चाची को चोद कर माँ बनाया-1

सबसे पहले सेक्सी लड़कियों और भाभियों को मेरा नमस्ते।

मैं समीर हूँ.. गुजरात के जामनगर से हूँ.. मेरी उम्र 21 साल है। मैं दिखने में भी अच्छा हूँ।

मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ और यह बिल्कुल सच्ची है।

यह कहानी बहुत पुरानी नहीं है।

पिछली दीवाली की छुट्टियाँ चल रही थी तो मैं अपने चाचा के वहाँ चला गया, जो खम्बालिया में रहते हैं।

उनका तीन लोगों का परिवार है, चाचा-चाची और उनकी 3 साल की बेटी।

मेरे चाचा एक बिजनेसमैन हैं.. मेरे चाचा की शादी चार साल पहले हुई थी। मेरी चाची बला की खूबसूरत हैं।

मेरी चाची का नाम रंजना है। चाची का फिगर 30-26-32 है। चाचा मुझे बहुत प्यार करते हैं। क्योंकि उनका कोई बेटा नहीं है।

उनको बेटे की बहुत चाहत थी, पर तकदीर ने उनका साथ नहीं दिया।

चाची की डिलिवरी के बाद चाचा का एक्सीडेंट हो गया और उस एक्सीडेंट में चाचा ने अपने बाप बनने की शक्ति खो दी।

बहुत इलाज करवाने के बाद भी चाचा की मनोकामना पूरी नहीं हुई।

तो दीवाली की छुट्टियों में मेरे चाचा के घर पहुँचते ही चाचा खुशी से झूमने लगे।

रात में मैं और चाचा हॉल में बैठ कर बातें कर रहे थे। चाची कमरे में बेटी को सुला रही थीं।

पहले तो चाचा ने मुझसे सबके हालचाल पूछे फ़िर अचानक चाचा ने मुझसे पूछा।

चाचा- तेरी कोई गर्ल-फ्रेंड है??

मैंने बोला- नहीं..

चाचा- क्यों कोई पटी नहीं क्या.. ? तू दिखने में तो स्मार्ट है…

मैंने बोला- नहीं चाचा.. अभी तक सिर्फ पढ़ाई में ही बिजी था।

चाचा- कभी किसी के साथ सेक्स किया है?

मैंने बोला- क्या चाचा.. अभी कोई गर्ल-फ्रेंड तक नहीं है तो किसके साथ सेक्स करूँगा?

मैंने डरते हुए चाचा से बोला- आपकी सेक्स लाइफ कैसी चल रही है?

चाचा- अरे मेरी तो फर्स्ट क्लास… तेरी चाची जैसी खूबसूरत बीवी हो तो क्या बात है… क्या चूचे.. क्या गाण्ड.. क्या.. फूली सी चूत है… वो बड़ी सेक्सी है… सब मर्दो का लंड खड़ा हो जाता है.. तेरी चाची को देख कर।

मुझे बहुत अजीब लग रहा था.. चाचा की बातें सुन कर और अनजाने में मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था।

मेरी ओर देख कर चाचा बोले- क्यों समीर तेरा लंड खड़ा नहीं होता क्या.. तेरी चाची को देख कर??

मैंने अनजाने में ही बोल दिया- हाँ..

चाचा चुप हो गए। मेरी तो फट के हाथ में आ गई।

फिर चाचा हँसने लगे।

चाचा- तो पहले क्यों नहीं बोला.. पहले ही चुदवा देता तेरी चाची को??

मैं- चाचा ये आप कैसी बातें कर रहे हैं?

चाचा- अच्छी बातें कर रहा हूँ.. देख समीर मुझे एक बेटा चाहिए और मैं तुम्हारी चाची को किसी और से नहीं चुदवाना चाहता। तुम उसको माँ बना दो.. प्लीज तुम जो बोलोगे वो मैं तुमको दूँगा…

इतना कहते हुए चाचा की आँखें भर आईं और मैं भी उदास हो गया।

मै- चाचा आपकी खुशी के लिए मैं ये करूँगा।

चाचा- सच समीर?? मैं- हाँ… पर चाची राज़ी होंगी क्या?

चाचा- वो तुमको करना पड़ेगा… मैं उसको नहीं बोल पाऊँगा।

मैं- चाचा मैं कैसे करूँगा?

चाचा- मैंने तुम्हारा आधा काम कर दिया है… मैंने उसको एक महीने से नहीं चोदा… उसकी चूत में आग लगी पड़ी है।

मैं- पर चाचा… चाची बिल्कुल पतिव्रता औरत हैं।

चाचा- जब चूत लंड मांगती है ना.. तो बड़े से बड़ी पतिव्रता राण्ड बन जाती है।

मैं- हाँ.. पर आपने आगे का प्लान नहीं बताया??

चाचा- मैंने घर का पेंट करवाने का बोल दिया है। कल वो लोग आयेंगे.. मेरे कमरे को छोड़ कर बाकी के तीनों कमरे पेंट करना शुरू करेंगे… इसी वजह से रात को तुमको मेरे कमरे में चाची के साथ सोना पड़ेगा।

मैं- और आप?

चाचा- मैं कल एक हफ़्ते के लिए बिजनेस ट्रिप का बहाना करके चला जाऊँगा। तुम पीछे अपनी चाची को पटा कर एक हफ़्ते मौज करना…

चाचा प्लान के अनुसार काम करके दूसरे दिन चले गए।

दूसरे दिन मैं उठ कर थोड़ा घूमा और फ़िर दोपहर तक घर आ गया और एक वियाग्रा भी लेता आया।

हालांकि वियाग्रा के बिना भी मेरा लंड पूरे दिन खड़ा ही रहा। चाची के बारे में सोच-सोच कर मेरे लौड़े का बुरा हाल हो रहा था।

जैसे-तैसे रात हुई।

मैंने और चाची ने खाना खाया और फ़िर थोड़ी देर टीवी देखा और फ़िर सोने के लिए कमरे में चले गए।

अब तक सब कुछ प्लान के मुतबिक ही चल रहा था।

कमरे में एक ही बिस्तर था.. तो चाची ने बोला- समीर तुम बिस्तर पर सो जाओ.. मैं नीचे सो जाती हूँ।

मैंने बोला- नहीं चाची.. आप बिस्तर पर सो जाओ, मैं नीचे सो जाता हूँ।

थोड़ी सी नानुकुर के बाद वो ही हुआ जो मैं चाहता था।

चाची ने बोला- समीर हम दोनों ही बिस्तर पर सो जाते हैं।

फ़िर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए। चाची तो थोड़ी ही देर में सो गईं… पर मेरी आंख से नींद कोसों दूर थी।

मैंने भी सोने का नाटक करके चाची के बदन को सहलाना शुरू कर दिया।

उनकी नाइटी भी अस्त-व्यस्त हो चुकी थी.. जिसके कारण उनके मम्मे भी थोड़े-थोड़े दिखाई दे रहे थे।

चूँकि उनकी पीठ मेरी तरफ थी तो मुझे पता नहीं चल पाया कि वो सो रही हैं या जाग रही हैं।

जैसे ही मैंने अपना पैर उनके ऊपर रखा… वो अचानक से उठीं.. मेरी तरफ देखा और वहाँ से उठ कर चली गईं।

अब तो ये देख कर मेरी हालत खराब होने लगी, मुझे डर लगने लगा।

मैंने बहुत सोचा फिर सोचा कि चल कर चाचीजी से इन सारी चीज़ों से माफी माँग ली जाए।

मैं उठ कर बाहर गया तो चाची बाहर खड़ी थीं।

मैंने जाकर बोला- सॉरी चाची.. मुझसे गलती हो गई। आप इतनी खूबसूरत हो कि मुझसे रहा नहीं गया आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।

तो वो मुस्कुराते हुए बोलीं- क्या सुंदर है मुझमें..?

उनकी मुस्कुराहट देख कर.. मेरी जान में जान आ गई।

तो मैंने डरते-डरते कहा- मुझे आपकी फिगर बहुत अच्छी लगती है।

तो यह सुन कर वो थोड़ा और मुस्कुराने लगीं।

चाची- अच्छा.. तो तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है क्या.. जो आज मुझे चोदना चाहते हो?

उनके मुँह से ‘चोदना’ शब्द सुन कर मैंने समझ लिया कि इसकी चूत चुनचुनाने लगी है।

चाची के साथ चुदाई कैसे संभव हुई इसकी कहानी मैं अगले भाग लिखूँगा। मेरे साथ बने रहिए और अन्तर्वासना पढ़ते रहिए। मुझे अपने विचाए इमेल कीजिए।