विज्ञान से चूत चुदाई ज्ञान तक-11

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अनुजा- ओये होये.. मेरा राजा.. क्या बात है… बड़ा प्यार आ रहा है दीपाली पर.. कभी मेरे को तो रोटियां बनाने में मदद नहीं की तुमने?

विकास- अरे जान ये बच्ची है.. इसलिए मदद कर रहा हूँ और कोई बात नहीं है।

अनुजा- अच्छा बच्ची है.. जिस तरह तुम इसको चोद रहे हो.. सारा पानी इसकी चूत में भर रहे हो.. जल्दी ही ये बच्ची को एक बच्चा हो जाएगा।

ये सुनते ही दीपाली के हाथ से बेलन नीचे गिर गया।

दीपाली- क्या.. नहीं दीदी.. प्लीज़ ऐसा मत कहो.. मेरी तो जान निकल जाएगी… क्या सच्ची मेरे को बच्चा होगा?

अनुजा- हा हा हा विकास.. देखो तो इसके चेहरे का रंग कैसे उड़ गया.. अरी मेरी प्यारी बहना.. मेरे होते हुए ऐसा कभी नहीं होगा.. तेरे लिए दवा लाई हूँ ना.. इसी लिए तो मैं गई थी। यही था वो खास काम.. इतनी जल्दी थोड़े तुझे माँ बनने दूँगी.. अभी तो चुदाई का भरपूर मज़ा लेना है तेरे को… चल अब रोटी बना और आप यहाँ से जाओ.. काम करने दो हमको…

विकास- अरे यार, मैंने वो वाली गोली ले ली है। देख लौड़ा कैसे झटके मार रहा है प्लीज़.. तुम अपना काम करो और मुझे अपना काम करने दो।

अनुजा- ठीक है.. ठीक है.. कर लो अपना काम.. दीपाली कमर को थोड़ा और मोड़ कर रोटी बना लो ताकि ये अपना लौड़ा तेरी चूत में डाल सके।

विकास- नहीं यार.. इसकी गाण्ड बड़ी मस्त है.. मेरा मन तो इसकी गाण्ड मारने का हो रहा है।

अनुजा- पागल हो गए हो क्या.. रोटी बनाते हुए इसकी कुँवारी गाण्ड कैसे मारोगे.. पता है ना पहली बार में क्या होगा.. वो तुम रात को आराम से मार लेना.. अभी चूत से ही काम चलाओ।

दीपाली- हाँ सर.. दीदी की बात सुनकर चूत में खुजली होने लगी है। अब डाल भी दो आप अपना लौड़ा।

दीपाली ने कमर को और ज़्यादा झुका लिया.. विकास ने लौड़े पर थूक लगा कर चूत में पेल दिया।

अब दीपाली रोटी बनाने में लग गई और साथ में उसकी चुदाई भी शुरू हो गई।

विकास धीरे-धीरे उसको चोदने लगा।

अनुजा- राजा लौड़े का सारा कस अभी निकाल दोगे.. तो इतनी लंबी रात कैसे निकलेगी।

विकास- चिंता मत कर.. अभी बस ऐसे ही थोड़ा मज़ा ले रहा हूँ पानी नहीं निकालूँगा।

अनुजा- अगर ऐसी बात है तो ठीक है थोड़ा मेरी गाण्ड में भी लौड़ा घुसा देना ताकि मैं भी इस लम्हे को हमेशा याद रखूँ कि कभी रसोई में भी आपने मुझे चोदा था।

विकास- हाँ जानेमन.. जरूर तुम कहो और मैं ना करूँ.. ऐसा कभी हुआ है क्या?

विकास थोड़ी देर दीपाली को चोदता रहा उसके बाद उसने अनुजा की गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया।

लगभग 15 मिनट तक ये खेल चलता रहा तब तक खाना भी बन गया।

अनुजा- अब बस भी करो.. चलो कमरे में जाकर बैठ जाओ.. हम खाना लेकर आ जाते हैं।

तीनों नंगे ही कमरे में खाना खाने लगे।

खाने के बाद वो तीनों टीवी देखने लगे।

अनुजा- ले दीपाली.. ये गोली खा ले, इससे कितना भी चुद.. बच्चा नहीं होगा।

दीपाली ने बिना बोले दवा ले ली।

अनुजा- थोड़ी देर टीवी देख लेते हैं उसके बाद चुदाई शुरू करेंगे.. हम दोनों को जितना चोदना है चोद लेना.. आज जैसा मौका शायद दोबारा मिले ना मिले।

दीपाली- नहीं दीदी.. ऐसी बात मत करो अब तो हम रोज चुदाई करेंगे। अब मुझसे कहाँ बर्दाश्त होगा.. आप और मैं सर को रोज मज़े देंगे।

विकास- अच्छा मुझे मज़े दोगी.. क्यों तुम दोनों मज़े नहीं लोगी क्या?

दीपाली हँसने लगती है और उसके साथ दोनों भी मुस्कुरा देते हैं।

दीपाली- दीदी वो वाली मूवी लगाओ ना.. उसको देख कर चुदाई करेंगे.. मज़ा आएगा…

अनुजा- अरे वो तो उस दिन हमने देख ली थी ना.. आज तुझे दूसरी दिखाती हूँ अच्छी वाली.. तू भी क्या याद करेगी।

विकास- हाँ अनु.. मैं समझ गया तू कौन सी मूवी की बात कर रही है.. चल जल्दी से लगा दे… आज दीपाली को ये भी सिखा देते हैं कि कभी दो से चुदना हो तो कैसे चुदना चाहिए।

दीपाली- दो से चुदने का क्या मतलब है दीदी?

अनुजा- अभी देख लेना यार।

अनुजा ने एक सेक्सी डीवीडी लगा दी। तीनों पास बैठ कर देखने लगे.. विकास बीच में था और वो दोनों उसके दाएँ-बाएँ बैठी हुई थीं.. फिल्म में एक लड़की बैठी हुई थी। तभी दो आदमी आकर उसको चूमने लगते हैं और धीरे-धीरे उनका चोदन शुरू हो जाता है।

असल बात यह है कि अनुजा दीपाली को यही दिखना चाह रही थी कि कैसे दो आदमी एक लड़की को चोदते हैं और हुआ भी वही.. जब दोनों उसको आगे-पीछे से चोदने लगे दीपाली बोल पड़ी।

दीपाली- ओह्ह.. माँ.. ये क्या एक साथ दो आदमी लौड़ा डाल रहे हैं.. ऐसा होता है क्या?

विकास- मेरी जान होता है.. तभी तो ये फिल्म बनी.. आगे देखो और भी मज़ा आएगा जब तीसरा आकर इसके मुँह को चोदेगा.. यही तो है असली चुदाई का मज़ा।

इतना बोलकर विकास उसके मम्मों को सहलाने लगा।

इधर अनुजा भी कम ना थी.. वो विकास के लौड़े को सहला रही थी।

आधा घंटा तक तीनों फिल्म देखते रहे.. विकास का लौड़ा अब पूरा तन गया था और तीन लौड़ों से चुदती हुई लौन्डिया का ख्याल करके दीपाली और अनुजा दोनों की चूत पानी-पानी हो गई थीं।

विकास- चल मेरी रानी.. अब तेरी गाण्ड मारकर तुझे एकदम पक्की चुदक्कड़ बना देता हूँ ताकि तू कभी भी किसी को भी खुश कर सके।

दीपाली- सर आप की बात तो ठीक है मगर आपका लंड बहुत मोटा और बड़ा है.. ये मेरी गाण्ड में कैसे जाएगा.. बहुत दर्द होगा।

विकास- अरे जान कुछ नहीं होगा.. चूत में चला गया तो गाण्ड में क्यों नहीं जाएगा।

अनुजा- हाँ दीपाली चूत में तो सील टूटी इसलिए इतना दर्द हुआ.. गाण्ड में ऐसा कुछ नहीं है.. दर्द होगा, मगर उतना नहीं।

दीपाली ने विकास के लौड़े को हाथ से पकड़ कर देखा।

दीपाली- देखो दीदी शाम को ये इतना फूला हुआ नहीं था अभी तो बहुत मोटा लग रहा है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! अनुजा- अरे ऐसा कुछ नहीं है.. तेरे राजा जी ने पावर बढ़ाने की गोली ले ली है.. इसके कारण ये ऐसा लग रहा है।

दीपाली चौंकते हुए विकास को देखने लगती है।

विकास- अरे इसमें चौंकने वाली क्या बात है.. अब देखो शाम से तुम दोनों को चोद रहा हूँ.. मैं भी इंसान हूँ थक गया हूँ.. इसलिए गोली ली, ताकि मेरा पावर बना रहे और रात भर हम मज़ा करते रहें बस…

दीपाली- ठीक है सर.. जैसा आपको अच्छा लगे.. मगर ये फिल्म देख कर मेरी चूत गीली हो गई है.. बड़ी खुजली हो रही है.. पहले इसकी खाज मिटा दो।

विकास- हाँ जानेमन.. क्यों नहीं मगर पहले चूत मार लूँगा तो तेरा पावर कम हो जाएगा और उसके बाद गाण्ड में दर्द होगा.. चल आजा पहले बस थोड़ी देर गाण्ड मार लूँ.. उसके बाद पानी चूत में ही निकालूँगा ताकि दोनों काम एक ही बार में हो जाएं।

अनुजा बिस्तर पर टेक लगा कर बैठ गई विकास ने दीपाली से कहा- इस तरह घोड़ी बन जाओ कि तुम अनुजा की चूत भी चाट सको और गाण्ड भी मरवा सको।

दीपाली- हाँ ये ठीक रहेगा.. मगर पहले आपके लौड़े को चूस कर गीला तो कर दूँ ताकि आराम से अन्दर चला जाए।

विकास- अरे नहीं थूक से काम नहीं चलेगा.. गाण्ड में लौड़ा ऐसे नहीं जाता। तेरी गाण्ड तो में देसी घी लौड़े पर लगा कर मारूँगा.. बस 2 मिनट रुक मैं अभी लाया.. तब तक अनुजा तू इसको गर्म कर।

अनुजा और दीपाली एक-दूसरे के होंठ चूसने लगीं और निप्पल दबाने लगीं।

विकास ने एक प्याली में थोड़ा सा घी गर्म किया और कमरे में ले आया।

विकास- बस दीपाली अब सही पोज़ में आ जाओ.. मुझसे सबर नहीं हो रहा.. तेरी मक्खन जैसी गाण्ड मुझे पागल बना रही है।

अनुजा वापस टेक लगा कर बैठ गई और दीपाली घोड़ी बन कर उसकी चूत चाटने लगी।

विकास- हाँ बस ऐसे ही रहना जानेमन.. आज तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा कर मैं धन्य हो जाऊँगा।

विकास ने ऊँगली घी में भरकर दीपाली की गाण्ड के सुराख पे रख दी और धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा।

दीपाली- आ आ आह्ह.. दीदी आपकी चूत से क्या मस्त रस आ रहा है.. आईईइ आह्ह.. सर आराम से.. कुँवारी गाण्ड है मेरी…

विकास- अरे रानी अभी तो ऊँगली से घी तेरी गाण्ड में भर रहा हूँ ताकि लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।

दीपाली- ऊँगली से ही हल्का दर्द हो रहा है.. लौड़ा डालोगे तो मेरी जान ही निकल जाएगी।

अनुजा- उफ़फ्फ़ अरे कुछ नहीं होगा तू बस चूत रस का मज़ा ले बाकी विकास अपने आप संभाल लेगा।

दीपाली चूत चाटने में लग गई और विकास ऊँगली से उसकी गाण्ड को चोदने लगा.. उसको मज़ा देने के लिए दूसरे हाथ से उसकी चूत में भी ऊँगली करने लगा।

अब दीपाली को बड़ा मज़ा आ रहा था.. वो अपनी जीभ चूत में घुसा कर चाटने लगी।

अनुजा- आह्ह.. अई आह अरे वाह.. बहना बड़ा मस्त चूस रही हो कककक आह्ह..मज़ा आ रहा है।

विकास ने घी दीपाली की गाण्ड में अच्छे से लगा दिया था।

अब उसका लौड़ा झटके खाने लगा था।

उसने दीपाली की गाण्ड पर एक चुम्बन किया और लौड़े पर अच्छे से घी लगा लिया। अब विकास ने लौड़ा गाण्ड के सुराख पे रखा.. दोनों हाथों से उसको थोड़ा खोला और टोपी को उसमें फँसा दिया।

दीपाली दर्द के मारे सिहर उठी.. मगर उसने चूत चाटना जारी रखा।

विकास ने उसकी कमर को कस कर पकड़ा और जोरदार धक्का मारा.. आधा लंड गाण्ड में घुस गया।

यह तो घी का कमाल था.. वरना गाण्ड इतनी टाइट थी की टोपी भी नहीं घुसती।

अनुजा ने दीपाली का सर ज़ोर से पकड़ कर चूत में घुसा दिया।

दीपाली- आआआअ आआआ उूउउ…

विकास का लौड़ा एकदम फँस सा गया था.. इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था।

विकास- आह उफ़फ्फ़.. साली तेरी गाण्ड है या आग की भट्टी.. कैसी गर्म हो रही है.. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है और टाइट भी बहुत है.. साला लौड़ा तो एकदम फँस गया है।

विकास आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था… अब गाण्ड में आधा लौड़ा ‘फॅक..फॅक.. फॅक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा।

अनुजा- आह्ह.. अरे चूत को खा जाएगी क्या.. आराम से चूस।

तभी विकास ने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गाण्ड में जड़ तक घुस गया।

इसी के साथ दीपाली झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई।

अरे दीपाली को क्या हुआ? इसको हम अगले भाग में जानेंगे।

बस दोस्तो, आज के लिए इतना काफ़ी है। अब आप जल्दी से मेल करके बताओ कि मज़ा आ रहा है या नहीं.! क्या आप जानना नहीं चाहते कि आगे क्या हुआ? तो पढ़ते रहिए और आनन्द लेते रहिए… मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें। [email protected]

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