मेरी गान्ड को मिला एक मोटा लन्ड -2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

नमस्ते सभी चूत की रानियों और लण्ड के राजाओं.. जैसा कि मेरी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे हेमंत जी ने मुझे चोदकर मेरे चेहरे पर ही वीर्य झाड़ दिया। अब आगे जानिये क्या हुआ..

तो हम दोनों नंगे ही कम्बल में लेट गए थे, मैं उनकी छाती पर हाथ फेर रही थी और वो अपनी बारे में बता रहे थे.. मुझे उनकी बातें अच्छी लग रही थीं। इसी दौरान मेरा हाथ कभी उनकी छाती.. कभी पेट और लण्ड पर जाकर सहला रहा था.. और मैं उनके आंड भी सहला रही थी।

उन्होंने जो मेरी चुदाई की.. उसके बाद मेरे दिल में उनके लिए प्यार भी आ गया था.. तो अन्दर से मेरा मन भी था कि अपनी जान को अब मैं दिल से खुश करूँगी.. बिलकुल वैसा करूँगी.. जैसा वो कहेंगे।

उन्होंने मेरा हाथ ले जाकर लण्ड पर रख दिया.. मैं समझ गई और लण्ड को मुठ्ठी में भरकर उसे रगड़ने लगी.. आगे-पीछे करने लगी। साथ ही मैं अपनी जान के कान में जीभ डालकर उन्हें गुदगुदी का मज़ा भी देने लगी। अब एक बार फिर से हेमंत जी का मोटा लण्ड सख्त होने लगा था और उन्होंने मेरा सर पकड़ कर लण्ड पर झुकाया और चूसने के लिए कहने लगे। मैंने आंड मुँह में भर लिए.. उन्हें चूसने लगी।

फिर मैंने उनसे कंडोम माँगा.. तो वो बोले- एक ही पैकेट लाया था। अब मैं परेशान सी हो गई कि मैं बिना कंडोम के कैसे चूसूँगी या कैसे चुदवाऊँगी। मैंने लण्ड मुँह में नहीं लिया और कहा- पहले कंडोम लेकर आओ..

मैं करवट लेकर कम्बल औढ़ कर उनकी तरफ कमर करके लेट गई, वो भी मेरे पीछे से मुझसे चिपक गए और मेरी गर्दन को चूमने लगे, मेरी छाती को सहलाने और दबाने लगे, एक हाथ से मेरा लण्ड भी सहलाने लगे और मेरी गाण्ड से अपना लण्ड चिपका कर रगड़ने लगे।

मैं भी गरम हो गई थी.. तो मैं सीधी लेट गई। वो फिर से मेरे ऊपर चढ़ गए और बोले- जान.. प्लीज करने दो न.. अब कंडोम लेने कपड़े पहन कर बाहर जाना पड़ेगा..।

अब मैं भी पूरी गर्म थी और ऊपर से उनके लिए मेरे दिल में प्यार भी आ चुका था.. तो मैंने सोचा कि ये भी अच्छे घर के अच्छे पढ़े लिखे इंसान हैं और इनकी गर्लफ्रंड भी है और इनकी शादी भी होने वाली है.. तो बिना कंडोम के चुदाई करने में कोई हर्ज नहीं है… इसलिए मैंने उनके सामने एक अजीब सी शर्त रख दी.. मैंने उनसे कहा- ओके.. मैं लण्ड बिना कंडोम के चूस लूँगी.. गाण्ड भी चुदवा लूँगी.. पर पहले आप मेरे मुँह में सुसू करो..

वो मान गए और मुझे लेटाकर मेरी छाती पर आ गए और लण्ड मेरे मुँह के पास कर दिया, मैंने इनका लण्ड हाथ से सहलाया और खड़ा करके अपना मुँह खोल लिया और कहा- अब सुसू करो..

मुझे पता था कि खड़े लण्ड से सुसू करना मुश्किल है। इन्होंने बहुत ज़ोर लगाया और एक गर्म गर्म पिचकारी सी मेरे मुँह में गिरी। जैसे ही मैंने वो निगली.. कि रुक-रुक कर इनकी सुसू की धार मेरे मुँह में गिरने लगी। बहुत गर्म गर्म था और बिल्कुल हल्का सा नमकीन स्वाद..

मेरे मुँह में मूत गिरता गया.. मैं निगलती गई और जैसे ही इन्होंने अपनी टंकी खाली की.. मैं अपना आपा खो बैठी मेरे अन्दर की भूखी औरत.. किसी रंडी कुतिया की तरह जाग उठी। मैंने झट से उनका पूरा लण्ड मुँह में भर लिया.. बिना कंडोम के ही.. और गपागप चूसने लगी। दोस्तो.. सच में इस बार लण्ड का स्वाद मुँह में घुल रहा था और लण्ड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

अब उन्होंने मेरा सर पकड़ा और धक्के मार-मार कर मेरा मुँह चोदने लगे, पूरा हलक तक लण्ड उतारने लगे। मुझे कई बार उलटी आने से बची, जब लण्ड हलक तक जाता.. तो मेरी आँखें बाहर आ जातीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

अब उन्होंने मुझे जल्दी से उल्टा लेटाया, मेरी गाण्ड को थूक से भर दिया और लण्ड का सुपाड़ा गाण्ड के छेद पर लगा दिया। सच में मुझे इस बार बिना कंडोम का लण्ड महसूस करके अजीब सा मज़ा आया। मैंने गाण्ड ढीली छोड़ दी.. उन्होंने झटके से सुपाड़ा अन्दर घुसा दिया और मेरे कम हुए दर्द को फिर से बढ़ा दिया। जो गाण्ड पहले का दर्द भुलाने की कोशिश कर रही थी.. वो फिर उस दर्द से भर उठी, पर इस बार दर्द कुछ कम था।

उन्होंने फिर धक्का मारा और आधा लण्ड अन्दर घुसा कर धक्के मारने शुरू कर दिए। मैंने भी आँख बंद कर लीं और बस उन्हें उनके मन की करने दी। हर धक्के पर बस मुँह से सीत्कार निकाल रही थी, लण्ड की चोट गाण्ड को लग रही थी और उस चोट से गाण्ड में एक मीठी-मीठी सी गुदगुदी भी महसूस हो रही थी।

उफ्फ.. इनके धक्के मारने की स्पीड अगर कम होती.. तो मैं भी शायद गाण्ड के सुख को भोगती.. पर इनके धक्के बहुत तेज़ थे.. जिससे दर्द ज्यादा हो रहा था। मैंने इनसे कहा- गाण्ड चोद रहे हो तो अब पूरा लण्ड जड़ तक घुसाओ न.. ताकि अगली बार दर्द न हो। तो इन्होंने बचा हुआ बाकी लण्ड भी झटके के साथ गाण्ड की जड़ तक ठूँस दिया।

अब इनके आंड मेरी गाण्ड को हर धक्के पर बजाने लगे, कमरे में मेरी सीत्कार गूंज रही थीं। अचानक उन्होंने कुछ धक्के बहुत तेज़-तेज़ मारे.. फिर लण्ड जड़ तक घुसा कर रुके.. सांस ली.. फिर रुक-रुक कर चार-पांच धक्के मारे और लण्ड बाहर खींच कर साइड में लेट गए.. मैंने इनकी तरफ देखकर पूछा- अन्दर ही झाड़ दिया क्या? इन्होंने कहा- हाँ.. कंट्रोल नहीं हुआ जान..

मैंने अपनी आँखें बंद की और सोचा कि जब इनसे प्यार हो ही गया है.. तो क्या टेंशन लेनी.. चाहे मुझे पता है कि गान्ड में वीर्यपात का कोई नुकसान नहीं लेकिन मैं लड़कियों की तरह ही सोचती हूँ तो गर्भ ठहरने की बात मुझे रोमांचित कर देती है…

ये बाथरूम चले गए.. मैं लेटी रही और मेरी गाण्ड में अन्दर जड़ तक मुझे अजीब सा चिपचिपा गीलापन महसूस हो रहा था.. जो कि मुझे सच में बहुत अच्छा सा फील दे रहा था। ये बाथरूम से बाहर आए.. मेरी गाण्ड में धीरे से चपत लगाई और कहा- कपड़े पहन लो।

पर सच कहूँ.. तो गाण्ड में वीर्य लेने के बाद.. मेरा और चुदवाने का मन हो रहा था.. पर समय बहुत हो गया था। अँधेरा हो चुका था.. मैंने कपड़े पहने और ये मेरे लिए व्हिस्की का एक क्वार्टर लेके आए थे.. मैंने वो पिया और फिर से मिलने के वादे के साथ हम दोनों ही वहाँ से निकल गए।

अब मैं उनके अगले मिलन के प्लान का इंतज़ार कर रही हूँ। अब मैं यही चाहती हूँ कि वो ही हमेशा मुझे चोदें और मेरी गाण्ड की भूख मिटाएँ, मैं भी उनकी हर तरह से संतुष्टि करूँ और जब वो कहें.. उनसे मिलूँ..

दोस्तो.. फ़िलहाल मेरी चुदाई यहीं तक हुई है। इसके आगे भी चुदूँगी.. तो ज़रूर लिखूँगी.. पर मेरी पिछली चुदाईयाँ.. जो कि दस मर्दों से अलग-अलग हुई हैं.. उनके बारे में आपको जल्द लिखकर बताऊँगी। सबको मेरा प्यार.. आपको मैं और मेरी कहानी कैसी लगी.. प्लीज मेल करके बताएं.. आपकी सोनिया रानी [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000