नवम्बर 2015 की लोकप्रिय कहानियाँ

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प्रिय अन्तर्वासना पाठको नवम्बर महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…

मैं अब प्रज्ञा, भाभी की बहन, के साथ मेरी रंगरेलियाँ कैसी मनी थीं.. उस पर आ रहा हूँ।

उस दिन मैंने एक चीज जानी कि किस तरह कोई लड़की अपने ऊपर संयम रख सकती है। प्रज्ञा ने सब कुछ किया.. लेकिन अपनी बुर में मेरा लौड़ा नहीं लिया.. तो नहीं लिया।

जैसा उसने कहा.. वैसा ही किया भी.. केवल वो अपनी दीदी को चुदती हुई देखना चाहती थी.. तो उसने अपनी दीदी को चुदती हुई ही देखा। फिर सभी लोग घर आ गए थे.. तो हमें भी संयम रखना जरूरी था.. लेकिन मैंने मौका देखते ही भाभी से बोला- कोई जुगाड़ करो.. आज रात में ही कुछ हो जाए।

भाभी मुस्कुराईं और बोलीं- चल ठीक है.. रात को खाना खाने के बाद तुम मेरे कमरे में अलमारी के पीछे पूरे कपड़े उतार कर खड़े हो जाना और जब तक मैं और प्रज्ञा नंगी न हो जाएँ.. तब तक बाहर मत निकलना। मैंने वैसा ही किया और अलमारी के पीछे जा कर चुपचाप होकर खड़ा हो गया।

करीब पंद्रह मिनट बाद दोनों बहनें ऊपर आईं। भाभी प्रज्ञा से कह रही थीं- तेरे लिए ही तो शरद को यहाँ लाई थी और तुमने अभी तक उसका स्वाद ही नहीं चखा। प्रज्ञा बोली- दीदी.. मन तो मेरा भी बहुत कर रहा था.. पर मैं उससे कल ही अकेले चुदूँगी.. जब आप नीलम को लेने जाओगी। उसके बाद फिर सब मिलकर उसका रस निकालेंगे।

‘वो तो ठीक है.. लेकिन वो तेरी चूत का रस पीना चाहता है.. उसको चखा तो दो.. अगर तुम कहोगी तो मैं तुम दोनों के बीच में नहीं आऊँगी।’ ‘ऐसी बात नहीं है.. मैं तो चाहती हूँ.. चलो बुला लो उसे.. हम दोनों ही आज रात उसको अपना रज पिला देते हैं। लेकिन यह तय है कि चुदूँगी मैं कल ही।’ ‘ठीक है।’

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अगर खुदा न करे सच ये ख्‍वाब हो जाए मेरी सहर हो तेरा आफताब हो जाए!

45 साल की उम्र कोई बड़ी तो नहीं होती? और मुझसे आठ साल छोटी मेरी बीवी से अभी भी औरतें पूछती हैं- Are you newly married? और फिर जब वे हमारे बड़े-बड़े बच्‍चों को देखती हैं तो उनकी दातों तले उंगलियाँ दब जाती हैं, पूछती हैं, कब शादी हुई थी? बचपन में ही? मैं जहाँ हम दोनों के युवा जैसे दिखते चुस्‍त शरीर को लेकर प्रशंसा और गर्व के भाव से भरा रहता हूँ, वहीं पत्‍नी कहती है- अब पहले वाला बचपना छोड़ो। देखो, बच्‍चे कितने बड़े हो गए हैं! औरतों को बूढ़ी होने का शौक होता है क्‍या?

वैसे यह ख्‍वाब मूलत: मेरा ही है, पर पत्‍नी ने उसमें साझी होना मंजूर कर लिया है। कई सालों के समझाने, बहस करने, रूठने-मनाने के बाद आखिरकार जब उसने हामी भरी तो लगा अब क्‍या देर है, तुरंत कर डालेंगे। पर मालूम नहीं था एक मनोनुकूल दम्पति का मिलना और उसके साथ अनुकूल परिस्‍थितयों का भी जुट पाना इतना मुश्किल होगा। बार-बार लगता है जिंदगी में क्‍या किसी दूसरी औरत का स्‍वाद क्‍या नहीं मिलेगा? और उससे भी अधिक उत्‍तेजक लगती है अपनी खूबसूरत पत्‍नी को किसी दूसरे मर्द की बाँहों में देखने की कल्‍पना! वह उसके गोरे सुंदर शरीर को अनावृत करे, उसके अंगों को, जिनका सौंदर्य अबतक केवल मैंने देखा है, उसकी नजरों के सामने आएँ; वह उनका संचालन करे, उसके सु्ंदर गोल बड़े स्‍तनों, उन पर सजे साँवले चूचुकों का चुम्बन, चूषण, मर्दन करे… उसकी योनि को बिना संकोच के चूमे, चाटे… उसमें अपने कठोर लिंग के घर्षण से चिन्गारियाँ उठा दे; मेरी उत्‍तेजित, ‘आपे-में-नहीं’ पत्‍नी आँखें उलटाती, जोर-जोर साँसें छोड़ती, उसके बंधन में छटपटाती, सीऽऽ सीऽऽ सीऽऽ आऽऽह आऽऽह ओऽऽह करती कमरे को गुंजाती झड़ती जाए…

आह! ‘अगर खुदा न करे सच ये ख्‍वाब हो जाए’…

“हुजूर आरिजो रुखसार क्या तमाम बदन मेरी सुनो तो मुजस्सम गुलाब हो जाए…”

दिल तो करता है किसी दोस्त को ही थ्रीसम के लिए बुला लूँ… पर वह इजाजत ही नहीं देगी, कहेगी- मैं तो तुम्‍हारे लिए तैयार हुई हूँ। मुझे अपने लिए थोड़े ही चाहिए?” हमेशा वही बात!

काश…

आस छोड़ी नहीं है, लगा हूँ। लेकिन जब तक कोशिशें रंग नहीं लातीं एक फंतासी ही मुझे सहारा देती है…

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मैं सुरभि और सोनाली मेरी दोनों बहनों को चोद चुका हूँ। पूरी कहानी जानने के लिए मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ें..

जिन पाठकों ने इस किस्से को पढ़ा है.. या ईमेल किया है.. उनको मेरी कहानी को पढ़ने के लिए शुक्रिया.. और अपने अच्छे सुझाव देने के लिए भी धन्यवाद।

मैंने उन सुधि पाठकों में से कुछ के सुझाव को माना भी है.. कुछ पाठकों की ईमेल में फरमाइश की थी कि मैं अपनी चुदाई का वीडियो बना कर या फ़ोटो खींच कर भेजूँ.. माफ़ करना दोस्तो.. लेकिन यह संभव नहीं है। कुछ लोगों ने कहा कि एक बार उनको मैं अपनी बहनों से बात करा दूँ या उसका नंबर दे दूँ.. यह भी नहीं कर सकता.. मेरी बहनें मुझसे चुद रही हैं.. इसका मतलब यह तो नहीं.. कि मैं उनको पूरी दुनिया से चुदवा दूँ।

चलिए आगे बढ़ते हैं..

मैंने दोनों बहनों को अब तक अलग-अलग चोदा था। एक बार मैं और सोनाली घर पर थे.. और रोज की तरह चुदाई कर रहे थे.. तभी पता चला की सुरभि भी आने वाली है।

सोनाली- आज सुरभि आने वाली है.. पता है तुमको? मैं- हाँ पता चला.. मुझे भी! सोनाली- तो? मैं- तो क्या? सोनाली- अब हम लोग मस्ती कैसे करेंगे? मैं- जैसे करते थे.. सोनाली- सुरभि के सामने? मैं- हाँ कौन सा मैंने उसको नहीं चोदा हुआ है? सोनाली- लेकिन मुझे शर्म आ रही है.. मैं- आने तो दो.. जो होगा देखा जाएगा..

सोनाली- हाँ लेकिन दोनों में से किसको चोदोगे? मैं- एक साथ दोनों को.. सोनाली- नहीं.. मैं नहीं करूँगी.. लेकिन तब भी आइडिया बुरा नहीं है.. मैं- बुरा नहीं है.. तो ट्राई कर सकते हैं ना.. सोनाली- सोचूँगी इसके बारे में.. मैं- सोचना क्या है इसमें.. साथ में ही कर लेंगे.. सोनाली- ओके..

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क्या आप जानते हैं कि औरत में काम वासना पुरुषों की अपेक्षा आठ गुना ज्यादा होती है। पुरुष तो बहुत जल्दी गरम या उत्तेजित हो जाता है.. लेकिन स्त्री गरम होने में भी समय लेती है और ठंडा होने में भी बिलकुल स्त्री (प्रेस) की तरह होती है। जबकि अस्सी प्रतिशत पुरुष जल्दबाजी में झड़ कर सो जाते हैं और औरत कामाग्नि में जलती तड़पती रह जाती है।

ऐसे में ज्यादातर औरतें हस्तमैथुन का सहारा लेती हैं या फिर उनका पैर फिसल जाता है और वो अपने लिए कोई सेक्स पार्टनर ढूँढ लेती हैं।

तो दोस्तों कैसे औरत की मस्त चुदाई करके उसे ठीक से संतुष्ट किया जाए..?

प्रमुख बात ये है कि आपको और आपके पार्टनर को सेक्स के बारे जानकारियां होनी चाहिए कि सेक्स सफलता पूर्वक कैसे करें।

सेक्स के विभिन्न आसनों का उपयोग कैसे करें और आपके पार्टनर को किस आसान में ज्यादा मज़ा आता और कौन सा ज्यादा रोचक लगता है।

सेक्स करने से पहले एक बार पार्टनर से बात जरूर करें कि हम आज ऐसे-ऐसे चुदाई करेंगे। ज्यादातर लोग ऐसे होते हे- जो बिना बताए और बिना बोले ही दे दनादन लगे रहते हैं.. ना तो उन्हें ये पता रहता है कि पार्टनर को मज़ा आ रहा है या नहीं.. बस वे अपनी धुन में लगे रहते हैं।

1-कभी भी रात का खाना खाने के एकदम बाद सेक्स न करें.. इसमें कम से कम दो घंटे का अन्तराल अवश्य रखें

2-सेक्स के लिए वातावरण खुशनुमा, बिस्तर साफ़-सुथरा और मदमस्त खुशबू वाला होना चाहिए.. साथ ही आपका शरीर भी साफ़-सुथरा होना चाहिए

3-सबसे पहले अपने पार्टनर को चूमें.. सहलाएं.. फिर धीरे-धीरे कपड़े उतार कर ‘फोरप्ले’ में कम से कम बीस मिनट का समय लगाएं..। महिला साथी के स्तनों का मर्दन करें.. चूचुकों को चूसें.. हाथ से दबाएँ.. मुँह से हल्का सा काटें.. होंठों को चूमें.. उसके कान की लौ (लटकन) को होंठों के बीच दबाएँ.. प्यूबिक एरिया को सहलाएं.. चूत को सहलाएं और फिर उसमें ऊँगली डाल दें। मतलब ज़रा भी जल्दबाजी न करके फोरप्ले में पूरा टाइम दें और साथ-साथ आपके दोनों हाथ.. होंठ चलते रहें साथ ही पैरों से उसके पैर और जांघें सहलाएं।

4-औरत के कुछ खास अंग होते हैं जिन्हें सहलाने से वो कामातुर हो जाती है उसकी योनि बहुत गीली हो जाती है। वो अंग हैं.. उसके होंठ.. कान की लौ.. चूचुक.. pubic एरिया.. भगनासा आदि.. इन संवेदनशील अंगों को आप जितना प्यार देंगे.. औरत उतना कामातुर हो जाएगी।

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दोस्तो.. मैं आज अपनी पारिवारिक कहानी लिख रहा हूँ जो एकदम सच्ची है।

मैं एक बड़े बाप का बेटा हूँ.. मैं बहुत ही हरामी किस्म का लड़का रहा हूँ। ऐसा नहीं है कि मैं शुरू से ही इतना बदमाश लड़का था.. लेकिन क्या है ना.. कि मेरे अन्दर भी एक शैतान छुपा हुआ है.. इस कारण से मैं भी कई बार अपनी वासना पर रोक ना लगाकर भावनाओं में बह जाता हूँ और शायद यही कुछ ऐसे लम्हे होते हैं.. जब इंसान के अच्छे-बुरे की पहचान होती है।

खैर.. मैं क्यों आप सभी को बोर कर रहा हूँ। चलिए आज मैं आप सभी को अपने जीवन में बीते कुछ हसीन पलों को एक कहानी में पिरो कर बताता हूँ। यह सभी घटनाएं मेरे साथ मेरी जवानी की शुरूआत के समय की हैं और मैं सोचता हूँ कि यदि इन परिस्थितियों में जिनमें से होकर मैं गुज़रा हूँ.. यदि आप भी होते.. तो यही सब करते।

यह बात तब की है.. जब मैं लगभग अठारह साल का रहा होऊँगा.. अपने कुछ दोस्तों के साथ-साथ मैं भी गर्मियों की छुट्टियों में नया नया जिम जाने लगा था और कुछ दिनों की मेहनत का असर अब मेरे सीने और गर्दन पर पड़ने लगा था यानि मेरी बॉडी कुछ अलग दिखने लगी थी। इसका नतीजा यह हुआ कि जो भी मुझे कुछ दिनों के बाद मिलता.. वह मुझसे आकर्षित हुए बिना नहीं रहता। ऊपर से मेरी अच्छी हाइट और सूरत में कुदरती भोलापन इस आकर्षण में चार चाँद लगा देते थे। यह सभी मिलकर मुझे शायद गुडलुकिंग बनाते थे।

वैसे मैं शुरू से ही थोड़ा रिज़र्व किस्म का था.. जिस कारण मैं अधिकतर पर घर में ही रहना ज़्यादा पसंद करता था। घर में वैसे तो किसी चीज़ की कमी नहीं थी। पापा का अपना व्यापार है.. जिसकी तरक्की के लिए वह खूब मेहनत कर रहे हैं। इसलिए वो घर पर कम ही रहते हैं। लेकिन जब भी आते तो हम दोनों भाई बहनों के लिए कुछ ना कुछ महँगी गिफ्ट ज़रूर लाते। मम्मी के अलावा एक बड़ी बहन है जोकि मुझसे दो साल बड़ी है।

हमारी मम्मी एक गृहणी हैं जो ज़्यादा मॉडर्न नहीं हैं.. वे घर में ही रहना ज़्यादा पसंद करती हैं। मतलब मम्मी का फिगर बहुत अच्छा है.. कोई यह नहीं कह सकता कि यह लेडी इतने बड़े बच्चों की माँ है। मम्मी की उम्र लगभग 38 साल होगी.. लेकिन अभी वह मुश्किल 30 की लगती होंगी। मम्मी और बहन दोनों का ही भरा हुआ बदन है और दोनों के ही सीने पर उभार की अधिकता है। दोनों माँ-बेटी कम बल्कि बहनें ज़्यादा लगती हैं। बाहरी लोग मेरी मम्मी और बहन के सीने पर ही ज़्यादा देखते रहते हैं।

मम्मी को थोड़ा ब्लड-प्रेशर की दिक्कत है.. इस कारण उन्हें ज़्यादा मेहनत या गर्मी सहन नहीं होती। शायद इसी कारण मम्मी घर में थोड़ा कपड़ों के मामले में लापरवाह रहती हैं। मम्मी छोटे और गहरे गले के ब्लाउज पहनना पसंद करती हैं.. जिसमें से मम्मी के मोटे मोटे स्तन देख कर तो बुड्डा भी पागल हो जाए। मेरी बहन भी टाइट कपड़े ही पहनती है। मैं भी उसकी टाइट टीशर्ट में से झांकते उसके उरोजों को देखता रहता हूँ।

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