सेक्स में सनक या पागलपन -1

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

अन्तर्वासना के मेरे सभी दोस्तों को मेरा यानि कि अरुण का नमस्ते। आज बहुत दिनों बाद मैं एक बार फिर आप सभी से मुखातिब हूँ. क्योंकि अन्तर्वासना पर हमेशा ही बहुत ही नायाब और उत्तेजक कहानियाँ प्रकाशित होती रहती हैं इसलिए मैं हर बार अन्तर्वासना पर कहानियों के अलावा भी कुछ लिखने का प्रयास करता हूँ।

तो आज मैं फिर से कुछ लिखने जा रहा हूँ.. आज मैं जिस विषय पर लिखने जा रहा हूँ.. उसका विषय है ‘सेक्स में सनक’

सनक कुछ लोग पागलपन को भी कहते हैं लेकिन यहाँ सनक से मेरा तात्पर्य पागलपन से नहीं है.. बल्कि एक तरह की ज़िद से है और वो भी ऐसी जोकि काम-वासना की संतुष्टि के लिए किए जाने वाले असाधारण कृत्य को लेकर है।

यह सनक पुरुष और स्त्री दोनों में ही हो सकती है.. लेकिन पुरुष में कुछ ज्यादा ही होती है। इस तरह की जिद वाले ये लोग कोई पागल नहीं होते हैं.. इनकी वासना का खुमार उतरते ही ये लोग नार्मल हो जाते हैं।

लेकिन दोस्तों ऐसी सनक में अगर आपका पार्टनर आनन्दित हो रहा हो.. वहाँ तक तो ये ठीक है.. लेकिन अगर उसे कष्ट हो रहा है.. तो ये गलत ही नहीं है.. बल्कि बहुत ही ज्यादा गलत है.. क्योंकि लड़कियाँ नाज़ुक होती हैं.. वो रिश्ते को निबाहने के लिए ये सब सहन करती हैं.. लेकिन उनका दिल टूट जाता है और वो सेक्स के नाम से डरने लगती हैं..

असल में मेरे पूर्व में लिखे गए ज्ञानवर्धक लेख सेक्स-सलाह और सेक्स समस्याओं से सम्बंधित पाठक-पाठिकाओं के मेल आते रहते हैं और मैं उन्हें जवाब भी देता रहता हूँ। इसी वजह से मुझे कुछ नए मित्र भी मिले हैं।

इसी लेख को लिखने का कारण भी आज यही है कि मेरी एक अन्तर्वासना की दोस्त ने मुझे एक बहुत ही मार्मिक खत लिखा है। यहाँ मैंने उस लड़की का नाम और उसके खुद के शहर और ससुराल का नाम * लगा कर मिटा दिया है.. जिससे उस लड़की को कोई परेशानी न हो।

एक ऐसी लड़की.. जो अपनी होने वाली शादी को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्साहित थी और शादी से पहले ही अभी जो करवा चौथ गया.. उस पर अपने मंगेतर से मिलने को लेकर बहुत ही खुश थी। लेकिन उसके साथ अच्छा नहीं हुआ.

आज मैं सेक्स में सनक के इस लेख में सबसे पहले अपनी उसी मित्र की व्यथा उसकी इज़ाज़त से अन्तर्वासना के पाठक-पाठिकाओं को बता रहा हूँ। मैं यहाँ उसके मुझे लिखे हुए मेल को हू-ब-हू कॉपी पेस्ट कर रहा हूँ।

इस मेल में उसने शुरू में करवा चौथ को लेकर उसका उत्साह और मंगेतर से मिलने की ख़ुशी लिखी है।

लीजिए प्रस्तुत है उसका ख़त:

अरुण जी नमस्ते.. कल जो मैंने आपको मेल किया था.. मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि वो मैंने लिखा था.. मैं कल देर रात तक सोचती रही कि.. जो बात मैंने आज तक किसी को नहीं बताई.. अपनी माँ को भी नहीं.. वो मैंने आपको इतनी आसानी से कैसे कह दी? मेरे अतीत में जो कुछ भी हुआ वो मैंने आपको बता दिया..

खैर.. जो कुछ भी है या था.. वो बीत गया.. कल रात के बारे में बताना चाहूँगी। कल रात मेरे मंगेतर मुझसे एक रेस्टोरेंट मिले थे.. उन्होंने मुझे एक गिफ्ट दिया और कहा कि इसको घर जाकर खोलूँ..

घर जाकर मैंने खोलकर देखा तो उसमें एक डिज़ाइनर ब्रा-पैन्टी का सैट था.. उनको फ़ोन किया तो बोले कि करवाचौथ का गिफ्ट है.. और इसको पहन कर आना।

आज मैंने वो ही पहना हुआ है.. शाम को उनके घर जाना है.. और मेरी धड़कनें बहुत बढ़ी हुई हैं.. टेन्शन है कि शाम को क्या होगा?

आपका जवाब अभी तक नहीं आया.. प्लीज यह तो बताइए कि आप कब कब ऑनलाइन आते हैं.. कम से कम मेल का उत्तर तो दे दिया करो.. आपसे कुछ सलाह-मशविरा.. मार्ग-दर्शन मिलता रहेगा। जैसा कि आपने पूर्व में बताया था कि आप सरकारी नौकरी में उच्च पद पर हैं.. अगर आपको समयाभाव हो तो बता दीजिएगा? सोमवार को मिलते हैं..

और फिर मेरी उस मित्र का ये दूसरा मेल.. जो उसने मुझे लिखा।

अरुण जी.. ठीक ही कहा आपने.. अभी उनका फोन आया था.. कल रात वाली गिफ्ट के बारे में पूछ रहे थे.. मुझे अभी 4 बजे छिंदवाड़ा के लिए निकलना है.. पहली करवाचौथ की पूजा वहीं ससुराल में होगी। मेरा भूख-प्यास से बुरा हाल है.. पर मैं बहुत एकसाइटिड भी हूँ। घर पर माँ ने बहुत सी तैयारी भी की है। वो मुझे कार से लेने आ रहे है.. एक घंटे का ही रास्ता है.. रात 9 बजे पूजा का महूर्त है.. देखते हैं क्या होता है.. कैसा होता है।

आपकी पत्नी ने भी रखा होगा आज व्रत.. आप अपनी और अपनी पत्नी की फ़ोटो तो दिखाना ज़रा.. मैं भी तो देखूँ.

मैंने उत्तर दे दिया। तो उसका उत्तर आया- अरुण जी.. फोटो तो आप दोनों की काफ़ी अच्छी है.. आप दोनों को देख कर अच्छा लगा। मैं सिवनी में रहती हूँ.. और अभी मैं होने वाली ससुराल * में हूँ.. मेरी ससुराल**** यहाँ से करीब 70 किलोमीटर दूर है.. एक-डेढ़ घंटे में पहुँच जाते हैं..

अभी 4 बजे जाना है और आज रात में ही वापस आ जाऊंगी.. कल रविवार की छुट्टी है.

फिर अपनी ससुराल से लौट कर उसने मुझे जो मेल किया.. उसे पढ़ कर मुझे बहुत बहुत दुःख हुआ।

ये है वो मेल..

अरुण जी नमस्ते.. आपके मेल मिले.. दो दिन की मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। लेट जवाब देने के लिए माफ़ी चाहूँगी.. मेरी तबियत ठीक नहीं थी.. ये करवाचौथ बहुत ही बुरा हुआ.. जैसा कि मैंने आपको बताया था.. कि मुझे ससुराल जाना था.. पूजा के लिए.. मुझे लेने के लिए कार से मेरे सास-ससुर आए थे.. हम शाम 5 बजे निकले और 6.30 बजे पहुँच गए। मैं इस त्यौहार को लेकर बहुत ही उत्साहित थी..

वहाँ ससुराल में सासू माँ ने पूजा के लिए बहुत सी महिलाओं को बुलाया था। हम सबने 9.30 बजे पूजा की.. फिर सबसे मुलाकात.. उसके बाद देर रात खाना हुआ.. सबके सामने मैंने तो बस थोड़ा सा ही खाया था.. भूख तो बहुत जोरों से लग रही थी.. पर शर्म के मारे नहीं खाया।

रात 12 बजे वापस ** को निकले। ये और मैं.. कार से चले और यह सफ़र बहुत कष्टदायक बन गया। रास्ते में इन्होंने कहीं जंगल में सुनसान जगह पर कार रोकी और सेक्स करने को कहा।

मैंने बोला- कार में जगह ही कितनी है।

पर वो नहीं माने.. उन्होंने वही ब्रा-पैन्टी दिखाने को कहा। साड़ी ऊपर करके मैंने दिखाई.. तो वो तो बस पागल ही हो गए.. मेरे साथ जबरन सेक्स किया.. जब बहुत देर तक वे लगे रहे तो मैंने पूछा.. उन्होंने बताया कि उन्होंने कोई गोली खाई है.. तो वो तो रुकने वाले नहीं हैं.

मैंने हाथ जोड़ कर मिन्नतें की कि धीरे-धीरे करो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैं बहुत रोई.. बहुत मना किया.. पर कोई असर नहीं.. मेरे स्तनों में दांतों से काट लिया.. खून निकल रहा था.. और ज़बरदस्ती पीछे से सेक्स कर रहे थे।

मैंने कहा- मैं दिन भर की भूखी-प्यासी हूँ.. ठीक से खाना भी नहीं खाया है.. कल मैं ऑफिस से छुट्टी ले लूँगी.. पर अभी छोड़ दो.. मैं तकलीफ़ में हूँ..

पर उन पर कोई असर नहीं हुआ.. मेरे स्तनों से खून निकलता देख कर योनि को छोड़ कर.. वो पीछे नितम्बों के बीच में अपना वो डालने लगे.. बहुत ही दर्द हो रहा था। वो नरक के दो घंटे में कभी भी नहीं भूल सकती.. स्तनों में दांत से काटा.. योनि में ज़बरदस्ती उंगलियाँ डालीं.. और नितम्बों में भी..

मैं और नहीं बता सकती.. और यह सब कार में हो रहा था.. मेरा पूरा शरीर दुःख रहा था और वो मोबाइल से वीडियो बना रहे थे..

इस सबके बाद जैसे-तैसे मैंने कपड़े ठीक किए और सिवनी की तरफ चले। रात को 3.30 बजे घर पहुँचे.. मुझसे ठीक से चलते भी नहीं बन रहा थे। माँ ने पूछा.. तो ये तुरंत बोल पड़े कि व्रत की वजह से कमज़ोरी है..

ये वापस चले गए.. मैं सीधे कमरे में जा कर सो गई.. मैंने कपड़े भी चेंज नहीं किए।

अगले दिन रविवार को मैं दोपहर में 12.30 बजे उठी.. बाथरूम में जाकर खुद को कांच में देखा तो पाया.. हर जगह नाखूनों के निशान और शौच करते समय बहुत दर्द हुआ और थोड़ा सा खून भी निकला..।

नहा कर मैंने खाना खाया और माँ को कल रात की घटना के बारे में बताया। माँ ने कहा- यह सब तो होता ही रहता है..

ये सब सुनकर मुझे बहुत अजीब लगा.. उन्होंने मुझे डॉक्टर के पास ले जाने से भी मना कर दिया। मैं अपने कमरे जा कर रोती रही और मैंने अपनी सहेली मधु को बुलाया.. उसको सब बताया। वो ही मेरी सच्ची सहेली है.. हर सुख-दुःख में मेरी साथी है।

मुझे पता है कि लड़के सेक्स के भूखे रहते हैं.. लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं कि पूरे भेड़िये बन जाएं.. मैंने पहले भी सेक्स किया है.. पर उसमें एक नजाकत थी.. सम्मान था.. एक लय था.. जो दोनों तरफ से था.. मेरी कई सहेलियों की शादी हो चुकी है.. लेकिन ऐसी ज़बरदस्ती वाला सेक्स किसी के साथ नहीं हुआ.. वो भी पीछे से नितम्बों में!

मैं जानती हूँ लड़कों को पीछे डालने का भी शौक रहता है.. पर उसके लिए थोड़ी प्रैक्टिस और तैयारी करनी पड़ती है.. यह तो सरासर दैहिक शोषण था।

कई बार यह ख़याल आया कि उनकी शिकायत सासू माँ से कर दूँ.. पर मधु ने रोक दिया।

अरुण जी.. एक बात और.. कंडोम तो था नहीं.. कहीं कुछ होगा तो नहीं..? मुझे बहुत डर लग रहा है..। सोम-मंगल को मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली और दो दिन घर पर आराम किया.. आज बुधवार को भी हल्का-हल्का दर्द है और चलने में तकलीफ़ है.. अब अरुण जी आप ही बताइए.. मैं क्या करूँ..? इस समस्या का कैसे निवारण करूँ..?

इतना बड़ा मेल लिखने के लिए ‘सॉरी’ पर बात ही कुछ ऐसी है.. शायद आप कुछ सलाह दें पाएं। प्रतीक्षारत..

तो दोस्तों.. अब आप ही बताएँ कि क्या ऐसी सनक सही है?

लेकिन मेरा ये मानना है कि सेक्स में की गई सभी सनक ऐसी कष्टदायी नहीं होती हैं और कुछ आनन्द में भी होती हैं जो मज़े के लिए की जाती हैं।

वो मैं इस लेख के अगले भाग में लिखूंगा।

अब आप लोगों यानि कि अन्तर्वासना के सुधि पाठक और पाठिकाओं.. जो विवाहित या अविवाहित हैं.. अपने पार्टनर की ऐसी ही कोई सनक जो किसी के साथ भी हो सकती है.. किसी की मज़ेदार भी हो सकती है.. कृपया कृपया मुझे लिख कर अवश्य भेजें। उन्हें मैं अपने अगले लेखों में शामिल करूँगा।

मेरा मेल आईडी है [email protected] और मेरी फेसबुक आई डी है [email protected]

इस लेख का अगला भाग : सेक्स में सनक या पागलपन -2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000