कुँवारी पिंकी की सीलतोड़ चुदाई -2

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हैलो दोस्तो.. कैसे हो आप.. सबको मेरा नमस्कार और भाभियों और सेक्सी जवान लड़कियों को बहुत प्यार.. मैंने आपको बताया था कि कैसे पिंकी के साथ चूत चुदाई की। पर मेरा मन पिंकी की गाण्ड मारने का था.. मेरी वो ख्वाहिश भी जल्दी ही पूरी हुई।

उस दिन पिंकी जैसे ही मेरे कमरे से गई.. मैं छत पर ही था। दस मिनट ही हुए होंगे कि पिंकी की छोटी बहन सोनी आ गई। आपको सोनी के बारे में भी बता दूँ। सोनी तो पिंकी से भी ज्यादा गोरी है.. उसकी आँखें एकदम काली हैं.. और फिगर का तो पूछो ही मत.. यूँ समझ लीजियेगा कि बस क़यामत ही आ रही हो। सोनी का फिगर 28-24-30 था।

जैसे ही छत पर सोनी आई.. तो वो मुझे देख रही थी। सोनी मुझे ‘hotshot’ बोलती थी। सोनी अपनी आँखें मटकती हुई बोली- हाय hotshot.. क्या हो रहा था यहाँ पर? मैंने सकपकाते हुए कहा- क्या.. किधर क्या हो रहा था.. मुझे क्या पता? सोनी- इतने भी शरीफ मत बनो यार.. दीदी और तुम क्या कर रहे थे.. मैंने सब देख लिया है।

मेरी गाण्ड फट गई.. मैं दबे स्वर में बोला- क्या देखा लिया तुमने? सोनी- तुम और दीदी चूमा चाटी कर रहे थे और बहुत कुछ भी। मैं- तो किसी को बताना मत प्लीज। सोनी- पर एक शर्त है? मैं- क्या? सोनी- मैं जो मागूँगी.. वो देना होगा। मैं- ठीक है.. बोलो क्या चाहिए? सोनी- वो अभी नहीं.. टाइम आने पर.. ओके.. मैं- ओके..

इतना कह कर वो नीचे चली गई.. पर मैं सोचने लगा कि पता नहीं यह सोनी साली क्या मांगेगी। तब भी मुझे इस बात की तसल्ली थी कि वो मेरी किसी से शिकायत नहीं करने वाली है। फिर मैं भी नीचे चला गया.. और खाना खा कर सो गया।

अगले दिन उठा.. तो स्कूल जाने के लिए तैयार होकर मैं आपने घर के गेट पर खड़ा हुआ था.. तभी मैंने देखा तो पिंकी और सोनी भी तैयार होकर स्कूल जाने को तैयार थीं।

पिंकी मुझे देख कर स्माइल कर रही थी और सोनी भी हल्के से होंठ दबा कर मजा ले रही थी।

फिर मैं स्कूल चला गया और शाम को जब घर आया तो वही शाम का टाइम 7 बजे पिंकी से छत पर मिलना हुआ। छत पर मैं जैसे ही पहुँचा.. तो देखा कि पिंकी पहले से ही मेरा इन्तजार कर रही थी।

मैं पिंकी की छत पर गया और उसको अपनी बाँहों में ले लिया और उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया, दस मिनट तक उसको चुम्बन करता रहा और साथ में मैं उसके चूचों को भी दबा रहा था।

फिर पिंकी ने कहा- यश.. नीचे ना थोड़ा दर्द हो रहा है। मैंने पूछा- कहाँ.. नीचे पैरों में? पिंकी- नहीं पागल..

उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और बोली- यश यहाँ दर्द हो रहा है। मैंने कहा- इसकी भी दवाई है। पिंकी- कहाँ है?

मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और बोला- ये है.. आपकी चूत के दर्द की दवाई.. पिंकी थोड़ा शर्मा कर हँसने लगी।

फिर मैंने पिंकी से पूछा- फिर से कुछ करें? उसने सर हिला कर कहा- ठीक है.. पर कब.. कहाँ और किस टाइम..? तो मैंने कहा- मेरे घर में सब 3 दिन के लिए गाँव जा रहे हैं.. बस घर में मैं ही हूँ। पिंकी ने कहा- ठीक है.. मेरी मम्मी भी नानी के घर गई हुई हैं.. घर में बस मैं सोनी और पापा हैं। मैंने कहा- फिर तो ठीक है।

फिर मैं एक चुम्बन लेकर नीचे आ गया और मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी आपको गाँव कब जाना है? तो मम्मी ने कहा- कल ही जाना है।

मैं तो मन ही मन में बहुत खुश हुआ कि अब तो 3 दिन पिंकी की जी भर के चुदाई करूँगा।

मम्मी बोलीं- मैंने पिंकी और सोनी दोनों को बोल दिया है.. दोनों में से कोई भी आकर तुम्हारा खाना बना दिया करेगी.. ठीक है? मैंने भी मन में सोचा कि ये तो मेरी लॉटरी ही लग गई.. अब तो मैं दोपहर में ही घर में पिंकी की चुदाई कर सकता था।

फिर मैं खाना खाकर सोचने लगा कि पिंकी की अब कैसे चुदाई करूँ। सोचते-सोचते कब सो गया.. पता ही नहीं लगा।

सुबह उठा तो मम्मी जाने की तैयार हो गई थीं.. करीब 9 बजे मम्मी-पापा और मेरा भाई सब चले गए। उनके जाते ही मैं नहा कर दुकान से 2 पैकेट मैनफोर्स के कन्डोम के और ‘आईपिल’ की गोलियाँ और 100mg की 4 गोली विगोरा की ले कर आया। मैंने अपने दोस्त को कॉल करके बोल दिया- यार मैं 4 दिन स्कूल नहीं आऊँगा.. तू सब संभल लियो ओके..

फिर मैंने सोचा कि क्यों ना ब्लू फ़िल्म की सीडी ले कर आऊँ। मैंने अपने दोस्त को बोल दिया.. वो मेरी गली से 3 गली पीछे ही रहता था.. तो वो जल्दी से देकर चला गया।

दोपहर एक बजे करीब दरवाजे की घंटी बजी.. मैंने दरवाजा खोला तो पिंकी थी। उसने जीन्स और टॉप पहना हुआ था एकदम टाइट जीन्स होने से पिंकी की गाण्ड साफ़-साफ़ दिख रही थी और ऊपर उसने रेड कलर का टॉप पहना हुआ था।

मैंने कहा- आज कहाँ क़यामत लाने का इरादा है। तो हँसते हुए मेरे एक होंठों पर चुम्बन करके बोली- यहाँ पर..

पिंकी बोली- क्या खाओगे.. क्या बनाऊँ.. आपके लिए? मैंने कहा- आज तो मैं आपको ही खाऊँगा जान.. तुम बैठो मैं अभी आता हूँ।

मैं रसोई में गया और मैंने विगोरा की एक गोली दूध के साथ पी ली। मैंने विगोरा लेते टाइम दुकान वाले से पूछा भी था कि इसका असर कितनी देर में शुरू हो जाता है.. तो दुकान वाले ने बताया था कि चुदाई से 30-45 मिनट पहले ले लेना।

फिर मैंने पिंकी को अपनी बाँहों में ले लिया और उसके होंठों पर काटने लगा। पिंकी- दर्द हो रहा है जान.. आराम से करो न..

फिर मैं उसके टॉप के ऊपर से ही उसके चूचों को सहलाने लगा। अब पिंकी का हाथ धीरे-धीरे से मेरी जीन्स पर आ गया और जीन्स की जिप खोल कर वो मेरा लंड हाथ में ले कर सहलाने लगी थी। मैं भी उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल कर उसकी पीठ को प्यार से सहला रहा था। अब मैंने पिंकी के टॉप को उतार दिया। उसने ब्लू-कलर की ब्रा पहनी हुई थी।

मैं पिंकी के पेट को प्यार से सहला रहा था। वो एकदम कामुक हो गई और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

मैंने पिंकी की जीन्स को खोला और उसने भी मेरे जीन्स को खोल दिया। पिंकी ने ब्लू-कलर की ही पैंटी भी पहनी हुई थी। फिर मैं उसको उठा कर कमरे में ले गया और बिस्तर पर उल्टा करके उसको लेटा दिया। मैं हल्के-हल्के से हाथ से उसकी पीठ को सहला रहा था।

मैंने देखा कि सामने नारियल का तेल रखा हुआ था.. तो मैंने पिंकी को सीधा किया और उसकी ब्रा और पैंटी को उतार दिया, मैंने तेल लेकर उसके चूचों पर लगाया और फिर पिंकी के चूचे की मालिश करने लगा। अब पिंकी भी थोड़ी जोर-जोर से साँसें लेने लगी, उसके चूचे फूल कर बड़े हो गए थे।

मुझे भी अब थोड़ी चुदास लगने लगी थी क्योंकि जो दवाई खाई थी.. उसकी वजह से मुझे कुछ गर्मी सी भी लग रही थी, मैंने पंखा चला दिया.. पर दोस्तो, उस टाइम हल्की ठण्ड सी थी, मैंने पंखे की स्पीड को स्लो ही रखा।

मैंने अपने हाथ में तेल लेकर पिंकी की चूत पर लगा दिया और फिर उसकी चूत की मालिश करने लगा। साथ में ही उसकी चूत में एक उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा लेकिन पिंकी की चूत अभी भी बहुत टाइट थी।

अब पिंकी थोड़ी मस्त होने लगी। मैंने 2 उंगलियाँ उसकी चूत में डाल कर जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगा। अब पिंकी की सांसें थोड़ी तेज हो गई थी और वो अपने चूतड़ हिला रही थी।

मैंने देखा कि पिंकी का तो पानी निकल गया था.. और वो शांत हो गई थी। मैं उसकी दोनों टाँगों के बीच में आ गया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया। पिंकी की मदमस्त आवाजें निकल रही थीं- आअह्ह ह्हह्हह आह.. ओह्ह.. ऐसे ही यश.. आह ऊऊह्ह्ह्ह्ह् और चाटो ना यश.. अब मत तड़पाओ.. अब मेरी चूत में लंड डाल भी दो ना..

अब मैं भी गर्म हो गया था, मैंने पिंकी के मुँह में अपना लंड डाल दिया और वो मजे में चूसे जा रही थी। 5 मिनट लौड़ा चूसने के बाद पिंकी कहने लगी- कितना तरसा रहे हो तुम.. अब डाल भी दो ना।

मैं अपने लंड पर तेल लगा कर पिंकी की दोनों टाँगों के बीच में आ गया और दोनों टाँगों को ऊपर करके थोड़ा तेल पिंकी की चूत पर लगा दिया, चूत के मुँह पर लंड रखा और एक जोर का धक्का मारा.. तो पिंकी की चीख निकल गई। उसकी चूत में अभी आधे से कम ही लंड गया होगा।

फिर मैं उसके चूचे को दबाने लगा और साथ में ही होंठों का चुम्बन भी कर रहा था। दो मिनट में वो अपनी गाण्ड हिलाने लगी फिर मैंने एक और जोर के धक्का मारा पिंकी ऊऊऊऊ.. ईईई.. अम्मम्म.. म्मह्ह्ह्ह.. उई मम्मी मर गई रे..

मैंने उसकी चीख को अनसुना कर दिया। इस बार का जो धक्का मारा था कुछ ज्यादा ही जोर से लगा था। फिर मैंने उसके चूचे दबाना शुरू कर दिए और उसे चुम्बन करता रहा। इस बार 5 मिनट ऐसे ही किया था.. कि उसको भी मजे आने लगे।

फिर मैंने उसको कुतिया बना कर चोदा। फिर अब मैं सीधा लेट गया और वो मेरे ऊपर बैठ कर अपनी चूत में लंड डाल कर ऊपर-नीचे होने लगी। वो जोर-जोर से बोल रही थी- फ़क मी यश.. चोदो.. और जोर-जोर से यस्स्स स्सस्स.. और जोररर से..

ऐसे ही मैंने बहुत देर तक पिंकी को चोदा।

काफ़ी देर बाद पिंकी ने बोला- यश मेरा होने वाला है। तो मैंने पिंकी को नीचे लेटा कर उसकी चूत में लंड डाल कर फुल स्पीड में उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया। करीब 25-30 जोर-जोर के धक्के मारे उसी में पिंकी की आवाज जोर-जोर से आने लगी ‘ओहो.. यश.. और जोर से.. ह्ह्ह्ह्ह..’ और पिंकी झड़ गई।

मैंने पिंकी की चुदाई जारी रखी, कुछ धक्के मारने के बाद मैंने सारा माल उसकी चूत में ही डाल दिया।

तो दोस्तो, इसके बाद मैंने पिंकी की गाण्ड भी मारी और सोनी की भी चुदाई की.. वो सब आगे की कहानी में लिखूँगा। फिर मुलाक़ात होगी, अपने मेल भेज कर मुझे बताएँ मेरी सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी। [email protected]

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