खड़े ही पीछे से संजय ने गीत के दोनों चूतड़ों की दरार में गीत की गांड के ऊपर अपना लंड रख दिया जिसकी वजह से गीत भी थोड़ा अंदर से शायद किसी लहर या दर्द आने के इंतज़ार में एक तरह से रोमांचित सी हो गयी. उसे लग रहा था कि जैसे कुछ होने वाला है.

मैंने अपनी बांहों से गीत को और कस लिया ताकि संजय के झटका लगाने की वजह से गीत ज्यादा हिलजुल न जाए और मेरा लंड जो गीत की चूत में पहले से ही है वो बाहर न आ जाये. अब संजय ने पीछे से अपने लंड को हाथ में लेकर एक हल्का सा झटका लगाया जिससे गीत की गांड में उसका लंड का टोपा फिट हो गया.

गीत की गांड में पहले भी लंड घुसा होने की वजह से वो थोड़ा खुली हुई थी और अब संजय ने दूसरा झटका लगा कर अपने लौड़े को गीत की गांड में और अंदर तक उतार दिया.

गीत के मुंह से दर्द और मज़े से मिल जुली आवाज़ निकली ‘उईइ…उफफ्फ्फ्फ़…मार दिया मुझे….आह्हह्ह. तभी मैंने गीत के होंठों को फिर अपने होंठों में ले लिया और संजय ने लगातार दो तीन झटके लगा कर अपने लंड को जड़ तक गीत की गांड में उतार दिया.

अब गीत की चूत और गांड दोनों में हमारे लंड घुसे हुए थे और गीत हम दोनों के बीच सैंडविच बनी हुई अपनी जवानी के मज़े ले रही थी. पीछे से गीत को संजय का सहारा मिल जाने की वजह से मुझे भी गीत को ऊपर उठाकर रखने के लिए ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ रहा था.

फिर पीछे से कभी कभी संजय झटका लगा देता जिसकी वजह से गीत की चूत के अंदर मेरे लंड का झटका अपने आप लग जाता. इस तरह से गीत को अब डबल मज़ा मिल रहा था और गीत के मुंह से बस अब कुछ ऐसे सिसकारियां निकलने लगीं-उईई…आह्ह..सीई…उफ्फ…चुद….गयी…..सालों.. माँ…चोद…. दी..आज.. मेरी…आह्हह्ह।

संजय पीछे से गीत की गांड में झटके लगाता हुआ और उसके चूतडो़ं को संभालता हुआ बोल रहा था- उफ्फ.. चुद साली… कुतिया कहीं की… आह्हह… सीसी.. ऊह्ह.. साली हरामन… फाड़ के रख दूंगा तेरी गांड को साली रंडी.. बहुत शौक था तुझे दो लंड लेने का… आह्ह ले… और ले… साली… करते हुए संजय गीत की गांड को ठोकने लगा.

गीत की गाडं चुदाई करते हुए संजय अपना आधे से ज्यादा लंड गीत की गांड से बाहर करता और फिर बहुत स्पीड से अपना लौड़ा उसकी गांड के अंदर डाल देता. अब हम दोनों तेज तेज गति से गीत की गांड और चूत चोद रहे थे जिसकी वजह से गीत बहुत ऊंची आवाज में सिसकारने लगी थी.

उसकी ऊँची सिसकारियों की वजह से नेहा, जो हमारी चुदाई पास से देख रही थी, गीत के कंधे को पकड़ कर झटकती हुई बोली- ओये धीमी कर.. क्या हुआ… सारे होटल को सिर पर उठा लेगी क्या? आराम से चुद साली… आवाज बाहर जा रही है.

नेहा की बात से हम तीनों थोड़ा सीरियस से हुए और संजय रुक गया और मैंने कहा- बेड पर चलो. अब हमने गीत को छोड़ दिया और हम दोनों के लंड गीत की चूत और गांड से बाहर आ गये. गीत बेड पर चली गयी. नेहा गीत को बोली- साली कितनी आवाज़ कर रही थी पता है तुझे?

गीत बोली- मुझे कुछ नहीं पता साली. तूने मेरा मज़ा खराब कर दिया है बस इतना पता है. मैंने कहा- अरे मज़ा खराब नहीं होता जान, अब फिर आ गये हम तेरी गांड मारने.

अब गीत ने एक मिनट रुकने का इशारा किया और वो गिलास में पानी लेकर पीने लगी और मैं और संजय भी बेड पर आ चुके थे. अब मैंने संजय को लेटने को बोला. संजय लेट गया और संजय के लेटते ही गीत संजय की तरफ मुंह करके उसके लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी.

साथ ही गीत मेरे लिये पोजीशन आसान करने के लिए अपने मम्मों को संजय की छाती पर दबा कर संजय के ऊपर झुक गयी जिससे उसके पीछे से उसकी चूत में घुसा हुआ संजय का लंड भी दिखने लगा था.

उसकी गांड तो बिल्कुल एकदम साफ़ दिख रही थी. गीत की गांड से अभी अभी संजय का लौड़ा निकला था इसकी वजह से उसकी गांड थोड़ा खुली सी हुई थी. अब गीत की गांड जैसे मेरे लंड को अपना मुंह चिड़ा रही थी. संजय ने गीत को अपनी बांहों में ले लिया.

फिर मैंने गीत के पीछे से अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रख कर अपना लौड़ा उसकी गांड में डाल दिया और बिना किसी ज्यादा दिक्कत से मेरा लंड अब गीत की गांड की सैर कर रहा था. मेरे टट्टे तक गीत की गांड से टच करने लगे थे.

नीचे से गीत की चूत में भी संजय का पूरा लंड घुसा हुआ था. एक दुबली पतली सी, बहुत शरीफ दिखने वाली लड़की आज हम दोनों मर्दों के बीच हमारे दो दो लंड लेकर अपनी जवानी को गंदे गंदे शब्द बोल कर चुदवा रही थी.

मैंने गीत के चूतड़ों पर एक हल्का सा स्लैप किया और उसकी गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. नीचे से संजय भी उसकी चूत में अपने लंड के झटके लगाने लगा. हम कभी एक साथ और कभी रुक रुक कर उसकी गांड और चूत चोद रहे थे.

संजय ने गीत के होंठों को अपने होंठों में ले रखा था और वो दोनों आपस में किस करते हुए चुदाई का मज़ा ले रहे थे. गीत ने अपने मम्मों को संजय की छाती में पूरी तरह से दबाया हुआ था और वो उसके होंठों को चूस रही थी.

गीत की चूत के अंदर संजय का लौड़ा पूरी तरह घुसा हुआ था और पीछे से मैं भी अपने लंड से गीत की गांड को अंदर तक छेद रहा था. हमें पास से देख रही नेहा की चूत भी हमारा ये सीन देखकर पानी पानी हो गयी और वो भी बेड पर घुटनों के बल होकर मेरे कान के पास आकर बोली- साले आप तो तीनों मज़े कर रहे हैं, इधर मैं जल रही हूँ.

मैंने अपना एक हाथ नेहा की चूत पर रखा और उसे देख कर बोला- कोई बात नहीं बेबी, थोडा सब्र कर… तुझे भी ऐसे ही सैंडविच बनायेंगे आज डार्लिंग. साथ ही मैंने अपनी दो उंगलियाँ नेहा की चूत में डाल कर उसकी चूत को अंदर से कुरेदना चालू कर दिया. इसकी वजह से नेहा के अंदर की ज्वाला भी जल उठी.

हमें देख कर नीचे से संजय ने गीत की चूत में अपने लंड का एक जोर का झटका लगया और बोला- ले चुद साली, निकाल अपना रस मेरे लौड़े पर… ले… उफफ्फ…।

मैंने अंदाजा लगया कि संजय ज्यादा उतेजित हो गया है तो मैंने थोड़ा रोकने के लिए संजय को कहा- अब मैं साली को नीचे से चोदता हूँ. मगर संजय नहीं रुका और उसकी गांड में झटका लगाते हुए बोला- ये हमारी गांडू रांड है. इसकी फुद्दी तो मैं ही चोदूंगा.

गीत संजय की बात का जवाब देती हुई उसकी छाती पर अपने मम्मों को दबा कर बोली- फिर गांडू रांड को गांडू बना कर ही चोद साले…। तभी मैंने उसकी गांड से संजय का लंड निकाल दिया और नेहा की चूत से भी उँगलियाँ निकाल दीं और मैं संजय के बराबर लेट गया. गीत को अपने ऊपर आने का इशारा किया तो गीत भी संजय के लंड से उठकर आ गयी.

वो अपनी चूत मेरे लौड़े पर रखने ही लगी थी कि मैंने कहा- मेरी टांगों की तरफ मुंह करके अपने चूतड़ मेरे लौड़े पर रख कर बैठ. गीत नहीं समझी मगर नेहा समझ गयी क्योंकि नेहा को याद था कि वो भी इसी स्टाइल में चुदी थी.

नेहा गीत को मेरी तरफ इशारा करके बोली- इधर को मुंह करके अपनी गांड मरवा इनसे. गीत मेरे पैरों की तरफ मुंह करके मेरे लंड पर अपनी गांड रख कर बैठ गयी और मैंने उसके कंधे पकड़ रखे थे और धीरे धीरे गीत मेरे पूरे लंड को गांड में समा गयी.

अब मैंने गीत को पीछे की तरफ लेटने को बोला. गीत के पीछे को लेटते ही मेरा पूरा लंड उसकी गांड में समा गया और उधर गीत के सामने उसकी फूली हुई चूत संजय को दिखने लगी थी. संजय ने बिना देर किये गीत के आगे होकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और अब गीत को थोड़ा ऊपर को करके संजय गीत को चोदने में लग गया.

संजय जैसे जैसे गीत की चूत को चोदता गीत की गांड में अपने आप ही मेरे लंड के झटके लगते रहते. गीत की गांड में लंड घुसा होने की वजह से उसकी चूत में भी मज़ा ज्यादा आता क्योंकि जब गांड की मांसपेशियाँ कसावट में हों तो चूत में मज़ा आना स्वाभाविक ही है.

मैंने लेटे हुए ही पास में घुटनों के बल बैठी नेहा को बाजू से पकड़ा और बोला- साली तू भी आजा, चुदवा ले अपनी फुद्दी तू भी. पहले तो नेहा मेरी तरफ सवालिया नजर से देखने लगी और फिर तुरंत समझ कर वो संजय की तरफ मुंह करके मेरे होंठों पर बैठ गयी.

इस पर मैंने तुरंत अपने होंठों से एक डीप किस नेहा की चूत पर की और नेहा की चूत के अंदर अपनी जीभ घुसा दी. अब हमारा स्टाइल ये था कि मैं लेटा हुया था और मेरी तरफ पीठ करके गीत मेरे लौड़े से अपनी गांड मरवा रही थी.

गीत के सामने से संजय उसकी चूत चोद रहा था. कहने का मतलब कि गीत हम दोनों मर्दों के लंड एक साथ लेकर अपनी जवानी चुदवा रही थी और मेरे होंठों पर नेहा बैठ कर मुझसे अपनी चूत चुसवा रही थी.

नेहा के होंठों को सामने से गीत की चूत चोद रहे संजय ने अपने होंठों में ले लिया था. हम चारों ऐसे मज़ा ले रहे थे. तक़रीबन पांच मिनट से भी ज़्यादा हम ऐसे ही एक दूसरे को चोदते रहे.

गीत की चूत में जोर से संजय ने झटका लगया तो गीत के मुंह से सिसकारी निकल गयी- आह्हह आईई.. बस… ऊईईई… स्सस्… आह्हह सालों… मार डालो मुझे… आह्ह।

इतना कहते ही गीत की चूत से एक जोरदार धार निकल कर संजय के लंड पर गिर गयी. मतलब गीत की जवानी हमारे लंडों के आगे जवाब दे चुकी थी.

संजय ने नेहा के होंठों को छोड़ा और जोर जोर से गीत की चूत के अंदर झटके लगाता हुआ उसके मम्मों को पकड कर बोला- ले साली मादरचोद.. कुतिया… चुद बहन की लौड़ी… ले मेरा लंड… यही लंड चोदेंगे तुझे… तू हमारे लंडों से चुदवा… अपनी जवानी साली… उफ्फ्फ्फ़…..आह्ह्ह्ह..।

ऐसे जोर जोर से बोलता हुआ संजय गीत की चूत में झटके लगता हुआ उसे चोदे जा रहा था और मेरा लौड़ा गीत की गांड को फाड़ता हुआ उसकी गांड में मज़े दे रहा था. गीत की चूत पानी छोड़े ही जा रही थी.

गीत की चूत का पानी मेरे टट्टों को भी भिगो रहा था. तभी मैंने देखा की गीत का तूफ़ान थम चुका है. मैंने संजय को इशारा किया और संजय ने गीत को मेरे लंड से उठा दिया. फिर साथ में ही उसे बेड पर लिटा कर चोदने लगा.

मैंने तुरंत मेरे मुंह से चुद रही नेहा, जो अभी पूरी तरह चुदाई के लिए तैयार हो चुकी थी, को बेड पर पटका और उसकी दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रखकर उसकी चूत में अपना लौड़ा उतार दिया.

अब मैं गीत के बिल्कुल पास ही नेहा को चोद रहा था और हमारे पास गीत को संजय चोद रहा था. मैं नेहा को जोर जोर से चोद ही रहा था तो मैंने देखा कि संजय ने गीत का काम तमाम कर दिया था और संजय ने अपना लंड भी गीत की चूत से निकाल लिया था.

फिर मैंने तुरंत लेट कर नेहा को अपने ऊपर किया और मेरे सामने और नेहा के पीछे से संजय ने अब नेहा के चूतड़ों के नीचे हाथ रखे और फिर नेहा की गांड में लंड डाल दिया.

गांड में लंड जाते ही नेहा बोली- उफ्फ… मुझे भी गीत की तरह चोदोगे क्या कमीनो? मैंने नेहा को किस करते हुए और उसकी चूत में झटका लगाते हुए कहा-क्यों साली तू कौन सी गीत से कम है? ले ले मज़े आज अपनी जवानी के बेबी.

अब नेहा हम दोनों मर्दों के बीच सैंडविच बन चुकी थी. नेहा की कुछ ही देर की चुदाई ने हमें थका दिया था क्योंकि हम गीत को चोदने के बाद झड़ने की कगार से वापिस आये थे. जब बीच में चुदाई रोक दी थी एक बार.

अब मैंने नेहा के मम्मों को दबाया और जोर जोर से उसकी चूत में तीन चार झटके लगाये जिसकी वजह से उसकी गांड में अपने आप ही संजय के लंड के झटके लगने लग गये और नेहा की सिसकारियां निकल गयीं- ऊईई… आह्हह… सीसीस्सस.. उम्मह… आह्ह… मर गयी.

साथ ही मुझे ऐसे महसूस हुआ जैसे नेहा की चूत ने पानी छोड़ा हो. मैंने नेहा के होंठों को अपने होंठों में लेकर उसकी चूत को अपने लंड से स्पीड से चोदना शुरू कर दिया और ऊपर से संजय भी उसके चूतड़ों पर चपत लगाता हुआ उसकी गांड को चोद रहा था.

नेहा की जवानी का पानी निकल चुका था और मैं भी अब आने वाला ही था. मैंने तुरंत नेहा को अपने लंड से उठने को बोला. नेहा भी समझ गयी और ज़ल्दी ही लौड़े को अपनी चूत से बाहर कर दिया.

मैंने गीत, जो अब चुद कर पस्त होने के बाद पास में ही नंगी लेटी हुई हमारी चुदाई देख रही थी, को बोला- ले साली… अब यहाँ माँ चुदवा। मेरी बात सुन कर गीत एकदम उठ गयी और तुरंत मेरे लौड़े को पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया. उसने अपनी जीभ मेरे लंड पर रख दी.

फिर जैसे ही गीत की जीभ ने मेरे लंड को टच किया तो तभी मेरे लंड से एक जोरदार पिचकारी गीत की जीभ पर निकली और गीत ने उसी वक्त अपना मुंह बंद कर लिया. जैसे वो चाहती हो कि मेरे रस की एक भी बूंद बाहर न आ जाये.

फिर गीत अपने दूसरे हाथ से मेरे टट्टे पकड़ कर उन्हें सहला रही थी और एक हाथ से लंड को पकडे़ हुए मेरे लंड से टपक रहे पानी को अपनी जीभ पर गिरवा रही थी.

गीत मेरे टट्टों को जानबूझ कर सहला रही थी ताकि मैं अच्छी तरीके से झड़ जाऊं क्योंकि मर्द के टट्टे सहलाने से मर्द पूरी तरह खाली हो जाता है, ये बात गीत को अच्छी तरह मालूम थी.

मैंने गीत का सर पकड़ा हुआ था और कांपती हुई टांगों से गीत के मुंह में अपनी जवानी की बौछारें करता हुआ मैं बोल रहा था- आह्ह … उफ्फ.. हमारी कुतिया… साली मादरचोद… चोद लिया तूने मेरा लंड… आह्ह …साली पी जा अब इसका अमृत… उफ्फ … ये ले साली… पी जा पूरा.

अब जैसे ही मेरा स्खलन पूरा हुआ तो मैंने देखा इधर मेरे पास ही संजय ने भी अपने लौड़े की धार नेहा के होंठों और मम्मों पर गिरा दी थी और नेहा संजय के लंड को पकड़ कर उसकी मुठ मारे जा रही थी.

उसके लंड से वीर्य की धार निकल कर नेहा की आँखों और होंठों पर भी गिर चुकी थी और बाकी रस अब नेहा के मम्मों पर टपक रहा था. अब जैसे ही संजय के लंड ने अपना स्खलन ख़त्म किया तो नेहा ने संजय का लंड अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.

इधर गीत भी नेहा के बिल्कुल पास ही मेरा लंड भी चूस रही थी. कुछ देर ऐसे ही लंड चूसने के बाद उन्होंने ने हमारे लौडों को छोड़ा और हम सभी ने आपने आप को साफ़ किया. फिर कुछ देर बाद हम सभी एक साथ एक ही बाथरूम में नहाए.

बाथरूम बेशक छोटा पड़ गया था किंतु एक साथ नहाने में भी हम सभी को मज़ा आया. वो जिक्र कभी फिर किसी और कहानी में करूंगा क्योंकि कहानी पहले ही काफी लंबी हो चुकी है.

हम अगले दो-तीन दिन तक जयपुर में ही रहे. हमने जयपुर भी घूमा और चुदाई भी बहुत की. चुदाई में मस्ती भी बहुत की. मैं अपनी इस कहानी को यहीं पर समाप्त करता हूँ. आप सभी को मेरी ये कहानी कैसे लगी, आप ईमेल करके जरूर बताना.

दोस्तो, अगली कहानी लेकर फिर आपके पास हाज़िर हो जाऊंगा. मुझे आप सभी दोस्तो की ईमेल का इंतज़ार रहेगा. मेरे पाठक और पाठिकाएं जो मेरी कहानियों का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, उन्हें पूरा पढ़ते हैं और मुझे मेल्स करते हैं, उनका बहुत बहुत धन्यवाद.

मेरे साथ जुड़ने के लिए मुझे ईमेल करें. इस कहानी को पढ़ कर ईमेल्स में बताना कि किन किन दोस्तों के लौड़ों और चूतों ने पानी छोड़ा. मुझे आपके ईमेल्स का इंतजार रहेगा. आपका दोस्त रवि स्मार्ट। [email protected]

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