मेरे लण्ड का नसीब -1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

दोस्तो, नमस्कार.. मेरा नाम राहुल शर्मा है.. मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं देखने में काफी आकर्षक हूँ। मेरे सामान का साइज 6.5″ का है। मैं अन्तर्वासना का पिछले आठ साल से नियमित पाठक हूँ। इसलिए आज मैं भी हिम्मत करके अपनी आत्मकथा आप सब से साझा कर रहा हूँ।

बात आज से दो साल पहले की है जब मैं एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक इंजीनियर के पद पर पुणे में नौकरी करता था। मुझे पुणे आए हुए चार महीने बीते थे। मेरे प्यार की शुरूआत एक महीने पहले हुई थी। जब ‘वो’ कम्पनी में आई तो सब उसे देखते रह गए। जब वो मेरे पास आई और उसने मुझे ‘हैलो’ कहा.. तो मैंने भी उसे ‘हैलो’ कहा और बस.. देखता ही रह गया।

बस क्या बताऊँ.. दोस्तो.. 5.4′ का कद.. गुलाब की पंखुरियों जैसे होंठ.. और 34-30-36 का शरीर का कटाव.. आह्ह.. कमाल का रंग-रूप.. बस क्या बताऊँ.. यारों..! ऐसा मस्त माल.. जिसे देखते ही सबका लंड खड़ा हो जाए। मेरा तो दिल कर रहा था कि इसे यहीं पकड़ कर मसल डालूँ… लेकिन मजबूरी थी, कुछ नहीं कर सकता था। फिर वो ‘हैलो’ बोल कर चली गई और मैं उसके बारे में सोचता ही रहा।

जैसे-तैसे करके ऑफिस का समय पूरा किया और फ्लैट पर आ गया। खाना खाया और लेट गया। लेकिन नींद तो गायब हो गई थी। उसके बारे में ही सोचता रहा। रात दो बजे तक नींद नहीं आई और फिर मुठ्ठ मार कर लेट गया। उसके बाद पता ही नहीं चला.. कब सो गया, सुबह देर से आँख खुली, जल्दी नहा-धोकर नाश्ता किया।

मैं आपको एक बात बताना तो भूल ही गया। मेरे फ्लैट पर एक खाना बनाने वाली आती थी। उसका नाम उर्मिला था.. उसकी उम्र ज्यादा नहीं थी। लेकिन मैंने उस पर कभी ध्यान नहीं दिया था। वो हमेशा मुझे तिरछी नजरों से देखती रहती थी।

खैर.. फिर मैं जल्दी ही कम्पनी पहुँच गया। सभी से मिलता हुआ ‘उसके’ पास जा पहुँचा। उससे मिलकर ‘हैलो’ किया। उसने भी मुस्कुराकर जवाब में ‘हैलो’ कहा। मैंने उसके बारे में जाना। उसने सब कुछ बताया। उसका नाम मोनिका है। मुझे पता चला कि वो दिल्ली से है और यहाँ अकेली रहेगी। मुझे ये जानकर बहुत खुशी हुई और फिर मैं अपने केबिन की तरफ चला गया।

कुछ देर बाद मैं अपने काम में व्यस्त हो गया था। मेरे सीनियर कुछ देर बाद उसको अपने साथ लेकर मेरे पास आए। उन्होंने मुझसे कहा- आज से ये आपके विभाग में काम करेगी और आपको इसकी काम सीखने में मदद करनी होगी। मैंने ‘हाँ’ में जवाब दिया। अब मैंने मन ही मन भगवान का धन्यवाद किया.. जो उसे मेरे विभाग में ही भेज दिया। वो भी खुश नजर आ रही थी। मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा.. जैसे बिना माँगे सब कुछ मिल गया हो।

वो मुझे ‘सर’ कहकर बुला रही थी। मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। फिर कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। फिर मैंने उसको कहा- तुम मुझे मेरे नाम से पुकारा करो। वो यह सुनकर हँसने लगी और वहाँ से उठकर भाग गई। मैं भी समझ गया कि शायद वो भी मुझे पसन्द करती है।

लेकिन इस बात का पता लगाने का मेरे पास एक तरीका था। वो हर रोज शाम की कम्पनी की गाड़ी से अपने घर जाती थी। उस शाम मैं उससे पहले काम खत्म करके बाहर अपनी मोटरसाईकिल लेकर गेट पर जाकर खड़ा हो गया। जैसे ही वो बाहर निकली मैंने उससे कहा- चलो.. मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ देता हूँ।

वो मेरे साथ बैठ गई। अब मुझे इस बात का तो यकीन हो गया कि वो भी मुझे पसन्द करती है। थोड़ी ही देर बाद हम उसके घर पहुँच गए। वो ‘बाय’ बोलकर घर के अन्दर चली गई। मैं भी अपने घर की तरफ चल दिया और मैं दस मिनट बाद अपने फ्लैट पर पहुँच गया।

मैं खुश तो था.. पर मुझे कुछ अलग सा लगा। लेकिन मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर अन्दर आकर नहा कर घूमने निकल गया। मैं रात देर से घर वापस आया। फिर खाना खाकर सो गया।

मैं सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर तैयार हो गया। जब तक खाना बनाने वाली भी आ गई.. वो आज भी मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी। मैंने इस बात पर फिर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उसने नाश्ता बना दिया। वो फिर भी मुस्कुरा रही थी। मैंने उसके मुस्कुराने का कारण पूछा.. तो उसने कहा- आज आपके तेवर कुछ बदले-बदले से लग रहे हैं। क्या मिल गया आपको? मैंने उससे कहा- ऐसा कुछ नहीं है।

मैं नाश्ता करके कम्पनी के लिए निकल गया। तभी मुझे याद आया कि मोनिका अभी घर पर ही होगी। मैं उसके घर के बाहर पहुँच कर मैंने उसे फोन किया।

उसने फोन उठाकर बताया कि वो आज कम्पनी में देर से आएगी, उसे कोई जरूरी काम है। मैंने कहा कि अगर कोई दिक्कत है तो वो मुझे बता सकती है, मैं उसकी मदद कर सकता हूँ।

उसने कहा- यदि कोई दिक्कत होगी तो जरूर बताऊँगी। मैं फिर कम्पनी में चला गया और अपने सीनियर से कहा कि मोनिका का फोन आया था.. उसे कोई जरूरी काम आ गया है। वो आज लेट आएगी।

दोस्तो, उसके बाद मेरे सीनियर ने मुझे जो बताया.. मुझे उस पर बिलकुल भी विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने मुझे बताया कि मोनिका शादीशुदा है। मुझे तो जैसे कोई बिजली का झटका लगा हो। मुझे और कुछ सुनाई नहीं दिया। मैं तो बार-बार इसी बात को सोच रहा था कि उसने मुझे ये सब क्यों नहीं बताया जबकि हम दोनों लगभग पिछले तीन महीने से साथ काम कर रहे हैं।

फिर मैंने सोचा कि शायद उसकी कोई मजबूरी होगी.. लेकिन मेरा तो जैसे दिमाग काम ही नहीं कर रहा था।

वो 12 बजे करीब कम्पनी में आई और मेरे केबिन में आई और मुझे धन्यवाद कहा.. मैंने कहा- धन्यवाद किस बात का? उसने कहा- अगर आप सर को मेरे लेट आने के बारे में नहीं बताते तो मेरी गैर हाजिरी लग जाती। मैंने कहा- यह तो मेरा कर्तव्य है कि अगर मेरे विभाग में किसी को कोई दिक्कत है.. तो मैं उनका ख्याल रखूँ।

मैंने उससे उसका काम बताया और अपने काम में लग गया। मैं उससे बात करना चाहता था.. लेकिन ज्यादा बात नहीं की.. क्योंकि मैं सब कुछ उसके मुख से सुनना चाहता था। इसीलिए मैंने उससे बात नहीं की। फिर मैंने कई दिनों तक ऐसा ही किया।

यह सच है ना दोस्तो.. अगर आपको कोई प्यार करता है.. तो वो आपको ज्यादा दिनों तक नाराज नहीं देख सकता। ऐसा ही मेरे साथ हुआ। कुछ दिन बाद उसने कहा- क्या बात है.. जो आप मुझसे बात नहीं कर रहे हैं। मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया और वहाँ से चला गया। पूरा दिन मैंने उससे कोई बात नहीं की.. शाम को छुट्टी का वक्त हो गया, मैंने अपना सामान उठाया और बाइक की तरफ चल दिया। मैं जैसे ही बाइक उठाकर गेट पर पहुँचा तो देखा कि वो मेरा वहीं पर इन्तजार कर रही थी। उसने मुझसे कहा- मुझे आपसे बात करनी है। मैंने कहा- मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी।

वो झट से मेरी मोटरसाइकिल पर बैठ गई। मैं बिना कुछ कहे उसके घर की तरफ चल दिया। जैसे ही हम उसके घर से कुछ दूरी पर थे.. तो उसने मुझे रुकने को कहा।

मैंने बाईक रोक दी.. तो उसने कहा- यहाँ रुक कर हम बात नहीं कर सकते। कहीं ऐसी जगह चलो.. जहाँ कोई और ना हो और हम आराम से बैठकर बात कर सकें। मैंने उससे कहा- मेरे फ्लैट पर चलते हैं.. वहाँ कोई नहीं आएगा और हम बात कर सकते हैं। उसने कहा- ठीक है.. जैसा आप ठीक समझो।

अब हम पन्द्रह मिनट बाद ही मेरे फ्लैट पर पहुँच गए। वहाँ कोई नहीं था.. क्योंकि मैं अकेला ही रहता था। हम अन्दर गए और मैंने अन्दर जाते ही अपने कपड़े उठाकर बदलने के लिए बाथरूम में घुस गया। जैसे ही मैं कपड़े बदल कर बाहर निकला तो उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरे गले लगकर रोने लगी। मैंने उसे रोने से चुप करवाया और कहा- क्या हुआ और रो क्यों रही हो? तो उसने कहा- मैंने आपसे बहुत कुछ छिपाया है।

मैंने कहा- वो तुम्हारी निजी जिन्दगी है। मुझे उससे कोई मतलब नहीं है। दोस्तो, फिर उसने वो कहा.. जो मैं सुनना चाहता था, उसने कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ। यह सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लेकिन मैंने अपने ऊपर कण्ट्रोल रखा। उस वक्त मुझे यह लग रहा था कि जैसे बिना माँगे मुझे सब कुछ मिल गया हो।

फिर उसने वो बताया.. जिसे सुनकर मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ, उसने कहा- मैं शादीशुदा हूँ, मेरी शादी को 5 महीने हो गए हैं पर मैं अभी तक कुँवारी हूँ। मैंने कहा- प्यार तो मैं भी तुमसे करता हूँ। लेकिन तुम शादी-शुदा होने के बाद भी कुँवारी हो.. इसका मतलब मैं नहीं समझा? उसने बताया कि उसका पति नामर्द है, उसका लंड खड़ा नहीं होता, वो अब भी कुँवारी ही है। उसके पति ने यह बात उसके घरवालों को बताने से मना किया था।

मैंने सोचा कि भगवान ने उसके साथ यह कैसा अन्याय कर दिया। फिर सोचा कि शायद इसीलिए मेरी किस्मत में इसका प्यार लिखा था। फिर मैंने उससे कहा- ठीक है.. लेकिन मेरी एक शर्त है.. कि तुम मेरे साथ रहोगी। अपने पति से मुझे मिलवाओगी। उसने कहा- मुझे मन्जूर है।

मैंने उसके चेहरे को बहुत ध्यान से देखा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। क्या बताऊँ दोस्तो.. जैसे कोई परी मेरे पास हो.. और मैं उसके होंठों को चूस रहा होऊँ। लगभग पन्द्रह मिनट तक मैंने उसके होंठों को चूसा। अब उसने बताया कि उसका पति कहीं बाहर गया है.. और वो दो दिन बाद वापस आएगा।

मैंने कहा- फिर तो तुम मेरे साथ रहोगी? तो उसने जवाब दिया कि वो अभी मेरे पास नहीं रुक सकती, उसकी सास आई हुई है।

मैंने कहा- अभी हमारे पास कितना वक्त है? उसने कहा- लगभग डेढ़ घण्टा। मैंने कहा- मैं तुम्हारे साथ कोई जल्दबाजी या जबरदस्ती नहीं करूँगा। उसने कहा- ठीक है।

तब तक खाना बनाने वाली भी आ गई, हम दोनों अलग हो गए। तभी मोनिका उठकर बाथरूम में चली गई। वो औरत जो खाना बनाने आती थी.. वो कहने लगी- क्या बात है.. बहुत खुश हो आज?

मैंने कहा- आज तक कोई मिला ही नहीं था.. जो खुश कर सके। यह बात मैंने उसे परखने के लिए कही थी। तो उर्मिला ने कहा- आपने कभी ध्यान ही नहीं दिया.. तो मैंने कहा- अच्छा तो आज ध्यान दे रहा हूँ.. आज खुश कर दो। उर्मिला ने कहा- आज तो ‘वो’ है ना.. मैंने कहा- वो एक घण्टे में चली जाएगी। ‘ठीक है.. मैं रात को दस बजे वापस आऊँगी।’

मैंने सोचा आज तो यार मेरे तो दोनों हाथों में लड्डू हैं। जब चाहे जिसका मजा ले लूँ।

अगले भाग में बताऊँगा कि कैसे उर्मिला को चोदा, कैसे मोनिका के पति से मुलाकात की और कैसे मोनिका मेरे साथ रही.. कैसे उसे चोदकर अपनी पत्नी बनाया, कैसे मैं जिगोलो बना!

आपके प्यार भरे ईमेल का इन्तजार करूँगा.. मेरी मेल आईडी है। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000