भाभी की जमकर चूत और गाण्ड मारी -1

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हाय दोस्तो.. कैसे हैं आप सब लोग..! मेरा नाम वंश है.. और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ। मैं 21 साल का हूँ और थोड़ा तंदरुस्त भी हूँ।

मैंने अन्तर्वासना पर प्रकाशित बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और मुझे लगता है कि यहाँ प्रकाशित लगभग 90% कहानियाँ सच्ची हैं।

मुझे बहुत ही मज़ा आया जब मैंने पहली बार अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ी थी और मुझे तब महसूस हुआ कि सेक्स.. जीवन में बहुत ही ज़रूरी है और हर किसी को सेक्स की जरूरत होती है। आप सभी ने भी किसी ना किसी के साथ सेक्स किया होगा या फिर उसकी कोशिश जरूर की होगी।

यह मेरी पहली कहानी है और मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को मेरी कहानी अच्छी लगेगी.. बल्कि मुझे तो इतना अधिक विश्वास है कि आपको इसे पढ़ते वक़्त मज़ा आएगा और आप अपना पानी निकालने को मजबूर हो जाएंगे।

यह कहानी मेरी और मेरी भाभी की है.. जिनका नाम अंजलि है। वो तो सच में एक क़यामत हैं यारों.. उनकी मदमस्त फिगर की तो पूछो ही मत.. बस देखते रहो.. मम्मों के उठाव तो इतने बड़े हैं कि मानो किसी 2-3 साल के छोटे बच्चे का मुँह हो। वो दिखने में भी गजब हैं होंठ भी रस से भरे.. बड़े-बड़े हैं और गुलाबी भी हैं।

उनकी गाण्ड की तो पूछो ही मत आह्ह्ह.. साली की गाण्ड देखकर ही मज़े आ जाते हैं। बस मुझे तो उनको देखते से ही एक ही मनौती याद आती है कि ये कब मेरे लौड़े के नीचे आएँगी। जब वो चलती हैं तो उनकी मटकती गाण्ड का एक हिस्सा लेफ्ट साइड में और दूसरा राईट साइड में ठुमकता रहता है। देखकर ऐसा लगता है कि वो पहले से ही बड़े-बड़े लौड़ों से खेली खाई हों। जब वो साड़ी पहनती हैं तो और भी कहर ढाती हैं। मेरा दावा है कि जो भी उनकी गाण्ड को देख ले.. साड़ी या सूट में या मैक्सी में.. बस फिर तो उसका लौड़ा लोहे की रॉड से भी कड़क हो जाएगा।

उनकी आँखें.. बड़ी-बड़ी.. जो भी देख ले बस लट्टू हो जाए उन पर.. काली-काली आँखें वाली मेरी भाभी चाहें.. तो सबको दीवाना बना लें। अब जरा नीचे उनकी कमर को देखते हैं.. अहहहहा.. 30 इंच की रही होगी.. जब वो साड़ी नाभि के नीचे पहनती हैं और कोई भी उनकी गहरी नाभि को देख ले.. तो बस लट्टू ही हो जाए उन पर। उनका चेहरा भी थोड़ा भरा हुआ लम्बा सा है और बहुत गोरा भी है।

मेरी इतने विस्तार से उनके रूप की चर्चा से.. अब तो आप लोगों को पता चल ही गया होगा कि मेरी भाभी कैसी दिखती हैं। मुझे लगता है कि अब तो आपने भी उनकी छवि की कल्पना करना भी चालू कर दिया होगा कि अंजलि भाभी कैसी दिखती हैं।

मेरे भैया जिनकी शादी कोई 2 साल पहले हुई थी। मैंने भाभी को पहली बार शादी के जोड़े में देखा था.. तो उस वक्त वो बहुत ही सुन्दर लग रही थीं। हालांकि उस वक्त उनकी गाण्ड का आकार नहीं दिख रहा था.. क्योंकि वो उस समय भारी-भरकम साड़ी जो पहने हुए थीं। रात में जब फेरे चालू हुए तो वो साड़ी बदल कर आईं.. उस टाइम मैंने पहली बार भाभी की नाभि देखी और अब गाण्ड का आकार भी उभर कर दिख रहा था। बस मैंने उसी वक्त सोच लिया था कि भाभी को तो मैं अपने जाल में फंसा कर ही रहूँगा..

शादी के सारे रीति-रिवाज़ ख़त्म होने के बाद मुझे नींद आने लगी.. तो मैं सो गया। सपने में मुझे सिर्फ और सिर्फ भाभी का चेहरा.. उनकी नाभि और उनकी उठी हुई गाण्ड ही नज़र आ रही थी। जैसे-तैसे मैंने उस रात कण्ट्रोल किया और सो गया। सुबह विदाई के बाद जब हम सब लोग घर आ रहे थे.. तो मेरी नज़र सिर्फ और सिर्फ भाभी पर ही थी।

हम लोग हमारे घर आ गए और मैंने भाभी का सामान लेकर भैया के कमरे में रख दिया। फिर सारी औपचारिकताएँ निभाई गईं.. शादी होने के बाद सब लोग भैया और भाभी से मिलने के लिए आने-जाने लगे। मेरी इच्छा तो कर रही थी कि भाभी के साथ सुहागरात मैं ही मना लूँ.. लेकिन मैंने मुठ्ठ मार कर अपने आपको शान्त कर लिया। ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा.. मैं भाभी को देख-देख कर मुठ्ठ मार लेता था।

कुछ और दिनों बाद भाभी अपने मायके चली गईं और मैं उनके सपनों में खोया रहा और मुठ्ठ मार-मार कर आपने लण्ड को शान्त करने लगा।

ऐसा करीबन 2 महीने चला.. फिर भाभी यहाँ वापस आ गईं और मेरी जान में जान भी वापस आ गई। इस बार मैंने सोच लिया था कि कम से कम भाभी से अपनी बात तो बढ़ाऊँगा ही.. और मैं भाभी के छोटे-मोटे काम करने लगा.. जैसे कि दूध लाना और साफ-सफाई में उनका हाथ भी बंटाने लगा। उनके चेहरे से तो ऐसा लगता था कि भाभी बहुत खुश हैं।

एक बार मैं सफाई में उनका हाथ बंटा रहा था.. तो मेरी नज़र उनकी गाण्ड पर गई.. मैंने उसी वक़्त वहाँ हाथ फेर दिया। एक बार तो भाभी कुछ न बोलीं लेकिन दूसरी बार जब मैंने भाभी की गाण्ड पर हाथ लगाया.. तो उन्हें गुस्सा आ गया और वह बोलीं- क्या कर रहे हो वंश..? मैं घबरा गया और बोला- क..कुछ नहीं.. गलती से हो गया था भाभी.. वो बोलीं- ठीक है।

इस घटना के बाद से मैं थोड़ा घबरा गया था कि भाभी भैया को न बोल दें। मुझे डर लग रहा था.. तो मैं उस रात भैया और भाभी की बात सुनने के लिए रात भर जागता रहा। करीब 2-3 बजे के आस-पास मैं उठा और भाभी के कमरे के पास जाकर उनकी बातें सुनने लगा।

वो लोग बात तो कम ही कर रहे थे और कमरे से ‘आह्ह्हह..’ की आवाजें ज्यादा आ रही थी। शायद भैया भाभी की चूत जमकर मार रहे थे। मुझे उनकी चुदाई की मादक आवाजें सुन-सुन कर जोश आ गया और वहीं मैंने अपना लण्ड निकाला और मुठ्ठ मार ली, फिर आकर अपने कमरे में सो गया।

सुबह उठा तो भाभी मेरे लिए चाय लेकर मेरे कमरे में आईं और मुझे उठाने लगीं।

मैं तो उनके ही सपने देख रहा था.. गलती से मेरा हाथ उनके मम्मों पर आ गया और मेरी एकदम से आँख खुल गई। मैंने भाभी को देखा तो मैं सकते में आ गया। भाभी हँस कर बोलीं- वंश.. लगता है रात को देर से सोये थे.. तभी इतनी लेट उठे हो..। मैं घबरा गया.. मुझे लगा शायद रात को भाभी ने मुझे देख लिया होगा, मैंने भाभी से पूछा- आपको कैसे पता? तो वो इठला कर बोलीं- तुम्हारी भाभी हूँ.. मुझे सब पता रहता है.. इतना कहकर वो चाय रख कर चली गईं।

उस दिन उनके हाव-भाव से मैं इतना खुश हुआ कि दोस्तों को पार्टी दे डाली। उस दिन मैं यह तो समझ गया था कि भाभी को मुझमें कुछ तो रूचि है।

अब मैंने भाभी से और खुल कर बात करनी शुरू कर दी.. जैसे कि मैं उनसे पूछ लेता- आपका पहले कोई ब्वॉय-फ्रेंड था क्या? या फिर पूछ लेता कि आपकी बॉडी इतनी स्लिम भी है और उभरी हुई भी है.. उसका राज़ क्या है? और वो सब जवाब हंस कर दे देती थीं।

मैंने ठान लिया था कि ये मौका में नहीं छोड़ने वाला हूँ। यह सोच कर मैंने एक दिन भाभी से बातों-बातों में ही पूछ लिया- आप भैया से खुश हो या नहीं? भाभी आँखें नचाते हुए बोलीं- ऐसा क्यों पूछ रहे हो तुम?

मैं थोड़ा घबरा गया.. पर मैंने बोल दिया- बस ऐसे ही.. वो जोरों से हँसने लगीं.. मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी? तो वो बोलीं- कुछ नहीं.. और रही बात तुम्हारे सवाल की.. तो मैं तुम्हारे भैया से खुश भी हूँ और नहीं भी हूँ.. मैंने पूछा- क्यों? तो वो मुझे कामुक निगाहों से देखते हुए बोलीं- बस है.. हमारे पति-पत्नी के बीच की बात..

मैं समझ गया कि भाभी सेक्स की ही बात कर रही हैं, मैंने भाभी से पूछा- कुछ सीक्रेट है क्या? तो वो बोलीं- हाँ है। मैं उन्हें फ़ोर्स करने लगा- भाभी प्लीज़ बताओ न.. क्या है वो बात?

पर उन्होंने कुछ नहीं बताया। मेरे 2-3 बार जिद करने के बाद वो कुछ ढीली हुईं और मान गईं। वे मुझसे कहने लगीं- पहले वादा करो कि तुम किसी को कुछ नहीं बताओगे। मैंने उनसे वादा कर लिया।

फिर भाभी ने बोला- तुम्हारे भैया वैसे तो बहुत ही अच्छे हैं.. पर उनमें कुछ कमियाँ हैं। मैंने पूछा- कैसी कमियाँ भाभी? तो वो कहने लगीं- तुम्हारे भैया ने सुहागरात वाली रात बहुत जोरों से किया.. और बहुत मज़े से भी किया था। मैंने कहा- फिर क्या प्रॉब्लम है भाभी? बोलीं- तुम्हारे भैया स्टार्ट तो बहुत ही तेज करते हैं लेकिन वो कंटिन्यू नहीं रख पाते हैं।

मैं समझ तो गया था कि भाभी सेक्स की बात कर रही थीं। लेकिन तब भी मैंने उनसे पूछ लिया- क्या कंटिन्यू नहीं रख पाते हैं भैया? पहले तो भाभी शरमाईं.. लेकिन बाद में उन्होंने बता दिया- मैं सेक्स की बात कर रही हूँ। मैंने कहा- ओऊह्ह भाभी..। भाभी बोलीं- बस ये ही एक प्रॉब्लम है बाकी सब ठीक है। मैंने कहा- और कुछ? तो वो बोलीं- उनका ‘वो’ थोड़ा छोटा भी है।

मैंने भाभी से कहा- आप बहुत ही सुंदर और बहुत ही अच्छे जिस्म की मालकिन हो। भाभी बोलीं- पता है मुझे.. मैंने कहा- भाभी मैं आपसे एक बात बोलना चाहता हूँ.. गुस्सा तो नहीं करोगी? भाभी ने ‘ना’ में सर हिलाया।

मैंने भाभी से बोला- जबसे आप इस घर में आई हो.. मैं आपकी इस खूबसूरती पर फ़िदा हो गया हूँ.. ख़ास कर जब आप अपनी कमर मटका कर चलती हो..। भाभी मुस्कुराते हुए बोलीं- क्या? कमर की बात कर रहे हो या..

मुझे अब भी भाभी से खुल कर अपनी बात कहने में कुछ डर लग रहा था.. पर मुझे मालूम था कि जिसने की शरम उसके फूटे करम और मैंने उनसे अपने दिल की कहने की हिम्मत कर ली.. पर क्या हुआ..? क्या भाभी ने एकदम से मेरे प्रणय निवेदन को स्वीकार लिया या फिर बात बिगड़ गई..।

अगले अंक में आपसे पुनः मुलाक़ात होगी तब तक अन्तर्वासना से मेरे साथ जुड़े रहिए।

दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी कहानी.. मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा.. कहानी जारी है। [email protected]

कहानी का अगला भाग : भाभी की जमकर चूत और गाण्ड मारी -2

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