दो सहेलियों को साथ में चोदा

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, मैं संदीप फिर से आपके सामने हाज़िर हूँ एक नई कहानी लेकर। मेरी पहली कहानी ‘ममेरी बहन की प्रथम चुदाई’ को आप सबने काफी पसंद किया, उसी के आगे की कहानी में आज आप सबको सुनाने जा रहा हूँ।

पिछली कहानी में मैंने आपको पूजा और मेरी चुदाई के बारे में बताया था। अब आगे किस प्रकार पूजा ने अपनी सहेली सुरभि को मुझसे चुदवाया वह देखते हैं। अब पूजा को मैं जब चाहे तब रूम पर लाकर चोद लेता था, हमने खूब मज़े किये। अब प्यार व्यार के बारे में सब पता चल चुका था, दोनों बस अपनी वासना पूरी करने में रहते थे और एक दूसरे की जरूरतों को अच्छी तरह समझ गये थे, उसे भी नये लड़कों से चुदने की इच्छा थी और मैं भी नई चूत के दर्शन करना चाहता था।

सेक्स भी अगर पार्टनर बदल के करा जाए, तो मजा बरक़रार रहता हैं। वर्ना थोड़े समय बाद चीज़ें अपने आप बोरिंग लगने लगती हैं फिर चाहे आपका पार्टनर कितना ही आकर्षक क्यूँ न हो।

मैंने उसे कई बार कहा कि अपनी किसी सहेली से मेरा चक्कर चलवाए लेकिन उसकी अधिकतर सभी सहेलियाँ तो दो तीन लड़कों के साथ मज़े करते थी। कालेजों में लड़कियों को लड़कों की कमी कहाँ रहती है, बुरी से बुरी लड़की को भी कोई न कोई लड़का मिल ही जाता है।

यहाँ मैं रोज़ रोज़ पूजा को चोदकर बोर हो चुका था और अधिकतर दोस्तों के साथ बियर पीने निकल जाता था, पूजा को रूम पे लाना भी कम कर दिया था।

मेरी इच्छा थी कि हम दोनों बियर पी कर सेक्स करें, क्यूंकि दोस्तो, पीने के बाद सेक्स का मज़ा कई गुना बढ़ जाता है, आप सभी जानते है। लेकिन पूजा घर पर रहने की वजह से मना कर देती थी, उसको डर लगता था कहीं ज्यादा चढ़ गई और घर न जा सकी तो मामा उसकी जान ले लेगा। पर मन तो उसका भी करता था।

फिर थोड़े दिनों बाद एक मौका आया, उसकी एक सहेली सुरभि का ब्रेकअप हो गया था और पूजा ने मुझे बताया कि सुरभि मुझे मन ही मन पसंद करती है, बस इतने दिनों से अपने बॉयफ्रेंड की वजह से चुप थी।

मुझे लगा जैसे मेरी लाटरी खुल गई हो। सुरभि एक बहुत ही सुन्दर,सेक्सी और स्टाइलिश लड़की थी, एक नंबर पटाखा।

दोनों सहेलियाँ आपस में खुल के सेक्स की बातें शेयर किया करती थी। पूजा ने उसे सब बता दिया था कि हमने कितनी बार और किस किस प्रकार से सेक्स किया है। मैं उसकी चूत को चाटता था और वो मेरा लंड चूसती है, हर छोटी-बड़ी बात।

जिसे सुनकर सुरभि भी उत्साहित हो जाती थी क्यूंकि उसके बॉयफ्रेंड ने उसे सिर्फ दो बार ही चोदा था और वो उसे इस प्रकार के मज़े नहीं देता था। सुरभि में भी चुदने की लालसा थी।

पूजा ने भी मौका देख कर मेरी बात सुरभि से की और थोड़े ही समय में उसे बातों से उत्तेजित करके सेक्स के लिए राज़ी भी कर लिया। पर पूजा की भी एक शर्त थी मुझसे कि मैं दोनों की चुदाई साथ में करूँ। मुझे भला और क्या चाहिए था, मैंने ख़ुशी ख़ुशी हाँ कर दी।

सुरभि के बारे में बता दूँ, यह एक खुले विचार की लड़की है जो अपने घर से दूर जयपुर में गर्ल्स पी जी में रहती है। उसके पी जी में ज्यादा रोक टोक भी नहीं है। सुरभि ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ एकाध बार सिगरेट और बियर वगरह भी पी रखी थी, जैसा कि पूजा ने मुझे बताया था और यह आजकल की कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है।

अब मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, क्यूँ न दोनों लड़कियों के साथ मिलकर एक पार्टी की जाए और बियर पीकर और पिलाकर सेक्स का मज़ा लिया जाए, क्यूंकि एक साथ दो-दो लड़कियों को पूरी तरह से तृप्त करने के लिए खूब जोश की जरूरत पड़ती है, और पीने के बाद आदमी में बहुत जोश आ ही जाता है। और पूजा तो थी भी एकदम हब्शी, जितना चाहे उतना चोद लो, जब चाहे तब चोद लो, हमेशा तैयार रहती थी।

मैंने अपनी बात पूजा से कही, उसने पहले की तरह मना कर दिया। पर इस बार मैंने बहुत जोर दिया, तो वो मान गई। मैंने उसे सुझाव दिया कि अपने बाप से कह दे कि उसे एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए सहेली के घर जाना पड़ेगा, जिसमें की सुरभि उसके साथ होगी।

उसने सुरभि से बात तो कर ही ली थी, वो भी झट तैयार हो गई और पूजा का बाप भी आखिरकार मान ही गया।

अब वो दिन आ गया जिसका हम तीनों को इंतज़ार था, पूजा को उसका बाप खुद 6:00 बजे सुरभि के पी जी में छोड़ कर गया। 6:30 बजे वो दोनों वहाँ से निकल कर मेरे साथ चल दी।

हम तीनों मेरे रूम पहुचे, मैंने दोनों को पानी पिलाया और खुद सारा सामान लेने के लिए निकल गया। आते वक्त मैंने कंडोम का पैकेट भी खरीद लिया, क्यूंकि पूजा का तो मुझे पता था पर सुरभि के साथ पहली बार था, मैंने सोचा कि सावधानी ले लेने में क्या बुराई है।

मेरा लंड तो पूरे रास्ते ही खड़ा था, एकदम उत्तेजित हो चुका था, रूम पर पहुँचते ही मैंने पूजा को जोर से गले लगा लिया, जिससे उसके मम्मे भिंच गये और किस करना शुरू कर दिया। फिर मैंने सुरभि को भी गले लगाया और एक छोटा सा किस दे दिया।

हम तीनों ने बैठकर अब बातचीत शुरू की और साथ साथ बियर का भी मज़ा लेने लगे। सुरभि ने काफी कुछ मेरे बारे में पूछा, पर मेरा मन तो उसके मस्त मस्त मम्मे चूस कर खा जाने का कर रहा था। वो दोनों गटागट गटागट बीयर खींचे जा रहे थी, मुझे लगा वैसे ही पीती नही हैं, कहीं पीकर बेहोश हो गई तो खड़े लंड पर चोट हो जाएगी। बार बार उन्हें नसहीयत देता रहा कि धीरे धीरे और कम कम पियो। नशा तो तीनों पर चढ़ चुका था और इन दोनों की आँखों से भी हवस झलकने लगी थी।

पूजा मेरे एकदम चिपक कर बैठ गई और मेरे कान और गले पे चूमने-चाटने लगी। मेरे शर्ट के बटन खोल कर छती पर चुम्मियों की बौछार कर दी।

मैंने भी अपने हाथ उसके टॉप में डाल रखे थे और एक हाथ से उसके बोबे मसल रहा था और एक से उसकी पीठ सहला रहा था। अब मैंने उसका टॉप खीच कर निकाल दिया, उसकी ब्रा उतारी और उसके मम्मों पर टूट पड़ा, उसके मलाईदार मम्मों को मैं कुत्ते की तरह काटने और चूसने लगा, वो जोर से सिसकारियाँ लेने लगी।

इतना सब देख कर सुरभि की हालत एकदम ख़राब हो चुकी थी, वो अपने हाथों से अपने मम्मे दबा रहे थी, जीन्स में एक हाथ डालकर चूत रगड़ने लगी थी।

पूजा और मेरा ध्यान उस पर गया, सुरभि भी हमसे थोड़ी ही दूरी पर बैठी थी, चूँकि रूम बहुत छोटा था, मैंने सुरभि का एक हाथ पकड़ा और उसे अपनी ओर झटके से खींच लिया और उसे पकड़ते ही मैंने एक जोरदार चुम्बन दिया, वो भी इतनी देर से प्यासी थी तो बराबर साथ देने लगी और उत्तेजित होकर मुझे बुरी तरह काटने चूसने लगी, नशा उस पर भी खूब चढ़ा था।

अब मैं बारी बारी से उसके मम्मे चूसने लगा, उसके कपड़े उतारने में पूजा मदद करने लगी। पूजा खुद भी पूरी नंगी हो चुकी थी और सुरभि की जीन्स और चड्डी खोल उसे भी नंगी कर दिया था। मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए, हम तीनों एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे।

अब हमने सुरभि को लेटा दिया और मैं और पूजा दोनों ही उसे चोदने लगे, पूजा उसकी चूत चाट रही थी और मैं उसकी नाभि और बोबों को बेहताशा चाट-चूम रहा था। पूजा एक हाथ से मेरा लंड भी बीच बीच में हिलाने लगी और सुरभि बस पड़ी हुई जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी, उसकी आँखें बंद हो चुकी थी।

अब पूजा उसे छोड़कर मेरा लंड चूसने लगी और ऊपर मैं और सुरभि फिर से जोर लिप किस करते हुए एक दूसरे के होंठों को काटने लगे और जीभ चूसने लगे।

अब पूजा की बारी थी, मैं उसे बेड पर लेटाकर उसकी चूत चाट रहा था और ऊपर वो दोनों अपनी लेस्बियन क्रियाओं में व्यस्त हो गई, एक दूसरे को खूब किस किया और मम्मे चूसे, वो दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चाटने लगी, उनकी यह मस्ती देख कर मैं भी हैरान रह गया, पहली बार सामने दो लड़कियों को सेक्स करते देख रहा था, वो भी इतना वाइल्ड कि पूछो मत। मेरे लंड का पानी वहीं छूट गया।

अब इतनी देर के फ़ोरेप्ले के बाद मैंने पहले पूजा की चुदाई शुरू की, उसके ऊपर आकर एक धक्का दिया और लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में घुस गया, वो चिल्लाई पर थोड़ी ही देर में खुद ही गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। मैं भी दोनों हाथ में उसके दोनों मम्मे पकड़ कर बहुत जोर से भींचने लगा।

इस बीच सुरभि अभी भी उसे किस करने में लगी हुई थी, सुरभि खुद की चूत में ऊँगली देते हुए पूजा को किस किये जा रहे थी।

थोड़ी देर बाद मैं पूजा की चूत में ही झड़ गया, अब हम तीनों ने थोड़ा रेस्ट लेते हुए सिगरेट सुलगाई। फिर 10 मिनट के बाद फिर से चुदाई का दौर चालू हुआ, इस बार मैंने सुरभि की चुदाई की, सुरभि को पूरे जोश के साथ चोदा। और फिर हम तीनों बुरी तरह थक हार कर यों ही नंगे सो गये। वो चुदाई हम तीनों की आज तक की सबसे यादगार चुदाई थी। उस दिन की याद आते ही आज भी मैं बिना मुठ मारे नहीं रह पाता। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000