मेरी क्लास की लड़की के चूचे

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

हैलो दोस्तो.. मेरा नाम राकेश पाटिल, उम्र 26 साल है.. मैं मुंबई में कल्याण शहर से एक महाराष्ट्रियन परिवार से हूँ। मेरे परिवार में माँ-पापा और 2 छोटी बहनें हैं। हमारा कल्याण में खुद का घर है.. मैं अभी ठाणे में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने आज तक की सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के सामने लाना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी कहानी पसंद आएगी।

मैं जब बारहवीं क्लास में पढ़ता था.. तब मेरी संगत स्कूल के कुछ बिगड़े लड़कों से हो गई.. मैं दिन भर उनके साथ ही रहता था.. हम सब बहुत मस्ती करते थे। लड़कियों के साथ बात करने की मेरी हिम्मत नहीं हो पाती थी.. मैं लड़कियों से थोड़ा दूर ही रहता था।

मेरी क्लास में एक लड़की थी.. जिसका नाम था कल्याणी। वो तब मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड थी। हम दोनों बात तो करते थे.. लेकिन ज्यादा नहीं। वो एक साधारण सी दिखने वाली लड़की थी।

एक दिन मेरी क्लास में मेरी किसी के साथ लड़ाई हो गई.. तो इससे पहले मैं ज्यादा कुछ झगड़ा करता.. उससे पहले हमारे टीचर आ गए। उस समय मैं शान्त रह गया पर मैंने लंच ब्रेक में अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसकी पिटाई कर दी.. कल्याणी ने वो सब देख लिया और वो मुझसे इम्प्रेस हो गई।

अब मैं जब भी कल्याणी की तरफ देखता.. तो मैं पाता कि वो मेरी तरफ ही देख रही होती थी। लेकिन मैं उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देता था.. क्योंकि उसका जो बॉयफ्रेंड था.. वो मेरा दोस्त था। एक हफ्ता ऐसा ही चला.. उसके बाद एक दिन स्कूल में हमारा साइंस का प्रोजेक्ट था.. सर हमें लैब में लेकर गए थे।

सब छात्रों ने प्रोजेक्ट पूरा कर लिया और क्लासरूम में वापस चले गए थे। मुझे वैसे भी कुछ नहीं आता था तो मैं वहीं रुका हुआ था.. उतने मैं कल्याणी आ गई और उसने मेरी मदद करनी चाही लेकिन मैंने उसे मना कर दिया। तो वो नाराज होकर चली गई.. क्लासरूम में वापस आने के बाद मैंने देखा कि वो मेरी तरफ ही देख रही है।

क्लास में मेरा एक और दोस्त था.. उसका नाम सचिन था। मैंने सचिन को बोला- देख कल्याणी देख मेरी तरफ कैसे देख रही है.. तो सचिन ने भी इस बात को नोटिस किया, उसने मुझसे कहा- टाइमपास के लिए पटा ले यार.. लेकिन मैंने उससे कहा- मेरी हिम्मत नहीं होती और वो दोस्त की गर्लफ्रेंड भी है। स्कूल छूटने के बाद हम घर चले गए।

दूसरे दिन स्कूल में सचिन ने मुझसे कहा- तू उससे सैटिंग कर ले बे.. मैंने उससे सब बात कर ली है.. और कल्याणी ने भी ‘हाँ’ बोल दिया है। मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.. तब सचिन ने मुझसे कहा- तुझे ज्यादा कुछ नहीं करना है.. तू सिर्फ कल्याणी की पीछे वाली बैंच पर जाकर बैठ जा..

तो मैं वहाँ पर जाकर बैठ गया.. मेरे बाजू में नितिन नाम का मेरा एक दोस्त बैठा था। हमारे टीचर शायद उस दिन पढ़ाने के मूड में नहीं थे.. उन्होंने हमें एक लेसन याद करने के लिए बोला और टेबल पर सर रख के सो गए। मैंने बुक को अपने हाथों में लेकर धीरे से कल्याणी की पीठ पर टच किया.. उसने कुछ नहीं कहा। इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.. मेरा हाथ बुक की वजह से किसी को नहीं दिख रहा था। मैंने धीरे-धीरे उसकी पीठ पर हाथ फेरना चालू किया। तब मुझे पता चला कि कल्याणी ने यूनिफार्म के अन्दर एक ब्रा और समीज पहनी हुई है। कल्याणी की समीज पीछे की तरफ फटी हुई थी।

मैं पूरे जोश में था.. उसकी पीठ पर हाथ फेरते-फेरते मेरा लंड खड़ा हो गया। क्योंकि इससे पहले मैंने सिर्फ डॉक्टर-डॉक्टर के खेल में ही लड़की को टच किया था। मैं अपने आप को कंट्रोल कर रहा था।

मैं धीरे-धीरे अपना हाथ उसके बगल के नीचे से उसके मम्मों की तरफ बढ़ाने लगा.. उसने धीरे से अपना हाथ थोड़ा खोल दिया.. जिससे मुझे आसानी हो गई। अब मैं अपना हाथ धीरे-धीरे आगे की तरफ बढ़ा रहा था.. वो भी पूरे जोश में आ गई थी। मेरे हाथ में अब उसका बायाँ चूचा आ गया था। उसके चूचे इतने बड़े थे कि पूरा चूचा तो मेरे हाथ में आ ही नहीं रहा था।

मैंने धीरे-धीरे उसके मम्मे को दबाना चालू किया। बहुत मजा आ रहा था.. मस्त नरम-नरम मम्मे थे।

थोड़ी देर मैं उसके मम्मों को ऐसे ही दबाता रहा। बाद मैं हमारी क्लास का समय खत्म हो गया और टीचर की नींद खुल गई। मुझे ऐसा लगा कि टीचर मेरी तरफ ही देख रहे हैं.. तो मैं डर गया। मैंने फटाक से अपना हाथ खींच लिया। मेरे टीचर तो मेरी तरफ नहीं देख रहे थे.. पर मेरे हाथ पीछे लेने की वजह से मेरे बाजू में बैठे नितिन को सब पता चल गया कि मैं क्या कर रहा था। उसने मुझे धीरे से पूछा- क्या कर रहा था बे?

तो मुझे मजबूरन उसको सब बताना पड़ा। वो मेरी बातें सुनकर हँसने लगा.. तो मैंने उससे हँसने की वजह पूछी। तब उसने मुझे बताया कि वो कल्याणी की बैंच के नीचे से उसके पैरों को टच कर रहा था.. और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कल्याणी कुछ बोल क्यों नहीं रही थी। शायद कल्याणी को लग रहा था कि मैं ही उसे टच कर रहा हूँ। मैंने नितिन को किसी से कुछ न कहने को कहा.. उसने भी सहमति दिखाई।

उसके बाद एक दिन मैं और कल्याणी आपस में बातें कर रहे थे.. तब मैंने उसे बताया- तुम मेरी पहली गर्लफ्रेंड हो.. उसने मुझे बताया- तू मेरा 16 वां बॉयफ्रेंड है। मुझे यह सुनकर बहुत बुरा लगा.. तब से मैंने उससे बात करना बंद कर दिया।

उसके बाद हमारा एक ही कॉलेज में एडमिशन हुआ.. तब हमारे बीच में बातचीत फिर से शुरू हो गई। आज भी हम दोनों एक-दूसरे से बातें करते हैं। अब उसकी शादी हो गई है.. पर मैं आज भी उसको पटाने की कोशिश कर रहा हूँ। शादी हो जाने की वजह से वो मुझे मना कर देती है.. लेकिन मैं भी हार नहीं मानने वाला था।

मेरी कहानी आप को कैसी लगी कृपया मुझे बताएं। मैं फिर से अपनी कहानी लेकर जरूर आऊँगा। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000