दीदी के दूध की खीर और चूत की मलाई

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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम है अमित है। मैं 22 साल का हूँ और मेरा लंड 7″ लंबा और 2.5″ मोटा है। मैं अन्तर्वासना को बहुत समय से पढ़ रहा हूँ.. मैं हमेशा सोचता था कि अपनी उस घटना को लिखूँ या न लिखूँ मन में एक हिचकिचाहट सी थी.. लेकिन मैं आज साहस करके अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ.. आशा है आपको पसंद आएगी।

हमारे परिवार में मम्मी, पापा.. मैं और मेरी बड़ी बहन उर्मिला हैं। मेरी बहन का उम्र 26 साल है और उनकी शादी हो गई है और अब तो उनको एक बच्चा भी है। बात आज से 2 साल पहले की है जब मैं 20 साल का था। बच्चा होने के बाद दीदी हमारे घर रहने के लिए आईं। मुझे खीर बहुत पसंद है, एक दिन मुझे खीर खाने का बड़ा मन था लेकिन घर में दूध नहीं होने के कारण मुझे खीर नहीं मिली।

मैं उदास हो गया.. तो दीदी ने पूछा- क्या हुआ.. उदास क्यूँ हो? मैं बोला- मुझे खीर खाना है और लेकिन घर में दूध नहीं है। फिर दीदी वहाँ से चली गईं और कुछ देर बाद आई और कहा- खीर खाना है? मैंने कहा- हाँ.. तो दीदी ने कहा- ठीक है.. यह सुन कर दीदी चली गईं और करीब 1 घंटे बाद दीदी खीर लेकर आईं तो मैंने पूछा- दूध तो था नहीं.. तो दीदी ने कहा- बेबी वाला दूध है.. उसी से बना दिया।

मैंने खीर खाई तो मुझे बहुत अच्छी लगी। मैंने कहा- दीदी आप रोज़ मुझे ऐसी ही खीर खिलाया करो। तो दीदी हँसने लगीं और कहा- ठीक है..

अब मुझे रोज़ दीदी के दूध की खीर मिलने लगी.. लेकिन उस वक़्त तक मुझे पता नहीं था कि वो खीर दीदी अपने दूध से बनाती हैं।

एक दिन मम्मी, पापा कहीं गए हुए थे। मेरा मन नहीं लग रहा था तो सोचा कि चलो दीदी के साथ बैठ कर कुछ बातें करते हैं। तो मैं दीदी के कमरे की तरफ गया तो देखा कि उनके कमरे का दरवाजा खुला है। मैंने झाँक कर देखा कि दीदी अपनी चूचियों से दूध निकाल रही थीं।

यह जानने के लिए कि दीदी उस दूध का क्या करेंगी.. मैंने उन पर नज़र रखी.. तो पाया कि दीदी ने अपने दूध से खीर बनाई। मैं हैरान रह गया और अब मैं रोज दीदी को उनके मम्मों से दूध निकालते हुए देखने लगा। एक दिन मुझे शक हो गया कि दीदी ने मुझे देख लिया है लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ कहा नहीं।

एक बार मम्मी और पापा को शादी में शहर से बाहर 5 दिन के लिए जाना पड़ा.. तो मैंने सोचा आज दीदी से पूछूँगा कि वे कौन से दूध की खीर बनाती हैं। रात को जब हम लोग खाने बैठे.. तो मैंने पूछ लिया- दीदी आप कौन से दूध से खीर बनाती हैं। तो दीदी मुस्कराने लगीं और कहा- आज रात को मेरे पास आ जाना.. बता दूँगी।

मैं रात को 11 बजे उनके पास गया.. तो दीदी ने मुस्कुरा कर कहा- आ गए.. मैंने कहा- हाँ.. तब दीदी ने कहा- सोचो.. तुम कौन से दूध की खीर खाते हो? मैंने कहा- मुझे क्या पता।

तो दीदी ने कहा- बनो मत.. मैंने तुम्हें देख लिया है.. मेरा दूध निकालते हुए तुम मुझे देखते हो। मैं चुप रहा.. तो दीदी बोली- अरे पगले इसमें शरमाने की क्या बात है। इतना कह कर दीदी ने अपनी चूची बाहर निकाल कर मेरे हाथ में दे दी और कहा- इसी के दूध की खीर खाते हो।

मैंने देखा कि क्या बड़ी मस्त चूची है.. और मैंने उसकी चूची की तरफ हाथ बढ़ाया तो उन्होंने खुद मेरा हाथ लेकर अपने मम्मे पर रख दिया।

उनके मस्त मम्मे को मेरे थोड़ा सा दबाते ही उसमें से दूध की फुहार निकल पड़ी। तो दीदी ने कहा- इसको बर्बाद नहीं करते हैं.. चलो जल्दी से इसे चूसो.. मैं चूसने लगा..

‘वाह.. दीदी तुम्हारा दूध क्या गरम-गरम और मीठा है..’ मैंने दोनों चूचियों से पूरा दूध पी लिया.. तो दीदी ने कहा- इसके आगे भी कुछ जानते हो? तो मैंने कहा- नहीं दीदी.. तो दीदी हँसने लगीं और उन्होंने कहा- मैं आज तुझे सब सिखाती हूँ।

फिर दीदी ने पूछा- किसी लड़की को कभी नंगी देखा है? ितो मैंने कहा- नहीं.. फिर दीदी ने पूछा- देखोगे? मैंने झट से कह दिया- हाँ..

तो दीदी नंगी हो गईं और मुझसे कहा- कैसी लग रही हूँ मैं? मैंने कहा- दीदी आप बिल्कुल अप्सरा लग रही हो.. तो दीदी हँसने लगीं और कहा- मेरी बुर को चूसोगे?

मैंने हाँ में सर हिलाया और दीदी अपने पैर फैला कर लेट गईं और मैं उनकी बुर चूसने लगा। क्या मस्त और रसीली बुर थी दीदी की..

उसके बाद दीदी ने हाथ बढ़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और पैंट में से निकाल कर सहलाने लगीं। देखते ही देखते मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और दीदी उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं।

कुछ ही पलों में हम दोनों 69 में हो गए और अब मैं भी उनकी बुर चूस रहा था। वाह क्या नज़ारा था.. मैं तो दीदी की लंड चुसाई से मस्त हो गया।

थोड़ी देर बाद दीदी ने कहा- अब मेरे भाई मुझे.. चोद दो.. अब रहा नहीं जाता।

फिर क्या था.. मैंने अपना लंड दीदी की बुर के मुँह पर रखा.. और एक ज़ोर का झटका दिया.. तो मेरा आधा लंड उनकी चूत में अन्दर घुस गया और दीदी के मुँह से ‘आआ..आआआअ’ निकल गई।

मैं रुका नहीं और एक और जोरदार झटका दिया और मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में समा गया। उसके बाद मैं झटके पर झटका लगाता रहा और कमरे में ‘फ़च.. फ़च..’ की आवाजें आने लगीं। दीदी भी जोर से ‘आहें’ भरने लगीं और साथ ही ‘ज़ोर से.. और ज़ोर से..’ कहने लगीं। मुझे भी जोश आ गया.. मैं भी ज़ोर-ज़ोर से उनकी चूत पेलने लगा।

करीब 20 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मैंने कहा- दीदी मेरा वीर्य निकलने वाला है। तो दीदी ने कहा- मेरी चूत में ही निकाल दो। मैंने माल की पिचकारी दीदी की बुर में छोड़ दी। ुमेरे साथ ही दीदी भी झड़ गईं और हम दोनों निढाल हो गए।

उस रात को मैंने दीदी को चार बार चोदा और दीदी की बुर की हालत खराब हो गई।

अगले दिन उनकी एक सहेली का फोन आया कि वो हमारे घर आ रही है.. तो दीदी ने मुझसे कहा- आज तुझे एक और चूत चोदने के लिए मिलेगी। मैंने कहा- वाह क्या बात है..

मैं कॉलेज चला गया और जब आया तो उनकी सहेली आ चुकी थी। दीदी ने उनसे मेरा परिचय कराया और हम सब चाय पीने लगे। दीदी ने कहा- नेहा.. मेरा भाई बहुत मस्त चोदता है। मैं तो हैरान रह गया कि दीदी इनसे ऐसी बातें कैसे कर सकती हैं।

मैं शर्मा गया.. तो नेहा ने कहा- अरे शरमाते क्यों हो.. हम दोनों साथ-साथ चुदते हैं और तुम्हारे जीजा जी मुझे और मेरे पति तुम्हारे दीदी को चोदते हैं।

मैं यह सुन कर हैरान हो गया तो दीदी ने कहा- हाँ, ये सही कह रही है.. तभी तो मैंने तुम्हें कहा था कि आज तुम्हें एक और बुर चोदने को मिलेगी। उस रात को ख़ाने के बाद दीदी ने कहा- तुम एक घंटे के बाद आना.. हम तब तक बातें कर लेते हैं। मैं एक घंटे के बाद कमरे में गया.. तो देखा दीदी और नेहा दोनों बिल्कुल नंगी बैठी हैं और एक-दूसरे की चूत में उंगली कर रही हैं। मैंने पहुँच कर साइड से नेहा की चूची को पकड़ लिया.. तो दीदी ने कहा- वाह मेरा शेर भाई.. आ गया चल अब चालू हो जा.. मैंने उन दोनों की दम से बुर-चुदाई की।तो इस तरह एक दिन में चूत चोदने में एक्सपर्ट हो गया और मैं नेहा की चूची चूसने लगा.. तो नेहा ने मेरा लंड निकाला और चूसने लगी।

उसने कहा- उर्मिला तेरे भाई का लंड तो इस उमर में भी हमारे पति जैसा है.. तो बड़े होने पर क्या होगा.. तो दीदी ने कहा- इसकी बीवी बहुत खुश होगी। िनेहा ने कहा- मैं अपनी बहन से इसकी शादी करा दूँगी.. वो बहुत चुदासी है।

इसके साथ ही मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया.. तो मैंने नेहा को कहा- अब घोड़ी बन जा.. नेहा फ़ौरन घोड़ी बन गई और मैंने अपना बड़ा लंड उसकी बुर पर रख कर एक ही झटके में पेल दिया। नेहा की चीख निकल पड़ी तो दीदी ने कहा- भैया थोड़ा धीरे.. तो नेहा ने कहा- पेलते रहो..

मैं धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था। करीब 30 मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था.. तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ? तो नेहा ने कहा- मेरे मुँह में.. मैं उसके मुँह में झड़ गया और उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया।

उस रात मैंने दोनों को चार-चार बार और चोदा.. और जब तक दीदी रहीं.. मैं उन्हें रोज़ चोदता था और वो रोज़ अपने दूध की खीर मुझे खिलाया करती थीं।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी.. बताइएगा जरूर.. साथ ही मुझे अपने सुझाव भी ज़रूर बताइएगा। मुझे आपके सुझावों का इंतजार रहेगा। [email protected]

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