कुँवारी पिंकी की सील तोड़ चुदाई -8

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैं सुबह 10 बजे उठा और फिर घर की सफाई की क्योंकि वो दोनों ही स्कूल गई हुई थी। घर साफ़ कर के में अपने दोस्तों से मिलने चला गया।

करीब एक बजे मैं घर आ गया और सोचने लगा ‘यार, बाद में टाइम मिले या ना मिले कुछ पता नहीं, आज सोनी को जी भर के चोदना है।’

फिर मैं देखने लगा ‘साला कंडोम जो लेकर आया था वो तो किसी काम में ही नहीं आया!’ मैंने सोचा ‘अब सोनी को कंडोम लगा कर चोदूँगा, देखते हैं मजा आता है या नहीं।’

फिर घर की घंटी बजी, मैंने दरवाजा खोला तो पिंकी थी, सफ़ेद और काले रंग का सूट पहना हुआ था, ऊपर से उसने अपने बालों को खोल रखा था, क्या लग रही थी! मेरा लंड तो खड़ा हो गया। वो खाना ले कर आई थी।

पिंकी- अब दरवाजे पर ही खड़े करके देखते ही रहोगे या फिर अन्दर भी आने दोगे? मैंने कहा- क्यों नहीं जानेमन, आओ अंदर आओ! मैंने कहा- पिंकी, दरवाजा बंद कर दो!

पिंकी ने खाना रखा और जैसे ही दरवाजा बंद किया, मैंने पीछे से ही उसको पकड़ लिया और उसके चूचों को दोनों हाथों से सूट के ऊपर से ही दबाने लगा और और उसकी गांड मेरे लंड से रगड़ खा रही थी। पिंकी बोली- यश, अभी नहीं यश, अभी नहीं! पर मैं कहाँ मानता, मैंने पीछे से ही उसके सूट के अंदर ही हाथ डाल दिया और कभी उसकी पीठ पर तो कभी पिंकी के पेट पर प्यार से हाथ से सहला रहा था, अब पिंकी भी मस्त होने लगी थी।

अब मैंने पिंकी को सीधा किया और उसके लबों पर अपने लब रख दिए और आराम से चुम्बन करने लगा और आराम से उसके शर्ट को उतार दिया। देखा तो पिंकी ने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी और वो अभी ही नहा कर आई थी तो उसके बदन से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी जो मुझे और भी बहका रही थी।

मैंने पिंकी की ब्रा को भी खोल दिया, उसके चूचे मस्त सफ़ेद से दिख रहे थे और पिंकी शर्मा रही थी। फिर मैंने पिंकी को दीवार से लगा दिया और पिंकी ने इस वक्त ऊपर से कुछ नहीं पहना था तो मैंने पिंकी के चूचों को चूसना चालू कर दिया और एक हाथ पूरे शरीर पर चला रहा था।

अब पिंकी की सिसकारियाँ चालू हो गई और मैं पिंकी के चूचों को दबा भी रहा था और कभी कभी तो हल्का सा काट भी लेता तो पिंकी चौंक जाती। पिंकी के चूचों को चूसे जा रहा था और अब पिंकी मेरे जींस पर अपने हाथ से सहला रही थी। फिर पिंकी ने मेरी जींस को उतार दिया और अंडरवीयर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी।

मैं भी अब उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहला रहा था और साथ ही लबों को चूम रहा था। अब मैंने पिंकी की सलवार को भी उतार दिया तो देखा पिंकी ने काले रंग की पैंटी पहनी हुई है और वो नई दिख रही थी। मेरे पूछने पर पिंकी ने बताया कि परसों ही लाई थी पैंटी और आज ही पहनी है। मैंने कहा- फिर तो आज ही पैन्टी का उद्घाटन कर देते हैं।

मैंने पिंकी के पैंटी में हाथ डाला तो अन्दर गीला गीला था, पिंकी की पैंटी भी भीग गई थी। मैंने पैंटी के अंदर से ही उसकी चूत के दाने को रग़ड़ना चालू कर दिया जिससे पिंकी और भी मस्त होने लगी और जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी। मैंने पिंकी की पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चूत को प्यार से सहलाने लगा और मैंने भी अपना अंडरवियर उतार दिया, मेरा लंड फुल ताव में था चूत में जाने के लिए।

अब पिंकी को सीधा खड़ा करके मैं नीचे बैठ कर पिंकी की चूत को किस करने और चाटने लगा और पिंकी को भी मजे आने लगे और वो मेरे बालों को सहलाने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

अब मैंने हाथ में थूक लिया और पिंकी की टांग को खोल दिया और उसकी गांड पर थूक को लगा कर उसकी गांड में एक उंगली डाल दी पिंकी- ऊऊऊ ऊऊईईई ईईई जान, यहाँ मत करो न! पर फिर मैं उसकी चूत को चाटने लगा और गांड में उंगली अंदर बाहर करने लगा।

पिंकी की आवाज मस्त लग रही थी- ऊओइ ओआआ आह्ह्ह ह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह ह्ह्ह यश ऊऊओह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह… और चाटो… और चाटो… जोर जोर से आआह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह… ऐसे ही 5 मिनट किया ही होगा कि पिंकी ने सारा माल मेरे मुँह पर निकाल दिया।

अब जैसे ही पिंकी का पानी निकला तो मैंने अब पिंकी को नीचे बैठा दिया और उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया, पिंकी बड़ी मस्ती से मेरे लंड को चाट रही थी! क्या मजा आ रहा था यारो… ऐसे लगता था कि जन्नत की सैर कर रहा हूँ।

फिर मैंने उसके सर को पकड़ा और जोर जोर से झटके उसके मुँह को ही चोदने लगा, करीब 10 मिनट बाद मेरा सारा माल उसके मुँह में ही डाल दिया। कहानी जारी रहेगी। दोस्तो, मेल भेजना न भूलें। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000