ट्यूशन वाली माल मैडम की चूत

हैलो दोस्तो.. मैं सन्नी अमृतसर से हूँ.. अभी मैं गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी से बी.सी.ए कर रहा हूँ। मैं एक जॉइंट फैमिली में रहता हूँ। मेरी हाइट 5’9″ है और मेरा रंग एकदम गोरा है। दोस्तो, मेरी इस कहानी में मैंने कुछ गाली युक्त शब्दों का इस्तेमाल किया है जिसके लिए मैं पहले ही माफ़ मांग रहा हूँ।

मेरे साथ जो घटना घटी है.. यह ज्यादा पुरानी नहीं है, यह घटना एक टीचर की है.. जिनका नाम अंकिता था.. जो कि मेरे कॉलेज में थी। वो 29 साल की एक मस्त और सेक्सी आईटम थी। बस उसे एक बार देख लो इसके बाद तो लंड महाराज खड़े हो जाते थे और एकदम कड़क होकर अकड़कर दर्द देने लगते थे। मेम के घर में उनके मॉम डैड ही हैं बस.. और कोई नहीं है, उनके डैड का खुद का बिजनेस है।

यह तब की बात है जब मैं और मेरा फ्रेण्ड निखिल अंकिता मेम के पास रोज़ शाम को गणित की टयूशन पढ़ने जाते थे। मैं जब भी मैडम को देखता था.. तो बस एक ही हवस भर आती थी चूत चूत चूत.. बस एक इन्तजार था और भरोसा भी था कि इसकी चूत मुझे पक्का मिलेगी लेकिन कब मलेगी ये नहीं मालूम था।

इतनी सेक्सी मैडम.. वाउ.. खैर सब कुछ यूँ ही चलता रहा!

करीब चार महीने बाद.. मैडम के साथ मैं मजाक करने लग गया.. फैमिली प्रोब्लम्स के कारण निखिल टयूशन में नहीं आ रहा था.. मैंने सोचा यह मौका अच्छा है.. चूत मिलने का।

वैसे भी मैं बहुत सी लड़कियों को चोद चुका हूँ.. तो थोड़ा समझ जाता हूँ कि किसी लड़की के मन में क्या चल रहा है। इसलिए एक दिन मैंने सोचा कि अंकिता को प्रपोज करके देखूं.. देखी जाएगी जो होना होगा..

सो एक दिन मैंने अंकिता के साथ ऐसे ही बात शुरू की। मैं- अंकिता मेम.. मैडम- यस.. बोलो सन्नी क्या हुआ.. चुप क्यूँ हो गए? मैं- एक बात बोलनी थी.. लेकिन डर… मैडम- कैसा डर.. बोलो ना प्लीज़..

मैं- नहीं.. फिर कभी आज नहीं.. मैडम- बोलो ना.. प्लीज़ जो भी है मन में..

मैं- मैडम क्या मैं आप को अंकु कह के बोल सकता हूँ। मैडम- हाहा.. इतनी सी बात बुद्धू कहीं के..

मैंने अपनी आँखें बंद करके कहा- नहीं मैडम.. दरअसल.. मैडम- क्या आगे बोल ना.. प्लीज़.. मैं- दरअसल मैं.. मैडम- प्लीज़.. बोल भी दे.. क्या बोलना चाहता है.. वरना आज तुझे जाने नहीं दूँगी।

मैं- मैडम मैं कल से टयूशन नहीं आऊँगा. आई लाइक यू सो मच… पता नहीं आप कैसा फील कर रही होगी.. लेकिन आई रिअली लाइक यू.. इसलिए मैंने फ़ैसला किया है… यदि मुझे अपनी हद में रहना है तो मुझे आपके पास आना छोड़ना ही होगा.. कहाँ तारे कहाँ धरती… मैंने सब कुछ एक ही बार में बोल दिया।

मैडम- सन्नी.. आर यू सीरियस.. यह तुम क्या बकवास कर रहे हो? मैं- मैडम सॉरी.. आई एम गोइंग.. आई लव यू सो मच.. मैडम- सन्नी.. सुनो ना प्लीज़.. डोंट गो…

लेकिन मैं वहाँ से चला गया.. अगले दिन मैडम के बहुत फोन आए लेकिन मैंने पिक नहीं किया। लेकिन मुझे मैडम की चूत आँखों में दिखाई देनी शुरू हो गई थी। मैडम का मैसेज आया कि कल तुम हर हालत में मेरे घर आओ।

अगले दिन मैं घर गया.. मैडम तो ऐसे जैसे जन्मों की प्यासी हों… मेरे आते ही गेट खोला।

मैडम- आ गए तुम.. मैं एकदम चुप था। मैडम- बच्चे, तुम क्यों ज़िद कर रहे हो? ऐसा मैंने कभी भी कुछ नहीं सोचा.. मैं अब भी एकदम चुप था। मैडम- तुम अभी इतने बड़े नहीं हो.. बस एक आकर्षण होता है.. और कुछ नहीं.. मैं चुप था।

मैडम- सन्नी.. मैं- यस मेम.. मैडम- डोंट कॉल मी मेम.. मैं- तो? मैडम- कॉल मी अंकु.. मैं एकदम चुप था।

मैडम- बच्चे प्लीज़ कॉल मी अंकु ना… मैं कुछ नहीं बोला। मैडम- सन्नी.. मैं- हाँ जी.. मैडम- मेरे पास आओ यहाँ..

मैं उसके पास गया। मैडम- यू आर सो स्वीट… कैन आई हग यू?

इतने में मैडम ने मुझे हग किया और मैंने भी उसको हग कर लिया… कसम से मेरे तुलु महाराज खुश हो गए। उस टाइम घर में कोई नहीं था.. मैं समझ गया था.. कि अंकु अच्छे से चुदना चाहती है। फिर मैंने उसके कान के पास किस करना शुरू किया.. और उसने टॉप पहना हुआ था.. जिसके पीछे से अन्दर से मैंने हाथ डाल दिया.. अन्दर के माल को सहलाने लगा।

इतने में ही मैडम इतना ज्यादा गरम हो गई कि उसने मुझे सोफे पर गिरा दिया और मेरे ऊपर लेट गईं, मेरी आँखों में आँखें डाल कर देखने लगीं.. और मैंने पीछे सिर से पकड़ के.. उनके होंठों पर अपने लब रख दिए। मैंने बहुत देर तक लब चुम्बन करने के बाद उसका टॉप निकाल दिया। हालांकि मैडम ने थोड़ा मना किया.. पर उसकी जवानी भी मचल उठी थी सो मैंने जबरन टॉप निकाल दिया.. और मम्मों को चूसना शुरू कर दिया..

बस कुछ ही पलों में वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और शर्मा भी रही थी। फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिए.. लेकिन नीचे उसने मेरा अंडरवियर नहीं उतारा, मैं समझ गया कि वो कुछ ज्यादा ही शर्मा रही है।

मैंने भी उसकी जीन्स नहीं उतारी और उसे तड़पाया.. फिर उसने अपनी जीन्स का बटन खोला और मुझसे भी अब रहा ना गया। मैंने उसकी जीन्स उसके जिस्म से अलग कर दी।

उस मदमाते हुस्न का दीदार करके मैं बहुत खुश था.. वो मैडम जिसको रोज़ मैं रोज सपने में चोदता था.. वो आज मेरे ऊपर लेटी है.. सिर्फ़ एक कच्छी पहन के.. जो कि थोड़ी देर में वो भी उतर जाएगी। वो जब मेरे ऊपर लेटी.. तो मेरा लंड उसकी चूत के मुँह में लग रहा था। वो भी वहाँ से हिलना नहीं चाहती थी।

मैंने कहा- अंकु.. एक चीज़ दिखाऊँ? ‘हाँ.. दिखाओ..’

फिर मैंने अपना अंडरवियर नीचे से उतारा और अपने 6 इंची लंड के दर्शन करा दिए.. वो मस्त निगाहों से लौड़े को निहार रही थी।

मैंने उसकी पैन्टी उतारनी चाही.. लेकिन वो शर्मा रही थी.. और मना भी कर रही थी। फिर मैंने उसे खड़ा कर दिया.. और पैन्टी के साथ ही उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा।

फिर मैंने हौले से पूछा- अंकु मज़ा आ रहा है? अंकु सिर्फ़ सिसकारियाँ ले रही थी… चुप थी..

मैंने कहा- पैन्टी उतार दो.. जब सीधे लगेगा.. तो और मज़ा आएगा। इतने में अंकिता ने पैन्टी उतार दी.. वाहह.. क्या चूत थी.. गुलाबी सी.. बस.. लण्ड महाराज जी तो कह रहे थे.. भेजो मुझे अन्दर..

मैंने अंकु को दीवार के सहारे खड़ा किया.. और अब अंकिता का मुँह मेरी तरफ को था.. मैंने उसकी एक टांग उठाई और लण्ड को उसकी चूत के बाहर रगड़ने लगा।

अंकिता ने कहा- अब कुत्ते, क्यों तड़पा रहा है.. इतने दिनों से यह चूत प्यासी है.. प्लीज़ डाल ना अन्दर.. दोस्तो, अभी मैंने उसके चीरे पर टोपा रखा ही था कि वो चीखने लगी… सन्नी बहुत मोटा है… ऐसे नहीं जाएगा.. चिकना कन्डोम लगा कर डालो.. प्लीज़.. मैंने कहा- रुक ना.. यह देख तेरी चूत में से इतना पानी निकल रहा है न.. जाएगा कैसे नहीं..

मैंने एक ही झटके में आधा लंड पेल दिया.. अंकिता ने मुझे जकड़ लिया.. इतनी तेज चिपटा लिया कि बस मजा आ गया। फिर हमने खूब चुदाई की। उसके मम्मों को जबरदस्त तरीके से चूसा और चूत के चीथड़े उड़ा दिए। कुछ ही पलों के बाद हम दोनों अपनी मंजिल पर पहुँच गए।

तब से लेकर आज तक जब भी अंकिता का चुदाई का दिल करता है.. मुझे वो बुलाती है.. कई बार उसके मॉम डैड घर नहीं होते.. तब हम बहुत देर तक चुदाई करते हैं… लेकिन कन्डोम लगा के.. क्योंकि एक बार वो प्रेगनेन्ट हो गई थी।

सो फ्रेण्डस.. इतना सारा पढ़ कर कुछ भाई लोग तो मुठ्ठ भी मारेंगे.. और कुछ लड़कियों का दिल कर रहा होगा कि काश सन्नी जैसा लड़का हमारी लाइफ में भी आए।

कहानी कैसी लगी प्लीज़ जरूर बताना। [email protected]