आंटी और उनकी बेटी का प्यार और चूत चुदाई -2

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अब तक आपने पढ़ा..

मैं अपने कपड़े खोल कर तैयार हो गया और उनकी पीठ पर चढ़ गया। उनकी पीठ में तेल लगाने लगा। मेरा लण्ड खड़ा था.. जो कि उनकी गांड की दरार में लग रहा था। मैं अंडरवियर पहने हुआ था.. तो लौड़े का दवाब कम लग रहा था। आंटी बोलीं- पूरे कपड़े खोल कर बैठ जा.. फिर आराम से मालिश कर। मैं समझ गया कि अब चूत तैयार हो गई है तो मैं तुरंत चड्डी निकाल कर उनकी चूतड़ों पर बैठ गया। अब आगे..

अभी पूरा मेरा खड़ा लण्ड आंटी की गांड में लग रहा था, अब वो भी आँख बंद करके लौड़े के मजे ले रही थीं। फिर मैंने उनसे रात के बारे में पूछा- क्यों लड़ाई कर रहे थे?

तो आंटी ने बताया- तुम्हारे अंकल का गांव की एक औरत के साथ लफड़ा है.. वो हर रात उसी कमीनी औरत के साथ अपनी माँ चुदवाता हैं.. फिर घर आता है और घर आकर साला मुझे मारता है.. 9 महीने हो गए हैं.. मादरचोद मेरा आदमी उस औरत के मायाजाल में फंस गया है, मुझ से रात को सोते समय दूर रहता है।

मैं आंटी के मुँह से गाली और उनका गुस्सा देख कर अवाक रह गया। मैंने आंटी को बोला- क्या वो औरत आपसे ज्यादा अच्छी दिखती है? आंटी बोलीं- हाँ.. दिखती है। कमीनी मेरी ही सहेली है.. मादरचोद मेरे घर को डुबा रही है। फिर आंटी बोलीं- उसको छोड़.. तू मालिश क़र..

मैं आंटी की मालिश करने लगा.. मेरा हाथ उनके बगल से उनके मम्मों में टच हो रहा था।

आंटी पहले से ही उत्तेजित थीं.. अभी और ज्यादा हो रही थी। इधर मेरा उठा हुआ लण्ड उनकी गांड की दरार में बार-बार घुस रहा था.. जिससे कि आंटी और ज्यादा उत्तेजित हो रही थीं। कुछ ही देर बाद आंटी से रहा ना गया और वो बोलीं- सैम.. अब आगे भी आ जाओ ना..।

मैं साइड में पड़े तौलिया को लपेट कर आंटी को सीधा होने को बोला और वे फट से चित्त हो गईं। मैंने उनके मम्मों में तेल लगाना चालू किया। आंटी अपनी आँखों को बंद करके लगातार सिसकार रही थीं और अंकल को गाली दे रही थीं। फिर आंटी ने अपनी आँखें खोलीं। अब मेरे तौलिया की तरफ ध्यान से देख रही थीं और तौलिया के अन्दर से मेरा लण्ड पूरे 90 डिग्री में तने हुए टेंट के खम्बे की तरह दिख रहा था।

आंटी मेरे लण्ड को तौलिया की ऊपर से छू कर देखने लगीं, वे आँख मारते हुए बोलीं- पूरा लोहा है सैम.. मैं बोला- आंटी अभी तो बस ट्रेलर देखा है.. फ़िल्म तो अभी बाकी है। आंटी बोलीं- सैम.. तुम भी तौलिया खोल कर आ जाओ.. मैं भी तुमको तेल लगा देती हूँ।

मैं अपना तौलिया खोल कर जैसे ही आंटी के सामने आया, आंटी मेरे तने हुए लण्ड महाशय को देख कर अवाक रह गईं.. उनका मुँह खुला रह गया। मैं बोला- क्यों.. आंटी हथियार देख कर डर लग रहा है क्या? आंटी बोलीं- नहीं.. मुझे तो बहुत ख़ुशी हो रही है कि आज पहली बार मैं अपने पति के अलावा तुम्हारे साथ सेक्स करूँगी.. ख़ुश इसलिए हूँ कि तुम्हारा लण्ड बहुत सख्त और बड़ा है। आज मैं अपने मादरचोद पति से बदला लूँगी.. वो मेरे सहेली के साथ चुदाई करता है ना.. आज मैं तेरे साथ चुद कर उससे बदला लूँगी। ऐसा बोल कर वो मेरे लण्ड को पकड़ के खेलने लगी।

मैं बोला- आंटी आप बहुत गाली देती हो.. तो आंटी बोलीं- सैम.. आज 21 साल के बाद मुँह खुला है। उसमें भी सीधा तुम्हारा लण्ड मुँह में है.. ऐसा बोल कर वो सीधा मेरे लण्ड को मुँह में लेकर उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

बोलीं- सैम तेरा लण्ड बहुत सख्त है रे.. आज ये तो मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। तेरे अंकल का लण्ड 5″ ही लम्बा है और केवल मोमबत्ती के बराबर 1.5 इंच मोटा है.. पर तेरा तो 8″ का है और मोटा भी 3 इंच है.. सैम आ जा.. मेरा दूध पी ले.. बहुत मालिश कर ली सैम.. अब आजा.. मत तड़पा.. मेरे सैम.. मैं आंटी से बोला- आंटी तेरी तो आज मस्त तरीके से चूत मारूँगा.. आज तेरा सब दर्द दूर क़र दूँगा मादरचोदी।

आंटी- ओ तेरी तो.. ले दूध चूस हरामी.. मैंने उसके मम्मों को पीना चालू कर दिया। उसके निप्पलों से खेलते हुए एक हाथ से उसकी चूत की भग को मसलने लगा.. जिससे आंटी और उत्तेजित होने लगीं। वो मेरे लण्ड को जोर-जोर से चूसने लगीं.. लगता था जैसे पूरा लौड़ा कच्चा खा जाने का विचार हो। बस मेरा लौड़ा उनके मुँह में आधा ही जा पा रहा था।

‘सैम.. आह्ह.. अब और अन्दर नहीं जा रहा है.. अब मत तड़पा.. आजा मेरे चूत का भोसड़ा बना दे.. सैम आ जा..’ ‘रुक जा मादरचोद आंटी.. आ रहा हूँ तेरी चूत का भोसड़ा बनाने..’

मैंने आंटी की चूत में अपना लण्ड सैट किया.. थोड़ा सा धक्का दिया.. पर नहीं गया.. क्योंकि बहुत दिनों से नहीं चुदी थी.. तो रास्ता बन्द हो गया था। मैं पास से क्रीम उठा लाया और लण्ड में और चूत में क्रीम लगा कर आंटी की चूत में लौड़ा सैट करके.. एक जोर का झटका मारा.. आंटी चीखती हुई बोलीं- सैम रुक जा.. सैम बहुत दिनों से नहीं चुदी हूँ.. थोड़ा धीरे कर… मैं बोला- साली मादरचोदी.. रंडी आंटी.. चूत का भोसड़ा बनाने को बहुत बोल रही थी.. अब क्या हुआ.. फट गई मादरचोद।

मैंने और एक बमपिलाट धक्का फिर से लगा दिया.. इस बार पूरा लण्ड चूत के अन्दर जा चुका था। आंटी के पैर थरथरा रहे थे.. जिस कारण से मुझे कुछ देर रुकना पड़ा। थोड़ी देर बाद आंटी अपनी गांड ऊपर उठा के हिला रही थीं। मैं भी अब आंटी के निप्पल को चूसते हुए धीरे-धीरे लण्ड को आगे-पीछे करने लगा।

आंटी बोलीं- आह्ह.. चोद.. सैम बना दो इस चूत का भोसड़ा.. भैन की लौड़ी ने बहुत तड़पाया है मुझे.. आज पूरा मिटा दे इसकी प्यास को.. आह्ह.. मेरे सैम.. आज से तू ही है सब कुछ मेरा.. अब तेरे अंकल को बताती हूँ.. चोदो सैम.. चोदो आआ आआअहह.. सैमम्म म्मम.. आईईई ईईईई..

आंटी सिसकारते हुए मेरे पीठ को नाखूनों से खरोंचते हुए बड़बड़ाए जा रही थीं, मुझे 10 मिनट से ज्यादा हो चुका था, आंटी शायद झड़ चुकी थीं.. लेकिन मेरे झड़ने की बारी नहीं आई थी।

थोड़ी देर बाद मैं चिल्ला उठा- आंटी मेरा निकलने वाला है.. आंटी बोलीं- आ जा.. बहुत दिनों से मेरी चूत प्यासी है.. उसी में डाल दे.. आह्ह!

मैं आंटी की चूत में झड़ गया। मेरा पूरा माल उसकी बच्चेदानी के अन्दर तक पहुँच गया। आंटी बोलीं- घबरा मत.. मेरा नसबंदी का ऑपरेशन हो चुका है.. कोई घबराने की बात नहीं है। कुछ देर लण्ड को आंटी की चूत के अन्दर ही रख कर हम दोनों वैसे ही लेटे हुए थे।

आंटी बोलीं- सैम, कितने बजे हैं? मैंने बताया- दो बज चुके हैं। आंटी बोलीं- निक्की और बन्टी 1 बजे तक आ जाते हैं आज पता नहीं क्या हुआ।

दोनों उठ कर बाहर आए तो बस निक्की आई थी और अपनी कच्छी खोल कर अपनी चूत को हाथ से सहला रही थी। साथ ही वो एक हाथ से अपने चूचे दबा कर सिस्कार रही थी। शायद उसने हमारे चुदाई समारोह को देख लिया था और वो उत्तेजित हो गई थी। वो अपनी आँखों को बन्द करके एक ऊँगली अपनी चूत में डाल रही थी।

मैंने आंटी की तरफ देखा.. तो आंटी बोलीं- लगता है इसको हमारे बारे में पता चल गया है.. अब क्या करें सैम? मैंने आंटी से कहा- इसे भी अपने ग्रुप में मिला लेते हैं आंटी.. नहीं तो आपकी बदनामी हो जाएगी। आंटी बोलीं- यह मेरी बेटी है.. उसके साथ मैं कैसे ये सब करवा सकती हूँ।

मैं बोला- थोड़ी देर पहले ये अपनी माँ को किसी और के साथ चुदते देख चुकी है.. और इसका ये हाल है। अगर अभी कुछ नहीं करेंगे.. तो ये अपने पापा को बता भी सकती है.. तब क्या करोगी आंटी? आंटी मान गईं- पर सैम.. बन्टी कहाँ गया? ‘मैं पता करता हूँ.. तुम कमरे में जाओ पानी लेकर.. मैं आता हूँ।’

मैंने निक्की के पास जाकर उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा- निक्की क्या कर रही हो? तो निक्की गुस्से से बोली- दूर हो जाओ मेरे पास से.. मैं तुमको चाहने लगी थी.. और तुम मेरी माँ के साथ सोए हो.. आने दो पापा को.. मैं उन्हें सब बताती हूँ।

दोस्तो, माँ-बेटी की चुदाई की कहानी बहुत ही रसीली है इसका अंत तक मजा लीजियेगा मेरे साथ अन्तर्वासना से जुड़े रहिएगा। मुझे ईमेल जरूर लिखियेगा। कहानी जारी है। [email protected]

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