मेरा गुप्त जीवन-37

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

इन दिनों कालेज में बड़ी गहमा गहमी थी, एक तो इलेक्शन थे दूसरे कई प्रोग्रामों की तैयारी चल रही थी। कॉलेज की ड्रामा क्लब का मैं भी सदस्य था। हालांकि मुझ को नाटकों में कोई रोल नहीं मिला था लेकिन प्रबंध के काम इतने ज्यादा होते थे कि शाम तक मैं थक जाता था।

कुछ दिनों बाद मम्मी का फ़ोन आया कि वो और पापा एक दो दिन के लिए लखनऊ आ रहे हैं और मैं उनका कमरा ठीक ठाक करवा दूँ। मैंने पारो और कम्मो को बता दिया और उन दोनों ने मम्मी पापा का कमरा एकदम बढ़िया बना दिया।

अगले दिन जब कालेज से वापस आया तो वो दोनों आ चुके थे। फिर हमने दोपहर का भोजन साथ साथ ही किया। बातों बातों में मम्मी ने बताया कि पापा के एक जमींदार दोस्त की दोनों बेटियाँ यहाँ गर्ल्स कॉलेज में पढ़ती हैं और वो कॉलेज के हॉस्टल में रहती हैं। उनको हॉस्टल का खाना अच्छा नहीं लग रहा है तो पापा ने फैसला किया है कि वो दोनों भी हमारी कोठी में ही रहेंगी अगर मुझको कोई ऐतराज़ न हो तो?

पहले तो मैं घबरा गया कि मेरी चुदाई की आज़ादी में विघ्न पड़ेगा उन दोनों के आ जाने से? लेकिन फिर सोचा कि अगर इंकार कर दिया तो पापा बुरा मान जाएंगे और उनको शक भी हो जायेगा कि यहाँ कुछ गड़बड़ तो नहीं। मैं बोला- ठीक है मम्मी, अगर आपकी और पापा की इच्छा है तो वो यहाँ रह सकती हैं। आप उनके लिए कमरा निश्चत कर दो ताकि कम्मो और पारो उसको साफ़ करवा दें।

यह सुन कर मम्मी बहुत खुश हुई और कम्मो के साथ जाकर उनके लिए कमरा सेलेक्ट किया और उसमें सब कुछ साफ़ और नया सामान डलवा दिया।

चाय के समय पापा और एक अंकल जिनको मैं नहीं जानता था, आये, मैंने दोनों को चरण वंदना की। मम्मी बोली- ठीक है भैया जी, आप दोनों लड़कियों को ले आइए ताकि वो अपना कमरा इत्यादि देख लें और आज ही उनका सामान भी शिफ्ट करवा दीजिए ताकि वो आपके होते हुए यहाँ सेट हो जाएँ। अंकल बोले- ठीक है भाभी जी।

फिर हमने साथ बैठ कर चाय और नाश्ता किया और एक घंटे बाद वो अपनी दोनों बेटियों को हमारी कार में बिठा कर ले आये। दोनों के साथ हमारा परिचय करवाया गया, बड़ी का नाम गीतिका था और छोटी का नाम वनिता था, दोनों ही दिखने में आम लड़कियों की तरह थी। वनिता जो अपनी बड़ी बहन से एक साल छोटी थी, काफी दिलचिस्प लगी और बड़ी थोड़ी गंभीर थी। रंग-रूप में दोनों गंदमी रंग वाली और शारीरिक तौर पे वनिता थोड़ी भरे हुए जिस्म वाली थी और बड़ी थोड़ी लम्बी और स्लिम थी, दोनों की आँखें बड़ी सुंदर थी।

पारो और कम्मो ने खाना बहुत स्वादिष्ट बनाया था और सबने खाने की बहुत तारीफ की। फिर रात में हम सब अपने कमरों में सो गए। आज बहुत अरसे के बाद मैं अकेला ही कमरे में सोया।

जाने से पहले मम्मी कम्मो को समझा गई- सोमू को रात में अकेला नहीं छोड़ना, तुम ज़रूर उसके साथ सोना, कोई चाहे कुछ भी कहे। ठीक है! अगर कोई ऐतराज़ करे तो मुझ को खबर करना। समझ गई ना? कम्मो बोली- जैसा आपका हुक्म मालकिन। ‘और देखो कम्मो, तुम और पारो मिल कर बढ़िया खाना रोज़ बनाना ताकि ये लड़कियाँ खुश रहें। अगर कोई समस्या होगी तो मुझको फ़ोन करना, ओके?’ कम्मो ने हाँ में सर हिला दिया।

मम्मी मुझ को कमरे में ले गई और बोली- ये दस हज़ार रूपए तुम रख लो। सारा खर्च इसी में से करना, कम हो जाएँ तो मांग लेना। ओके? मैं बोला- मम्मी, तुम फ़िक्र न करो, मैं सब सम्हाल लूँगा। आज कल घर में नौकरानी कौन है? वो बोली- वही निर्मला है जो यहाँ भी रह कर गई है। तुम जब चाहो उसको फ़ोन कर दिया करो और सबका हाल बता दिया करो। नाश्ते के बाद वो सब चले गए और हम तीनों कालेज चले गए।

कुछ दिन तो सब कुछ ठीक चला लेकिन एक रात में विनी ने मुझको और कम्मो को चोदते हुए पकड़ लिया। उस रात हम दोनों से कमरे का दरवाज़ा ठीक से बंद नहीं किया गया और वो जैसे की मौका ही ढूंढ रही थी, अंदर आ गई जब मैं कम्मो को घोड़ी बना कर चोद रहा था।

वो बड़े धीमी आवाज़ में बोली- यह क्या हो रहा है सोमू? मैं क्या बोलता… मेरी तो बोलती ही बंद हो गई। वो बोली- हमें भी हिस्सा चाहिए इस खेल में! बोलो हाँ, नहीं तो मैं दीदी को बुला लेती हूँ?

कम्मो बोली- छोटे मालिक, बताओ क्या करेंगे अब? मैं बोला- कैसा हिस्सा मांग रही हो तुम? वो बिना किसी झिझक बोली- इस मीठी चुदाई के खेल में… मुझको खेल में शामिल कर लो वरना? मैं बोला- देखो विनी, तुम अभी उम्र की छोटी हो, तुमने यह खेल पहले नहीं खेला है, ज़रा बड़ी हो जाओ तो तुमको भी शामिल कर लेंगे इस खेल में।

मैंने उसको समझाने की कोशिश की लेकिन उसकी नज़र तो मेरे खड़े लौड़े पर ही टिकी थी। वो बोली- सोमू, तुमको बता दें कि हमने यह खेल कई बार खेला है अपने गाँव के दोस्तों के साथ… हमको इस खेल के सारे रूल्स और कायदे मालूम हैं। तुम मुझको शामिल करते हो या नहीं वरना मैं अभी चिल्ला दूंगी। मैंने कम्मो की तरफ देखा और उसने हल्के से आँख मार दी। मैं बोला- ठीक है।

इतना सुनना था कि विनी ने झट मेरा लंड पकड़ लिया, बोली- अरे यह तो वास्तव में खड़ा है. मैंने सोचा था कि यह सिर्फ एक नाटक है! और यह कह कर वो लंड को मुट्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी और कम्मो ने पीछे से उसके मम्मों को पकड़ लिया और निप्पल के संग खेलने लगी।

तब विनी मेरे लंड को छोड़ कर अपने कपड़े उतारने लगी, उसने सिल्क की चोगानुमा ड्रेस पहनी हुई थी, उसको उतारते ही वो बिल्कुल नंगी हो गई। उसका शरीर किशोर लड़कियों के समान था हालांकि वो पूरी वयस्क हो चुकी थी। कम्मो उसके चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से भींच रही थी। मैं ने गौर से देखा, उसकी चूत पर बालों का पूरा जंगल छाया था।

उसने मेरा लंड छोड़ कर कम्मो की तरफ मुंह किया और सीधा मुंह उसके मोटे मम्मों पर टिका दिया और उसकी चूचियों को एक एक कर के चूसने लगी। मैं भी विनी के पीछे खड़ा होकर उसकी गांड और चूत पर हाथ फेरने लगा। उसकी चूत अभी पूरी तरह गीली नहीं हुई थी तो मैंने उसकी भग को मसलना शुरू कर दिया। मेरा खड़ा लंड उसकी गांड में छेद की तलाश कर रहा था।

विनी हम दोनों के बीच सैंडविच बनी हुई थी और खूब आनन्द ले रही थी जैसा उसके मुख से झलक रहा था, उसके मम्मे छोटे और गोल ज़रूर थे लेकिन एकदम सॉलिड थे। विनी भी कम्मो की बालों भरी चूत में हाथ डाले हुई थी।

फिर कम्मो उसको धीरे से मेरे पलंग पर ले आई और उसको वहाँ लिटा दिया, कम्मो बोली- क्यों विनी तुम पहले क्या पसंद करोगी? लंड की चुदाई या फिर मेरे मुंह की चुदाई? विनी झट से बोली- लंड की चुदाई पहले और दूसरी बाद में! मैं बोला- अगर तुम्हारी बहन गीतिका जाग गई तो क्या होगा? इतने में पीछे से आवाज़ आई- मैं तो जगी हुई हूँ और सारा तमाशा देख रही हूँ कब से! यह गीतिका थी। मेरा तो सर चकरा गया। वो जल्दी से हमारे पास आई और अपने सिल्क के चोगे को उतारने लगी। पहले तो कम्मो भी हैरान हो गई कि यह कहाँ छुपी हुई थी और कब कमरे के अंदर आई। नाईट ड्रेस उतारते ही वो भी आकर मुझसे चिपक गई, आगे विनी थी और पीछे गीतिका और कम्मो हैरान हुई कभी मुझको और कभी दोनों लड़कियों को देख रही थी।

गीति ने भी मेरा लंड अपने अधिकार में ले लिया और हाथ से उसके और अंडकोष के साथ खेलने लगी। अब हालत यह थी कि दोनों बहने एक दूसरे को धक्का मार रही थी और मेरे लंड को अपने कब्ज़े में करने की कोशिश कर रही थी। मैंने घबरा कर कम्मो की तरफ देखा और उसने हाथ के इशारे से मुझको बताया कि वो इन दोनों को सम्हाल लेगी।

फिर कम्मो ने अपनी आवाज़ ज़रा ऊँची करके कहा- लड़कियो, अपने पर काबू करो, नहीं तो छोटे मालिक किसी के साथ भी नहीं करेंगे कुछ! यह सुन कर दोनों सम्भल गई और मुझसे माफ़ी मांगने लगी।

कम्मो ने कहा- ऐसा करते हैं, पहले आप दोनों यह बताएं कि तुम दोनों ने कितनी बार लंड चूत का खेल खेला है और किसके साथ? बड़ी बोली- मैंने तो कई बार अपने घरेलू नौकर को चोदा है और फिर गाँव के कई लड़कों के साथ भी यह खेल खेला है खेत खलियान में! विनी बोली- मैंने 4-5 बार चुदवाया है अपने कार के ड्राइवर से और चौकीदार के लड़के से! कम्मो बोली- मुझको लगता है कि तुम दोनों यह सब झूट बोल रही हो। तुम दोनों लेट जाओ पलंग पर, मैं तुम्हारा चेक अप करूंगी। मैं एक ट्रेंड नर्स रह चुकी हूँ, मुझसे कुछ नहीं छुपा सकोगी तुम दोनों। ठीक है?

दोनों एक साथ बोली- नहीं नहीं, हम सच कह रही हैं। तुमको हम को चेक करने की कोई ज़रूरत नहीं। मैं गंभीरता से बोला- देखो जैसा कम्मो कह रही है, वैसा ही करो, वरना मुझको माफ करो। मैं आप दोनों के साथ कुछ नहीं करूंगा। बोलो क्या मंज़ूर है?

पहले दोनों कुछ देर सोचती रही और फिर गीति बोली- अच्छा कम्मो आंटी, हमारा चेकअप कर सकती है लेकिन हमारी शर्त है कि कम्मो आंटी और तुम दोनों वायदा करो कि यह बात किसी को नहीं बताओगे?

मैंने कम्मो को देखा, उसने हल्के से हाँ में सर हिला दिया। तब मैं बोला- हम वायदा तब करेंगे जब तुम भी वायदा करो कि जो कुछ भी यहाँ हम सब करेंगे, वो किसी को नहीं बताओगी। अगर हाँ तो रखो मेरे और कम्मो के हाथ पर हाथ तुम दोनों भी। दोनों ने झट से हमारे हाथ पर अपने हाथ रख दिए।

अब कम्मो बोली- मैं तुम दोनों की चूत का अच्छी तरह चेक अप करूंगी, अगर मुझको लगा कि तुम दोनों की चूत में कुछ गड़बड़ है तो मैं तुम दोनों को डॉक्टर से चेकअप करवाऊँगी, ठीक है? दोनों ने हामी में सर हिला दिया, दोनों पलंग पर नंगी ही लेट गई। तब कम्मो ने पहले बड़ी की चूत को देखना शुरू किया। उसने उसकी चूत को चौड़ा किया और फिर उसमें पूरी ऊँगली डाल कर चेक किया, फ़िर उसने अपनी ऊँगली को सूंघा और फिर उसने गीति के मम्मों को हाथ से गोल गोल चेकअप किया। फिर उसने गीति को उल्टा लिटा दिया और उसकी गांड में ऊँगली डाल कर चेक करने लगी।

इसी तरह उसने छोटी विनी का भी चेक अप किया। चेक अप करने के बाद कम्मो ने उन दोनों को खड़ी कर दिया और फिर वो गीति के मम्मों को चेक करने लगी और फिर उसके मुंह को खुलवाया और ध्यान से उसके अंदर चेक करने लगी।

यह सब करने के बाद वो मेरे पास आई और बोली- छोटे मालिक, गीति की चूत में से बदबू आ रही है, लगता है उसके अंदर इन्फेक्शन हो गई है। जब तक उसकी इन्फेक्शन ठीक न हो जाए, उसको चोदना आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

कम्मो ने मेरी तरफ देखते हुए कहा- विनी की चूत भी ठीक हालत में नहीं है, लगता है उसने भी चूत में गाजर मूली या फिर बैंगन का उपयोग किया है कई बार, जिससे उसमें भी इन्फेक्शन हो गई है।

मैंने यह सब सुन कर गंभीर मुंह बना लिया और दोनों से बोला- बताओ, क्या कम्मो सच कह रही है? तुम दोनों ने आदमी से कभी नहीं चुदवाया है और सिर्फ गाजर मूली से अपनी तसल्ली करती रही हो? मैंने देखा कि दोनों का मुंह एकदम पीला पड़ गया और दोनों ही नज़रें नीचे कर देख रही थी, जिससे साफ़ हो गया कि कम्मो का तीर निशाने पर बैठा था।

मैंने कम्मो से पूछा- अब ये दोनों क्या करें? कम्मो बोली- अगर ये मान जाएंगी तो कल मैं इनको अपनी जानने वाली लेडी डॉक्टर के पास ले जाती हूं और उससे दवाई इत्यादि ले देती हूँ इनको, ताकि जल्दी ही आराम आ जाए इनकी चूतों को! क्यों क्या मर्ज़ी है आप दोनों की?

दोनों ही चुप रही और फिर एक दूसरे को देखने लगी।

फिर गीति बोली- कम्मो आंटी, ठीक कह रहीं हैं। हम कल ही इनके साथ डॉक्टर के पास जाएंगी और अपना पूरा चेक करवाएंगी। मैं बोला- शाबाश लड़कियो, जब तुम दोनों ठीक हो जाओगी तो मैं हूँ न तुम्हारी सेवा करने के लिए। दोनों दौड़ कर आई और मुझको गले लगा लिया। मैंने देखा कि कम्मो मुस्करा रही थी।

कम्मो ने दोनों को उनके सिल्क के चोगे पहनाये और साथ लेकर उनके कमरे तक छोड़ आई और यह भी बोल आई कि रात को अकेले कमरे से मत निकला करो क्यूंकि यहाँ सांप बिच्छू का डर रहता है। जब वो वापस आई तो मेरा लौड़ा फिर खड़ा था और उस रात मैंने कम्मो को बड़े प्यार से काफी देर चोदा और जब वो 3-4 बार छूट गई तभी मैंने उसको छोड़ा। उस रात मैं और कम्मो घोड़े बेच कर एक दूसरे की बाहों में सोये थे। कहानी जारी रहेगी। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000