भाभी की वो बड़ी सी चूत

Bhabhi Ki Vo Badi Si Choot मेरा नाम साजन कुमार है, मैं लखनऊ में रहता हूँ।

मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ। आप सब की कहानियाँ पढ़ने के बाद मेरा मन किया कि मैं भी अपनी सच्ची कहानी लिखूँ।

दोस्तो, मेरे बगल में एक परिवार रहता है, जिसमें 5 सदस्य हैं, अंकल-आंटी, उनका बेटा-बहू और एक पोता है।

अंकल और उनका बेटा डॉक्टर हैं, आंटी टीचर हैं.. उनका पोता 5 साल का होगा लेकिन बहू कविता (काल्पनिक नाम) एक गृहणी है।

कविता भाभी एक गोरी और कामुक औरत है।

भाभी देखने में तो बहुत सीधी लगती है, लेकिन है बहुत ही चालू..

मेरे ख्याल से भाभी की चूचियाँ 36 इंच.. कमर 34 और गांड 38 इंच की तो जरूर ही होगी।

दोस्तो, मैं 26 वर्ष का हूँ, अभी मेरी शादी नहीं हुई है लेकिन मैं आप सबकी कृपा से खेला-खाया लड़का हूँ।

आज मैं आपको बताऊँगा कि एक औरत को समझ पाना साधारण आदमी के बस की बात नहीं है।

कविता भाभी की शादी के बाद से ही मैं उनको बहुत लाइन मारता था.. लेकिन भाभी मुझे घास नहीं डालती थी।

शादी के बाद से ही मैंने देखा कि भाभी अक्सर मोबाइल पर किसी लड़के से बातें करती रहती थीं।

मैं भाभी के मोबाइल पर बात करने के अंदाज़ से समझ गया था कि हो ना हो भाभी का किसी ना किसी से शादी के पहले का चक्कर रह चुका है। इसलिए मैंने भी सोच लिया था कि मैं भाभी को चोद कर ही रहूँगा।

भाभी सुबह 9 बजे से एक बजे तक एकदम अकेली रहती हैं। मैं अक्सर देखता कि सबके चले जाने के बाद भाभी मोबाइल पर लग जाती थी और घंटों बात करती रहती थी।

मैंने जुगाड़ से भाभी का मोबाइल नंबर लिया और मैं भी उससे बात करने लगा।

बातों-बातों में पता चला कि उनके पति का किसी और लड़की से चक्कर है। भाभी ने बताया कि उसके पति उसका ख्याल नहीं रखते हैं।

मैंने उनकी तारीफ करते हुए कहा- इतनी सुंदर पत्नी के होते हुए कोई कैसे दूसरी लड़की के पास जा सकता है?

मैं औरत की एक खास कमजोरी जानता हूँ अगर उसकी तारीफ की जाए तो उससे कुछ भी किया जा सकता है।

क्या आप सब मेरा यकीन करेंगे.. मुझे भाभी को पटाने में दो साल लग गए।

मेरे घर की छत उनकी छत से मिली हुई है, भाभी जब भी कपड़े डालने जाती तो मैं भी अपनी छत पे चला जाता और भाभी की तारीफ करता।

‘आज तो आप बिलकुल अप्सरा लग रही हैं… आज आपने काजल लगा कर मेरे दिल पे बिजली गिरा दी है..’

इस सब से थक-हार कर एक दिन भाभी ने मुझसे पूछ ही लिया।

‘साजन तुम मुझसे चाहते क्या हो? क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?’

मैंने कहा- भाभी मैं आपको प्यार करने लगा हूँ।

भाभी ने कहा- मैं शादीशुदा हूँ।

मैंने कहा- मैं कुछ नहीं जानता.. मैं सिर्फ आपसे प्यार करता हूँ।

उस दिन से मैंने महसूस किया कि भाभी मुझमें कुछ दिलचस्पी लेने लगी हैं।

एक दिन भाभी नहा कर कपड़े फ़ैलाने के लिए जैसे ही छत पर आई.. मैं रेलिंग फांद कर उनकी छत पर उनके पास पहुँच गया।

भाभी के ब्लाउज से उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ बाहर निकलने को बेताब थीं।

मेरे उनके पास पहुँचते ही उनकी चूचियाँ ऊपर-नीचे होने लगीं।

मैंने सोच लिया कि आज मौका नहीं चूकूँगा।

मैंने कुछ किया भी नहीं था फिर भी वो बोली- कोई देख लेगा..

मैं समझ गया कि आज मुझे भाभी को चोदने से कोई नहीं रोक सकता.. क्योंकि वो खुद बोली थी- कोई देख लेगा..

मेरा 6 इंच का लंड ख़ुशी के मारे कड़क होने लगा।

यह भाभी ने भी देखा और वो वापस नीचे जाने लगी।

मैं भी उसके पीछे-पीछे दौड़ा और जीने में ही उसको पकड़ लिया।

पीछे से पकड़ने के चक्कर में मेरे हाथ सीधे उसकी चूचियों पर पहुँच गए।

वो वहीं रुक गई.. घर में कोई नहीं था तो मैं भी डरा नहीं और दोनों हाथों से ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूचियाँ दबाने लगा।

मैं जानबूझ कर अपनी सांसें उसकी गर्दन पर तेजी से छोड़ने लगा।

भाभी की सिसकारियाँ निकलने लगीं तो मुझे और भी रोमांच आने लगा।

उन्हें और भी उत्तेजित करने के लिए मैं उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा।

मैंने उसके गाल और कान को भी अपने दांतों से काटा तो भाभी की सेक्सी सिसकारियाँ निकलने लगीं।

इसके साथ ही मैंने भाभी का ब्लाउज नीचे से पकड़ कर ब्रा सहित ऊपर कर दिया.. उसने कोई विरोध नहीं किया।

अब मेरे हाथों में भाभी की चूचियाँ थीं.. जिनके लिए मैं बरसों से तरस रहा था। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि आज मेरी बरसों पुरानी तमन्ना पूरी हो रही थी।

उसकी गांड की दरार में मेरा खड़ा लंड समा जाने के लिए फुफकार मार रहा था।

भाभी के रोयें खड़े हो रहे थे।

मैं सामने आकर चूचियों के निप्पल को एक-एक करके चूसने लगा.. तो फिर से भाभी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

अब मैंने चूची को छोड़ कर भाभी के सर को पकड़ कर.. उनके होंठों को चाटना शुरू कर दिया।

भाभी भी मेरा साथ देने लगी और उत्तेजना के मारे जोर-जोर से सिसकारी भरने लगी।

भाभी की सांसें तेजी से चल रही थीं.. हर साँस के साथ चूची भी आगे-पीछे होने लगी थी। कई बार मुझे ऐसा लगा कि भाभी बिलकुल मदहोश होकर अपने शरीर को ढीला छोड़ दे रही थीं। मैंने बार-बार उनको अपनी बाँहों का सहारा दिया।

शायद यह उनकी उत्तेजना के कारण हो रहा था।

भाभी अब काफी उत्तेजित हो गई थीं। मेरा लंड लोहे के जैसा सख्त हो चुका था।

भाभी ने कहा- अब देर न करो साजन.. मुझे चोद दो.. मेरे पति किसी और के चक्कर में पड़ कर मुझे दो माह से चोदना भूल गए हैं। मैं बहुत ही प्यासी हूँ.. आज मेरी प्यास बुझा दो मेरे साजन।

मैं उनके मुँह से ‘चोदो’ शब्द सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और उनको गोद में उठा कर उनके शयनकक्ष में ले जा के पलंग पर पटक कर उनके कपड़े उतारने लगा।

कपड़े उतारते समय मैंने देखा कि उनका गुलाबी पेटीकोट चूत के पास काफी भीगा हुआ था।

भाभी ने मेरे कपड़े निकाल कर फेंक दिए।

भाभी अब पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी.. मैं भी पूरा नंगा था। मैंने भाभी की चूत देखी.. उनकी फूली हुई चूत देख कर मैं तो हैरान हो गया।

क्योंकि उनकी चूत काफी बड़े आकार की थी। मैंने कई लड़कियों और औरतों की चुदाई की है लेकिन इतनी बड़ी चूत मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार देखी थी।

उनकी किंग साइज़ चूत पर एक भी बाल नहीं थे.. जैसे लगता था कि आज ही बाल साफ किए हों। मदमस्त चूत पूरी तरह से गीली और रसीली हो चुकी थी।

मैं समझ गया कि आज भाभी पूरी तरह से चुदवाने के लिये मूड बना चुकी थी। उनकी चूत देख कर मेरी जीभ चूत चाटने के लिए लपलपाने लगी।

लेकिन भाभी ने मुझे चूत चाटने नहीं दी.. उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया। मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और होंठ से होंठ मिला दिए.. मेरे दोनों हाथ उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों को कस कर मसल रहे थे।

मेरा लंड भाभी की चूत के मुँह पर था.. चूत से तेजी से चूत-रस बह रहा था।

तभी भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गांड तेजी से उठा दी।

उनके ऐसा करने से मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया तो मुझे भी ताव आ गया।

अब मैंने भाभी की चूत ‘गपागप’ मारनी शुरू कर दी।

करीब 20-30 झटकों के बाद ही भाभी ने अपनी गांड तेजी से उठानी शुरू कर दी।

अब भाभी की गांड का झटका नीचे से आता और मेरे लंड का झटका ऊपर से लगता तो ऐसा लगता कि मानो मैं तो स्वर्ग में पहुँच गया हूँ।

हम दोनों लगभग साथ में ही झड़ गए।

भाभी ने मुझे तेजी से जकड़ लिया और मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिया।

मैंने लंड निकाल कर भाभी की चूत फिर से देखी.. चूत वास्तव में बहुत ही बड़ी थी। उसके होंठ भी काफी बड़े थे।

चूत से वीर्य निकल कर बाहर आ रहा था।

मेरा मन तो कर रहा था कि चूत को चाट लूँ लेकिन वीर्य के कारण घिन आ रही थी।

अब भाभी मुस्कुरा रही थी.. उसने कहा- आखिर चोद ही दिया ना अपनी भाभी को? उसने मेरे सर को अपनी चूचियों में दबा लिया और मेरे बालों को सहलाने लगी।

मैंने भाभी से पूछा- आपकी चूत इतनी बड़ी कैसे है?

भाभी ने कहा- तुम खुद समझ लो कैसे बताऊँ तुम्हें?

तभी मम्मी का फ़ोन आ गया.. तो मैं अपने घर चला आया।

इसके बाद मैंने लगभग एक साल तक लगातार भाभी की चुदाई की लेकिन अब पता नहीं भाभी क्यों मुझसे न तो बात करती हैं और न मेरा फ़ोन रिसीव करती हैं.. चूत चुदाना तो दूर की बात है।

लेकिन आज भी मुझे भाभी की वो बड़ी सी चूत अक्सर याद आ ही जाती है

भाभी की एक विशेषता है कि वो सबके सामने रहने पर कभी नजर नहीं मिलाती हैं।

आगे किस तरह से भाभी की चुदाई हुई मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊँगा।

मुझे मेल जरूर ही कीजिएगा।