चूत चुदाई का मज़ा दिया कुंवारी चूत को

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हाय रीडर्स, और इसे पढ़ने वाली सभी लड़कियाँ, आंटियाँ, भाभियाँ सभी को प्यार भरा नमस्कार! मेरा नाम समीर है, उम्र 22 साल, मेरे लंड का साइज़ का तो सवाल ही नहीं उठता, जिन लड़कियों, आंटियों ,भाभियों को मैंने अभी तक चोदा है, वो ही समझ सकती हैं मेरे लंड की महिमा को !

मैं रायपुर में रहता हूँ, पहले मैं पुणे गया था पढाई के लिये, वहीं से मैंने चोदने का काम शुरू किया था पर पुणे में होते हुये भी रायपुर से बहुत कॉल आते थे मेरे लिये, इसलिये मैंने सोचा कि रायपुर में कस्टमर की कमी नहीं है तो क्यों ना रायपुर जाकर यह काम किया जाये, इसलिये मैं वापस आ गया, काम अच्छा चल रहा है, पूरे रायपुर से मुझे कॉल आते है और अक्सर बहुत रोचक और सेक्सी घटनायें मेरे साथ होती हैं जिन्हें मैं किसी को नहीं बता सकता पर इस अन्तर्वासना साइट के माध्यम से अब मैं आप को बता सकता हूँ, भला हो इस साइट का, मैं अपनी कहानियाँ अगर किसी को नहीं बता पाता तो मेरा पेट फट जाता।

चलो अब आगे की स्टोरी सुनो, एक बार मुझे किसी लड़की का कॉल आया, वो मेरी सर्विस लेना चाहती थी। मैंने उसकी उम्र पूछी तो मैं सुनकर हैरान रह गया, वो 18 साल की लड़की थी। मैंने उससे पूछा- इससे पहले क्या आपने सेक्स किया है? वो बोली- नहीं, इसलिये तो आपकी स्टोरी पढ़ कर आपसे कॉन्टेक्ट किया है मैंने! आप पैसे की चिंता नहीं करना, आप जितना भी लोगे मैं दे दूँगी, मैं अमीर परिवार से हूँ।

मैंने बोला- ठीक है! मुझे कब और कहाँ आना है? तो उसने मुझे आपना मोबाइल नम्बर दिया और उस मोहल्ले में आने को बोला जहाँ वो रहती थी।

मैं उसके मोहल्ले में पहुँच गया, दिन के 12 बज रहे थे और मैंने उसे मोबाइल लगाया तो उसने पूछा- आप अभी कहाँ हैं? मैंने बताया कि मैं यहाँ पर हूँ तो वो बोली- आप वहीं रूको, मैं आती हूँ।

करीब 15 मिनट इंतज़ार के बाद मेरा मोबाइल बज़ा। जैसे ही मैंने जेब से मोबाइल निकाल कर फोन उठाना चाहा, कॉल कट हो गया। मैंने नम्बर देखा तो उसका ही मिस कॉल था। तभी मेरे सामने एक बहुत ही खूबसूरत गोरी नाज़ुक जीन्स टी शर्ट पहने स्कूटी पर सवार एक 18 साल की लड़की रुकी, उसने मुझे बोला- तुम समीर हो?

मैंने कहाँ- हाँ ! उसने बोला- मैं ऋतु… बैठो स्कूटी पर !

मैं उसे हैरानी से देख रहा था… वो बहुत ही कमसिन और नाज़ुक परी की तरह थी, उसकी चूचियाँ करीब 28″ की होंगी, हाँ छोटी छोटी और चूतड़ 30″ मैं उसके साथ चल पड़ा, एक बहुत बड़े बंगले के अन्दर हम दाखिल हो गये, घर पर कोई नहीं था, उसने दरवाज़ा खोला और अन्दर आने को कहा, अन्दर आते ही दरवाजा बंद कर दिया।

घर बहुत ही आलिशान था, मैं समझ गया कि किसी अमीर की बेटी है, मैं सोफे पर बैठ गया, मैंने पूछा- किस क्लास में पढ़ती हैं आप? तो वो बोली- प्लीज आप मुझसे कुछ नहीं पूछना! वो किसी बहुत ही समझदार लड़की की तरह बात कर रही थी।

मैंने बोला- ठीक है !

अब वो मुझे बहुत ही कामुक निगाह से देखने लगी, वो मेरे सामने ही खड़ी थी, वो मुझे लगातार देखे जा रही थी और उसकी साँसें ज़ोर ज़ोर से चल रही थी, फिर धीरे धीरे वो मेरे पास आई और लम्बी साँस लेकर मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गई, उसने दोनों हाथ मेरी जांघों पर रख कर अपना सर मेरी गोद में रख दिया, मैंने प्यार से उसके सर पर हाथ रखा तो फिर उसने एक लम्बी साँस ली और अपना सर मेरी गोद में दबा दिया, उसकी आँखें बंद थी और ज़ोर ज़ोर से साँसें चल रही थी।

वो अपने होंठ मेरे लंड पर पैन्ट के ऊपर से ही लगाते हुये सर घुमा कर अपने गाल मेरे लंड से रगड़ने लगी, वो अपने दोनो हाथ मेरी कमर से लपेटे हुये थी। वो बहुत ही गर्म हो चुकी थी, लगातार अपने होंठ और गाल मेरे कमर के नीचे जांघों के पास और मेरे लंड पर रगड़ रही थी, मैं अपने हाथ उसके सर से होते हुये उसकी पीठ पर फेरता रहा।

करीब 10 मिनट तक वो ऐसे ही मुझे चूमती रही, फिर मैंने उसकी दोनों बाजू पकड़कर उसे उठाया, उसकी आँखें बंद थी और होंठ काँप रहे थे, मुझे उसकी हालत देख कर ऐसा लग रहा था मानो वो चूत से सेक्स के लिये तड़प रही थी, उसकी साँसें तेज़ चलने के कारण और बहुत अधिक उत्तेज़ित होने के कारण उसका शरीर ढीला पड़ गया था, वो काँप रही थी।

मैंने प्यार से उसे सोफे पर बैठा कर उसका सर अपनी बाहों में ला कर सीने से लगाया, उसके सर पर हाथ फेरते हुये उसके गाल सहलाते हुये मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिये। उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ को मैं चूसने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी और उसने एक हाथ मेरे सर के पीछे डाल कर अपनी तरफ खींच लिया।

करीब 10 मिनट तक हम किस करते रहे, अब वो भी मुझे चूमने लगी, उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिये और मेरे सीने को चूमने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों में उसका सर पकड़ा और अब मैंने उसे चूमना शुरू किया, उसके होठों से होते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ लगा दिये, उसके कान को अपने मुँह में भर लिया, वो मछली की तरह तड़फ़ उठी। फिर मैं गर्दन से होते हुये उसकी चूची पर अपने होंठ लगा दिये एक हाथ से मैं एक चूची मसलने लगा।

वो बहुत उतेज़ित हो गई, वो एकदम मुझसे अलग हुई और एक ही झटके में उसने अपना टीशर्ट निकाल फेंका, अब वो गुलाबी ब्रा में थी, उसने झटके से बिना हुक खोले खींच कर ब्रा भी निकाल दी। ब्रा निकलते ही ग़ज़ब के बूब्स उछल कर बाहर आ गये। गुलाबी निप्पल देख कर मैं भी हैरान हो गया।

वो बहुत जल्दी में थी। ब्रा उतरते ही वो कुछ रुकी और मुझे लाचार नज़रों से देखने लगी और एक हाथ से उसने अपना बूब्स पकड़ा और एक हाथ मेरी तरफ बढ़ा कर मेरे सर पर पीछे से पकड़ कर तेज़ी से अपनी तरफ़ खींचा और दूसरा हाथ जिससे वो अपना चूची पकड़े हुये थी, मेरे मुँह के पास लाकर एकदम से अपनी चूची का निप्पल जबरदस्ती मेरे मुँह में घुसेड़ दिया, निप्पल मेरे मुँह में घुसते ही उसने एक गहरी साँस ली और मेरा सर ज़ोर से अपने सीने पर दबा दिया।

मैं भी पागलों की तरह उसके निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था।

हम अभी भी सोफे पर बैठे थे, वो मेरी गोद में दोनों तरफ पैर डालकर बैठी थी, अब उसने अपने हाथ में दूसरा बूब लिया और मेरे मुँह में से पहली चूची निकाल कर दूसरी चूची घुसेड़ दी, मैं दूसरी चूची चूसने लगा।

उसे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने चूची चूसते हुये उसकी जीन्स के बटन खोल दिये, अब मैंने अपने दोनों हाथ उसकी गांड पर बांध कर उसे मजबूती से पकड़ कर निप्पल मुँह में लिये ही मैं खड़ा हो गया, उसे किसी बच्चे की तरह मैं गोद में लेकर खड़ा रहा और उसकी चूची चूस रहा था, ऐसे ही घूमा और सोफे की तरफ मुँह करके उसे सोफे पर सीधा लेटा दिया। पर मैं अभी भी अपने मुँह में उसका निप्पल लिये हुये था।

ऐसे ही चूची चूसते हुये मैंने उसकी जींस खींच कर उतार दी, अब वो मेरे सामने सिर्फ पैंन्टी में थी, मैंने उसकी चूची से अपना मुँह हटा कर उसके पेट से होते हुये उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिये।

चूत पर होंठ रखते ही उसने अपनी गांड बहुत ऊपर तक उठा दी, दोनों पैरों के सहारे वो अपनी गांड उपर उठाये हुये थी मानो कह रही हो- खा जाओ मेरी इस चूत को! मैं कुछ देर तक पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत चूमता रहा, जांघों को भी चूमता रहा, फिर मैंने उसकी पैन्टी खींच कर निकाल दी।

नंगी चूत देख कर मैं मस्त हो गया… क्या चूत थी यार… एक भी बाल नहीं था, फूली हुई बिल्कुल ब्रेड की तरह मलाई जैसी कुँवारी चूत मेरे सामने थी, मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो देखा वो झड़ चुकी थी।

फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर हाथ लगाया, हाथ लगाते ही उसने मेरे दोनों बाजू ज़ोर से पकड़ लिये, मैं फिर भी उसकी गांड के छेद से खेलता रहा तो उसने अपने नाखून मेरे बाजुओं में गड़ा दिये, जिनसे खून निकलने लगा।

मैं फिर भी नहीं रुका और उसकी गांड पर हाथ फेरता रहा तो अब उसने मेरे सर के बाल ज़ोर से पकड़ लिये, वो मछली की तरह मचल रही थी।

उसके मुँह से सी सी की बहुत तेज आवाज़ निकल रही थी और बार बार अपनी गांड ऊपर उठा रही थी मतलब जब मैं गांड के छेद पर अपनी अंगुलियाँ फेर रहा था तो उसे सहन तो नहीं हो रहा था मगर वो तकलीफ़ मीठी तकलीफ़ थी। उसे तकलीफ़ तो हो रही थी पर स्वर्ग का मज़ा भी आ रहा था।

अब उसने अपने दोनों हाथों से मेरी पैन्ट के बटन खोले और पैन्ट नीचे सरका दी। मैं उससे अलग हुआ और तेज़ी से अपनी पैन्ट और चड्डी निकाल कर अलग कर दी। पेन्टी निकालते ही मेरा 7” इंच लम्बा लंड बाहर लहराने लगा, मेरा लंड देख कर वो उठ कर सोफे पर घुटने मोड़ कर बैठ गई और लपक कर मेरा लण्ड अपने हाथ में ले लिया।

वो कुछ देर मेरे लंड को प्यार से दुलारती रही, फिर धीरे धीरे अपना मुँह मेरे लंड के पास लाई और अपने होंठ लंड पर फेरने लगी, फिर लपक कर पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया, वो पागलों की तरह मेरा लंड चूस रही थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

करीब 10 मिनट तक लंड चूसने के बाद उसने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और मेरा लंड हाथ में पकड़े हुये अपना हाथ नीचे ले गई और मेरा लंड अपनी चूत से रगड़ने लगी, वो बोली- इसे जल्दी से अन्दर डालो, इसके लिये मैं कितने दिनों से बेचैन हूँ, अब सहन नहीं होता, प्लीज जल्दी अन्दर डालो!

मैंने कहा- थोड़ा दर्द होगा, तुम सहन कर लेना! वो बोली- तुम मेरी चिन्ता मत करो, मेरी सेक्स की तड़प से ज्यादा कोई दर्द नहीं है मेरे लिये… प्लीज जल्दी डालो ना!

मैं कुछ मुस्कुराया, फिर मेरे लंड ने अपना रास्ता तलाशा और दरवाजे पर आकर एक ज़ोरदार धक्का दिया। वो चीख पड़ी, उसकी चीख पूरे हॉल में गूँज गई, मैं रुक गया, अभी मेरा सिर्फ 3” लंड ही अन्दर गया था, मुझे मालूम था कि मुझे कैसे आराम आराम से करना है। मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से खून निकल रहा था पर मैंने उसे नहीं बताया, मैंने प्यार से उसे किस किया और उसके सामान्य होने का ऐसे ही इंतज़ार करने लगा। उसके चेहरे पर कुछ शान्ति देख कर मैंने उसे चूमते हुये धीरे धीरे धक्के मारने लगा। अब मेरे बहादुर लंड ने चूत में और अंदर जाने का रास्ता बना लिया था, यह कुँवारी चूत पहले भी कई बार चख चुका है, मेरा लंड इसके लिये 18 साल की लड़की या 50 साल की कोई भी हो, मेरा लंड बखूबी अपना काम जानता है।

अब लगभग पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर घुस चुका था, मैं धक्के मार रहा था, अब उसे मज़ा आने लगा, वो भी नीचे से गांड ऊपर उछाल रही थी, वो पागल की तरह गांड को ऊपर उछाल कर गांड घुमा भी रही थी।

मैं समझ गया कि वो मेरे लंड का एहसास चूत की सभी दीवारों पर टच करके मज़े ले रही है। ऐसी भूखी शेरनी, वो भी ऐसी बहुत कम मिलती है मुझे भी पूरा आनन्द आ रहा था, मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा, वो भी आँखें बंद किये हुये मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी।

करीब 45 मिनट चुदाई करने के बाद वो बोली- मुझे ऊपर आना है। मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ कर सोफे पर पलटी मारी, अब वो मेरे ऊपर थी, कुछ देर वो रुकी और चूत के अन्दर मेरे लंड को अपनी गांड हिलाकर फ्री किया और वो शुरू हो गई।

अब वो पागलों की तरह आगे पीछे हो रही थी, उसके मुँह से सी सी सी की आवाज़ तेज होती गई और उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मुँह से अजीब अजीब आवाज़ें निकालने लगी- सी सी हुम्म आ आया ह हूंम्म सी सीईई ! और तेज़ी से आगे पीछे होते हुये शायद अब वो झड़ने वाली थी और ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे होते हुये आहह सी आह सी वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि मैं भी यहाँ देखने लगा। उसकी जोरदार चुदाई हुई और उसकी सारी भड़ास उसकी चीख से निकल गई, मतलब पूरे दिल से की चुदाई में कोई कसर बाकी नहीं रही। अब वो कुछ शान्त पड़ गई और उसके होंठों पर हल्की मुस्कान आ गई, वो ऐसे ही मेरा लंड उसकी चूत में डाले हुये मेरे सीने पर मादक अन्दाज से मुस्कुराते हुये चिपक गई, उसके चेहरे पर वो संतुष्टि नज़र आ रही थी जैसे उसे जिंदगी की सारी खुशियाँ मिल गई हों।

मैं प्यार से उसके सर पर हाथ फेरने लगा पर अभी मेरा लंड बहादुर सीना ताने खड़ा हुआ था।

उसकी प्यास अभी बुझी नहीं थी पर मैं पहले अपने कस्टमर की संतुष्टि देखता हूँ वो बहुत खुश थी। कुछ देर बाद उसने घड़ी की तरफ देखा 4 बज़ रहे थे, वो बोली- 6 बज़े मेरे मम्मी पापा आ जायेंगे।

मैं समझ गया कि मुझे जल्दी निकलना होगा, मैंने उसे अपनी बाहों में पकड़ कर फिर पलटी मारी, मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था, मैंने उसे फिर चूमना शुरू कर दिया और धक्का मारने लगा, वो फिर तैयार हो गई उसे भी मज़ा आने लगा।

मैंने उसे करीब 30 मिनट फिर चोदा और अपना वीर्य उसकी चूत में ना करके बाहर कर दिया। उसकी चूत के ऊपर और जांघों पर मेरा बहुत सारा वीर्य गिर गया। मैंने उसे देखा तो वो मुस्कुराने लगी, वो बोली- कोई बात नहीं, मैं साफ कर लूँगी।

कुछ देर हम दोनों बाहों में बाहें डाले सोते रहे। फिर हम उठे और बाथरूम में जाकर साफ करके कपड़े पहने वो बहुत खुश थी। वो बोली- सच जितना मज़ा तुमने मुझे दिया, शायद जिंदगी में और कोई कभी नहीं दे सकता… मैं तुम्हें कभी नहीं भूल पाऊँगी। उसने मेरा माथा चूमा।

शाम के 5:00 बज रहे थे, मैंने भी उसे किस किया और उधर से निकल गया, वो दरवाजे पर खड़ी मुझे जाते देखती रही पर मैंने उसे मुड कर नहीं देखा।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी यह सच्ची कहानी मुझे ज़रूर बताना! [email protected]

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