शास्त्री सिस्टर्स: अनुष्का ने मारा चौका

हैलो दोस्तो, आज मैं आपको एक नई कहानी सुनने जा रहा हूँ।

पहले तो इस कहानी का नाम कुछ और था और इसके कैरेक्टेर्स भी और थे, पर जब मैंने टीवी पर एक सीरियल की ऐड देखी तो अपनी कहानी में थोड़ा बदलाव कर दिया और कैरेक्टेर्स भी बदल दिये ताकि आप इस कहानी का ज़्यादा मज़ा ले सकें।

तो लीजिये कहानी का मज़ा लीजिये।

मेरा नाम है अनुष्का है और मैं दिल्ली में रहती हूँ।

हम चार बहनें हैं जो अपनी माँ के साथ रहती हैं। पिताजी नहीं हैं। माँ एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं और हम सब का पालन पोषण करती हैं। जॉब क्या है बस जब उनके बॉस को चाहिए तो मम्मी को उनको खुश करना पड़ता है कभी कभी रात को भी रुकना पड़ता है और कभी कभी बॉस उनको अपने साथ टूर पे भी ले जाता है।

मम्मी भी एकदम टिप-टॉप रहती हैं। लड़कों की ज़ुबान में कहें तो एकदम सॉलिड माल हैं।

हम दिल्ली में किराए के मकान में रहते हैं। मकान क्या है बस कमरे ही कमरे हैं जिनमें बहुत से और किरायेदार भी रहते हैं।

नीचे वाले दो कमरे हमारे पास थे, उन दोनों कमरों के बीच में एक दरवाजा है।

हम आने जाने के लिए पहले कमरे का दरवाजा ही इस्तेमाल करते हैं, दूसरे कमरे के दरवाजे खिड़कियाँ हम हमेशा टाइट बंद रखते हैं क्योंकि दूसरा कमरा हमारा बेडरूम हैं।

और हम सब बहनों की एक गंदी आदत है कि घर में हम हमेशा आधे अधूरे कपड़ों में ही रहती हैं। जैसी कोई सलवार और अंडरशर्ट, टीशर्ट और पेंटी या फिर ब्रा पेंटी में ही रहती हैं और गर्मियों में तो सिर्फ कच्छी में ही घूमती रहती हैं। आस-पड़ोस में कम ही आना जाना है, तो कम ही लोग हैं जो हमारे घर में आते हैं।

घर के अंदर हमारा अपना राज है जैसे मर्ज़ी नंग धड़ंग घूमो।

जब घर में आधी नंगी हालत में घूम रहे हों तो एक दूसरे के नंगे जिस्म देख कर सेक्स की इच्छा तो होती ही है।

तो मेरी बड़ी बहनें अक्सर एक दूसरे को चूमना, प्यार करना और सब करती रहती हैं। जब मैं जवान हुई तो मुझे भी उन्होंने अपने ग्रुप में शामिल कर लिया।

अक्सर रात को सोते वक़्त एक दूसरे के बदनों को सहलाना, एक दूसरे के गुप्त अंगों से खेलना, हम सबकी आदत है। केला, लंबे बैंगन, घीया, पेन जैसी चीज़ें अक्सर हम बहनों के काम आते हैं।

बेडरूम के साथ ही अटैच बाथरूम है, जिसका दरवाजा हम बहुत ही कम बंद करते हैं, एक दूसरे को नहाते कपड़े बदलते देखना आम बात है और कई बार तो एक साथ नहा भी लेती हैं।

जिस जिस बहन का बॉयफ्रेंड हैं वो हमें उसके साथ चूमा चाटी और सेक्स की कहानियाँ सुनाती और जब गर्म हो जाती तो हम आपस में एक दूसरे से सेक्स करती, लेस्बीयन सेक्स।

अब घर में सब लड़कियाँ हो तो सबकी निगाहें हमारे घर पे ही लगी रहती हैं। ऐसे लगता है कि जैसे हर छोटा बड़ा हमारे कपड़ों के अंदर ही झांकना चाहता है।

अब जब हर कोई आप पर लाईन मार रहा हो तो आप कितने दिन उससे बच सकते हो। तो जो जो बहन बड़ी होती गई उसकी किसी न किसी से सेटिंग भी होती गई।

जब घर में ही माहौल आशिक़ाना हो तो सबका दिल मचलता है।

तो जब मैं कॉलेज में गई तो मैं भी अपने एक क्लास के लड़के को दिल दे बैठी। जितनी मैं गर्म थी राहुल, मेरा बॉयफ्रेंड उससे भी गर्म है। आई लव यू कहने के तीन दिन बाद ही राहुल और मैंने सेक्स कर लिया।

पहला सेक्स था तो बहुत मज़ा आया।

वैसे भी मैं अपनी बहनों की देखा-देखी कुछ न कुछ लेती रहती थी जिस कारण मुझे कोई खास दर्द नहीं हुआ, हाँ मज़ा ज़रूर बहुत ज़्यादा आया, क्योंकि मर्द के छूने और औरत के छूने में बहुत फर्क होता है। जो कुछ मैं अपनी बहनों के साथ करती थी, राहुल ने जो किया वो तो बिल्कुल अलग ही एहसास था।

चलो अपनी भी गाड़ी चलती रही।

एक दिन राहुल ने मुझसे कहा- सुनो, क्या तुमने कभी एक साथ तीन चार लड़कों के साथ सेक्स किया है?

मैंने कहा- नहीं, क्यों?

वो बोला- नहीं वैसे ही पूछ रहा था, क्या कभी सोचा है तुमने कि तीन चार लड़के लण्ड निकाले तेरे आसपास बैठे हैं, एक ने तेरी चूत में डाल रखा है, एक ने गाँड में, एक ने मुँह में, सोचा है कभी?

कहने को तो उसने कह दिया, पर उसकी बात सुन कर मेरे तो तन बदन में आग लग गई।

उफ़्फ़… अगर सच में ऐसे हो तो कितना मज़ा आए।

मैंने कहा- क्या चल रहा है तुम्हारे गंदे दिमाग में?

वो थोड़ा संभलते हुये बोला- अरे नहीं बस वैसे ही, दिमागी घोड़े दौड़ा रहा था। तुम्हें बुरा लगा क्या?

मैंने कहा- नहीं, तुम्हारी किसी बात का मुझे बुरा नहीं लगता।

‘तो सोच के देखो, और बताओ?’ वो थोड़ा और चहक कर बोला।

मैंने एक दो मिनट सोचने का नाटक किया और बोली- एक तो चलो तुम हो गए, बाकी तीन लोग और कौन कौन से हैं?

‘बाकी तीन, वो अपने राज, विशाल और विकास को सोच लो!’ वो झट से बोला।

मैंने कहा- हूँन… आइडिया तो अच्छा है।

वो तो मानो खुशी से उछल पड़ा- तो फिर क्या सोचा तुमने, किसी दिन सच में करके देखें?

‘देखेंगे…’ मैंने भी कह दिया।

‘तो बोल किस दिन का प्रोग्राम बनाऊँ?’

मैंने कहा- अरे इतनी जल्दी क्या है, अभी मैंने हाँ नहीं कही, और अगर मैं यह प्रोग्राम बनाऊँगी तो मेरी कुछ शर्तें होंगी। ‘अरे मेरी जान, तेरी सब शर्तें मंजूर हैं, तू बस हाँ बोल एक बार !’ वो पूरे जोश में बोला।

‘तो ठीक है, जिस दिन तुम ठीक समझो, बना लो…’ मैंने कहा।

दो दिन बाद ही उसने मुझसे कहा- फ्राइडे को हम कॉलेज बंक करेंगे, और राज के फार्म हाउस पे चलेंगे।

मैंने जान बूझ कर हैरान होते हुये कहा- अरे यार मैंने तो मज़ाक के बात कही थी, तुम तो सच में ही मान गए।

‘देख यार अब ना मत बोल, हमने प्रोग्राम बना लिया है, तू बस आ जा, खूब एंजॉय करेंगे।’

मैंने हँसते हुए हामी भर दी और कहा- मेरी शर्त याद है न?

‘क्या शर्त है, बोलो?’ उसने पूछा। मैंने कहा- यह तो तभी बताऊँगी।

‘चल ठीक है, अब कोई बहाना मत बनाना, फ्राइडे का फिक्स रखना।’

प्रोग्राम तो मैंने बना लिया पर मन ही मन में मैं डर रही थी, कि पता नहीं क्या होगा, एक से सेक्स करना तो ठीक है पर चार चार से, कसम से मेरी तो बैंड बाजा देंगे चारों!

खैर शुक्रवार को मैं सही समय पर कॉलेज गई।

बाहर कॉलेज के गेट पर ही राहुल मिल गया।

हम दोनों राज की गाड़ी में जाकर बैठ गए। राज खुद गाड़ी चला रहा था, विकास उसके बगल में बैठा था।

मैं राहुल और विशाल के बीच में पीछे की सीट पर बैठी थी।

गाड़ी चलते ही विशाल ने बीयर की बोतलें खोल ली, मैंने भी पी, सब खुश थे।

करीब आधे घंटे के सफर के बाद हम सब दिल्ली से बाहर राज के फार्म हाऊस पे पहुंचे।

हम सब अंदर के बेडरूम में गए, राज ने एसी चला दिया, कमरा ठंडा होने लगा, पर हम सब गर्म थे। राहुल ने मुझे गोद में उठा लिया और ले जा कर बेड पे लिटा दिया।

राज, विशाल और विकास मेरे आस पास आकर बैठ गए।

मैंने सब के चेहरे देखे, वो सब मेरे बदन को घूर रहे थे।

राहुल बोला- तो बताओ, जानेमन, कहाँ से और कैसे और किस से शुरू करना चाहोगी? मैंने कहा- पहले मेरी शर्त सुनो, जो मैं कहूँगी वो मानना पड़ेगा।

सबने हाँ में सर हिलाया और विशाल बोला- जो हमारी जानेमन कहेगी, सब मंजूर है।

‘तो सबसे पहले, कोई मुझसे ज़बरदस्ती नहीं करेगा!’

‘ठीक!’

‘मैं तुम सबकी मल्लिका और तुम सब मेरे गुलाम होगे!’

‘ठीक!’

‘मैं जो कहूँगी, तुम सबको मानना पड़ेगा!’

‘ठीक! और कुछ?’ विकास बोला।

‘नहीं, बाकी अगर कुछ हुआ, तो बाद में बता दूँगी, अब मेरा सब से पहला हुकुम है कि मैं नहीं, तुम सब पहले अपने कपड़े उतरोगे।’ मैंने कहा।

तो चारों ने एक दूसरे को देखा और अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये।

एक मिनट में वो चारों मेरे आसपास बिल्कुल नंगे खड़े थे।

राज का लण्ड उन सब में से सबसे बड़ा लग रहा था।

मैं चारों के बीच में जा खड़ी हुई तो चारों ने मुझे घेर कर अपनी बाहों में जकड़ लिया।

मैं महसूस कर रही थी कि राज का लण्ड मेरे चूतड़ों से सटा हुआ था, राहुल मेरे सामने था, विशाल और विकास मेरे अगल बगल मेरी जांघों से अपने लण्ड घिसा रहे थे। और मेरे सारे बदन पर आठ हाथ इधर उधर घूम रहे थे, मुझे खुद नहीं पता चल रहा थे कि कौन मेरे बूब्स दबा रहा है, कौन जांघों को सहला रहा है।

मैं और राहुल एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे कि तभी राज ने मेरा मुँह राहुल से अलग किया और खुद अपने होंठ मेरे होंठो से जोड़ दिये।

मैं राज के होंठ चूसने लगी और उसके बाद तो बारी बारी सबने मेरे होंठ चूसे।

वाकयी यह अपने आप में एक बिल्कुल नया और मज़ेदार काम था।

मैंने एक हाथ में विशाल का और दूसरे में विकास का लण्ड पकड़ रखा था।

चारों के लण्ड अकड़ कर लोहा हो चुके थे।

फिर राज बोला- जानेमन तुम भी अपने कपड़े उतारो।

मैंने कहा- सेवको, अपनी मल्लिका को निर्वस्त्र करो।

मेरे कहने की देर थी कि चारों ने एक मिनट भी नहीं लगाया और मेरी जीन्स, टीशर्ट, ब्रा पेंटी सब उतार कर दूर फेंक दिये।

अब मैं भी बिल्कुल नंगी हो चुकी थी।

राज और विशाल ने मुझे अपने हाथों से उठाया और बेड पे लिटा दिया।

फिर मैंने कहा- विशाल आओ, और मेरी चाटो।

विशाल मेरे सामने आया, मेरी टाँगें चौड़ी की और अपना मुँह लगा कर मेरी योनि चाटने लगा।। राज ने अपना लण्ड मेरे मुँह के पास किया और मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया, बाकी दोनों कभी मेरे बूब्स दबाते तो कभी चूसते।

फिर मैंने राज को अपनी चूत चाटने को कहा, और ऐसे ही बारी बारी मैंने चारों से अपनी चूत चटवाई और उन सबके लण्ड चूसे।

उसके बाद राज बोला- मल्लिका, अब सब्र नहीं होता, बोलो पहले किसका लण्ड लोगी?

मैंने कहा- शुरुआत मेरा बॉयफ्रेंड राहुल करेगा, उसके बाद सब आते जाओ।

तो राहुल ने मेरी दोनों टाँगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड उसने मेरी चूत पे सेट किया और अंदर पेल दिया।

विकास और विशाल दोनों मेरे आस पास थे जिनके लण्ड मैंने अपने दोनों हाथों में पकड़ रखे थे और बारी बारी से चूस रही थी।

2-3 मिनट की चुदाई के बाद राज ने राहुल को हटा दिया और खुद उसने अपना लण्ड मेरी चूत पे सेट किया और अंदर डाल कर चोदने लगा।

इसी तरह बारी बारी विशाल और विकास ने भी 2-2, 3-3 मिनट की चुदाई की और सब आपस में अपनी बारी बदलते रहे।

मेरे तो मानो पाँव ज़मीन पे नहीं लग रहे थे। जैसे मैंने सोचा था, यह काम तो उससे भी ज़्यादा मज़ेदार था।

मैंने आँखें बंद कर ली, अब मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था कि कौन मुझे चोद रहा है, किसका लण्ड मेरे मुँह में है, कौन मेरे बूब्स दबा या चूस रहा था। मैं खुद अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी।

इसी तरह करते करते मैं झड़ गई, जब मैंने आँखें खोल के देखा तो विकास मुझे चोद रहा था और राज अपने मोबाइल पर मेरी वीडियो बना रहा था।

यही सारा काम अगले एक घंटे तक ऐसे ही चलता रहा।

जिसका भी झड़ने वाला होता वो बाहर निकाल लेता और दूसरा मुझे चोदने लगता।

ऐसे ही चुदते चुदते मैं 4 बार झड़ चुकी थी पर वो चारों अपने अपने लण्ड अकड़ाये वैसे ही घूम रहे थे।

वो सब तो मज़े ले रहे थे, पर मेरी फटी पड़ी थी।

फिर मैंने भी कहा- अब बस करो, अब और बर्दाश्त नहीं होता।

तो राज बोला- चलो थोड़ी देर आराम करते हैं, उसके बाद फिर करेंगे।

सब मान गए।

उसके बाद हम पांचों ने चिल्ली चिकन और बीयर का मज़ा लिया।

हम सारे बिल्कुल नंगे थे।

‘अनुष्का तुम्हारे घर में और कौन कौन हैं?’ राज ने पूछा।

‘मेरी माँ और हम चार बहनें !’ मैंने जवाब दिया।

‘मतलब तुम्हारा घर तो स्वर्ग है, हर तरफ चूतें ही चूतें!’ राज ने कहा तो सब हंस दिये।

‘एक बात बता, औरतें तो अक्सर एक दूसरे के सामने कपड़े बादल लेती हैं?’ विशाल ने पूछा।

‘हाँ”!’ मैंने जवाब दिया।

‘तो क्या तुमने अपनी सब बहनों को नंगी देखा है?’ विशाल ने पूछा।

‘हाँ, सब को देखा है, मम्मी को भी!’ मैं उसकी बात का मतलब समझ कर बोली।

‘उफ़्फ़ यार, क्या नज़ारा होगा तुम्हारे घर का, एक तरफ तुम्हारी मम्मी नंगी लेटी है, दूसरी तरफ चार नौजवान बहनें वो भी बिल्कुल नंगी, सबकी सब चुदने को तैयार और मैं अपना लण्ड निकाल के बीच में घूम रहा हूँ कि किसको चोदूँ?’ विशाल ने कहा।

तो सभी लड़के आहें भरने लगे।

मैंने सबको डांटा- बदतमीज़ों, चुप करो, क्या बकवास कर रहे हो?

मगर विकास बोला- अरे तुम्हें नहीं पता, यह क्या फीलिंग है, अब जैसे तुम चार चार का मज़ा ले रही हो, ठीक वैसे ही, हम भी ये फीलिंग ले रहे हैं।

‘एक बात बता अनु, क्या यह सच में पॉसिबल हो सकता है?’ राज ने पूछा।

‘पता नहीं!’ मैंने कहा।

‘तो पता कर न यार, एक बार पूछ के तो देख अपनी माँ बहनों को?’ राज ने कहा।

राहुल बोला- मैं तो अनु के मम्मी को चोदूँगा, मैंने उन्हें देखा है, गजब की सेक्सी औरत है वो, और बाकी की बहनें भी देखी हैं, एक से बढ़ के एक सेक्सी हैं सबकी सब।

‘तो यार, प्लीज़ रिक्वेस्ट है, प्लीज़ बात कर अपनी माँ बहनों से और हम सबको स्वर्ग का नज़ारे दिलवा दे।’ विकास बोला।

‘सच कहता हूँ, एक एक की चूत चाट कर ही उनका पानी छुड़वा दूँगा।’

‘अरे तुम सब तो पागल ही हो गए हो?’ मैंने कहा।

तो राहुल ने कहा- बस यार यही तय रहा, तुम अपने घर बात करोगी और हम सबको अपने सब घर वालों की दिलवाओगी, या जितनी भी मान जायें, उनकी दिलवाओगी ठीक है।

‘ठीक है, ट्राई करूँगी पर वादा कोई नहीं!’ मैंने कहा।

तो सबने ‘हुर्रे…’ कहा और बीयर के एक एक और बोतल के बाद फिर से सब मुझ पर टूट पड़े।

अब तो वो जैसे मुझे नहीं मेरे पूरे परिवार को चोद रहे थे, कोई बोल रहा था- आंटी, प्लीज़ मेरा लण्ड चूसो! बड़ी दीदी, अपनी चूत में मेरा लण्ड लो। अरे छुटकी, अपने बूब्स तो चुसवा ज़रा।

मतलब सबने मुझे चोदते हुये अपने अपने मन में मेरी सारी बहनों और मम्मी को भी चोद दिया।

मैं यह सोच कर हैरान थी अब इनमें से किसी को मेरी परवाह नहीं थी।

इस बार किसी ने मेरी राय नहीं पूछी, किसी ने मेरा कहा नहीं माना, सब ने बड़ी बेदर्दी से मुझे चोदा और जिसका भी छूटने वाला होता वो अपना लण्ड मेरे मुँह में डालता और मेरे मुँह में छुड़वाता।

मेरा सारा चेहरा, सारा बदन उन लोगों के वीर्य से भरा पड़ा था।

जब सब की तसल्ली हो गई तो हम सब साथ नहाने गए। नहाने के बाद एक बार फिर सबने मेरे साथ सेक्स किया।

इस बार तो मेरे लिए सब बर्दाश्त से बाहर था। और इस बार तो सब ने मेरे अंदर ही छुड़वाया।

किसी ने भी यह नहीं सोचा के अगर मैं प्रेग्नेंट हो गई तो क्या होगा।

इस सारे प्रोग्राम की कभी कोई तो कभी कोई वीडियोग्राफी करता रहा, हो सकता है आपको कभी नेट पे देखने को भी मिल जाए।

शाम को जब मैं घर आई तो मेरा बदन टूटा पड़ा था।

बड़ी दीदी ने देखा तो बोली- क्या बात? आज बहुत थकी थकी लग रही है… लगता है बॉयफ्रेंड ने अच्छी तस्सली करवाई है।

मैंने कहा- अरे दीदी पूछो नहीं, एक नहीं चार चार थे।

‘चार चार? साली तू तो बड़ी तेज़ निकली, चल हमें भी सुना… क्या क्या किया और कैसे कैसे किया?’ छोटी बड़े शरारती अंदाज़ में बोली।

‘बताती हूँ!’ मैंने एक लंबी सांस ली, अपनी जीन्स और टी शर्ट उतारी और बेड पे लेट गई और सब के चेहरों को देखा और अपनी कहानी शुरू की। [email protected]