विज्ञान से चूत चुदाई ज्ञान तक-12

अन्तर्वासना डॉट कॉम के पाठकों और रचनाकारों को पिन्की सेन की ओर से नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ!

विकास का लौड़ा एकदम फँस सा गया था.. इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था।

विकास- आह उफ़फ्फ़.. साली तेरी गाण्ड है या आग की भट्टी.. कैसी गर्म हो रही है.. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है और टाइट भी बहुत है.. साला लौड़ा तो एकदम फँस गया है।

विकास आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था… अब गाण्ड में आधा लौड़ा ‘फॅक..फॅक.. फॅक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा।

अनुजा- आह्ह.. अरे चूत को खा जाएगी क्या.. आराम से चूस।

तभी विकास ने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गाण्ड में जड़ तक घुस गया।

इसी के साथ दीपाली झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई।

विकास भी उसकी पीठ के ऊपर उसके साथ ही नीचे गिर गया।

इस सब में दीपाली का मुँह अनुजा की चूत के ऊपर कस गया।

अनुजा- ऊ माँ… विकास क्या कर रहे हो उफ्फ.. दीपाली उठो आह्ह..

विकास वैसे ही पड़ा-पड़ा लौड़े को आगे-पीछे करता रहा। दो मिनट में ही उसने ना जाने कितने शॉट मार दिए थे।

अनुजा- विकास प्लीज़ उठो मेरी जाँघों में बहुत दर्द हो रहा है उफ़फ्फ़.. उठो भी यार…

विकास ने लौड़ा गाण्ड से निकाल लिया और उकडूँ बैठ गया.. तब जाकर कहीं दीपाली की जान में जान आई और वो एक तरफ सीधी लेट गई।

दीपाली- आह आह उह्ह.. माँ.. सर ये आपने क्या कर दिया.. अई मेरी गाण्ड फट गई है.. आह्ह.. बहुत जलन हो रही है.. ऐसा लगता है अभी भी उसके अन्दर कुछ घुसा हुआ है।

विकास- अरे कुछ नहीं हुआ है.. बस थोड़ी देर की बात है.. उसके बाद आराम मिल जाएगा।

दीपाली- नहीं.. नहीं.. आहह.. मुझे उफ़फ्फ़ नहीं मरवानी गाण्ड.. बहुत दर्द हो रहा है.. देखो बिस्तर पर भी ठीक से गाण्ड नहीं टिका पा रही हूँ।

अनुजा- अरे विकास इसको दर्द हो रहा है.. तो जाने दो ना.. इसकी चूत मार लो, ताकि इसको भी थोड़ा मज़ा आ जाए और गाण्ड को आराम भी मिल जाए।

विकास को अनुजा की बात समझ में आ गई कि वो क्या कहना चाहती है।

विकास- ओके ओके.. अब तू घोड़ी बन जा.. मैं तेरी चूत में लौड़ा डालता हूँ.. चल जल्दी कर.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

दीपाली- आह्ह.. काहे का मज़ा.. उफ्फ.. लगता है मेरी गाण्ड तो फट गई..

विकास ने दीपाली का हाथ पकड़ कर उसको उठा लिया।

विकास- अरे कुछ नहीं हुआ है.. अब चल जल्दी से घोड़ी बन जा यार.. मेरा मज़ा खराब हो रहा है।

दीपाली दोबारा उसी स्थिति में आ गई और अनुजा ने उसका मुँह अपनी चूत पर लगा दिया।

अनुजा- यार कितना मस्त चूस रही थी तू.. चूत को सारा मज़ा किरकिरा हो गया.. चल अब थोड़ा चूत को चाट कर मज़ा दे.. तू तो अब चूत मरवा कर ठंडी हो जाएगी.. मेरी चूत तो अब तू ही ठंडा कर सकती है।

दीपाली के चेहरे पर दर्द के भाव साफ नज़र आ रहे थे, बुझे मन से वो चूत को चाटने लगी।

इधर विकास ने लौड़ा चूत में घुसा दिया और झटके मारने लगा।

अभी कोई 5 मिनट ही हुए थे कि दीपाली को अब मज़ा आने लगा और वो गाण्ड हिला-हिला कर चुदने लगी और अनुजा की चूत चाट-चाट कर मज़े लेने लगी।

विकास- आह्ह.. आह उहह.. साली कसम से आह्ह.. तू बड़ी मस्त लड़की है.. क्या गाण्ड हिला कर चुद रही है और साली तेरी चूत भी क्या मस्त है उहह उहह ले आ रानी मज़ा आ रहा है।

अनुजा- दीपाली आह्ह.. चाटो आह्ह.. चाटो बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा आह्ह.. अब दीपाली गर्म हो गई है आह्ह.. मार दो निशाना.. कर लो अपना अरमान पूरा।

दीपाली कुछ समझ पाती, इसके पहले ही विकास ने लौड़ा चूत से निकाल लिया और गाण्ड के छेद पर रख कर ज़ोर से झटका मारा। इस बार विकास ने दीपाली की कमर को अच्छे से पकड़ा हुआ था ताकि वो आगे ना जा पाए। एक ही वार में लौड़ा गाण्ड के अन्दर और दीपाली की चीख बाहर।

दीपाली- आह आआह्ह.. सर प्लीज़ आराम से करो ना.. अई दीदी आप बहुत गंदी हो आह्ह.. आपने ही कहा ना सर को उईईइ आह…

अनुजा- अरे कुछ नहीं होगा.. जब चूत का दर्द नहीं रहा.. तो ये भी ठीक हो जाएगा और इसमें भी मज़ा आने लगेगा।

विकास पागालों की तरह गाण्ड में दे-दनादन लौड़ा पेल रहा था। दीपाली दर्द से कराह रही थी।

दीपाली- अई आह मार लो आह्ह.. अगर अई आपका मन गाण्ड मारने का हुआ है.. तो ठीक है आह्ह.. मगर मुझे अधूरा क्यों छोड़ दिया.. मेरी चूत में बड़ी खुजली हो रही है आह्ह..

विकास- आह्ह.. आह.. मज़ा आ रहा है साली क्या चिकनी गाण्ड है तेरी.. आह्ह.. लौड़ा खुश हो गया आह्ह.. आज तो.. हाँ जान.. रुक थोड़ी देर और गाण्ड का मज़ा लेने दे.. आह्ह.. उसके बाद तेरी चूत को भी शान्त कर दूँगा।

दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद विकास ने लौड़ा चूत में डाल दिया और रफ़्तार से चोदने लगा। इधर दीपाली ने अनुजा की चूत चाट-चाट कर उसको चरम सीमा पर पहुँचा दिया था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! अनुजा- आहइ आह मज़ा आ गया.. चाट आह्ह.. ज़ोर-ज़ोर से चाट.. आह्ह.. मैं झड़ने वाली हूँ आह्ह..

विकास- ओह्ह ओह्ह ओह्ह मैं भी आहह… करीब ही हूँ उफ़फ्फ़ मज़ा आ गया आज तो.. ओह्ह।

दीपाली- रफ्तार से करो राजा जी.. हम एक साथ ही झड़ेंगे आह्ह.. मेरी चूत में भी आह्ह.. तूफान उठ रहा है।

बस दोस्तों आज के लिए इतना काफ़ी है। अब आप जल्दी से मेल करके बताओ कि मज़ा आ रहा है या नहीं.! क्या आप जानना नहीं चाहते कि आगे क्या हुआ?

तो पढ़ते रहिए और आनन्द लेते रहिए। मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें। [email protected]