पाँच लड़कियों ने मिलकर मुझे चोदा -1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

तो दोस्तो, एक बार फिर आप सबके सामने आपका प्यारा शरद इलाहाबाद से एक नई कहानी के साथ हाजिर है।

अभी कुछ समय पहले ही मैं दिल्ली घूमने गया था। आप लोगों को तो पता ही है कि दिल्ली दिल वालो की है लेकिन मेरे साथ एक हादसा हो गया, जिसके वजह से ये कहानी की उपज हुई।

हुआ यों कि दिल्ली पहुँचने से पहले ही मेरे पास पहने हुए कपड़े शर्ट और पैंट के अलावा मेरा सब चोरी हो गया। जिसमें ए.टी.एम, पैसे आदि सब चला गया। चूंकि जेब में पैसे वगैरह कुछ भी नहीं था और कोई मदद करने को भी तैयार नहीं था, इसलिये मैंने पाँच-छ: दिन दिल्ली में काम करने का निर्णय लिया और काम ढूढँने लगा। परन्तु पूरा दिन लग गया और काम भी हाथ नहीं लगा और भूख के मारे मेरा हाल भी बुरा था। फिर भी हिम्मत करते हुए मैंने काम माँगने का पूरा प्रयास किया और काम नहीं मिला।

शायद भगवान मेरी परीक्षा ले रहा था या इस कहानी के लिये मुझे करेक्टर दे रहा था, मैं उस समय तक नहीं जानता था। थक कर मैं एक कालोनी के एक मकान के पास बैठ गया। पता नहीं कब नींद आ गई। थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि कोई मुझे जगा रहा है। आँख खुली तो देखा मेरे इर्द-गिर्द चार-पाँच लड़कियाँ खड़ी थी और मुझे झकझोर रही थी। उनमें से एक बोली- रात को ग्यारह बजे किसी के घर के नीचे सोने की जगह नहीं होती है चलो भागो यहाँ से। मैंने कहा- थकान के कारण मैं यहाँ गिर गया था। तभी दूसरी बोली- अपना जिस्म देखो, कितने हट्टे कट्टे हो और कह रहे हो थकान के कारण? तभी फिर एक बोली- थकान-वकान कुछ नहीं है, मुझे तो लगता है कि दारू पी कर आया है और नौटंकी कर रहा है।

मुझे उनकी यह बात बुरी लगी तो मैं बोल पड़ा- यहाँ खाने को पैसे नहीं है और आप बोल रही हो कि दारू पी है। तभी उनमें से एक और बोल पड़ी- कपड़ों से तो नहीं लग रहा है कि तुम्हारे पास पैसे नहीं है।

मैंने कहा- विश्वास नहीं हो तो मेरी तलाशी ले लो। और इसीलिये मैं सुबह से काम की तलाश में लगा हूँ कि कुछ काम मिल जाये तो काम करने के बाद खाना का इंतजाम कर लूँ, लेकिन दिल्ली बड़ी बेदर्द निकली। किसी ने काम तक तो छोड़ो एक गिलास पानी नहीं दिया। और काम ढूंढते-ढूंढते थक गया तो थकान के कारण यहीं गिर गया और पता नहीं कब नीद आ गई। ‘लेकिन शक्ल तो ऐसी लग रही है कि दारू पीये हुए लगते हो!’ इतना कहकर उसने अपना हाथ मेरे माथे पर रख दिया। ‘उईई ईई माँ… इसको तो बुखार है।’

तभी फिर एक लड़की बोली- सिकदा, इसको बुखार है तो क्या हुआ? हम लोगों ने कोई ठेका नहीं ले रखा है। इसको यहाँ से भग़ाओ। और हम लड़कियों के बीच में ये कैसे?

लेकिन एक-दो लड़कियों ने उसका विरोध किया और उनके आपस में तू-तू, मैं-मैं होने लगी। लड़ाई सुनकर मैंने उनसे आपस में न लड़ने के लिये आग्रह किया और थैंक्स करके चलने के लिये खड़ा होने लगा, लेकिन एक तो बुखार तेज था और दूसरे खाना न खाने के कारण चक्कर आ गया और मैं फिर वही गिर पड़ा। मेरे गिरने के वजह से मेरे पास खड़ी लड़की का बैलेन्स बिगड़ गया और वो भी मेरे ऊपर गिर पड़ी।

तभी मुझे एक लड़की की आवाज सुनाई पड़ी, वो किसी प्रियंका लड़की को सम्बोधित करते हुए बोली कि वाकयी में इसको बुखार बहुत तेज है और इसकी हालत बता रही है कि इसने खाना नहीं खाया है। इसको अन्दर लिये चलते हैं और खाना खिला कर दवाई दे देते हैं। और अगर सुबह इसका बुखार उतर गया तो इसको चलता कर देंगे।

सभी ने हामी भरी और मुझे उठा कर अन्दर ले गये, मुझे खाना दिया, खाना खाने और बुखार की दवाई लेने के बाद मैंने उनसे उनके किये उपकार के लिये थैंक्स बोला और यह भी हामी भरवाई कि सुबह जाने से पहले वो मुझसे कुछ काम करा लें क्योंकि मैं इस बात पर विश्वास नहीं करता कि मैं फ्री में कुछ खाऊँ।

पहले-पहल तो उन्होंने मुझे इसके लिये मना किया, लेकिन जब मैंने तर्क दिया कि यदि मुझे इसी प्रकार खाना खाना होता तो मैंने सुबह ही खाना खा लिया होता। तो न मुझे भूख लगती और न मैं थकान के कारण आपके घर के सामने बेहोश होता! उन्हें मेरी बात समझ में आई और वो बोली- अच्छा, इस समय तुम सो जाओ। सुबह देखेंगे कि तुम्हारे लायक कोई काम है या नहीं। मैंने कहा- नहीं, पहले यह वादा कीजिये कि आप मुझसे सुबह में कोई न कोई काम करवायेंगी।

उन सभी के हाँ करने पर मैं उनके बिछे हुए बिस्तर में कोने में जाकर लेट गया। जिस जगह मैं लेटा था उसके ठीक सामने अटैच बाथरूम था जिसका दरवाजा खुला हुआ था। खैर मुझसे उससे क्या लेना-देना क्योंकि उन्होंने अपना बिस्तर जमीन पर बिछा रखा था। एक बेहोश होने के कारण और खाना और दवाई खाने के बाद मुझमें कुछ रिलेक्स आ जाने से मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं आँखें बन्द करके लेटा हुआ था।

तभी उनमें से एक लड़की बोली- सोनम, आज की रात भलाई करने में निकल जायेगी। तभी सोनम या दूसरी लड़की बोली- क्या हुआ सिकदा, ऐसा क्यों कह रही हो? ‘कुछ नहीं रजिया… आज रात यह आदमी यही सोयेगा तो हम लोग अपना रोज का काम कैसे करेंगी? क्योंकि मुझे तो जब तक रोज रात को चूत और गाण्ड न चाटूँ या न चटवाऊँ और तुम चारों की चूत का मूत न पियूँ तो नीद नहीं आती! और यह मादरचोद आज पूरी रात यहीं सोयेगा और हम लोग कुछ नहीं कर पायेंगी। मैं तो इसे पहले ही भगा रही थी लेकिन इस नादिरा को बड़ी दया आ गई और घर के अन्दर ले आई।

तभी फिर कोई बोली- लगता है कि नादिरा को अब हम लोगों की बुर से नहीं मजा आ रहा है, इसीलिये आज अपने लिये इसने अपनी बुर के लिये लौड़े का इंतजाम किया है। तभी नादिरा बोली- हाँ, जैसे तुम मुझे इससे चुदने तो दोगी। पहले मेरी बारी, पहले मेरी बारी करके अपने-अपने बुर में इसका लौड़ा ले लोगी।

मैं हल्की नींद में था, फिर भी मैं लड़कियों की आवाज से उनके नाम को पहचानने की कोशिश कर रहा था।

‘हमने वादा कर तो लिया कि इससे अपने काम करवायेंगे लेकिन इससे क्या काम करवायें? प्रियंका बोली। सभी लड़कियाँ हँस पड़ी और उसका मजाक उड़ाते हुए बोली- चुदवाने से अच्छा क्या काम होगा?प्रियंका बोली- मेरे मन में भी यही है कि इसके लौड़े की सवारी करूँ पर हम लोग लेस्बीयन हैं?

सिकदा- जब भूख लगती है तो सामने खाना चाहे जैसा हो मेरी जान खा लेना चाहिये। यह नहीं देखना चाहिये कि यह नानवेज है या वेज!!! प्रियंका- तो अब सभी को अब बुर के लिये लौड़ा चाहिये? सिकदा- यह तो बताओ क्या यह तैयार हो जायेगा पाँचो की बुर लेने के लिये? नादिरा- आदमी की जात कुत्ते जैसी होती है, छिछड़ा देखेगा और खाने के लिये लपकेगा ही। केवल इसको अदा के साथ अपने जिस्म का नंगापन दिखाना है और देखना, यह भी पालतू कुत्ते की तरह जीभ लपलपाते हुए आ जायेगा।

उनकी बातें सुनकर मुझे गुस्सा बहुत आ रहा था और मन कर रहा था कि अभी उठ जाऊँ और पाँचों को कुतिया बना कर चोद दूँ। गुस्से से मैं सीधा हो गया और उठने ही वाला था कि सोनम की आवाज सुनाई पड़ी- दोस्तो, इसको कुत्ता तो मत बोलो। अगर इसने हम लोगों को इस प्रकार सुन लिया तो हम सभी को कुतिया बना कर चोदेगा। और मैंने सुना है कि यदि आदमी गुस्से से किसी औरत को चोदता है तो उसके बुर का भोसड़ा बना देता है। और देखो तो इसका लौड़ा भी कैसा कठोर दिख रहा है।

उनकी बात सुनकर मेरा लौड़ा पहले ही तना हुआ था और पैन्ट फाड़कर बाहर निकलने को बेताब हो रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! सोनम- यार, इसका लण्ड तो देखो, लगता है कि पैण्ट फाड़कर बाहर आ जायेगा।

मैंने जानबूझ कर अंगड़ाई लेकर और पैरों को फैलाते हुए अपने लौड़े को मसलना शुरू किया। उन सभी की तेज सांसें बता रही थी कि उनको मेरा इस तरह लण्ड मसलना अच्छा लग रहा था। उसके बाद मैंने अपने दोनो हाथों को पैण्ट के अन्दर करके अपनी जांघों को खुजलाने लगा और लड़कियों की तरफ मुँह करके अपने हाथों को बाहर निकाल लिया और कनियाई आँखों से उनको देखने की कोशिश करने लगा। सभी लड़कियाँ पारदर्शी मैक्सी पहने हुए थी और शायद मैक्सी के नीचे किसी ने भी कुछ भी नहीं पहना हुआ था।

तभी एक लड़की बोली- सिकदा आओ, मेरे बुर से पानी निकलने वाला है, आओ इसको चाट कर साफ करो। सिकदा- आई प्रियंका! सिकदा जब प्रियंका के पास आई तो प्रियंका खड़ी हो गई और अपनी मैक्सी को कमर तक उठा ली। क्या चिकनी उसकी बुर थी, बिल्कुल मक्खन जैसी लग रही थी, मन तो कर रहा था कि उस सिकदा को हटा कर खुद ही उसकी बुर में अपना मुँह लगा कर उसकी बुर को साफ कर दूँ लेकिन अभी मुझे उन सभी की लेस्बियन वाली काम क्रीड़ा देखनी थी इसलिये अपने ऊपर कंट्रोल करके उनकी काम क्रीड़ा देखने का निर्णय लिया। कहानी जारी रहेगी! [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000