मेरा गुप्त जीवन- 143

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अगले दिन इतवार था और दोपहर को डांस प्रैक्टिस करने वाले सहपाठी आने शुरू हो गए, सबसे पहले पहुंचने वाली सलोनी (लोनी) ही थी, वो अपनी कार में आई थी अपने ड्राइवर के साथ, आज उसने बहुत ही टाइट सलवार कमीज पहन रखी थी जिसमें उसके शरीर के अंग काफ़ी उभर कर दिखाई दे रहे थे खासतौर पर उसके स्तन और नितम्ब जो आम लड़कियों से काफी बड़े थे और बहुत ही सेक्सी लग रहे थे।

हम दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और फिर लोनी ने एक झटके से मुझ को अपनी बाहों में ले लिया और मेरे लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी। मैं हतप्रभ और हैरान हो गया और जब संभला तो मैंने भी आगे बढ़ कर लोनी को अपनी शक्तिशाली बाहों में भर कर एक बहुत ही टाइट जफ़्फ़ी मारी और उसके लबों पर गर्म चुम्बनों की झड़ी लगा दी।

मैं आलिंगन से छूटा तो बोला- उफ़ लोनी, तुम तो कमाल की चीज़ हो… क्या हॉट और सेक्सी शरीर है तुम्हारा! यह कहते हुए मैंने उसके गोल गुदाज़ मम्मों पर हाथ फेरा और फिर दोनों हाथों से उसके उभरे हुए चूतड़ों को सहलाया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

लोनी इस वक्त बहुत ही गर्म हो चुकी थी और उसने बिना किसी हिचक के मेरे पैंट के अंदर खड़े लौड़े को पकड़ लिया और उसको हल्के से दबाने लगी। मुझको उम्मीद नहीं थी कि वो इतनी जल्दी मेरे से इतनी खुल जायेगी, मैं अभी सोच ही रहा था कि लोनी को कैसे पटाया जाए। लेकिन वो मेरी उम्मीदों के खिलाफ बहुत शीघ्र ही पके हुए आम के तरह मेरी झोली में आ गिरी।

हम बड़े बेखबर हुए एक दूसरे को चूमने चाटने में व्यस्त थे कि हमने नोट ही नहीं किया कि कब कम्मो बैठक में आ गई और हल्की सी खांस कर दी जिससे हम दोनों चौंक कर एक दूसरे से अलग हो गए। कम्मो बोली- मैं यह बताने आई हूँ कि बाहर 2-3 कारें रुकी हैं, आप दोनों सम्भल जाओ।

फिर एक एक कर के सारे डांस करने वाले आने लगे और आखिर में हमारी डांस इंस्ट्रक्टर मिस अंजलि दास भी आ गई। कम्मो ने सब नौकरों के साथ मिल कर बैठक का फर्नीचर साइड में लगा दिया था ताकि हमको काफी खुला हाल जैसा स्थान मिल जाए।

अंजलि मैडम के कहने पर हम सब अपने पार्टनर्स के साथ डांस की प्रैक्टिस करने लगे। रति और मैं मिल कर डांस कर रहे थे और एक अन्य विद्यार्थी लोनी के साथ प्रैक्टिस कर रहा था।

अंजलि मैडम की नज़र हम दोनों पर टिकी हुई थी, वो हमारे पास आकर बोली- बहुत खूब सोमू और रति, बहुत अच्छा डांस कर रहे हो। लगे रहो ऐसे ही! फिर वो लोनी और दूसरे विद्यार्थी के पास गई और लड़के को थोड़ा समझाया और फिर वो बारी बारी सब के पास गई और कुछ न कुछ उनको डांस ठीक करने के लिए हिदायतें दी।

रति अब मुझसे बहुत ही घुल मिल कर डांस कर रही थी और इस बात की ज़रा भी परवाह नहीं कर रही थी कि डांस के दौरान हमारे सब अंतरंग अंग एक दूसरे को छू रहे थे। अंजलि मैडम फिर लोनी और उसके साथी छात्र के पास पुनः गई और कहा- लोनी, तुम थोड़ी देर सोमू के साथ डांस प्रक्टिस करो, वो तुम्हारे स्टेप्स ठीक कर देगा और रति तुम उस लड़के के साथ डांस करो और उसके स्टेप्स ठीक करने की कोशिश करो।

अंजलि मैडम का यह हुक्म रति को पसंद नहीं आया लेकिन वो चुपचाप अशोक के साथ डांस करने लगी और लोनी मेरी बाहों में आ गई।

अब लोनी बहुत ही अधिक बेबाकी से मेरे साथ डांस कर रही थी और बार बार उसके गोल मोटे मम्मों को वो जानबूझ कर मेरी चौड़ी छाती से टकरा रही थी। एक दो बार उसका हाथ जानबूझ कर मेरे लंड पर भी लगा और मैंने भी उसकी चूत पर उसके कपड़ों के ऊपर से हाथ फेर दिया। मैं समझ गया कि लोनी चुदाई के लिए तैयार है तो मैं उसकी फीलिंग्स को और भड़काने लगा ताकि भट्टी पूरी तरह से तप जाए तो मैं अपनी रोटी उसके जलते हुए तंदूर में लगाऊँ।

थोड़ी देर बाद अंजलि मैडम फिर हमारे पास आई और मेरे को लेकर एक दूसरी लड़की के पास गई और बोली- सुधा, अब तुम कुछ देर सोमू के साथ डांस करो क्यूंकि इसको सारे डांस स्टेप्स समझ आ गये हैं। सुधा देखने में एक सुन्दर लेकिन काफी पतली और स्लिम लड़की थी और न तो उसकी छातियों के उभार दिखाई देते थे और ना ही उसके चूतड़ों में कोई आकर्षण था।

शारीरिक रूप सो वो बहुत ही साधारण लड़की थी लेकिन उसके चेहरे के नयन नक्श बहुत ही आकर्षक थे और रंग भी सांवला सलोना और नमकीन सा था। उस डांस के दौरान मेरी आँखें तो रति और लोनी के ऊपर ही थी क्यूंकि वो ही मेरी आशिकी के अनुरूप थीं।

थोड़ी देर ही सुधा के साथ डांस करने के बाद मैं सुधा के डांस करने के ढंग का आशिक हो गया। क्या नपे तुले स्टपेस के साथ वो डांस करती थी और ऐसा लगता ही नहीं था कि वो साधारण सा डांस कर रही है। अब मैं और सुधा डांस करते हुए सारे कमरे का चक्कर लगा रहे थे और धीरे धीरे दूसरे डांस करने वाले जोड़े अपने डांस को छोड़ कर हमारे डांस को बड़े ही गौर से देख रहे थे।

जब हमारा डांस खत्म हुआ तो सबने ज़ोर ज़ोर से तालियाँ बजाई और अंजलि मैडम ने कहा- आज से सोमू सब लड़के लड़कियों को डांस के स्टेप्स सिखाएगा और उनकी प्रैक्टिस रोज़ शाम को इसी कोठी में हुआ करेगी। क्यों सोमू, कोई प्रॉब्लम तो नहीं? मैं बोला- नहीं मैडम, कोई प्रॉब्लम नहीं है, आप सबका इस कोठी में हर समय स्वागत है।

यह सुन कर सबने तालियां बजाई और मैंने कहा- अब कुछ देर के लिए कुछ नाश्ते के लिए थोड़ा समय डांस बंद करते हैं। कम्मो और पारो ने टेबल पर कई मिष्ठान और नमकीन और चाय इत्यादि को परोस दिया और सब विद्यार्थी नाश्ता करने में जुट गए।

अंजलि मैडम भी मेरे साथ ही नाश्ते की प्लेट लिए हुए खड़ी थी, अब मैंने ध्यान से अंजलि मैडम को देखा तो उसको काफी आकर्षक पाया। वो शारीरिक तौर से थोड़ी स्लिम थी लेकिन उसकी गुलाबी सिल्क साड़ी में वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

मैंने नोट किया, वो भी मुझको काफी ध्यान से देख रही थी और एक दो बार हमारी नज़रें मिली तो वो ज़रा सा मुस्करा दी।

नाश्ते के बाद मैडम ने मुझको हर लड़की के साथ डांस करने के लिए कहा, मेरे डांस करने के ढंग से वो बहुत ही इम्प्रेस हुई और मेरे निकट आकर पूछने लगी- सोमू, एक बात बताओ, यह इतना अच्छा डांस तुमने किसी से सीखा है क्या? मैं थोड़ा शर्माते हुए बोला- नहीं मैडम, वो पिछले साल दशहरे की छुट्टियों में हमारे गाँव में एक फिल्म कम्पनी आई थी जिसमें मुझको डांस करने के लिए चुना गया था, वहीं से मैंने डांस के ये सारे स्टेप्स सीखे हैं।

अंजलि मैडम बोली- तभी तो तुम्हारे डांस करने के स्टाइल में एक ट्रेंड डांसर का आभास मिलता है। उस पिक्चर का नाम क्या है जिस में तुमने डांस किया था? मैंने पिक्चर नाम बता दिया कोई छात्र बोला- मैडम वो पिक्चर तो सिनेमा हाल में लगी हुई है लखनऊ में!

सब छात्र बोल पड़े- चलो सोमू, हमको वो पिक्चर ज़रूर देखनी है, कैसे डांस कर रहे हो तुम उस पिक्चर में, यह हम देखना चाहते हैं। मैं बोला- ठीक है, मैडम जी से पूछ लो, जैसा वो कहें? अंजलि मैडम बोली- ज़रूर देखेंगे वो पिक्चर लेकिन पहले अपनी रिहर्सल तो पूरा कर लें, फिर चलेंगे।

अब तो सब लड़के और लड़कियों ने मुझको घेर लिया जैसे कि मैं कोई फ़िल्मी स्टार हूँ। रति और लोनी तो मेरे दोनों तरफ खड़ी हो गई जैसे कि मैं उन दोनों की प्रॉपर्टी हूँ। मैंने उस लड़के से पूछा- कौन से सिनेमा में वो पिक्चर लगी है? तो उसने नाम बताया और उसका फ़ोन नम्बर भी बताया।

तब मैंने उस सिनेमा में फ़ोन किया और पूछा- कौन सी पिक्चर लगी है? तो उसने बताया पिक्चर का नाम और बोला- क्या आप जानते हैं हमारे लखनऊ के कॉलेज के एक लड़के का काफी बड़ा और सेक्सी डांस है इस पिक्चर में? मैंने पूछा- उस लड़के का नाम क्या है, बताएंगे? सिनेमा हाल का मैनेजर बोला- उसका नाम शायद सोमेश्वर सिंह है और हम उसकी बड़ी तलाश कर रहे हैं क्यूंकि फिल्म कंपनी के मालिक चाहते है फिल्म की पब्लिसिटी उस लड़के को मिला कर करवाई जाए! मैं बोला- अच्छा, क्या तुम उस लड़के को पहचान लोगे अगर वो तुम्हारे सामने आता है? मैनेजर बोला- क्यों नहीं, उस लड़के ने इतना सेक्सी डांस किया है कि कुछ पूछो मत!

मैं बोला- अच्छा, अगला शो कब है इस पिक्चर का? मैनेजर बोला- 6 बजे शाम को और फिर 9 बजे रात को… लेकिन आप यह सब क्यों पूछ रहे हैं? मैं बोला- आप हमारे लिए 15 सीटें बुक कर सकते हैं क्या? बालकनी में? मैनेजर बोला- ज़रूर कर दूंगा लेकिन किस के नाम से बुकिंग करूँ? मैं बोला- सोमेश्वर सिंह जी के नाम कर दीजीए। पैसे हम टिकट लेते हुए आप को दे देंगे।

अंजलि मैडम सब सुन रही थी, बोली- क्या बात हुई है? मैंने कहा- मैंने 15 सीटें बुक कर दीं हैं, हमको साढ़े पांच तक वहां पहुँच जाना चाहिए। आप चलेंगी ना मैडम जी? अंजलि मैडम बोली- हाँ ज़रूर चलेंगे लेकिन बाकी लड़के लड़कियाँ भी सिनेमा देखने जाना चाहते हैं क्या?

सब ने ज़ोर से हाँ बोला। तब मैडम ने उनसे कहा- वो सब अपने घरों में फ़ोन कर सकते हैं क्यूंकि पिक्चर से निकलते हुए काफी देर हो जायेगी और आप लोगों के घरवाले फ़िक्र ना करें। सब छात्रों ने ऐसा ही किया।

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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