चूत चुदाई के चस्के में आंटी की चूत और गान्ड

हैलो दोस्तो, मेरा नाम जय है और यह मेरे दूसरे सेक्स अनुभव की कहानी है। निशा मैडम की चुदाई के बाद मानो मेरी किस्मत खुल गई हो.. अब मुझे जब इच्छा होती थी तब निशा को चोदने चला जाता था.. अब तो मेरा पूरा दिन चुदाई के बारे में सोचता हुआ ही गुजरता था। एक निशा की चूत चोदने का चस्का क्या लगा मेरे लौड़े को दूसरी चूत की तलाश रहने लगी।

अब मेरी नजर पड़ोस वाली आन्टी पर थी मैं उनका नाम नहीं लिखूँगा.. वो दिखने में बिल्कुल दूध सी गोरी थीं.. उनका फिगर 30-28-34 का था, उनकी गाण्ड बहुत बड़ी थी। जब भी मैं उनको देखता.. तब सबसे पहले मेरा उसकी गाण्ड मारने का जी करता था। मुझे ब्रा-पैंटी लन्ड पर रख कर मुठ मारने मजा आता था तो मैं आन्टी की ब्रा-पैंटी चुरा कर मुठ मारता था। कभी-कभी मैं आन्टी को उनके आंगन में पेशाब करते देख लेता था।

एक दिन हमारी कॉलोनी में साँप निकला था.. आन्टी थोड़ा डर गई थीं.. उनके पति की रात की नौकरी थी.. और आन्टी अपने बच्चों के साथ घर में अकेली थीं। तब आन्टी ने मेरी मम्मी से बोल कर मुझे अपने में घर सोने के लिए बुला लिया। मैं तो मन ही मन खुश हो रहा था.. साँप को थैंक्स कह रहा था।

मैंने रात को खाना खाया और मैं अपनी कैपरी और टी-शर्ट पहन कर आन्टी के घर चला गया। जब मैं गया.. तब वो सभी खाना खा चुके थे और अंकल अपनी नौकरी पर जा रहे थे। बाद में आन्टी सारा काम करके कमरे में आ गईं।

अब हम सब टीवी देख रहे थे.. तभी आन्टी कुछ काम के लिए अन्दर गईं.. उस वक्त उनको जाते हुए देखते समय उनकी गाण्ड देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया। फिर आन्टी वापस आ गईं उन्होंने मेरा खड़ा लन्ड देख लिया था। फिर वो कहीं और देखने लगीं.. अब मुझे शर्म आने लगी थी।

वो अपने बच्चों को सुलाने चली गईं.. तो मैं बाहर आंगन में आ गया। तब मैंने उनकी पैन्टी टँगी देखी.. और वो मैंने उनकी नजर बचा कर उठा ली। उनकी लाल रंग की पैन्टी को लेकर मैं बाथरूम में मुठ मारने चला गया। तब भी आन्टी ने मुझे बुलाया और मैं पैन्टी अपने लन्ड पर रख कर चला आया। फिर हम बातें करने लगे।

तब आन्टी ने मेरा खड़ा लन्ड देखा लिया और बोली- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेण्ड है? मैंने मना कर दिया.. फिर आन्टी बोली- तुमने कभी सेक्स किया है? तो मैंने ‘ना’ बोला.. तब वो बोली- चलो मैं तुम्हें सिखाती हूँ।

वो ऐसा बोल कर मेरे लन्ड को ऊपर से दबाने लगी और मैं सब कुछ खुल कर करने के मूड में आ गया।

मैं भी उनकी गाण्ड दबाने लगा। फिर जब उसने मेरी कैपरी के अन्दर मेरे लौड़े पर अपनी पैन्टी देखी तो हँस कर बोली- अब मुझे पता चला कि रोज मेरी पैन्टी में मलाई (वीर्य) कहाँ से आ जाती है। मैं मुस्कुरा दिया तो वो फिर से हँसी और मेरा लन्ड चूसने लगी। अब मैं भी उनकी चूचियां दबाने लगा।

कुछ ही देर में हम दोनों कीई चुदास भड़क उठी और हम दोनों बिस्तर पर चले गए।

फिर मैंने उनका दूध पिया और चूत चाटी, मैंने अपना सपना पूरा करते हुए उनकी गाण्ड भी चाटी। आन्टी ने मेरा लन्ड अपनी चूत पर रख लिया और मुझसे धक्का लगाने को कहा। मैं धक्के लगाने लगा और फिर मैंने आन्टी को खूब चोदा। फिर मैंने आन्टी को कुतिया बनाया और उनकी गाण्ड पर तेल लगा कर गाण्ड मारने लगा। आन्टी दर्द के कारण मना करने लगी.. पर मैं नहीं रुका और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।

मैंने आन्टी को बोला- मैं झड़ने वाला हूँ। तो वो बोली- मेरी चूत में ही डाल दो। थोड़ी देर में वो भी झड़ गई। उस रात हमने चार बार चुदाई की।

अब मैं रोज उनकी ब्रा-पैन्टी से मुठ मारता हूँ.. और जब हम अकेले होते हैं तब चुदाई कर लेते हैं। [email protected]