चाभी से भाभी की चूत चुदाई तक

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हाय दोस्तो, मेरा नाम विराज है.. मैं मंडीदीप का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में गोरा और पसन्द आने लायक लड़का हूँ। मेरा लन्ड 6 इंच लम्बा है। मैंने अन्तर्वासना में बहुत सी कहानियाँ पढी हैं। मैं भी अपनी एक सच्ची घटना आप सभी से शेयर करना चाहता हूँ। बात उस समय की है.. जब मैं इंजीनियरिंग करने भोपाल गया था। पहला साल तो मैं कमरा लेकर अकेले ही रहा.. मगर वहाँ पानी की कमी होने के कारण मैंने वहाँ से कमरा छोड़ दिया।

अब जहाँ मैंने कमरा लिया.. वो बहुत एक बड़ा घर था.. जिसमें किराये से देने के लिए एक कमरा खाली था और बगल में ही मकान-मालिक रहता था। उनके घर में अंकल-आँटी.. उनकी बहू रीता (बदला नाम) और उसका 10 साल का लड़का कमल रहता था। रीता भाभी का पति बाहर जॉब करता था.. महीने में 3-4 दिनों के लिए ही आता था।

शुरुआत इस तरह थी कि कमरे का पता चलने पर मैं वहाँ बात करने गया.. तब घर में रीता ने दरवाजा खोला। मैं तो रीता को देखता ही रह गया। क्या फ़िगर था.. 34-32-34 का कटाव किसी को भी पागल कर दे।

उसकी उम्र करीब 30 साल.. बदन एकदम गोरा.. रीता ने उस समय पिंक कलर की हल्की पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी और लाल लिपिस्टिक और हल्का मेकअप किया था.. वो कमाल लग रही थी।

फिर रीता ने मुझे अन्दर आने और बैठने को कहा। उस समय घर में रीता और उसकी सास थीं। रीता से कमरे और किराये की बात हुई। मेरे बारे में और उसने खुद के बारे में बताया.. इसी बीच उसने मुझसे कहा- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेण्ड तो नहीं है? मैंने कहा- पहले थी.. अब नहीं है। उसने कहा- ठीक है.. फ़िर मैंने कहा- मैं कल सामान लेकर आऊँगा।

मैंने रीता का नंबर लिया और उसे अपना नंबर दे दिया और चला गया।

अगले दिन मैं करीब 12 बजे वहाँ आ गया.. मैंने चाभी ली और कमरे में सामान लाकर जमाने लगा। तभी मेरे कमरे में रीता आई.. मैं उसे भाभी कह कर बुला रहा था। उस समय वो नहाकर आई थी.. उसके बाल खुले थे।

उस समय भाभी ने गोल गले वाला काला जालीदार नाईट सूट पहना हुआ था। इसमें वो एकदम सेक्सी लग रही थीं.. मैं अभी उन्हें देख ही रहा था तभी.. भाभी- मैं कुछ मदद करूँ.? मैं- नहीं भाभी.. मैं कर लूँगा।

उसी वक्त मैंने मौका देखा और तपाक से कहा- भाभी.. आप तो गजब लग रही हो.. भाभी- थैंक यू.. तुम भी.. सामान जमाते-जमाते हमने बहुत बातें कीं।

भाभी- विराज तुम्हें ज्यादा क्या पसन्द है? मैं- वीडियो गेम खेलना और मूवीज देखना और आपको? भाभी- शॉपिंग और एक्टिंग का शौक है.. मैं- वाऊ.. यार भाभी..

इस तरह कुछ बातें हुईं और सामान भी जम गया। फिर वो चली गईं.. अब रोज अंकल और कमल के स्कूल जाने के बाद मैं रीता के घर चला जाता। उसकी सास कमजोर और ज्यादा न चल पाने से अपने कमरे में ही रहती थी।

हम बातें करते एक महीने में इतने क्लोज हो गए थे कि वो कभी-कभी मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में ही आ जाती और जब वो मेरे कमरे में आती तो मैं उसके सामने फ्रेंची में ही आ जाया करता था।

एक दिन की बात है.. हम दोनों भाभी के घर में टीवी देख रहे थे.. उसमें कपड़ों का एड आ रहा था। तब भाभी ने कहा- मेरे पास भी कुछ मॉडर्न किस्म के कपड़े हैं.. तुम्हें दिखाती हूँ।

वो कपड़े लेकर आईं और दिखाने लगीं। तब मैंने सोचा आज इसके साथ सेक्स करने का मौका अच्छा है। मैं- भाभी इनको पहन कर दिखाओ ना.. भाभी- ठीक है.. मैं अभी पहन कर आती हूँ।

मैंने मजाक में कहा- क्या भाभी.. आप तो मेरे सामने ब्रा-पैन्टी में भी आ जाती हो.. फिर कपड़े बदलने बाथरूम में जाने की क्या जरूरत? भाभी- हट शैतान.. अच्छा ओके.. तेरे सामने ही बदल लेती हूँ.. तू तो अपना वाला ही है..

भाभी ने फिर अपनी साड़ी उतारी.. फिर पेटीकोट.. ये देख तो मेरा लंड उफ़ान मारने लगा। क्योंकि मैंने टाईट जीन्स पहनी हुई थी.. इसलिए इस बात का पता भाभी को भी हो गया। उस समय वो लाल रंग की ब्रा और पैन्टी में थी.. उसके मम्मे बाहर निकलने के लिए उछल रहे थे और मेरा लन्ड भी बेताब था।

उसने मुझे 2-3 अलग अलग ड्रेस पहन कर दिखाईं.. तब तक मेरा लन्ड पूरा खड़ा हो चुका था। तब भाभी ने कहा- विराज तुम्हें भी मेरी ड्रेस पहन कर दिखानी पड़ेगी। मैंने थोड़ी ‘ना-नुकुर’ के बाद ‘हाँ’ कर दी.. तब उसने मुझे अपनी ब्रा-पैन्टी और ड्रेस दी।

मैंने टी-शर्ट और जीन्स उतार दी। मेरे लन्ड का उभार देख कर भाभी बोली- ये क्या है? मैं चुप रहा.. तब भाभी- लगता है तुम्हें गर्लफ्रेण्ड बना लेनी चाहिए.. और यह कहते हुए उन्होंने मुझे एक किस कर दी।

मैंने भी तपाक से उनके होंठों पर किस कर दिया और कहा- आप ही मेरी गर्लफ्रेण्ड बन जाओ ना.. मैंने उनके मम्मों पर हाथ रख दिया.. उसने मेरे लन्ड पर हाथ रखा और पकड कर मुझे अपने कमरे में ले आईं। वहाँ हम दोनों बिस्तर पर जाकर बैठ गए और किस करने लगे। मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी उतार दी और उसने मेरी फ्रेंची उतार दी।

फिर मैं उसके बड़े-बड़े मम्मों को चूसने लगा.. वो सिसकारियाँ भरने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने उससे मेरा लन्ड चूसने को कहा.. वो मेरा लन्ड इस तरह चूस रही थी मानो जन्मों की प्यासी हो। अब मेरा और उसका सब्र टूट रहा था। मैंने उसे बिस्तर में सीधा लेटाया और लन्ड उसकी चूत में टिका दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

तब रीता ने कहा- अब इस नई गर्लफ्रेण्ड की चूत से पानी निकाल दे विराज.. पहले तो मैंने वहाँ से लन्ड हटा लिया और मेरी जीभ टिका दी, मैं उसकी चूत को चाटने लगा। वो ‘आहें’ भरने लगी।

फिर रीता ने कहा- अब सहन नहीं हो रहा.. डाल दे तेरा 6 इंच का लन्ड.. मेरी चूत में..

मैंने अपना लन्ड उसकी चूत में रखा और ये क्या.. एक ही झटके में लन्ड पूरा अन्दर घुस गया। मैं उसे धकापेल चोद रहा था। करीब 15 मिनट चोदने के बाद मैं और रीता एक साथ ही झड़ गए और 10 मिनट तक लन्ड उसकी चूत में ही डाले पड़ा रहा। फिर अंकल के वापस आने का समय हो गया था। हमने कपड़े पहने और बाहर आ गए।

अब रोज ही सिलसिला चलने लगा और हम सेक्स का मजा लेने लगे। हम दोनों चुदाई में रोज कुछ नया भी करते.. जैसे वो मुझे उसके सारे कपड़े पहना कर मेकअप करके लड़की बनाती और खुद लड़का बन जाती।

इसके अलावा बहुत कुछ होता रहा। मेरे लड़की बनाने वाली बात मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा। आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. जरूर बताना। [email protected]

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