मेरा गुप्त जीवन- 6

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

फिर मैंने उससे पूछा- गाँव की औरतें कहाँ नहाती हैं? वह मुस्करा के बोली- क्या नंगी औरतों को देखने का दिल कर रहा है? मेरे से दिल भर गया है क्या? मैं बोला- नहीं रे, यों ही पूछा था। वो बोली- यहाँ से दो फर्लांग दूर एक छोटी नदी बहती है, वहीं सारी जवान औरतें और लड़कियाँ जाती हैं और बाकी की सारी तालाब में नहाती हैं। मैं यह सुन कर चुप रहा।

कम्मो बोली- आपकी इच्छा है तो बताओ, मैं ज़रा बुरा नहीं मनाऊँगी। वैसे गाँव की औरतें 11-12 बजे दोपहर में नहाने जाती हैं लेकिन उस समय आपका तो स्कूल होगा ना? मैंने कहा- कल छुट्टी ले लूंगा और तुम्हारे साथ नदी चलते हैं, अगर तुम राज़ी हो तो?

मैं बोला- मेरे मन में औरतों के शरीर को देखने की बहुत इच्छा है लेकिन मुझ को नदी के किनारे देख का कुछ गलत समझ लेंगी जो ठीक नहीं होगा।

कम्मो बोली कि उसको कुछ खास जगह मालूम हैं जहाँ से औरतें नहीं देख पाएँगी और मैं बड़े आराम से औरतों को नहाते हुए देख सकूंगा। मैंने भी हामी भर दी। उस रात मैंने कम्मो को जी भर के चोदा और कई बार तो मेरा लंड चूत के अंदर ही रहा और हम शांत हो कर लेट गए। और फिर जब कम्मो की काम इच्छा जागती तो वह मेरे ऊपर चढ़ जाती और 10-15 मिनट में फिर छूट जाती पर मेरा लंड वैसे ही खड़ा रहता।

थोड़ी देर बाद मेरी नींद लग गई और मैं गहरी नींद सो गया और जब उठा तो सुबह के 7 बजे थे और कम्मो जा चुकी थी। बिस्तर को ध्यान से देखा तो कम्मो की चूत से निकले पानी के निशान नज़र आ रहे थे, जब कम्मो आई तो मैंने उसको निशान दिखाये तो वह शर्मा गई और झट चादर बदल दी और खुद ही धोने बैठ गई।

दोपहर को नदी किनारे जाने का वायदा कर के वह अपने कामों में लग गई। 11 बजे के करीब कम्मो आई, बोली- मैं चलती हूँ, तुम पीछे आओ।

वो अपना तौलिए और कपड़े ले कर चलने लगी और मैं थोड़ी दूरी पर पीछे चलने लगा। जल्दी ही छोटी सी नदी के किनारे पहुँच गए, वह बहुत ही कम गहरी दिख रही थी। कम्मो मुझको एक झाड़ी के बीच ले गई और आहिस्ता से कान में बोली कि मैं वहीं इंतज़ार करूँ और जैसे ही औरतें आएँगी वह मुझ को इशारा कर देगी। मैं अपना तौलिए पर बैठ गया और अपने छुपने वाली जगह को ध्यान से देखा। बड़ी ही सही जगह थी पीछे से भी काफी ढकी हुई थी और आगे से भी सारा नज़ारा देख सकते थे।

5-10 मिन्ट इंतज़ार के बाद औरतें कपड़े उठाये हुए आने लगी और जहाँ मैं छुपा था वहाँ से सिर्फ 10-15 फ़ीट दूर नहाने का घाट था। कुछ तो कपड़े धोने लगी और कुछ नहाने लगी। उनमें से एक बहुत ही सुडौल वाली नई शादीशुदा औरत भी थी, मेरी नज़र तो उस पर ही थी। गंदमी रंग और गोल मुंह वाली बहुत सेक्सी दिख रही थी। सबसे पहले उस ने धोती खोल दी और फिर धीरे धीरे ब्लाउज़ के हुक खोलने लगी लेकिन ऐसा करते हुए वो चौकन्नी हो कर चारों तरफ देख भी लेती थी कि कोई देख तो नहीं रहा और जब उसका ब्लाउज उतरा तो उसके मोटे और शानदार स्तन उछल कर बाहर आ गए। तब वो पानी में चली गई और खूब मल मल कर नहाने लगी।

उसने पेटीकोट का नाड़ा भी ढीला कर दिया था और अंदर हाथ डाल कर चूत की भी सफाई करने लगी। 5-6 मिन्ट इस तरह नहाने के बाद वो गीले पेटीकोट के साथ नदी के बाहर निकली और सीधी मेरी वाली झाड़ी की तरफ आने लगी और यह देख कर मैं डर के मारे कांपने लगा। मुझ को पक्का यकीन था कि मैं पकड़ा जाऊँगा लेकिन कम्मो बड़ी होशियार थी, वो झट वहाँ आ गई और दोनों बातों में लग गई।

जब उस लड़की ने जिस्म पौंछ लिया तो कम्मो बोली- मैं देख रही हूँ, तू झाड़ी की तरफ मुंह करके पेटीकोट बदल ले। और तब उसने झट से अपने पेटीकोट उतार दिया। मैंने उसकी चूत देखी जिस पर काले घने बाल छाए हुए थे और उसकी मोटी जांघों के बीच उसकी चूत काफी सेक्सी लग रही थी। झट से उसने धुला पेटीकोट पहन लिया और फिर ब्लाउज भी पहन कर वो फिर नदी के किनारे आ गई। तब मैंने दूसरी औरतों को देखा तो सब ही ब्लाउज उतार चुकी थी और खूब मल मल कर नहा रही थी।

यह नज़ारा देख कर मेरा लंड तो खड़ा हो गया और बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था। तब मैंने देखा कि कई औरतें अपना पेटीकोट उतार कर धो रही थी, सभी की चूत दिख रही थी सब ही बालों से भरी हुई थी। यह नज़ारा मेरे जीवन में अद्भुत था… इतनी सारी औरतों को नंगी देखना फिर शायद सम्भव नहीं होगा, ऐसा सोच कर मैं बार बार बड़ा खुश हो रहा था।

तभी कम्मो आ गई और मुझको इशारे से बाहर बुलाया और बोली- छोटे मालिक, अब हम वापस घर चलते हैं क्यूंकि आपने सब कुछ तो देख ही लिया है और कहीं हम को कोई देख न ले जिससे बहुत बदनामी होगी। मैं भी वापस चल पड़ा कम्मो के साथ!

रास्ते में वो बोली- कोई पसंद आई इन में से? मैं शरमा गया और कुछ नहीं बोला। तब कम्मो कहने लगी- छोटे मालिक, आप हुकुम करो, अगर कोई पसंद आ गई है तो उसको आपसे मिलवा दूंगी। मैं फिर चुप रहा।

कम्मो हल्के से मुस्कराई और बोली- आप बता दो ना, क्या आपको वो मोटे चूचों वाली पसंद है क्या? मैं अंजान बनते हुए बोला- कौन सी?

‘छोटे मालिक, मुझसे क्यों छिपा रहे हो? मैं जानती हूँ तुम को वो बहुत भा गई है!’ ‘नहीं री, तुम से भला क्या छिपाऊँगा। तुम से ज्यादा सुन्दर औरत कहाँ मिलेगी। तुम तो मेरी गुरु हो और मेरी टीचर हो!’ ‘तो जल्दी बताओ कौन सी बहुत पसंद आई उन में से?’ मेरा मुख शर्म से एकदम लाल हो गया और मैं झिझकते हुए बोला- वही जो मेरे सामने पेटीकोट बदल रही थी और जिसको कपड़े पहनने में तुम मदद कर रही थी और जो सब औरतों में से सुन्दर है। ‘क्या उसको पसंद कर लिया है?’ ‘नहीं री, जो तुमने पूछा, वही मैंने बताया। पसंद तो मैंने सिर्फ तुमको किया है और तुम्ही हो मेरी।’

मैंने महसूस किया की कम्मो बेहद खुश हुई, यह सुन कर बोली- कभी मौका लगा तो उसको पेश कर दूंगी। उसका नाम चंपा है और वो शादीशुदा है लेकिन उसका पति विदेश गया है बेचारी लंड की बहुत भूखी है। कई लड़के उसको पाने के लिए उसके चारों तरफ घूमते हैं। ‘देखेंगे जब समय आयेगा! अब तो जल्दी चलो, घर मैंने तुम को चोदना है सारी दोपहर!’ मैं बोला।

और घर पहुँच कर मैंने उसके कपड़े उतार दिए और खुद भी पूरा नंगा हो गया और खूब मस्त चुदाई शुरू हो गई। मेरा लंड अब पहले से थोड़ा बड़ा हो गया था और मेरे ज़ोर ज़ोर के धक्कों से कम्मो 3-4 मिन्ट में झड़ गई और आज वो छूटते हुए कुछ ज्यादा ही काम्पने लगी और मुझको जो उसने कस के अपनी बाहों में जकड़ा कि मेरी हड्डियाँ ही दुखने लगी थी।

अब वह एकदम निढाल हो कर पड़ गई लेकिन मैं अभी भी हल्के धक्के मार रहा था और उसकी चूत से निकल रहे पानी में बड़ी ही सेक्सी फिच फिच की आवाज़ आ रही थी और चूत से बहे पानी का जैसे तालाब चादर पर बन गया था। कम्मो की नज़र पड़ते ही झट उसने वो चादर बदल दी।

अगले दिन ही मम्मी पापा भी वापस आ गये और मेरा चुदाई का प्रोग्राम रात वाला बंद करना पड़ा लेकिन दोपहर का प्रोग्राम चालू रहा। अक्सर हम चुदाई खत्म करने के बाद बातें करते थे। मैंने कम्मो से उसके पति के बारे में पूछना शुरू किया, जैसे कि उसका पति उसको कैसे चोदता था और रात में कितनी बार वह झड़ती थी। कम्मो ने बताना शुरू किया कि उसके पति ने सुहागरात को ही उसको बता दिया था कि शादी से पहले एक स्त्री के साथ उसके सम्बन्ध थे और वो उससे उम्र में 10 साल बड़ी थी लेकिन बहुत ही कामातुर औरत थी। उसका पति खस्सी बकरा था और किसी भी औरत से वो यौन सम्बन्ध के लायक नहीं थ, उस औरत ने मेरे पति को पूरी तरह से चुदाई में माहिर कर दिया था, लेकिन उनके सम्बन्ध के कारण वो गर्भवती हो गई थी और उसने बड़ी होशियारी से इस बच्चे का पिता अपने पति को बना दिया था। उस औरत का पति बड़ा ही खुश था कि इतने सालों बाद उसके संतान हो रही थी।

इधर कम्मो का जीवन अपने पति के साथ बड़ा ही अच्छा चल रहा था, उसका पति शुरू शुरू में उसको हर रात 5-6 बार ज़रूर चोदता था। फिर शादी को कुछ समय हो जाने बाद वह हर रात 1-2 बार की चुदाई पर आ गए थे, हर बार कम्मो का ज़रूर छूटता था। कुछ साल उसके बड़े ही अच्छे बीते लेकिन फिर एक दिन उसका खेत में गया और वापस ही नहीं आया, उसको एक सांप ने खेत में डस लिया था और जब तक अस्पताल जाते वह समाप्त हो गया था।

कम्मो का जीवन एकदम वीरान हो गया क्यूंकि उसका पति अभी बच्चे नहीं चाहता था तो उसने बच्चा भी नहीं होने दिया। कम्मो की जीवन कहानी बड़ी ही दर्दभरी थी लेकिन वो यही कहती थी कि विधि के विधान के आगे हम सब मजबूर हैं। उसने यह भी बताया कि उसके पति के जाने के बाद मैं ही उसका पहला मर्द था जो उसकी चूत में लंड डाल सका था। मेरे पूछने पर कि ‘वो क्या करती थी जब उसको काम वेग सताता था?’ उसने हंस कर बात टाल दी और कहा फिर कभी बताऊँगी। कहानी जारी रहेगी। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000