सोनी मौसी की चूत चुदाई -9

इस कहानी पढ़ने वाली सभी यौवनाओ, लड़कियो, महिलाओ.. आप अपनी पैन्टी नीचे कर लीजिए और ब्रा से केवल एक चूची बाहर निकाल कर उसके निप्पल पर मेरे हाथ की उंगली समझ कर मेरी तरफ से उंगली फेरिए और एक हाथ की उंगली को अपनी बुर के द्वार के ऊपर रख लीजिए। जैसे-जैसे मेरी कहानी आगे बढ़ेगी.. वैसे वैसे आपकी उंगली खुद अपना काम करना शुरू कर देगी। मेरे प्यारे दोस्तो, आप भी अपने लंड को बाहर निकाल कर खुला छोड़ दीजिए और उसके उठने का इंतजार कीजिए..

मैं आशीष.. फिलहाल राँची में पढ़ने के लिए रह रहा हूँ.. मेरी उम्र 18 साल है और मैं बी.एससी. के पहले वर्ष में हूँ.. मैं अपने माँ-बाप का एकलौता लड़का.. बहुत ही चंचल और हँसमुख लड़का हूँ।

मेरे घर पर कंप्यूटर है.. उसी से इंटरनेट पर ग्रेजुयेशन में ही एक्टिव हुआ। मैं अपने ‘सामान’ के बारे में बताता हूँ.. जिसके बिना कहानी कभी पूरी नहीं हो सकती। मेरा लंड जिसे मैंने नापा.. तब मुझे पता चला कि मेरा लंड 6″ लंबा और 3″ मोटा है। जहाँ तक लौड़े के खड़ा होने का सवाल है.. तो यही समझ लीजिए कि लंड की लंबाई और मोटाई लिखते-लिखते ही वो खड़ा हो चुका है।

वैसे भी जब कोई लड़की देख लेता है.. तो उसे चोदने की कल्पना खुद करके गीला तो तुरंत हो जाता है.. फिर बचता है। मेरा काम उसके रस को ‘हिलंत-विद्या’ से बाहर निकालना है.. जो कि अंत में मुझे करना ही पड़ता है।

यह कहानी मेरे और मेरी मौसेरी बहन अनु के बीच की है.. जिसकी नींव पिछली कहानी के अंत में पड़ चुकी थी.. जब मैं मौसी को चोद रहा था, उसके बाद मेरी नज़र अनु पर गई.. जो मौसी की इकलौती बेटी है।

अनु के बारे में आपको बता दूँ कि उसकी हाईट 5’5″ है.. वो स्लिम फिगर की है.. उसके चूतड़ और गाण्ड को देखकर आदमी तो क्या कुत्ते की भी लार टपक जाएगी.. उसके होंठ देख कर लगता है कि उसे लिपस्टिक लगाने की ज़रूरत ही नहीं है और उसकी छाती संतरों के जैसे फूल चुकी है.. लेकिन जब वो ब्रा में होती है तो बहुत ही आकर्षक लगती है।

कभी-कभी उसकी नाभि दिखती थी.. तो लगता था कि उसमें सागर के अमृत की बूँद है.. जिसे पीने के लिए वो बुला रही है और उसकी चूत का तो पूछिए ही मत.. अगर वो नंगी भी सामने लेट जाए.. तो चूत दिखती ही नहीं है.. केवल एक लाइन सी दिखती है.. ऐसा लगता है.. जैसे किसी ने वहाँ पैन्ट करके एक लाइन खींच दी हो। अब आप ही सोच लीजिए कि चूत कितनी टाइट होगी और उसे चोदने में मुझे कितना मज़ा आया होगा और वो कितना चीखी होगी।

कुल मिलाकर आपसे यही बोल सकता हूँ कि उसे देख लेने के बाद 1-2 बार मेरा लंड ने खड़े-खड़े ही पानी छोड़ दिया था। उसकी खूबसूरती का अंदाज़ा आप खुद ही लगा सकते हैं। अभी वो अपने स्कूल की पढ़ाई कर रही है और उसकी फिगर साइज़ यही कोई 28-26-30 की होगी.. जिसे मैं 32-26-32 बनाने में लगा हूँ।

दोस्तो, मैंने अपनी पिछली कहानी में आपको बताया कि कैसे मैंने अपनी सोनी मौसी को अन्जाने में चोदा फिर हमारी चुदाई का सिलसिला चलता रहा। जो लोग नहीं पढ़ पाए हों.. वो मेरी पिछली कहानी सोनी मौसी की चूत चुदाई पढ़ सकते हैं।

अब मैं आपको बताता हूँ कि आगे क्या हुआ।

मैंने लगातार 10 दिनों तक अपनी सोनी मौसी को चोदा.. फिर जब मौसा जी और अनु बाहर से लौट आए.. तो मेरी नज़र मेरी मौसेरी बहन अनु जो की करीब जवानी की दहलीज पर खड़ी थी.. उस पर गई। यह बात जानकर मौसी ने कहा- तुम मुझे ही चोदो.. अनु को छोड़ दो.. तो मैंने कहा- आख़िर उसे कोई ना कोई तो चोदेगा ही.. तो अगर मैं ही अनु की चूत का उद्घाटन करूँ.. तो क्या प्राब्लम है? मौसी ने कहा- वो अभी कमसिन है और आख़िर तुम उसे चोदोगे कैसे? तो मैंने कहा- वो सब आप मुझ पर छोड़ दो.. मैं अनु को पटा कर ही चोदूँगा..

अब आगे की कहानी का लुत्फ़ लें.. लेकिन जब तक मैं अनु को अपने नीचे नहीं ले आता.. तब तक आप मेरे लंड का ख्याल रखिए।

यह कहकर मौसी के विरोध करने के बाद भी मैं नीचे बैठ गया और मौसी की नाईटी में घुस गया और अन्दर उनकी नंगी चूत को चाटने लगा। करीब दस मिनट के बाद मौसी ने धीरे से पैर फैला दिए.. तो मैं समझ गया कि वो भी साथ दे रही हैं और मैंने अपनी जीभ को पूरा अन्दर तक डालकर उनकी चूत को चाटने लगा। बस 5 ही मिनट के बाद ही वो अपना पानी मुझे पिला कर शान्त हो गईं और धीरे से पीछे होकर बिस्तर पर आँखें बंद करके लेट गईं।

फिर मैं उठा और उनसे कहा- अब मेरा पानी भी पिओ.. तब उन्होंने कहा- प्लीज़ थोड़ी देर सोने दो.. मैं थक गई हूँ.. तब मैंने कहा- अपनी प्यास शान्त कर ली.. और मुझे मना कर रही हो। और ये कह कर मैं मौसी के जिस्म पर चढ़ गया और अपना लंड उनने मुँह में ज़बरदस्ती देकर उनके मुँह को ही चोदने लगा और धीरे धीरे वो भी लौड़ा चूसने लगीं।

करीब 10 मिनट के बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ गया और उन्हें पहले अपना पानी फिर धीरे-धीरे उनके मुँह में मूत कर उन्हें अपना मूत भी पिला दिया.. जैसा कि मैं हमेशा करता था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

उसके बाद मैंने उनसे कहा- एक तरीका है जिससे आप कुछ कम परेशान होंगी। उन्होंने पूछा- क्या? मैंने कहा- अप अनु को एक लैपटॉप खरीद कर दे दीजिए.. तो मैं उसे जल्द से जल्द अपने नीचे लिटा लूँगा। उन्होंने फिर मुझसे कहा- प्लीज़ अनु को छोड़ दो.. वो अभी इसके लिए छोटी है। मैंने कहा- नहीं उसका जिस्म पूरा गदराया हुआ है.. उसकी चूचियां भी अब अपना शेप लेने लगी हैं और बाकी का काम मैं करना चाहता हूँ। तो उन्होंने कहा- कैसे करोगे? मैंने कहा- बस देखती जाइए..

और यह कहकर मैं उन्हें लिप किस करने लगा, मैंने अपनी जीभ को उनके मुँह में डाल दिया और वो उसे चूसने लगीं। करीब 5 मिनट के बाद मेरे मुँह में इतना थूक भर गया कि मेरा मुँह भर गया और मैंने मौसी से इशारा करके मुँह खोलने को कहा और उनके मुँह में आधा थूक दिया.. जिसे वो पी गई और आधा उनकी चूचियों और पेट पर थूक दिया।

फिर मैं अपने हाथों से उनकी चूचियों की मालिश करने लगा। करीब आधा घंटा ये सब चलता रहा। मौसा जी तो रात को आते थे अनु को भी आने में अभी 4 घंटे बाकी थे.. इसलिए मुझे और मौसी को कोई परेशानी नहीं थी। फिर हम चुसाई करते रहे। दस मिनट के बाद मौसी ने मेरे मुँह को अपनी चूत का पानी पिला दिया और मैंने भी अपनी लंड का नल उनके मुँह में खोल दिया, वो मस्ती में अपनी प्यास बुझाती रहीं।

फिर हम दोनों उठे.. अब हमें भूख लग आई थी, मैंने मौसी से कहा.. तो वो रसोई में जाकर खीरा छील कर ले आईं.. लेकिन नमक लाना भूल गईं.. तब मैंने कहा- कोई बात नहीं और मैंने कटे हुए खीरे को उनकी चूत में डाला और उनका नमकीन पानी लगा कर खाने लगा। वो भी मेरे लंड से निकलते हुए नमकीन पानी को खीरे में लगाकर खाने लगीं।

जब हमने खा लिया तो फिर मैंने उन्हें नंगा किया और उनके पेट पर बैठ गया। उनकी चूचियों पर तेल लगा कर मालिश करने लगा। मैंने उनकी चूचियों को इतनी ज़ोर से दबाना शुरू किया.. कि वो चीखने लगीं- ओह.. हर्ष.. थोड़ा धीरे दबा..

लेकिन उनके बोलने के बाद मैं और भी ज़ोर से दबाने लगा और वो चीखने लगीं आअहह.. छोड़ दो मुझे.. मार डालोगे क्या.. आआआ.. आअहह हर्ष.. छोड़ मुझे.. नहीं तो मैं तेरा लंड खा जाऊँगीइइई..

वो ये सब बोलकर चीखने लगीं और मैं उनकी चूचियों को दबाता रहा। केवल 5 मिनट के बाद उनकी चूचियां लाल हो गईं, फिर मैं उनकी चूचियों पर झापड़ मारने लगा, वो दर्द से चीख रही थीं- छोड़ दे हर्ष.. ये तू क्या कर रहा है.. छोड़ मुझे.. उईईईईई.. मुझ पर रहम कर साले.. छोड़ मुझे.. उईई.. आआ आआअहह.. अहहा आआआ.. मैं आज्जज मर जाऊँगीइइई.. बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ हर्ष.. छोड़ दे मुझे.. कुछ तो तरस खा मुझ पर..

लेकिन मुझे तो कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था। फिर आधे घंटे के बाद मैंने उन्हें उठाया और उन्हें लेकर ड्रेसिंग टेबल पर मिरर के सामने ले गया और मिरर से उनके हाथ बाँध दिए। फिर उनकी गाण्ड पर खूब सारा तेल लगा कर मालिश करने लगा। मेरी इस कामरस से भरपूर कहानी को लेकर आपके मन में जो भी विचार आ रहे हों.. प्लीज़ ईमेल करके जरूर बताइएगा।

कहानी जारी है। [email protected]