शादीशुदा मर्द से पहली चुदाई का मज़ा -1

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मेरा नाम रीतू चौधरी (बदला हुआ नाम) है। आज मैं सभी को अपनी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ।

सबसे पहले अपने बारे में बता दूँ.. मेरी हाइट 5’6″ है। मेरे बदन का आकार 36-32-34 है.. रंग गोरा है। मैंने यह कभी सोचा भी नहीं था कि मैं अपने पति के अलावा किसी और से भी सेक्स करूँगी।

मेरे भाई का एक दोस्त है वो हमारा अच्छा पड़ोसी भी है। उसका नाम रोहन है.. वो देखने में बहुत ही अच्छा लगता है, उसका रंग गोरा है.. हाइट 5’11” की है। वो रोज हमारे घर आता है, वो हमेशा मुझे कुछ अलग ही ढंग से देखता था। उसकी शादी हो चुकी थी.. फिर भी वो मुझे ऐसे देखता था मानो वो अभी मेरे साथ कुछ कर डालेगा।

एक दिन वो हमारे घर आया.. उस समय हमारे घर में मेरे भाई और मम्मी की लड़ाई हो रही थी। तो वो ये सब देख कर वापस चला गया। मेरे कॉलेज का टाइम भी हो रहा था.. तो मैंने भाई को बोला- मुझे कॉलेज छोड़ आओ..

भाई ने गुस्से से मुझे मना कर दिया तो मैं अकेली ही कॉलेज के लिए निकल गई। थोड़ी देर बाद रोहन हमारी गाड़ी लेकर आ रहा था। उसने बताया कि मेरी मम्मी ने उसे मुझे कॉलेज ले जाने को भेजा है.. तो मैं उसके साथ बैठ गई।

कुछ दूर जाने के बाद उसने मुझसे पूछा- तेरी क्लास कब की है? मैंने उसे बताया- भाई 10-30 से है। तो वो बोला- फिर तो गाड़ी तेज चलानी पड़ेगी..

अब वो गाड़ी तेज चला रहा था.. अचानक एक कुत्ता सामने आ गया.. तो उसने तेजी से ब्रेक लगाई.. जैसे मैं आगे आ गई और उसने मुझे पीछे करने के चक्कर में मेरी चूची को दबा दी और बोला- ओह.. बचना यार कुत्ता आ गया था। मैं कुछ नहीं बोली.. बस अपनी चूची को सहलाने लगी।

तभी वो बोला- रीतू.. तेरी चूची तो बड़ी मस्त है.. मुझे बड़ी शर्म आई और मैंने उसे बहुत डांटा और बोली- मुझे घर ले चलो.. मुझे कॉलेज नहीं जाना।

हम वापस घर की तरफ चल दिए तो उसने रास्ते में गाड़ी रोक दी और उतर कर एक दुकान से कोल्ड ड्रिंक लेने जला गया।

कोल्ड ड्रिंक लाकर मुझसे बोलने लगा- प्लीज़ घर किसी को मत बताना.. तुम्हारे घर में वैसे ही लड़ाई हो रही है.. तेरी मम्मी को सदमा लगेगा। मैंने सोचा कि यह सच ही बोल रहा है और बताने से लड़ाई ही होगी, मैंने कहा- ठीक है.. पर आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए। उसने कहा- ठीक है..

उसने कोल्डड्रिंक मुझे दी और कहा- ले पी ले। मैंने कोल्ड ड्रिंक पी ली.. फिर कुछ देर बाद मुझे कुछ होने सा लगा और मेरा मन उसके पास जाने को कर रहा था।

वो यह समझ गया था.. उसने गाड़ी साइड में लगा दी और मेरे पास आ कर बैठ गया। मेरे हाथों को अपने हाथों में ले लिया मैंने पता नहीं एकदम से उसकी गोद में अधलेटी सी हो गई.. और वो मेरे होंठों पर चुम्बन करने लगा।

मैं भी कोई विरोध न करते हुए उलटे उसका साथ देने लगी। फिर वो मेरे चूचे दबाने लगा। मुझे अजीब सा मजा आ रहा था। तभी उसने मेरी सलवार खोल दी और पैन्टी के ऊपर से ही मेरी चूत को छेड़ने लगा।

मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था.. मैं गाड़ी की पिछली सीट पर लेट गई.. वो मेरे ऊपर आ गया।

उसने मेरी पैन्टी भी घुटनों तक उतार दी मैं उसको मना करना तो चाहती थी.. मगर मुझसे कहा नहीं जा रहा था।

तभी उसने मेरी चूत में अपनी एक उंगली धीरे-धीरे अन्दर डालना चालू कर दी.. मुझे दर्द सा होना शुरू हो गया और मेरा नशा भी खत्म हो गया था।

तब मैंने उससे कहा- ये सब मत करो मैं अपने घर में बोल दूँगी.. वो चुपचाप अपना काम करता रहा.. मैं जोर लगाती तो वो उंगली और अन्दर डाल देता.. जिससे मुझे दर्द होता।

वो कुछ मिनटों तक मेरी चूत में जबरदस्ती अपनी उंगली करता रहा.. थोड़ी देर बाद मेरी चूत ने उंगली को रास्ता दे दी थी और मेरी चूत का दर्द भी कम हो गया था.. बल्कि यूँ कहूँ कि अब मुझे मज़ा आने लगा था। तभी मुझे लगा कि मुझे टॉयलेट जाना पड़ेगा.. तो मैंने उससे कहा- मुझे टॉयलेट जाना है।

वो बिना कुछ सुने अपनी उंगली अन्दर-बाहर कर रहा था। मुझसे रूका नहीं गया तो मैंने वहीं पर ‘सू सू’ कर दी.. लेकिन जब पानी बाहर आया तो वो ‘सू सू’ नहीं कुछ चिपचिपा मलाई जैसा कुछ था।

उसे देख कर रोहन तो पागल सा हो गया और अपनी पैन्ट उतारने लगा। अब मुझे भी उसका लण्ड को देखने का मन करने लगा, जब उसने पैन्ट उतारी.. तो उसका लण्ड आगे से लाल और बिल्कुल गोरा था। मैं चुपचाप लेटी रही और वो मेरे ऊपर चढ़ गया तथा वो अपना लण्ड मेरी चूत में डालने लगा। मुझे फिर से बहुत दर्द होने लगा.. पहले से ज्यादा.. मेरी आँखों से आंसू आने लगे। मैंने रोहन से कहा- बहुत लगती है.. मुझसे नहीं होगा..

उसने कहा- अब तुझे कुछ भी हो.. पर तू तो आज जरूर चुदेगी.. मेरा मन कब से तुझे चोदने का कर रहा था.. आज मौका मिला है.. मैं इस मौके को कैसे जाने दूँ?

मैं रोती हुई बोली- अब तो मैं तेरी ही हूँ.. फिर कभी कर लेना.. पर प्लीज़ अभी मत करो। वो नहीं माना और अपना लण्ड मेरी चूत में अन्दर डालने में लगा रहा। उसका लौड़ा मेरी चूत में अन्दर घुसा कर मुझे बेहद दर्द दे रहा था.. तभी मैं बेहोश सी होने लगी लेकिन वो मेरी चूत के साथ जबरदस्ती करता रहा।

कुछ देर बाद मुझे होश सा आया.. तो तब भी वो चुदाई करे जा रहा था। मैंने हाथ लगा कर देखा.. उसका लण्ड आधा मेरी चूत में अन्दर घुस चुका था।

मैंने उससे कहा- प्लीज़ रोहन.. फिर कभी कर लेना.. अब तो मैं तुमसे जरूर करूँगी। उसने कहा- एक शर्त पर.. अगर पीछे से करने दोगी तो मैं नहीं करता हूँ।

मैंने झट से ‘हाँ’ कह दिया और वो मेरे ऊपर से हट गया। मैंने खड़े होने की कोशिश की.. लेकिन मुझे बेहद दर्द हो रहा था। तो उसने मुझे बैठा दिया फिर मैंने सीट देखी.. तो उस पर खून लगा था। मैं बोली- ये कैसे साफ करोगे? तो वो बोला- धुलाई करवा दूँगा।

अब वो मेरे पास आकर मेरी किस करने लगा.. मैं भी उसे चुम्मियाँ करने लगी।

फिर उसने मुझे अपना लण्ड पकड़ाते हुए कहा- इसे ऊपर-नीचे तो करो.. उसका लण्ड बहुत मोटा था.. मैं बहुत देर तक उसके लौड़े को मुठियाते रही.. मेरे इस तरह से करने से उसे मजा आ रहा था और वो बोले जा रहा था- तेज.. और तेज.. फिर एक लम्बी सांस लेते हुए उसने अपने लौड़े का पानी निकाल दिया।

कुछ देर हम दोनों यूँ ही बैठे रहे और फिर बाद में हम लोग अपने-अपने घर चले गए। दोस्तो, कहानी अभी बाकी है.. अगले भाग में आप पढ़ना कि रोहन ने मेरे घर में ही मेरी चुदाई की और मुझे अपना शैदाई बना लिया। आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा। कहानी जारी है। [email protected]

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