चूत और गांड की सीलें टूट गईं-1

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हैलो मेरा नाम कनु है, मैं पेशे से डॉक्टर हूँ, मैं त्वचा-विकार, चर्म-रोग, कॉस्मेटिक सर्जरी और गुप्त रोगों से सम्बंधित बीमारियों का इलाज करता हूँ.. इस कारण मेरे पास ज्यादातर सुंदर लड़कियां ही आती हैं।

मेरे उम्र 29 साल है.. मैंने आज तक बहुत सेक्स किया और हर प्रकार का किया है.. जैसे थ्री-सम.. फ़ोरसम.. ग्रुप-सेक्स.. आदि लेकिन मैं सुरक्षा का बहुत ध्यान रखता हूँ क्योकि आजकल सेक्स से होने वाली बीमारी बहुत ज्यादा हो गई हैं.. इसलिए अपनी सुरक्षा में ही आपकी भलाई है।

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.. मेरे एक मिलने वाले हैं, उनकी उम्र मुझसे काफी ज्यादा है, वो मेरे नजदीक ही रहते हैं। उनकी एक लड़की शीतल है.. जिसने अभी साइंस से 12वीं क्लास पास की है। उसकी उम्र लगभग 18 साल होगी.. वो दिखने में बहुत ही सुंदर है.. करीब 47 किलो वजन.. गोरा रंग.. आकर्षक छवि.. 5’2″ लम्बाई है.. उसकी फिगर 32-26-34 का है।

वैसे तो हम रोज साथ मिलते रहते थे.. लेकिन मेरा उसके बारे में ऐसा कोई विचार नहीं था।

एक बार फरवरी में उसकी योनि में फंगल इन्फेक्शन हो गया.. जिससे वहाँ पर खुजली होने लगी.. सफ़ेद पानी आने लगा और कुछ दाने भी निकल आए थे। उसकी मम्मी मुझे दिखाने के लिए उसको लाईं।

मैंने उसकी सलवार निकलवाई और चैक करके उसको दवाई दे दी। इस तरह से वो 3 बार मुझसे दवाई लेकर चली गई। अब तक मैं उस बारे में ऐसा-वैसा कुछ भी नहीं सोच रहा था।

कुछ दिनों बाद उसके एग्जाम खत्म हो गए थे.. तो उसने प्री-मेडिकल एंट्रेंस का फॉर्म भर रखा था.. उसका सेंटर दिल्ली कैंट मिला था। किस्मत ऐसी थी कि जिस दिन उसका एग्जाम था.. उसके पिता जी की चंडीगढ़ में कोई मीटिंग थी.. इसलिए वो उसके साथ नहीं जा सकते थे।

उन्होंने मुझसे रिक्वेस्ट की कि आप शीतल के साथ एग्जाम के लिए चले जाओ.. एक दिन की ही बात है। तो मैंने भी ‘हाँ’ कर दी.. मैं और शीतल शाम को अम्बाला से गुड़गाँव वाली बस में बैठ गए। करीब रात 9 बजे बस ने हमें धौलाकुंआ उतार दिया, हमारा सारा सफ़र लैपटॉप के सहारे कट गया।

वहाँ जाकर हम दोनों कैंट में एक होटल में कमरा लेकर रुक गए। मैंने अपने लैपटॉप को ऑन किया और नीचे आर्डर देने के लिए चला गया। मैं वापिस आया तो शीतल लैपटॉप में इन्टरनेट पर कुछ देख रही थी।

मैंने तौलिया लिया और बाथरूम में चला गया.. वहाँ मुझे ब्लू-फिल्म जैसी सीत्कारों की थोड़ी आवाज़ सी सुनाई दी.. मैं समझ गया कि शीतल ब्लू-फिल्म देख रही है.. लेकिन मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था।

थोड़ी देर में मैं बाहर निकला तो शीतल ने लैपटॉप बंद कर दिया था। इतनी देर में वेटर एक बियर.. एक पैग व्हिस्की.. कोल्ड ड्रिंक और आइस लेकर आ गया। मैंने बियर मग में डाली और पीना चालू कर दिया.. शीतल बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चली गई।

थोड़ी देर में शीतल बाहर आई तो उसने एक लूज टी-शर्ट और एक निक्कर पहन रखा था। मैंने उसको कोल्ड ड्रिंक दिया.. हम दोनों का ड्रिंक खत्म हुआ तो मैंने खाना मंगवा लिया। हम दोनों ने खाना खाया.. फिर मैं बोला- चलो शीतल सो जाओ.. सुबह एग्जाम देना है।

हम दोनों बिस्तर पर लेट गए.. मुझे भी हल्का-हल्का नशा सा होने लगा था। थोड़ी देर में शीतल ने अपना टॉपिक चालू कर दिया- मेरी वेज़िना में खुजली क्यों होती है.. पानी क्यों निकलता है।

वो मेरे पास आ गई.. धीरे-धीरे टॉपिक सेक्स पर आ गया और बातों-बातों में हम दोनों एक-दूसरे से सट गए।

मैंने शीतल को चूमना चालू कर दिया.. उसके गर्दन पर चुम्बन करना चालू कर दिया.. एक हाथ से उसकी चूची को दबाना चालू कर दिया। फिर मैंने उसको उठा कर उसकी टी-शर्ट निकाल दी और उसके मिल्की मम्मों को अपने मुँह में ले लिया और दूसरे हाथ को उसकी पैन्टी में डाल दिया। उसकी चूत पर हल्के-हल्के से रेशमी बाल थे।

मैंने उसके दाने को अपनी ऊँगली से रगड़ना शुरू कर दिया.. जिससे वो बहुत ज्यादा गरम हो गई। फिर मैंने उसकी निक्कर और पैन्टी को निकाल कर साइड में रख दिया। अब मैंने अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए.. वो आंख बंद करके चित्त लेटी थी और ‘सी-सी’ की आवाज़ निकाल रही थी।

फिर उसने मेरी छाती को चूमना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम गरम थी और उससे पानी निकलने के कारण चूत चिकनी हो गई थी। मैंने उसकी चूत पर अपने होंठों को रख दिया और अपनी जीभ चूत के अन्दर घुसेड़ दी.. इससे उसकी सिसकारी और तेज हो गई।

अब उसने अपनी आँखें खोल दीं और नीचे मेरे लिंग की तरफ देखा और खड़ी हो गई.. बोली- ओह माय गॉड.. इतना बड़ा.. मुझे और कुछ नहीं करना.. मैं मर जाऊँगी। लेकिन मेरा सुरूर बन चुका था और ऊपर से शीतल एक कच्ची कली थी.. फिर कैसे छोड़ता उसे। मैंने 5 मिनट तक शीतल को समझाया.. तो वो मान गई.. लेकिन बोली- धीरे-धीरे करना।

मैं उठा और बाथरूम से तेल की शीशी उठा कर ले आया.. तेल निकाल कर मैंने शीतल की चूत में अन्दर तक ऊँगली डाल कर खूब अच्छे से लगा दिया। फिर अपने 7 इंच के कड़क औजार पर तेल लगाया।

मैंने शीतल की दोनों टाँगें चौड़ी करके उनके बीच में आ गया.. मैंने एक तौलिया शीतल के चूतड़ों के नीचे लगा दिया.. ताकि खून से बिस्तर गन्दा न हो सके।

फिर मैंने अपने लंड का सुपारा शीतल की चूत के सुराख पर लगा कर उसकी दोनों टाँगों को अपनी दोनों टाँगों के बीच फंसा लिया और उस पर चुदाई की मुद्रा में लेट गया। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया ताकि वो चिल्ला न पाए। अब सुपारा चूत में फंसा कर.. एक जोर का झटका लगा दिया.. जिससे शीतल चिल्ला उठी.. लेकिन उसके हिलने का कोई रास्ता नहीं था।

फिर मैंने एक धक्का और लगाया और अब पूरा लवड़ा शीतल की बुर के अन्दर था.. शीतल रोने लगी.. मैंने उसको समझाया-थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा। फिर धीरे-धीरे शीतल नार्मल हो गई और चुदाई के मज़े लेने लगी.. थोड़ी देर बाद दोनों का पानी छूट गया।

मैंने अपना लण्ड शीतल की चूत से बाहर निकाला.. तो शीतल खून से सना मेरा लौड़ा देख कर डर गई कि इतना खून कहाँ से आ गया। मैंने समझाया- रानी.. यह आपका ही है मेरा नहीं।

फिर शीतल ने नीचे देखा तो पूरा तौलिया लाल हो गया था.. उसी तौलिया से मैंने शीतल की चूत को साफ़ किया और दोनों ने बाथरूम में जा कर धुलाई की।

फिर दोनों नंगे हो कर बिस्तर पर लेट गए..थोड़ी देर में फिर काम शुरू हो गया। इस बार शीतल ने पूरा मज़ा लिया.. इस तरह हम दोनों सुबह के पांच बजे तक चुदाई करते रहे और फिर अचानक आँख लग गई और नंगे ही सो गए।

मैं सुबह उठा तो देखा कि साढ़े आठ हो गया था.. 9 बजे से शीतल का एग्जाम था.. मैंने जल्दी से शीतल को उठाया और दोनों बाथरूम में नहा कर.. बिना ब्रेकफास्ट के ही निकल गए।

सेंटर में पहुँच कर देखा तो साढ़े नौ हो गए थे.. शीतल को एंट्री से मना कर दिया गया.. फिर वहाँ पर मुझे अपना एक परिचित सीनियर डॉक्टर रवि गेरा दिखाई दिया। मैंने उससे बात की तो वो शीतल को पहले तो घूरने लगा उसने शीतल के मम्मों और उठी हुई गांड को ऐसे देखा कि अभी पटक कर चोदने के मूड में हो.. फिर वो शीतल को अन्दर ले गया और एग्जाम में बैठा दिया। मुझे रवि की आँखों में एक वासना भरी कामुक चमक दिख चुकी थी।

आगे क्या हुआ.. क्या रवि गेरा की वासना पूर्ण हो सकी? शीतल की सील दूसरी बार कैसे टूटी.. इसका क्या रहस्य था..? इस सब को जानने के लिए अन्तर्वासना पढ़ते रहिए.. अगले भाग में कहानी समाप्य है। मुझे अपने विचारों से अवगत कराने के लिए मुझे ईमेल अवश्य लिखें। [email protected]

कहानी का अगला भाग : चूत और गांड की सीलें टूट गईं-2

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