गाजियाबाद की चुदासी औरत

हैलो दोस्तो, हैरी बवेजा का नमस्कार.. मैं हैरी पंजाब से हूँ.. आप सब तो जानते ही होंगे.. फिर भी नए पाठकों में लिए अपना परिचय दे रहा हूँ। मेरी उम्र 27 की है.. हाइट 5 फीट 8 इंच की है।

आप लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया। मेरी नई कहानी प्रकाशित होने पर भारी संख्या में आप लोगों में मेल मिलते हैं.. जिससे दिल को बहुत ख़ुशी होती है।

तो दोस्तों वक्त ख़राब न करते हुए मुद्दे पर आते हैं। मेरी पिछली कहानी ‘पिया गया परदेस.. लिंक दे रहा हूँ.. काफी पसंद की गई.. उस कहानी के जवाब में मुझे एक मेल मिला.. जो कि गाजियाबाद से था। उसकी उम्र 36 साल की थी और वो विधवा थी। उसके पति उससे कहीं ज्यादा उम्र के थे.. पैसे के कारण नीलम में उससे शादी कर ली थी।

शादी के दस साल बाद उसके पति का स्वर्गवास हो गया। नीलम ने ये सब मुझे मेल पर बताया कि उसे मेरी मदद चाहिए। मैंने मेल लिखा कि ठीक है मैं आपकी मदद करूँगा। नीलम का जवाब आया- तो आप कब आ सकते हैं? मैंने कहा- आप जब कहो?

फिर मैंने नीलम से पूछा- क्या इससे पहले भी आपने ‘कॉल ब्वॉय’ की सर्विस ली हैं? तो नीलम ने कहा- हाँ.. दो कॉल ब्वॉय हैं जिनसे मैं अक्सर चुदवाती रहती हूँ.. पर दोनों आजकल किसी काम में बिजी हैं.. इसलिए आपसे सम्पर्क किया है। मैंने कहा- ठीक है। नीलम ने आगे कहा- तो कब मिलोगे? मैंने कहा- जैसा तुम चाहो। उसने कहा- ठीक है.. कल ही आ जाओ। मैंने उसकी चुदास को समझते हुए कहा- ठीक है।

मैंने अपना नंबर उसे दे दिया और कहा- मुझे कॉल करना। मुझे थोड़ी देर बाद नीलम का फ़ोन आया और बातें हुईं। फिर मैं गाजियाबाद जाने के लिए अगले दिन रवाना हो गया। शाम को करीब मैं 4 बजे वहाँ पहुँच गया, मैंने नीलम को पहुँच कर फ़ोन किया।

नीलम ने कहा- रिक्शा पकड़ कर यहाँ आ जाओ.. मैं वहाँ से एक रिक्शा पकड़ कर उसके पते पर चला गया। उसने मुझे अपना मकान नंबर बता दिया था.. तो मुझे उसका घर ढूँढने में कोई दिक्कत नहीं हुई।

मैंने घर पर पहुँच कर बेल बजाई.. मकान में से एक औरत निकली.. मैंने कहा- मुझे नीलम जी से मिलना है। उस औरत ने कहा- मालकिन अन्दर हैं आप बैठिए.. मैं बता कर आती हूँ। वो औरत उसकी नौकरानी थी.. जो सुबह और शाम को उसके घर पर काम करने के लिए आती थी।

थोड़ी देर बैठने के बाद नीलम वहाँ आई। नीलम ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी और ब्लाउज हाफ बाजू का गहरे गले का पहना हुआ था। नीलम की चूचियाँ उसके ब्लाउज में से साफ दिख रही थीं। नीलम आकर मेरे पास बैठ गई और पूछने लगी- आपको आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई? मैंने कहा- नहीं.. दोस्तो, आपको नीलम का फिगर बता दूँ.. नीलम सांवले रंग की थी.. पर नैन-नक्श बहुत अच्छे थे.. उसके मम्मे 36 इंच के एकदम कसे हुए थे.. कमर 32 इंच की बलखाती हुई थी और गाण्ड का नाप 36 इंच का रहा होगा.. एकदम मस्त औरत थी।

नीलम ने कहा- आओ.. अन्दर चलते हैं। उसने अपनी नौकरानी को नाश्ता आदि लाने के लिए बोल दिया। थोड़ी देर बाद हमने नाश्ता किया और फिर नीलम ने कहा- आओ आपको घुमा लाती हूँ। मैंने कहा- हाँ.. क्यों नहीं.. चलो चलते हैं।

नीलम ने अपनी गाड़ी निकाली और मैं उसके साथ बैठ गया, हम लोग काफी घूमे.. फिर रात को 9 बजे घर लौटे। घर लौटते समय नीलम ने एक बीयर की दुकान पर गाड़ी रोकी और मुझसे कहा- चार बीयर ले आओ। उसने मुझे पैसे दे दिए.. मैं 4 बीयर ले कर आ गया और हम दोनों घर को चल दिए।

घर पहुँचे.. तो देखा घर बंद था। नीलम ने अपनी चाबी से दरवाजा खोला। उसके पास भी एक चाबी थी और हम घर के अन्दर हो गए।

सीधे नीलम अपने बेडरूम में गई और मैं भी पीछे-पीछे चला गया। कमरे में पहुँच कर नीलम अपनी साड़ी खोलने लगी और उसने ब्लाउज पेटीकोट भी उतार दिया। अब वो बस ब्रा और कच्छी में आ गई थी। मुझसे कहा- तुम भी अपने कपड़े उतार दो.. पूरे नंगे हो जाओ.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए.. मेरे जिस्म पर सिर्फ कच्छा रह गया था। फिर नीलम ने कहा- आओ चलो पहले कुछ खाना खाते हैं.. फिर कुछ करेंगे। मैंने कहा- ठीक है.. हम लोगों ने खाना खाया और फिर नीलम वो बीयर की बोतल खोलने लगी और कहा- पीते हो न? मैंने कहा- हाँ..

नीलम ने चियर्स किया और एक बीयर मैं और एक बीयर वो.. पीने लगे। जल्द ही नीलम ने एक बीयर खत्म कर दी और अब वो मेरे पास आ गई। वो कहने लगी- ये क्यों पहन रखा है.. इसे भी खोलो न..

उसने झपट्टा मार कर मेरा कच्छा खोल दिया और मेरा लौड़ा अपने हाथ से ले कर दबाने लगी।

उसकी भरपूर जवानी को देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था। मैंने भी नीलम की चूचियों पर जो ब्रा चिपकी हुई थी.. उसे निकाल फेंका। आय हाय.. क्या मस्त चूचे थे.. 36 के थे उसके गोल चूचे.. मैं उनको अपने मुँह में ले कर चूसने लगा। वो ‘आहें’ भरने लगी- आईईईए.. आई एह.. अब वो मेरे लंड को जोर-जोर से दबाने लगी थी।

मैंने धीरे-धीरे उसको मसलते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चिकनी चूत में उंगली डालने लगा। नीलम पूरे जोश में आ रही थी.. वो मेरे लंड को जोर-जोर से मसल रही थी। फिर उसने मेरे लंड पर थोड़ा सी बीयर डाल दी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। उसे लौड़ा चूसने में बहुत मजा आ रहा था। वो ऐसे ही 5 मिनट तक मेरा लवड़ा चूसती रही।

फिर उसने कहा- हैरी.. मेरी चूत चाटो.. मैंने नीलम को चित्त लिटा दिया और उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और चाटने लगा। वो मजे से ‘आहें..’ भर रही थी और मैं लगातार पूरे मनोयोग से उसकी चूत को ‘चपर.. चपर..’ चाट रहा था।

वो ‘आईईईई.. आइ..ई.. उईईईई..’ कर रही थी.. और चूतड़ों को हवा में उठाते हुए जोर-जोर से अपनी चूत चटवा रही थी.. उनसे मेरे सर को चूत पर जोर से दबा रखा था। फिर वो अकड़ गई और झड़ गई.. बोली- आह्ह.. बस करो अब.. मुझे चोदो.. मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रख लिया। फिर उसकी चूत का निशाना साध कर लंड को छेद में ‘सट..’ से घुसा दिया।

उसने थोड़ा सा ‘उई..माँ..’ किया और पूरा लंड चूत में समा गया। अब मैंने हौले-हौले धक्के लगाने चालू कर दिए थे। नीलम को मजा आने लगा और वो नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी।

कुछ देर चुदने के बाद नीलम ने कहा- तुम नीचे आओ.. मैं ऊपर आती हूँ। नीलम मेरे ऊपर आ गई और लंड को अपनी चूत में घुसवा लिया और जोर-जोर से चुदने लगी। उसे बहुत मजा आ रहा था ‘वूऊऊऊओ.. आईह… अईए.. उईई.. आईईई.. चोद साले.. हईईईईए..’ वो चुदास में सीत्कारें निकाल रही थी और चूत को लौड़े पर पटकते हुए जोर-जोर से चुद रही थी।

मैं भी नीचे से अपनी लंड की रफ़्तार तेज कर रखी हुई थी। नीलम ऐसा करते-करते झड़ गई और मेरे ऊपर गिर गई। मैंने कहा- बस? नीलम ने कहा- मुझे पहली बार में खुद ही चुद कर पानी गिराने में मजा आता है.. दूसरे राउंड में हम लोग और भी कई तरीकों से चुदाई करेंगे। मैंने कहा- ठीक है..

मैं नीलम के मम्मों को लगातार दबा रहा था और चूम रहा था.. साथ ही उसकी चूचियाँ चूस भी रहा था.. ताकि वो जल्दी फिर से जोश में आ जाए। मैंने नीलम की चूत पर फिर से जीभ को काम पर लगा दिया.. उसकी चूत से निकला हुआ पानी अभी भी उसकी जाँघों में लग कर नीचे गिर रहा था। मैंने उसे अपनी जीभ से साफ़ किया और फिर से उसकी चूत चाटने लगा।

नीलम अब जोश में आ गई थी। मैं उसकी चूत के दाने को बार-बार अपने होंठों में दबा कर काट लेता.. जिससे वो ‘उईईए..’ करने लगती। अब वो जोश में आ गई थी और ‘आईई… ईईह… उईईए.. उफ्फ्फ्फ..’ कर रही थी।

जैसे-जैसे मैं उसकी चूत को चाटता.. वो मस्ती भरी सिसकारी लेने लगती और मेरे सर को पकड़ कर अपने चूत में सटा लेती। नीलम अब कहने लगी- हैरी मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.. आओ.. मैं तुम्हारा और तुम मेरी चूसो।

हम दोनों 69 में हो गए.. वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं उसकी चूत को.. जैसे ही मैं उसकी चूत में जीभ अन्दर करता.. वो मेरे लंड को जोर से काट लेती.. ऐसा लगता था कि जैसे खा जाएगी।

थोड़ी देर बाद नीलम ने कहा- बस करो.. अब आओ.. चोदो मुझे.. मैंने भी देरी न करते हुए नीलम से पूछा- कैसे चुदवाओगी?

अब वो गाण्ड मेरी तरफ करके बिस्तर पर कुतिया की तरह हो गई। मैं समझ गया, मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया और धक्के लगाने लगा। वो ‘उईईए.. आईईई.. हईईईई..’ करने लगी और अपनी चूत मेरे लंड पर जोर जोर से मारने लगी। ‘आईईए.. उईईईए.. होईईई..’ वो सिसकारियाँ भर रही थी और पूरे जोश से चुद रही थी, मैं भी सटासट धक्के लगाते जा रहा था।

नीलम ने कहा- हैरी.. तुम थोड़ा देर रुक जाओ.. मैं खुद चुदती हूँ। अब नीलम ने जोर-जोर से मेरे लंड पर अपनी गाण्ड पटकने लगी.. इस तरह मैं सीधा खड़ा था और उसकी चूत मेरे लौड़े को चोद रही थी। मैं सिर्फ उसकी कमर को पकड़े हुआ था। फिर नीलम ने कहा- चलो.. टेबल पर चलते हैं।

अब नीलम ने अपनी एक टांग को टेबल पर टिका दिया और एक नीचे मैंने उसके पीछे खड़ा होकर उसकी चूत में लंड ड़ाल दिया और उसे हचक कर चोदने लगा। नीलम बहुत अच्छे से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी, ‘आईईईए.. उईईईईईए.. होईईई..’ वो आहें भर रही थी।

मैं पीछे से लंड उसकी चूत पर ‘दे दनादन’ लौड़े को पेल रहा था। मैं कभी-कभी उसकी मोटी-मोटी चूचियाँ भी मसल देता और चूस भी लेता.. जिससे वो और भी मजे लेते हुए चुद रही थी। फिर नीलम टेबल पर ही लेट गई और कहने लगी.. तुम नीचे खड़े हो कर चोदो।

मैं भी नीचे खड़ा होकर उसे चोदने लगा वो मजे से ‘आईईईए.. उईईई.. हाय.. हाय..’ करती जा रही थी.. पर झड़ने का नाम नहीं ले रही थी। फिर वो मेरे साथ वापस बेडरूम में गई और उसने कहा- बस हैरी.. आओ मेरे ऊपर चढ़ जाओ और मुझे चोदो.. अब मैं झड़ना चाहती हूँ।

मैंने फिर से उसकी टाँगें ऊपर कर दीं और जोर-जोर से उसे पेलने लगा। उसकी चूत से ‘फच.. फच..’ की आवाजें आ रही थीं और वो नीचे से कमर हिलाए जा रही थी ‘जोर-जोर से चोदो..’ अब लग रहा था कि मैं भी झड़ जाऊँगा, मैंने भी अपने धक्के तेज कर दिए और नीचे से नीलम भी जोर-जोर से धक्के देने लगी, उसने एकाएक मुझे अपने बाँहों में जोर से जकड़ लिया और वो झड़ने लगी।

मैं भी अंतिम कगार पर था.. मैंने भी आखरी में तगड़े धक्के मारे और झड़ गया। हम दोनों ही लेट गए.. थोड़ी देर बाद हम दोनों बाथरूम में गए और फ्रेश होकर आ गए और सो गए।

रात को नीद खुली तो देखा कि नीलम मेरे लंड से खेल रही थी। मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था। नीलम ने ढेर सारा तेल मेरे लंड पर लगा दिया और अपनी गाण्ड पर भी तेल लगा लिया। वो मेरे लंड पर बैठ गई और अपनी गाण्ड मरवाने लगी।

वो कूद-कूद कर उछल-उछल कर अपनी गाण्ड मेरे लंड पर मार रही थी.. उसके धक्कों से मेरी भी ‘आह..’ निकली जा रही थी। ऐसा उसने करीब दस मिनट तक किया और थक कर लेट गई और कहने लगी- अब तुम मेरी गाण्ड मारो। मैंने नीचे एक तकिया रखा.. जिससे उसकी गाण्ड ऊपर उठ गई। उसकी गाण्ड बिल्कुल लाल दिख रही थी। मैंने अपना लंड उसकी गाण्ड में घुसा दिया और जोर-जोर से पेलने लगा। इसी के साथ मैं उसकी चूत के दाने को भी मसलने लगा.. जिससे वो जल्द झड़ सके।

करीब बीस मिनट तक उसकी गाण्ड मारने के बाद.. वो झड़ गई और मैं भी साथ ही झड़ गया। फिर हम सो गए..

सुबह मुझे जल्दी जाना था। मेरी गाड़ी 6 बजे की थी.. मैं जल्दी उठा और नीलम से कहा- मैं जाने वाला हूँ। नीलम ने मुझे पकड़ लिया और कहा- आओ एक बार और हो जाए। मैंने कहा- नहीं मेरी गाड़ी का टाइम हो रहा है। उसने कहा- कोई बात नहीं.. जल्दी-जल्दी कर लेते हैं।

मैंने नीलम की जल्दी-जल्दी चूत मारी और फ्रेश होकर जाने लगा। नीलम ने मेरी फीस मुझे दी और मुझे स्टेशन पर छोड़ कर चली गई।

तो दोस्तो, कैसी लगी यह मेरी नई आपबीती.. मुझे मेल जरूर कीजिएगा। [email protected]