कमसिन उम्र में चूत चुदाई

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Kamsin Umar me Choot Chudai

हैलो दोस्तो, मेरा नाम आरव है.. मैं आगरा (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूँ।

मेरी उम्र 23 साल है.. कद 5 फीट 9 इंच.. रंग गोरा.. दिखने में स्मार्ट और आकर्षक हूँ। जिम जाने की वजह से मेरा जिस्म भी एकदम गठीला है। मेरे डोले 16 इंच.. मर्दाना छाती 42 इंच और लौंडियों के मतलब का लंड.. पूरा 6 इंच लम्बा और मस्त मोटा है।

अब आप मेरी शख्शियत का अंदाजा खुद ही लगा सकते हैं।

मैं अन्तर्वासना का 2007 से नियमित पाठक हूँ या ये कह सकते हैं कि मुझे अन्तर्वासना की लत लगी हुई है। मैंने अन्तर्वासना की 2007 से लेकर आज मेरी कहानी प्रकाशित होने तक एक भी कहानी नहीं छोड़ी है।

पहले तो मैं ऐसी साईट को जनलोकप्रिय बनाने के लिए इसके पाठकों का कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूँ।

अब आप लोगों को ज्यादा न पकाते हुए मैं मुख्य कहानी पर आता हूँ। यह मेरे पहली चुदाई और अन्तर्वासना पर पहली कहानी है।

जब मेरी उम्र 19 साल थी.. मेरी गर्लफ्रेंड जिसका नाम देविका (नाम बदला हुआ है जिससे कि उसकी बदनामी न हो) जिसकी उम्र 18 साल थी। उसकी फिगर क्या बताऊँ.. यारों उसका गोरा रंग और 32-26-34 का जिस्म.. जब वो चलती है तो हय.. दिल पर छुरियाँ चल जाती हैं और लौड़े पर तो मानो क़यामत आ जाती है। उसके उठे हुए मम्मे मानो ताजे पके आम.. लहराते बाल.. कटीली निगाहें.. मस्त उभरे हुए चूतड़ों से तो कलेजा हलक में आने को हो जाता है।

बाकी फालतू बातें तो आप और कहानियों में पढ़ ही लेते हैं। वो एक जूनियर स्कूल में पढ़ाती थी। उस स्कूल के 26 जनवरी के प्रोग्राम में मेरी और उसकी मुलाकात हुई थी। उस स्कूल में मेरी एक फ्रेंड जिसका नाम अंशिका है.. वो भी पढ़ाती थी।

उसकी वजह से ही हम दोनों की मुलाकात हुई।

जब भी में अपनी फ्रेंड अंशिका के घर जाता तो वो भी मुझे वहीं मिलती थी।

मेरी फ्रेंड के घर पर ही.. धीरे-धीरे हम दोनों की बातों का सिलसिला शुरू हो गया। फिर हम दोनों ने अपने-अपने मोबाइल नंबर भी एक-दूसरे से ले लिए थे।

पहले तो हम दोनों की नार्मल बातें होती थीं.. पर धीरे-धीरे ये नार्मल बातें सेक्स की तरफ बढ़ने लगीं।

देर रात तक हम दोनों मैसेज से अश्लील बातें.. ‘जैसे तुम्हारे दूध पीने का मन हो रहा है.. चूत में लंड डालना है..’

हम दोनों ही एक-दूसरे में समाने को बेताब हो रहे थे और मेरे और उसके दिन अपना हाथ जगन्नाथ करते-करते कट रहे थे। चुदाई की बातें करते-करते हम दोनों कब झड़ जाते.. पता ही नहीं चलता था।

करीब चार महीनों तक ऐसे ही चलता रहा। हम दोनों को मिलने की कहीं कोई जगह नहीं मिल रही थी.. या ये कह सकते हैं कि छोटी उम्र होने के कारण हम दोनों की कहीं बाहर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

पर कहते है न कि जहाँ चाहत है.. वहाँ कोई न कोई रास्ता निकल ही आता है।

एक दिन मेरे घर कोई नहीं था.. मैंने उसे अपने घर बुलाने का प्रोग्राम बनाया और उसे घर में किसी के न होने के बारे में बताया।

वो मेरे घर आने के लिए तैयार हो गई। जितनी जल्दी मुझे उसे चोदने की थी.. उतनी ही जल्दी उसे भी चुदवाने की भी थी। हम दोनों ही एक दूसरे में समाने को बेताब थे, मेरे घरवालों के जाने बाद मैंने उसे बुलाया।

वो गुलाबी रंग का सूट पहन कर आई थी। क्या माल लग रही थी वो…

पहले मैंने उसे अपना पूरा घर दिखाया.. फिर हम दोनों ने कोल्ड ड्रिंक पी। उसके बाद मैं उसे अपने कमरे में ले आया।

वहाँ हम दोनों 15 मिनट तक एक-दूसरे से चिपके रहे.. उससे चिपके हुए ही मैंने उसे चुम्बन करना शुरू कर दिया। मैं उसे उसके होंठों पर चुम्बन कर रहा था। वो भी चुम्बन करने में मेरा पूरा-पूरा साथ दे रही थी।

फिर मैंने उसकी गर्दन पर चुम्बन करना शुरू किया.. वो बहुत गर्म हो रही थी।

उसको चूमने के साथ-साथ मैं उसके दूध भी दबा रहा था। अब मैंने उसकी चुनरी हटाई.. फिर उसकी कुर्ती उतार कर वहीं फर्श पर ही डाल दी।

सफ़ेद ब्रा में कैद उसके चूचे क्या मस्त उठे और तने हुए लग रहे थे। उसके चूचों के गोरे रंग के सामने ब्रा का सफ़ेद रंग भी फीका लग रहा था।

मैं पागलों की तरह उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने और चूसने-चाटने लगा। फिर मैंने उसकी ब्रा को भी अलग कर दिया।

अब मेरे लिए संयम करना बहुत मुश्किल हो रहा था।

ये सब करते करते मेरा लंड उत्तेजना की वजह से फटा जा रहा था। मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल दिए.. फिर उसके भी सारे कपड़े निकाल दिए।

अब हम दोनों ही नंगे थे.. वो बहुत शर्मा रही थी। उसने एक हाथ से अपने चूचे और एक हाथ से अपनी चूत छुपा रखी थी।

मैं उसे प्यार से अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर ले आया।

अब मैं उसे पागलों की तरह चूम रहा था। फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसे दबाने के लिए कहा।

वो भी पागलों की तरह मेरे लंड को दबाने और खींचने लगी और मैं उसके चूचे दबा और चूस रहा था।

उसके बाद वो बहुत ही उत्तेजक आवाजें निकाल रही थी। मैंने उसे लण्ड चूसने के लिए कहा.. पर उसने मना कर दिया।

ये सब मैंने ब्लू-फिल्म में देखा था और मैं उसके साथ भी वही सब करना चाहता था।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

वो ‘आह.. आह.. आह..’ की आवाजें निकाल रही थी। फिर वो मुझसे लंड अन्दर डालने के लिए कहने लगी.. पर साथ में वो थोड़ा डर भी रही थी।

मैंने उसे समझाया.. पर मैं भी ज्यादा कुछ नहीं जानता था.. सिर्फ ब्लू-फिल्म देखने के कारण और दोस्तों से मुझे इन सबके बारे में कुछ-कुछ पता था।

गर्म तो वो भी बहुत हो चुकी थी.. फिर उसने कहा- तुम करो.. जो होगा मैं देख लूंगी।

मैंने पहले उसकी चूत में थूक लगाकर एक ऊँगली डाली.. उसकी चूत बहुत कसी हुई थी.. वो दर्द और मस्ती की मिश्रित आहों से कराहने लगी।

मैं साथ में उसके चूचे भी दबा रहा था। वो ‘आह.. आह.. आह.. ऊह.. आह..’ जैसी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी। इसके साथ ही वो लंड डालने के लिए भी कहने लगी।

फिर मैंने भी देर न करते हुए अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया.. जो मैंने उसे चोदने के लिए पहले से ही लाकर रखा हुआ था.. पर अचानक ही उसने मुझे अपने नीचे कर लिया और मेरे बदन पर पागलों की तरह चुम्बन करने लगी और कहीं-कहीं तो वो मुझे काटने भी लगी थी।

वो बहुत ही ज्यादा चुदासी और उत्तेजित हो रही थी। फिर मैंने उसे अपने नीचे लिटाया और अपना लंड उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा।

उसकी चूत बहुत कसी हुई थी.. मतलब कि वो अनचुदी हुई थी।

मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को पकड़ कर थोड़ा दबाया तो लंड ‘पक्क..’ की आवाज के साथ सुपारा थोड़ा अन्दर घुस गया।

‘आह.. मर गई.. प्लीज मुझे छोड़ो.. बहुत दर्द हो रहा है..’

यह कहते हुए वो दर्द से छटपटाने लगी। मैंने उसे कस कर जकड़ लिया और साथ में उसके होंठों को चुम्बन भी करने लगा। मैं उसके चूचों को भी दबाने लगा.. जब वो थोड़ी देर में कुछ सामान्य हुई.. तो मैंने नीचे से अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू किया।

फिर जब उसे थोड़ा मजा आने लगा.. तो मैंने एक हल्का सा धक्का और मारा इस बार मेरा 3 इंच से ज्यादा लंड अन्दर घुस गया।

वो दर्द से बुरी तरह छटपटाने लगी.. पर मेरे होंठों से उसके होंठ बंद होने की वजह से उसकी आवाज नहीं निकल पाई।

साथ ही मैंने उसे पूरी तरह से अपने नीचे जकड़ा हुआ था.. जिससे वो हिल भी नहीं पा रही थी।

उसकी चूत से खून निकलने लगा था.. उसकी झिल्ली फट चुकी थी। मैं उसे इसी तरह चुम्बन करता रहा और उसके चूचे भी दबाता रहा। फिर मैं उसके निप्पलों को अपनी उँगलियों से रगड़ने लगा।

अब उसका दर्द काफी कम हो चुका था। फिर थोड़ी देर बाद उसे अच्छा लगने लगा.. तो उसने मुझे उसने और आगे चुदाई करने का इशारा किया।

मैंने उसे थोड़ा ढीला छोड़ा और अपने लंड को आगे-पीछे करने लगा। फिर मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को पूरा अन्दर तक घुस दिया।

अब मेरा 6 इंच का लवड़ा पूरा का पूरा उसकी चूत के अन्दर था।

अब वो ‘आह.. आह.. उह.. आह.. आह मर गई.. आह..’ की आवाजें निकालने लगी।

मैं अपने पूरे वेग से उसे चोदने लगा। मुझे बड़ा मजा आ रहा था.. कुछ ही देर में वो भी अपनी चूत उठा-उठा कर चुदाई करने में मेरा साथ देने लगी थी।

थोड़ी में ही हम दोनों साथ-साथ झड़े.. फिर मैं उसके ऊपर ही चिपक कर लेटा रहा और हम दोनों की साँसें हमारे काबू में नहीं थीं.. हम बुरी तरह हाँफ रहे थे।

थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से उठा.. पर उससे उठा नहीं जा रहा था। मैंने उसे उठाया और अपने साथ ही बाथरूम लेकर गया।

वहाँ उसने अपनी चूत और मैंने अपना लंड साफ़ किया.. पर अब भी उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। मैं उसे बिस्तर तक ले कर आया.. वहाँ उसने चादर पर खून देखा.. तो वो थोड़ा घबरा गई। फिर मैंने उसे समझाया.. और उसने वो चादर साफ़ की।

उसके बाद हमने खाना खाया। फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद हमने दुबारा चुदाई शुरू की.. इस बार मेरा लंड आधा घंटे तक नहीं झड़ा.. पर वो तीन बार झड़ गई थी।

फिर उसके बाद हम दोनों फ्रेश हुए.. अपने कपड़े पहने और उसने कमरा और बिस्तर ठीक किया और मुझे चुम्बन करके बोली- आज मुझे बहुत मजा आया और आगे जब भी मौका मिलेगा हम चुदाई जरूर करेंगे।

फिर वो अपने घर चली गई। उसके जब भी हमें मौका मिलता.. हम चुदाई का ये खेल जरूर खेलते हैं.. कभी मेरे घर.. कभी उसके घर.. कभी मेरे दोस्तों के घर या कभी उसकी सहेलियों के घर.. और फिर एक बार तो मैंने उसकी गाण्ड भी मारी।

कैसे हुआ ये सब.. यह मैं अगली कहानी में आपकी प्रतिक्रिया मिलने के बाद लिखूँगा।

वैसे अब उसकी शादी हो चुकी है। उसके बाद तो मैंने कई लड़कियों.. भाभियों आंटियों की चुदाई भी की.. कई तो पैसे लेकर भी चुदाई की।

यह मेरी अन्तर्वासना पर पहली कहानी है.. अगर लिखने में कोई गलती हुई.. तो प्लीज उन्हें आप अपनी समझ के अनुसार सही कर लीजिएगा और मुझे अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव जरूर दीजिएगा जिससे कि मैं आगे भी आपको अपनी और चुदाई के किस्से बता सकूँ।

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