बीवी को गैर मर्द से चुदवाने की मंशा-8

हम दोनों दस मिनट वैसे ही पड़े रहे.. फिर मैं जैसे तैसे उठी और साफ़ करने बाथरूम गई.. उधर अपनी गान्ड को पानी से साफ़ करने लगी तो मुझे महसूस हुआ कि मेरी गान्ड काफ़ी फैल चुकी है। मेरी 3 ऊँगलियाँ एक साथ गान्ड में जा रही थीं।

मैंने गान्ड पर पानी डाला.. तो नीचे देखा लाल पानी बह रहा है.. मैं समझ गई मेरी गान्ड में से खून निकल रहा था। मेरी गान्ड फट चुकी थी।

फिर मुश्किल से खड़े होकर बाहर आई.. मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।

बाहर हॉल में आकर देखा तो आनन्द के सामने सलीम अपना लंड हिला रहा था।

मैं आनन्द के बाजू में बैठ कर देखने लगी..

पाँच मिनट में सलीम के लंड से पानी निकलने लगा..

वैसे ही सलीम ने मेरे पास आकर मेरे मुँह पर सब पानी गिरा दिया और शांत हो गया।

मैं वापिस बाथरूम जाकर साफ़ करके आई और आनन्द के पास बैठ गई।

आनन्द ने मुझे पास लेकर चुम्बन करने लगा।

फिर मैंने आनन्द की छाती चाटने लगी और फिर उसके निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगी। आनन्द की छाती पर बहुत बाल थे।

दस मिनट बाद आनन्द मुझसे बोला- अब अपने कमरे में चलते हैं डियर…

हम कमरे में जाने लगे.. तब सलीम भी हमारे पीछे आने लगा.. तो आनन्द बोला- सलीम.. अब तुम बाहर हॉल में रूको या सो जाओ.. मैंने तुम्हारी फैंटेसी पूरी कर दी है.. अब मुझे तेरी पत्नी को अकेले में चोदना है.. इसलिए हमको डिस्टर्ब मत करना।

सलीम बोला- लेकिन आनन्द भाई.. मैं सिर्फ़..

आनन्द बीच में बोला- कहा ना तुझे.. बाहर रुक अब… और हम दोनों कमरे मे आ गए और आनन्द ने कमरे का दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया।

मैं आनन्द से लिपट कर उसको प्यार करने लगी।

तब मुझे आनन्द बोला- डियर तुझे मेरा चोदने का तरीका पसंद आया ना.. सच बोल?

मैंने ‘हाँ’ कहा।

फिर आनन्द बोला- तुझे ये चुदाई सिर्फ़ आज की रात भी चाहिए या बाद में और भी चुदेगी।

मैं झट से बोली- मुझे तुम्हारी चुदाई हमेशा चाहिए.. अब मैं तुम्हारे लंड के बिना नहीं रह सकूँगी।

फिर आनन्द मुझसे बोला- देख.. मुझे नहीं लगता आज के बाद तेरा गान्डू शौहर तुझे मेरे पास लेकर आएगा.. अगर तुझे मेरा लंड चाहिए तो तू मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दे और मेरा नंबर भी ले ले।

मैं अब सोच में पड़ गई.. सलीम ने मुझे पहले ही कहा था कि आनन्द को अपना नंबर नहीं देना।

फिर मैंने सोचा कि सलीम अगर अपनी खुशी के लिए मुझे आनन्द से चुदा रहा है तो मैं क्यों ना अपनी खुशी से आनन्द से चुदवाऊँ… और फिर मैंने मोबाइल नंबर आनन्द को दे दिया जो उसने अपने मोबाइल में सेव कर लिया और अपना नंबर भी लिख कर मेरे पर्स में डाल दिया।

मैंने आनन्द से कहा- सलीम को पता नहीं चलना चाहिए कि हमने नंबर एक्सचेंज किए हैं।

फिर रात में दो बार हमने पलंगतोड़ चुदाई की.. हम ऐसे चुदाई करते रहे जैसे हम मियाँ-बीवी हों और हमारी सुहागरात चल रही हो।

हमको सोते-सोते रात के 4 बज गए… और हम सुबह 9 बजे उठे।

मैं नहा कर तैयार हो गई। मुझे सलीम कुछ खुश नहीं लग रहा था क्योंकि रात भर हम दोनों ही सिर्फ़ कमरे में थे इसलिए शायद… उसने मुझसे ज़्यादा बात नहीं की… हम दोनों तैयार होकर जाने लगे.. तब देखा कि मेरे कपड़े फटे हुए हैं।

आनन्द ने बोला- मेरी बीवी की पुरानी साड़ी वगैरह हैं.. तुम वो पहन लो।

मैंने वही किया और फिर उसने मुझे पास लेकर अपनी बाँहों में भर कर मेरी गान्ड को सहलाते हुए एक लंबा चुम्बन लिया। फिर हम वहाँ से निकले।

जैसे ही घर आए.. सलीम मुझ पर चिल्लाने लगा कि तू अकेले क्यों सोई उसके साथ?

मैं बोली- तुमको मना करना चाहिए ना.. मेरी क्या ग़लती है.. उसके पास मुझे तुम ही लेकर गए थे ना..

फिर वो चुप हो गया और मुझसे पूछा- अपना मोबाइल नंबर तो नहीं दिया ना तूने?

मैंने ‘ना’ बोली।

पता नहीं फिर भी उसके दिमाग़ में कुछ शक़ था।

उसने मेरा मोबाइल लिया और उसमें से सिम निकाल कर मेरे सामने तोड़ दी और कचरे के डिब्बे में फेंक दी।

मैं चुप रही… 3-4 दिन निकल गए।

वहाँ आनन्द मुझे रोज मोबाइल लगता रहा होगा.. लेकिन सिम तोड़ने की वजह से संपर्क नहीं हो रहा था।

मेरे पास आनन्द का नंबर था.. जो उसने लिख कर मेरे पर्स में रखा था।

चार दिन बाद मैं नीचे जाकर पीसीओ से आनन्द को कॉल किया और सब बताया।

आनन्द बोला- मैं कल 11 बजे तेरे शौहर के जाने के बाद आता हूँ।

अगले दिन आनन्द 11 बजे घर आया।

उसने मुझे एक मोबाइल दिया और कहा- इस मोबाइल को छुपा कर रखना, तेरा शौहर बाहर जाएगा.. तब ऑन करना… हम दोनों इससे बात करते रहेंगे।

मैं खुश हो गई।

पूरे दिन में हमने तीन बार चुदाई की, अब मुझे रोज आनन्द के लंड का चस्का लग चुका था।

मुझे सलीम का लंड ज़रा भी पसंद नहीं आ रहा था।

आनन्द हफ्ते में 5 दिन रोज मेरे घर आकर मेरी चुदाई करता था।

यहाँ मेरे शौहर के दिमाग़ से अब threesome का भूत भी उतर चुका था.. लेकिन उसको पता नहीं था.. कि आनन्द से उसकी पत्नी चुदवा रही है।

अब 7 महीने हो गए उस बात को।

एक दिन मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मुझे बहुत खुशी हुई.. सलीम भी खुश हुआ… आनन्द भी सुन कर खुश हुआ।

अब मैं और आनन्द सोच रहे थे कि किसका बच्चा है.. आनन्द या सलीम का?

मैंने आनन्द से कहा- जिसका भी हो.. मैं खुश हूँ.. मैं यही समझूँगी कि ये तुम्हारे पानी से हुआ है।

आनन्द भी खुश हुआ… डॉक्टर ने मुझे इस अवस्था में चुदाई करने से मना किया।

आनन्द भी बोला- अब चुदाई नहीं करते हैं।

फिर आनन्द मुझे दिन भर प्यार करता रहता था।

मैं अब उसकी चुदाई के साथ साथ उसके प्यार से पागल हो रही थी। मेरा आनन्द मुझे इतना प्यार करता था। एक दिन आनन्द ने मुझे बताया कि वो अमेरिका जा रहा है…

मेरा छठा महीना चल रहा था.. मेरा पेट भी बाहर निकला हुआ था। दिन भर हमने बातें की.. सेक्स तो कर नहीं सकते थे पर मैं उसके लंड के लिए बेचैन थी तो मैंने आनन्द का लंड मुँह में लेकर चूसना चालू किया.. वो मेरे मम्मों और गान्ड.. मेरे अंग-अंग को मसल रहा था।

करीब 30 मिनट तक मैंने लंड चूसा और उसने पूरा पानी मेरे मुँह में गिराया।

फिर शाम को चला गया.. जाते वक़्त बोला- अमेरिका से आने के बाद मेरे बच्चे की शक्ल देखूँगा।

वो चला गया… 9 महीने 18 दिन के बाद मैंने एक खूबसूरत से लड़के को जन्म दिया.. सलीम बहुत खुश था।

मैंने ध्यान से देखा तो मुझे उस लड़के में आनन्द की झलक दिखाई दे रही थी।

यह बात सलीम को नहीं पता चली क्योंकि सलीम को ज़रा भी शक़ नहीं था कि उस दिन के बाद मैं कभी आनन्द से मिली हूँ।

अब हम सब खुशी से रहते हैं।

एक दिन मेरे सामने आनन्द का सलीम के मोबाइल पर कॉल आया.. तब सलीम ने बड़ी खुशी से आनन्द से कहा- मैं बाप बन गया हूँ।

मैं मन ही मन मुस्कुराई.. मुझे पता था कि ये लड़का आनन्द से हुआ है।

आनन्द का दो दिन बाद मुझे कॉल आया तब मैंने आनन्द से कहा- बेबी तुम्हारे जैसा ही दिखता है।

आनन्द बहुत खुश हो गया और बोला- इंडिया आऊँगा तब ज़रूर अपने बेटे से मिलूँगा।

यह मेरी एक सच्ची कहानी है.. मैं अब मेरे बच्चे और शौहर के साथ खुश हूँ।

मेरी इस सच्ची घटना पर आप सभी के सभ्य भाषा में विचारों का स्वागत है। [email protected] yahoo.com या [email protected] gmail.com