कोविड वार्ड में चुत चुदाई का मजा- 4

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अस्पताल के प्राइवेट रूम में मैं एक बढ़िया पर विधवा लेडी की चूत का मजा लिया. साथ में दारू और चिकन भी था. आप भी पढ़ें कि ये सब कैसे हुआ.

हैलो साथियो, मैं चन्दन सिंह आपको कोविड वार्ड में चुत चुदाई की कहानी लिख रहा था. पिछले भाग अस्पताल में चुदाई का बढ़िया जुगाड़ अब तक आपने पढ़ा था कि मैं विमला के लिए बियर और चिकन की व्यवस्था करके उसके साथ ड्रिंक एन्जॉय करके उसे चोदने की तैयारी में लगा था.

अब आगे:

एक बियर पीने में आधा घंटे लगा, दूसरी बियर खोलने से पहले राजेश और डॉक्टर आ गया. डॉक्टर ने आज की सभी रिपोर्ट देखी और कमरे से बाहर निकलते समय मुझे बाहर आने को कहा.

डॉक्टर और राजेश ने मेरे पास बैठी विमला को देखा और बियर की बोतल को देख कर कमरे का नजारा देखा फिर खिसक गए. विमला भी शर्म के मारे मेरे कमरे से खिसक गयी.

थोड़ी देर रूक कर मैं भी राजेश और डॉक्टर को देखने दूसरे वार्ड की ओर चला गया.

जैसे ही मैं दूसरे वार्ड में पहुंचा, डॉक्टर और राजेश इस समय मौजूद उधर सभी लेडीज स्टाफ के साथ बैठे वाइन सेलीब्रेट करने में मशगूल थे.

राजेश की जैसे ही नजर मेरी पर पड़ी, वो ‘वेलकम बॉस ..’ बोल कर उठ खड़ा हुआ. उसने मुझे बैठने को कुर्सी दी.

राजेश बोला- तुम्हारे लिए वाइन लेकर आया था .. सोचा था आज सरप्राइज दूंगा. पर तुम हरामी आदमी हो, अपना इंतजाम पहले करके रखते हो. डॉक्टर बोला- दोस्त कुछ भी हो, तुम्हारी पसन्द बहुत शानदार है.

उसका इशारा विमला की ओर था. मैं हंस दिया.

वो आगे बोला- जितना तुम्हारे बारे में राजेश ने बताया था, तुम उससे दो कदम आगे हो. राजेश बोला- एक बार इधर भी देख लो.

वो मेरा उन सभी लेडीज स्टाफ से परिचय करवाने लगा. वो चार लेडीज थीं, उसमें से एक डॉक्टर थी, बाकी तीनों नर्सें थीं. चारों बला की खूबसूरत माल थीं.

डॉक्टर बोला- आओ कुछ हो जाए. आज हमारे और आपके साथ नई दोस्ती को लेकर.

उसने नए गिलास निकाल कर पैग बनाए और हम सभी छहों ने चियर्स किया. दो पैग बाद डॉक्टर ने राजेश की ओर इशारा किया.

राजेश ने बात छेड़ते हुए कहा कि हमने तुम्हारे लिए शराब और शवाब का इंतजाम कर रखा था. ऐसा करो तुम यहां सेलिब्रेट करो .. और हमें तुम्हारी नई दोस्त के साथ आज की रात सेलीब्रेट करने दो.

एक तरफ चार हूर थीं, दूसरी तरफ विमला थी. मैंने मन में सोचा कि जब डॉक्टर अपने घर का है, तब ये चारों कल भी चोदने को मिल जाएंगी. वैसे भी विमला कौन सी मेरी है. वो इनके साथ एन्जॉय करने के लिए तैयार हो ही जाएगी.

मैं राजेश को समझाते हुए बोला- देख राजेश .. तू मुझे आज से तो नहीं जानता है. अभी तो मैं उसको लाइन पर ला रहा हूँ. आज की रात मुझे उसे लाइन पर लाने दे. कल तुम लोग एन्जॉय कर लेना.

डॉक्टर और राजेश समय की गंभीरता समझ कर बोले- ठीक है कोई बात नहीं. तुम आज उसे लाइन पर ले आओ. हम कल एन्जॉय कर लेंगे.

डॉक्टर से मैंने सीरियसली पूछा- सच में कल मुझे छुट्टी दे रहे हो क्या? तो डॉक्टर बोला- वैसे यहां अब एडमिट की जरूरत तो नहीं है .. आपकी जब तक इच्छा हो, तब तक यहां रह सकते हो.

तभी मोबाईल पर घंटी बजी मैंने मोबाईल पर नाम देखा तो वो विमला का था. वो मेरा इंतजार कर रही थी.

मैं उन सभी से विदा लेकर अपने कमरे में आ गया. सामने वाले कमरे में विमला ने मुझे कमरे में जाते देख लिया था.

विमला कुछ देर रुक कर मेरे कमरे में आयी और बोली- अभी दामाद जी जाग रहे हैं. मैं कुछ देर बाद आऊंगी.

मैंने राजेश को फोन लगा कर ये दिक्कत बताई, तो राजेश ने डॉक्टर को बताया. डॉक्टर ने सहायक नर्स को भेज कर विमला के दामाद को नींद का इन्जेक्शन लगा दिया.

फिर वापिस राजेश का फोन आया, तो मैंने उसे शुक्रिया अदा किया.

आधा घंटे बाद विमला आ गई. वो हड़ाहड़ाहट में बोली- जल्दी कर लो .. दामाद जी उठ जाएंगे. जब मैंने उसे नींद के इंजेक्शन के बारे में बताया, तब उसे शान्ति हुई.

मैं अब पीछे वाले कमरे में गया. वहा विमला को बियर खोल कर देने से पूर्व कुछ बीयर मैंने ले ली थी.

मैंने जो आधी बियर पी थी, उसकी जगह वाइन मिक्स करके बोतल बराबर कर दी थी. एक पैग मैंने अपने लिए अलग से बनाया. फिर वही बियर लाकर विमला को दे दी.

उसकी पहले की पी हुई बियर इस समय उतर चुकी थी. दामाद के जागने की चिन्ता के मारे विमला बड़े बड़े घूँट भरने लगी. जब कि में बहुत धीमी गति से पी रहा था.

मुझे आज रात वो चारों अपनी आंखों के आगे नाच रही थीं. कल किसने देखा, मैं आज ही उन चारों के साथ कबड्डी खेल लेना चाहता था.

यही सोच कर विमला को टुन्न करके मैं आज ही उसे राजेश और डॉक्टर के हवाले करना चाहता था ताकि चारों से मैं भी मजा ले सकूं. मेरा एक पैग खत्म होने से पहले ही विमला ने बियर खत्म कर दी और बोली- मजा नहीं आया .. बियर गर्म हो चुकी थी.

मैंने उसे पैग लिए ऑफर किया, पहले तो उसने मना कर दिया. मगर जब बहुत समझाया, तब जाकर वो मान गई.

मैं झट से दो लार्ज पैग बना कर ले आया. बियर में मिली वाइन का कुछ असर विमला के चेहरे पर दिखाई देने लगा था. जब मैं कमरे में पहुंचा तो वो मेरे कमरे को अन्दर से लॉक कर चुकी थी और मेरे बेड पर पिलो कवर को दीवार के सहारे करके बेड पर बैठी थी.

मैं उसकी बगल में बैठ गया. गिलास उसे थमा कर बोला- इसे भी बियर की तरह खाली कर दो.

वो बड़ा सा घूंट भर कर बोली- यह बहुत कड़वी है. तब मैं बोला- अभी कोरोना चल रहा है .. इसलिए नीट ही पीना चाहिए ताकि कोरोना नजदीक नहीं आए .. और हां डॉक्टर ने मुझे बोला है कि वो कल मुझे छुट्टी दे देगा.

इतना कहते ही वो मेरे से चिपक कर बोली- क्या सच में तुम मुझे छोड़ कर चले जाओगे? मैंने एक बार उसे तसल्ली दी और उससे गिलास खाली करने को बोला.

इस बार मेरा गिलास खाली हो गया था. विमला मेरे से चिपकी हुई थी. मैंने उसके ब्लाउज को ऊपर करके उसके एक दूध को ब्लाउज से बाहर निकाल लिया. उसके मस्त गदराए मम्मे को हाथ में लेकर सहलाने लगा. विमला का चेहरा भावहीन था.

विमला का भावहीन चेहरा देख कर मैं बोला- विमला तुम जब तक चाहोगी … तब तक मैं इसी अस्पताल में रुकूंगा. इतना सुनते ही वो खुश होकर बोली- क्या सच में?

मैंने कहा- बिल्कुल सच … डॉक्टर ने अनुमति दे दी है कि जब तक इच्छा हो, तब तक आप यहां रुक सकते हैं. पर एक दिक्कत है. इसके बदले डॉक्टर एक रात में कुछ देर के लिए तुम्हें भी पाना चाहता है. तुम डॉक्टर को खुश कर सकती हो, तो वो मुझे तुम्हारी इच्छा अनुसार रुकने देगा.

इतना सुनते ही वो मायूस होकर बोली- आपकी और मेरी बात और थी. शादी के बाद आप मेरे लिए दूसरे मर्द हो. मैं किसी और की कामना नहीं कर सकती.

मामला उलझता देख कर मैं चुप था. उसके हाथ में गिलास खाली था. अब तक जितनी भी मैं पी थी, वो सब विमला की बात से उतर चुकी थी.

मैं कमरे के पीछे जाकर वाइन की बोतल ले आया … साथ में चखना भी ले आया. मैंने दोनों के गिलास में दो दो पैग बना कर एक गिलास विमला के हाथ में दे दिया.

विमला गहरी सोच के साथ चिन्ता में थी. उसने पानी के माफिक वाइन को पीना चालू कर दिया. जब कि मैं धीमे धीमे पी रहा था.

हालांकि चाहता तो मैं भी यही था कि विमला आज मदहोश हो जाए.

मैंने विमला के साथ बातें करने का विषय बदल दिया. अब मैं उसके और उसके परिवार के बारे में पूछने लगा.

उसने बताया कि जयपुर में ही बेटी की शादी की हुई थी. बेटा कुंवारा है. बेटे को एक छोटी सी रेडीमेड की दुकान करवा रखी है. बेटे की भी शादी करनी है.

इन बातों के दरम्यान मुझे सिगरेट की तलब हुई. मैं जब भी सिगरेट पीता हूँ, तो वाइन सिर पर चढ़ कर बोलने लग जाती है. समय बीता जा रहा था और मैं अभी तक कुछ नहीं कर पाया था. मैं अन्दर जाकर सिगरेट और लाइटर लेकर आया.

एक सिगरेट मैंने सुलगाई .. विमला को भी ऑफर की. उसने भी बिना किसी नानुकर के एक सिगरेट लगा ली. विमला आगे बोलने लगी- बेटे की दुकान में पैसे की कमी की वजह से घर बार चलाने में दिक्कत आती है.

अब छोर पकड़ में आ गया था.

सही समय देख कर मैंने उससे पूछा- कितना पैसा और लगाया जाए, तो तुम्हारे बेटे की दुकान अच्छी चल पड़ेगी? वो बोली- दो लाख पर्याप्त होंगे.

मैंने कहा- अस्पताल से फ्री होते ही मुझसे ले लेना. मेरी बात पर वो चहकते हुए बोली- इतना विश्वास हो गया है मेरे ऊपर? मैंने जवाब दिया- विमला इस दुनिया में मैं बहुत सी औरतों से मिल चुका हूँ. सभी की फितरत जानता हूँ. तुम उनसे अलग हो.

सिगरेट ने आखिर अपना काम कर दिया था. गिलास भी खाली हो चुका था.

अब विमला बहकने लगी थी. मैं इसी अवसर की तलाश में था.

विमला को बेड पर गिराकर उसकी छाती पर लेट कर होंठों पर पहला चुंबन दिया. प्रत्युत्तर में उसने अपनी जीभ निकाल कर मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया.

वो अपने दोनों हाथ कमर के पीछे से मुझे आलिंगन करते हुए सहलाने लगी. वो कभी गालों पर .. तो कभी कान पर चुंबन करते हुए उसने चुम्बनों की झड़ी लगा दी.

विमला के ब्लाउज के बटन जरा टाइट थे. मुझसे नहीं खुले, तो उसने मदद की.

उसके चूचे जितने बाहर से दिखाई दे रहे थे .. अन्दर उससे डबल थे. मैं उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से मुँह में लेकर बुरी तरह चूसने लगा. विमला के दोनों हाथ मेरे सिर को सहला रहे थे.

जब उससे रहा नहीं गया तो वो अपने एक हाथ से मेरे पैंट को खोलने का प्रयास करने लगी.

सही वक्त देख कर मैंने पहले विमला को बाथरूम जाने को बोला. विमला बाथरूम गयी, तब तक मैंने मेरे मोबाईल को ऐसी जगह शिफ्ट कर दिया, जहां से सिर्फ बेड की वीडियो बन जाए.

जब विमला वापस आयी, तो मैंने उसे कपड़े खोलने का बोल दिया. मैं तब तक बाथरूम जाकर आया. आते ही अपने कपड़े उतार कर विमला को बेड पर लेकर चढ़ गया.

मैंने नंगी पड़ी विमला के पैरों से चुंबन देना प्रारम्भ किया. धीरे धीरे उसे चूमते हुए पेट की नाभि तक आकर रुक गया. नाभि में जीभ को घुमाने लगा.

विमला सिहर उठी, उसने मेरे बाल पकड़ लिए और मुझे ऊपर खींचने लगी.

अब मैंने विमला को उल्टा कर दिया और उसकी पीठ पर चुंबन की झड़ी लगा दी. जब औरत शराब पिए हुए हो, तब वो दुनिया की लोकलाज छोड़ कर सब भूल जाती है. यही विमला का हाल था.

विमला ने अपनी गांड को ऊपर उठा लिया था. मैं समझ चुका था और झट से अपनी जीभ निकाल कर मैंने विमला की गांड पर रख दी. अगले ही पल मैं अपनी जीभ को उसकी गांड पर घुमा रहा था.

कुछ ही देर में विमला ‘उन्ह आह मर गयी ..’ जैसे शब्द निकालने लगी.

फिर विमला ने करवट बदल कर सामने आने का निमन्त्रण से दिया. एक बार मैंने फिर से उसकी सफाचट बुर को देखा. उसकी बुर पानी छोड़े हुए थी.

मैंने विमला के पेटीकोट से ही उसकी बुर को अच्छी तरह से साफ किया. साफ़ चुत देख कर मैंने एक बार अपना मुँह विमला की बुर में डाल दिया और जीभ को उसकी बुर में चारों तरफ घुमाने लगा.

अब विमला की सहन शक्ति जवाब दे चुकी थी. उसकी बुर ने एक बार और पानी छोड़ दिया.

मैंने फिर से पेटीकोट से उसकी बुर को साफ कर दिया. वो मेरा लंड पकड़ कर अपनी कसी हुई बुर में डालने का इशारा कर रही थी. विमला की भावना को समझते हुए मैं उसके ऊपर आकर चुत की फांकों पर लंड के सुपारे को रगड़ने लगा.

विमला की मादक आवाज में गाली निकली- पेल दे न मां के लौड़े … चोदता क्यों नहीं है. मैंने कहा- पहले तुम मुझसे वादा करो?

वो बोली- पहले लंड अन्दर डालो. मैंने कहा- तुम मेरी खातिर मेरे दोनों दोस्तों को भी मजा दोगी .. ये बोलो.

विमला- तुम न भी कहते तब भी मैं तुम्हारी ये बात मानने को तैयार थी. मैंने उसी पल लंड चुत में पेल दिया.

विमला की टाईट बुर में मेरा मोटा लंड आधा घुस गया था. उसकी तेज चीख निकलने को हुई.

मगर मैंने उसका मुँह दबा दिया और पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया. वो छटपटा रही थी. मगर मेरे सहलाने से दो मिनट बाद सामान्य हो गई.

धकापेल चुदाई का मंजर चलने लगा. उसकी चुदाई की वीडियो बन रही थी और मैं उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था. करीब बीस मिनट बाद विमला झड़ गई और इसके कुछ देर बाद मैं भी उसी की चुत में झड़ गया.

थक कर चूर विमला मेरे साथ अपनी सांसें नियंत्रित करने लगी.

अब मैंने उससे कहा- मैं अपने दोनों दोस्तों को बुला लेता हूँ. वो एक बार को चुप हुई और बोली- मेरी इज्जत तुम्हारे हाथ में है.

मैंने कहा- बेफिक्र रहो. तुम अपने कपड़े पहन को और एक बार अपने दामाद को देख आओ.

वो उठ कर कपड़े पहनने लगी और अपने कमरे में चली गई. मैंने मोबाइल उठाया और एक बार वीडियो को चैक किया.

बस अब विमला को राजेश और उसके डॉक्टर दोस्त के हाथों में सौंप कर मैं उन चारों को भोगने की कामना करने लगा.

दोस्तो, आपसे इस सेक्स कहानी के अगले भाग को लेकर जल्दी ही मिलता हूँ. आप मेल करना न भूलें. आपका देवी सिंह दीवान उर्फ़ चन्दन सिंह [email protected]

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