मौसेरी बहन के साथ लण्ड-चूत की रेलम-पेल -1

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अब तक आपने ‘सोनी मौसी की चूत चुदाई‘ में पढ़ा..

मैंने उसे 4-5 फोटो भेज दिए जिसमें एक लड़का अलग-अलग पोज़ में लड़की की चूत चाट रहा है। अनु- ओह माय गॉड.. मैंने ऐसा पहली बार देखा है। मैं- अनु.. अब मैं पूरी तरह से नंगा होकर चैट कर रहा हूँ और मेरे लंड से पानी भी निकल रहा है.. क्या तुम गीली हुई? अनु- हाँ मेरी चूत भी कुछ गीला पानी छोड़ रही है..

मैं- क्या तुम मेरा लंड देखोगी? अनु- आपकी मर्ज़ी.. मैं- नहीं तुम बताओ कि तुम्हारा मन है क्या? अनु- ठीक है दिखा दीजिए..

मैंने अपने खड़े और गीले लंड की फोटो लेकर अनु को सेंड कर दीं- कैसा लगा? अनु- ओह.. ये तो बहुत बड़ा और मोटा है.. ये तो हर समय पैन्ट में दिखता होगा?

अब आगे..

मैं- नहीं पगली.. यह तो तुमसे बात करते-करते खड़ा हुआ है.. बाकी समय सोया रहता है। अनु- मैंने पहली बार ये देखा है.. मैं- तुम बार-बार ‘ये’ क्या बोल रही हो.. इसे लंड बोलो ना.. तभी तो फीलिंग आएगी.. प्लीज़.. अनु- मुझे शर्म आ रही है.. मैं- किससे?

अनु- ओके बाबा.. आपका लंड बहुत अच्छा और बड़ा है.. मैं- हाँ.. ये हुई ना बात..। ‘हाँ..’

मैं- अनु एक बात बोलूँ.. अनु- क्या? मैं- अपनी नंगी चूत की फोटो भेजो ना..

मैं जानता था कि अनु के पास स्मार्ट फोन है.. इसलिए मैंने उससे कहा। अनु- नहीं.. मुझे डर लगता है। मैं- इसमें डरने की क्या बात है.. मैंने भी तो तुम्हें अपने लंड की फोटो भेजी है। अनु- कुछ होगा तो नहीं? मैं- कितनी बार बोलूँ कि कुछ नहीं होगा। अनु- ओके.. भेजती हूँ..

अनु ने मुझे अपनी रेड पैन्टी के साथ चूत की फोटो भेजी।

मैं- अनु पैन्टी खोलकर फोटो भेजो ना.. अनु- ओके.. भेजती हूँ!

उसके बाद अनु ने नंगी चूत की फोटो भेजी.. मैं- अनु अपनी चूचियां दिखाओ ना..

और अनु ने चूचियों की पिक भेजी.. जिसे देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था, मैं अपनी बहन की चूत और चूचियाँ देख रहा था। मैं- मेरे लंड में तूफान उठने वाला है। अनु- मतलब.. मैं- मेरा पानी निकलने वाला है.. अनु- यह पानी निकलना क्या होता है? मैं- क्या तुम सच में नहीं जानती हो? अनु- नहीं…

मैं- जब एक लड़का अपना लंड लड़की की चूत में डालता है.. फिर आगे-पीछे करता है.. तो इसे चुदाई कहते हैं और चुदाई के बाद लड़की की चूत और लड़के का लंड पानी छोड़ते हैं.. इसमें परम आनन्द आता है। दोनों के पानी के मिलने के बाद लड़की माँ बनती है। इससे बचने के लिए लड़का कन्डोम पहनता है.. या फिर चुदाई के बाद लड़की को एक दवाई खिला दी जाती है.. जिससे वो माँ भी नहीं बनती और चुदाई का आनन्द भी ले लेती है। चुदाई के पहले लड़की लड़का आपस में किस करते हैं.. लड़कियाँ लंड चूसती हैं और लड़का चूत चाटता है… चूचियां दबाता है और चूसता है.. जिससे दोनों चुदाई के लिए तैयार होते हैं।

‘ओह्ह..’ मैं- लेकिन ये पानी केवल चुदाई से ही नहीं.. बल्कि लंड को पकड़ कर हाथ से आगे-पीछे करने और लड़की की चूत में उंगली करने से भी निकल जाता है। अनु- ओह.. मेरी चूत में भी झुरझुरी हो रही है।

मैं- काश.. अभी मैं तुम्हारी चूत चाट पाता.. तो जन्नत का मजा मिल जाता। अनु- क्या आप पूरे नंगे हो? मैं- हाँ.. और तुम? अनु- मैंने केवल अपनी लैगी और पैन्टी नीचे की है.. दूसरे रूम में मॉम-डैड हैं।

मैं- अनु क्या तुमने कभी किसी का लंड देखा है? अनु- नहीं.. मैं- क्यों तुम्हारा कोई भाई नहीं है। अनु- नहीं मैं अकेली हूँ..

मैं- कोई कजिन भाई भी नहीं है? अनु- हैं.. मेरे मौसेरे भैया.. जो कि कुछ दूरी पर रूम लेकर रहते हैं। वो हमेशा आते रहते हैं.. फिर 10-15 दिन यहीं रुकते हैं.. जब उनका कॉलेज बंद हो जाता है। मैं- क्या तुमने अपने भाई का लंड देखा है या नहीं? अनु- नहीं..

मैं- तुम्हारा भाई तुम्हें अन्जाने में इधर-उधर टच करता है या नहीं? अनु- नहीं.. लेकिन जब उनके साथ बाइक पर बैठती हूँ.. तो मेरी चूचियाँ उनकी पीठ से रगड़ खाती हैं.. तो वो बार-बार हिलते हैं। मैं- क्या.. तुम अपने भाई का लंड देखना चाहती हो? अनु- ये तुम क्या कह रहे हो.. वो मेरे भैया हैं।

मैं- ओह.. लगता है तुमने अभी तक कोई कहानी भी नहीं पढ़ी.. ठीक है मैं तुम्हें भाई-बहन की कुछ कहानी भेज रहा हूँ। तुम उसे पढ़ लो.. फिर 1/2 घंटे के बाद चैट करते हैं।

मैंने अनु को भाई बहन की कुछ कहानियाँ भेज दीं और अनु ने उन्हें पढ़ लिया.. फिर 1/2 घंटे बाद..

मैं- कैसा लगा.. कहानियाँ पढ़ीं? अनु- क्या ये कहानियां सच होती हैं? मैं- बिल्कुल.. बहुत सी कहानी सच होती हैं और कुछ केवल कहानी होती हैं। जानती हो लड़के और लड़की के बीच में क्या रिश्ता होता है? अनु- क्या.. बहुत सारे रिश्ते होते हैं। मैं- नहीं.. लड़का और लड़की के बीच में केवल लंड और चूत का रिश्ता होता है। अनु- छी:.. आप कितनी गंदी बातें करते हैं। मैं- अब बोलो.. कि क्या तुम अपने भाई का लंड देखना चाहती हो? अनु- हाँ..

मैं- तब मैं जैसा बताता हूँ.. वैसा करो.. लंड देखोगी ही नहीं… बल्कि तुम्हारा भाई तुम्हारी चूत की प्यास भी बुझाएगा। अनु- लेकिन ये ग़लत है.. अपने भाई से सेक्स? मैं- कुछ ग़लत नहीं है.. बस मज़ा ही मज़ा है.. अनु- क्या करना है?

मैं- जब तुम्हारा भाई.. घर में आए और जब वो नहाने जाए.. तो तुम उससे पहले नहाने चली जाया करो.. और अपनी खोली हुई पैन्टी और ब्रा बिना धोए बाथरूम में छोड़ दो.. और जब तुम्हारा भाई नहा कर निकले.. तो जाकर देखो.. कि क्या तुम्हारी पैन्टी-ब्रा जगह से हटी हुई हैं और क्या उनमें कुछ गीला लिक्विड जैसा लगा है.. और ये सब उसे पता नहीं चलना चाहिए। जब उसके साथ अकेले में बैठो.. तब कुछ इस तरह बैठो कि तुम्हारी चूचियां उसके जिस्म से टच हों.. और देखना कि क्या वो बार- बार अन्जान बन कर हिलने की कोशिश में तुम्हारी चूचियों को दबा रहा है.. या उनके नज़दीक रहने की कोशिश कर रहा है।

अनु- ठीक है.. देखती हूँ.. क्या होता है.. मैं- अनु मैं अब मुठ्ठ मारने जा रहा हूँ.. अब बस झड़ने ही वाला हूँ। कल बात करेंगे.. बायईईई.. ये कहकर मैंने चैट बंद कर दी और मुठ्ठ मारकर सो गया।

फिर अगली सुबह में मौसी के यहाँ चला गया.. तो मौसी बोलीं- अरे हर्ष.. तुम? मैंने कहा- हाँ हमारा कुक 10 दिनों के लिए घर गया है और पानी की मोटर भी खराब हो गई है.. इसलिए मैं यही पर से नहा कर कॉलेज जाऊँगा और खाना खाने भी आया करूँगा। तो मौसी बोलीं- ठीक है बेटा.. जाओ जाकर नहा लो..

मैं नहाने जा ही रहा था कि अनु पीछे से आकर बोली- भैया पहले मैं नहा लेती हूँ। तो मैंने कहा- ठीक है.. जाओ नहा लो.. और अनु नहाने चली गई।

जब वो नहा कर निकली.. तो मैं नहाने चला गया.. तो मैंने देखा कि जैसा मैंने बताया था.. उसी तरह अनु ने अपनी पैन्टी और ब्रा बिना धोए.. वहीं पर लटका दी थी। मैंने भी प्लान के हिसाब से उसकी पैन्टी को सूँघा और उसमें मुठ्ठ मार कर दूसरी जगह लटका दिया। फिर अपना रेड हाफ अंडरवियर धोकर वहीं छोड़ दिया।

मैं देख रहा था कि अनु मुझे कुछ दूसरी नज़र से देख रही थी.. पर मैं नॉर्मल बना रहा था। उसी दिन रात को पुनः चैट शुरू हुई।

मैं- हाय अनु.. अनु- हाय.. मैं- कैसी रही रात? अनु- बहुत सुहानी थी.. मैं- अभी कहाँ.. जब लंड को चूत में लोगी.. तब सुहानी होगी..

अनु- एक बात बतानी थी। मैं- क्या? अनु- आज भैया आए थे.. मैंने वैसा ही किया.. मैं- तो क्या हुआ? अनु- मेरी पैन्टी और ब्रा जगह पर नहीं थी.. और कुछ गीली थी.. मैं- इसका मतलब तुम्हारा भाई तुम्हें इमेजिन करके मुठ्ठ मारता है.. और वो तुम्हें चोद भी सकता है.. अगर तुम चाहो..

अनु- लेकिन क्या ये सही होगा? मैं- बिल्कुल.. और सेफ भी.. अगर बाहर चुदवाओगी.. तो हो सकता है कि तुम फँस जाओ। कोई लड़का तुम्हें ब्लैकमेल करे.. या फिर और कोई दिक्कत हो सकती है.. लेकिन अगर तुम्हारा भाई तुम्हें लंड का सुख दे.. तो घर की बात घर में ही रहेगी और सेफ भी होगी.. अनु- कुछ ग़लत तो नहीं होगा? मैं- नहीं यार.. मुझ पर विश्वास रखो.. क्या उसने भी अपना अंडरवियर बाथरूम में छोड़ा था? अनु- हाँ.. लेकिन धोकर.. मैं- अगर बिना धोए छोड़े.. तो तुम भी उसे लेकर सूंघना.. चाटना.. पहनकर देखना.. मज़ा आएगा..

इसके बाद और कुछ देर चैट की.. फिर हम दोनों ऑफलाइन हो गए।

अब मैं रोज़ ही अनु की पैन्टी में मुठ्ठ मारने लगा और एक दिन उसकी एक सफ़ेद पैन्टी उठा कर अपने कमरे में लेकर चला गया। उस दिन मैंने अपना अंडरवियर बिना धोए ही बाथरूम में छोड़ दिया और उस रात उससे फिर बात हुई।

अनु- हाय.. मैं- हाय.. कैसी हो? अनु- फाइन.. मैं- कुछ नया बताओ..

अनु- आज बाथरूम से मेरी पैन्टी गायब हो गई.. मैं- इसका मतलब तेरे भाई से सहन नहीं हुआ.. वो उसे सूंघने के लिए अपने साथ ले गया.. देखना वो एक दिन तुम्हारी ब्रा भी गायब करेगा.. लेकिन तुम चुपचाप रहना। अनु- ओके.. आज भैया ने अपना अंडरवियर बिना धोए ही छोड़ दिया और इस वक़्त वो मेरे हाथ में है। मैं- गुड.. तुम उसे उल्टा करके चाटो.. अनु- चाट रही हूँ.. मेरी चूत में गुदगुदी हो रही है और गीला पानी भी निकाल रहा है।

मेरी इस कामरस से भरपूर कहानी को लेकर आपके मन में जो भी विचार आ रहे हों.. प्लीज़ ईमेल करके जरूर बताइएगा। कहानी जारी है। [email protected]

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