पड़ोसन की भतीजी संग चुदाई

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नमस्कार दोस्तो.. मेरा नाम शिवम है.. मेरी उम्र 19 साल है। मैं अपनी पहली कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ। कोई गलती हो तो क्षमा करें। मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती थीं.. उनसे हमारा काफी मेलजोल है। एक बार गर्मियों में आंटी के यहाँ उनकी जेठानी की लड़की रहने आई। वह देखने में बहुत सुन्दर थी.. उसका नाम रीता था, उसका फिगर 32-28-34 का रहा होगा।

मैं पहली बार में ही उस पर फिदा हो गया। मुझे पता चला कि वह छुट्टियों में आई है और काफी दिन रुकेगी। यह जानते ही मैं उछल पड़ा। मैं आंटी के यहाँ जाता रहता था.. इसलिए रीता मुझसे जल्दी ही घुल-मिल गई.. मैं उसको हमेशा चोदने को सोचा करता था। यह सोचकर मैंने काफी बार मुठ्ठ भी मारी है।

एक बार मेरे घर के सभी लोग 2-3 दिन के लिए शादी में चले गए.. लेकिन मैं नहीं जा पाया और मुझे मेरे घर वालों ने आंटी के यहाँ रुका दिया, मैं बहुत खुश हुआ। मैं और रीता दिन भर खूब बातें किया करते थे।

अगली रात अंकल और आंटी को एक शादी में जाना पड़ा.. वे सुबह तक आने वाले थे।

मेरी किस्मत जाग गई.. मैं और रीता खाना खाकर सोने लगे.. रीता जल्दी ही सो गई.. पर मैं नहीं सोया। मैं धीरे से रीता के बगल पर लेट गया और अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया। रीता के मम्मे बहुत सख्त थे, मैं धीरे से उनको सहलाने लगा। फिर मैंने अपना हाथ उसकी सलवार के ऊपर से रीता की चूत पर रख दिया और सहलाने लगा।

जब रीता की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, फिर पैंटी के अन्दर से हाथ डालकर चूत में उंगली डालने लगा। तभी मैंने ध्यान दिया कि उसने अपना एक हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया और सहलाने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

अब वो जाग गई थी, मैंने उसको बाँहों में भर लिया और किस करने लगा, वो मेरा साथ दे रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने उसका कुर्ता और सलवार उतार दिया, अब वो सिर्फ ब्रा और पैँटी में थी।

मैंने उसकी ब्रा उतार दी और मम्मों को पागलों की तरह चूसने लगा, रीता सिसकारियाँ भर रही थी, अब मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए।। वो मेरा लंड चूसने लगी। दस मिनट तक लंड चूसने के बाद वह सीधी लेट गई, मैं उसकी चूत में उंगली डालने लगा।

रीता मुँह से ‘आह-आह’ की आवाजें निकाल रही थी। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा और एक धक्का मारा.. वो चिल्ला उठी- आह.. मर गई.. निकालो इसे! और रोने लगी।

उसकी चूत से खून निकलने लगा था। मैं 5 मिनट तक रुका, फिर आगे-पीछे करना चालू किया। अब उसे भी मजा आने लगा और उठ-उठ कर मेरा साथ देने लगी।

अब मैंने पूरा लंड रीता की चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा। वो कहे जा रही थी- और जोर से करो.. फाड़ डालो मेरी चूत.. और तेज आआआ अइइ..

मैं लगातार 15 मिनट तक रीता को चोदता रहा। वह 2 बार झड़ चुकी थी। अब मैं भी झड़ने वाला था.. मैंने रीता की चूत पर ही अपना सारा माल छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया।

हमने रात में 3 बार सेक्स किया। फिर सुबह अंकल-आंटी आ गए और अगले दिन मेरे घर वाले भी आ गए। रीता 1 महीना रुकी जब भी हमें मौका मिला.. हमने चुदाई की।

अब रीता अपने घर चली गई है.. अब सिर्फ फोन पर ही उससे बातें होती हैं।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. जरूर बताएँ। [email protected]

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