बीवी की चूत और दोस्त का लण्ड -3

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अब तक आपने पढ़ा..

मैंने सिमरन से पूछा- सिमरन जी.. क्या आपको हमारे बारे में कुछ पता है क्या? तो सिमरन बोली- हाँ जी.. मुझे गीत ने सब बता दिया है और मुझे ये भी मालूम है कि आप और गीत.. वो कहती-कहती रुक गई।

मैंने कहा- हाँ.. आगे बोलिए.. ‘आप और गीत’ मतलब..? आप बेझिझक पूरी बात बताओ। मेरे दुबारा पूछने पर सिमरन बिना किसी झिझक के बोली- आप और गीत काफी अच्छे दोस्त हैं। तभी संजय बोला- दोस्त ही हैं या फिर कुछ और भी बताया है?

तो सिमरन बोली- जी हाँ मुझे सब मालूम है.. गीत के साथ आपका क्या रिश्ता है। मैंने कहा- क्या रिश्ता है.. फिर बताओ तो?

अब आगे..

सिमरन बोली- आप भी बहुत चालू हो.. मुझे मालूम है गीत ने आप दोनों से एक साथ चुदवाया है और आज हम दोनों आपसे चुदने वाली हैं। जब गीत ने आपको काल की थी.. तो मैं पास में ही थी। आज देखूंगी तुम्हारी मर्दानगी सालों.. हम भी बहुत खुले विचारों की हैं.. हमें कोई प्रॉब्लम नहीं है।

उसके मुँह से यह बात सुनते ही मैं देखता रह गया कि गीत ने तो अपनी सहेली को भी हमारे बारे में बता दिया। जब कि हमने तो सोचा था कि हमारा राज़ सीक्रेट रहेगा। फिर मैंने सोचा कि चलो अगर गीत की ख़ास सहेली है.. तभी उसने बताया होगा, आखिर फिर भी आज दोनों ने साथ में प्लानिंग की हुई है। यह सोच कर मैं कुछ नहीं बोला।

संजय कहने लगा- हाँ भाई.. हम चालू ही हैं.. तभी तो तुमसे अब इतना कुछ बुलवा लिया.. आज हम भी एक साथ देखते हैं तुम दोनों की जवानी.. आने दो गीत को.. सिमरन कहने लगी- क्यों गीत क्या आकर रिबन काटेगी?

सिमरन ने अभी ये बात ही कही थी कि तुरंत ही संजय ने उठ कर गीत के गाल पर एक चुम्बन जड़ दिया और बोला- ओह डार्लिंग.. तो ये बात है.. कोई बात नहीं.. अब गीत के आने से पहले पहले ही तेरी चूत नंगी कर देता हूँ जानेमन।

तभी सिमरन का मम्मा भी थोड़ा गर्म हो गया.. संजय के हाथों का स्पर्श जो मिल गया था उसको।

संजय ने उसे एक और किस किया और एक हाथ पूरा उसकी कमीज़ के अन्दर डाल दिया और उसका मम्मा दबाने लगा।

इतने में मैं भी उठ कर खड़ा हुआ और मैंने सिमरन की सलवार को थोड़ा ढीला करके उसके अन्दर अपना हाथ डाल दिया और एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। सिमरन की चूत पहले ही थोड़ी गीली-गीली महसूस हो रही थी।

मैंने जैसे ही उंगली को थोड़ा अन्दर-बाहर किया.. तो सिमरन तो एकदम गर्म हो गई और ‘आहें..’ भरने लगी। ऊपर से संजय उसके मम्मों को मसले जा रहा था.. उसने सिमरन की कमीज़ को उठा कर उसके मम्मों को बाहर निकाल लिए थे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

तभी गीत आ गई.. उसके हाथ में एक ट्रे थी.. जिसके ऊपर केक रखा हुआ था। उसने आते ही हमें इस हाल में देखा तो पहले तो हमारी तरफ थोड़ा घूर कर देखने लगी.. फिर सिमरन की तरफ ही देखती हुई कहने लगी- बहन की लौड़ी कुतिया.. थोड़ा सब्र नहीं होता था.. केक तो काट लेने देती.. आज तेरी फुद्दी का केक मैं अपने हाथ से कटवाती हूँ इन लौड़ों से..

यह कहते हुए बाद में थोड़ा मुस्करा दी.. मैंने गीत को किस करते हुए कहा- अरे जानेमन.. अब गुस्सा क्यों होती हो अपनी दोस्त पे.. ये देख न कितने मज़े में है.. आ तुझे भी दे दूँ थोड़ा मज़ा.. ये कहते हुए मैंने उसको होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया। थोड़ा सा हॉट गीत भी हो गई थी।

गीत ने पहले ही ट्रे को साइड पर टेबल पर रख दिया था। मैंने गीत को किस करके कहा- हैप्पी बर्थ-डे अगेन माय डार्लिंग.. चलो पहले केक काटते हैं। यह कहते हुए मैंने गीत को छोड़ दिया.. सिमरन और संजय भी नार्मल हो गए और हम फिर सभी बैठने लगे।

हम दोनों टेबल के पास पड़े सोफे पर बैठे थे.. सिमरन हमारे सामने बिस्तर पर.. और गीत भी साथ पड़ी चेयर को पास खींच कर बैठ गई। गीत ने सिमरन को कहा- यार किचन में जाकर कोल्ड ड्रिंक और जूस और स्नेक्स ले आ.. मैं सभी सामान एक ट्रे में रख कर आई हूँ..

सिमरन, गीत का इशारा पाकर तुरंत चली गई। उसके जाते ही गीत ने कहा- इधर ध्यान दो..

हम दोनों गीत के करीब हो गए और उसने कहना शुरू किया- सिमरन मेरी बहुत करीब दोस्त है.. इसको चुदाई की आग लगी हुई है.. आप दोनों की डयूटी है कि मेरी दोस्त को आपने अच्छे से शांत करना है… जैसे उस दिन मुझे चोदा था सालों.. और हाँ एक बात का ध्यान रहे कि इसे डर्टी चुदाई पसंद है और आप जितना डर्टी गालियाँ दे सको या कुछ ऐसा वाइल्ड कर सको.. जिससे बस हम दोनों का पानी तुम्हारे लौड़ों पर छूट जाए.. बस ऐसा करना। आज बस हमें और ख़ास कर मेरी सहेली को तरसा मत देना.. बस यही आज का दिन आपके लिए सरप्राइज है.. क्योंकि आज मेरा बर्थ-डे है और मैं इस दिन को और यादगार दिन बनाना चाहती हूँ। आज मेरी दोस्त की वाइल्डनैस को आपने देखना है और उसको बस संतुष्ट करना है।

ये सब कह कर उसने हम दोनों को एक-एक किस कर दी।

अब सिमरन भी आ गई और उसने सारा सामान टेबल पर सजा दिया। मैंने और संजय ने केक के ऊपर मोमबत्तियां लगा दीं.. जो सिमरन लेकर आई थी।

गीत केक काटने के लिए सामने आकर बैठ गई.. जैसे ही गीत ने चाक़ू उठाना चाहा.. तो मैंने कहा- एक मिनट.. केक काटने से पहले मैं आप सभी को कुछ कहना चाहूँगा।

तो सभी बोले- बोलो? मैंने कहा- अगर आप सभी को मंजूर हो.. तो देखो हम सब खुले हुए तो हैं ही.. अत: मैं चाहूँगा कि केक काटने से पहले हम सभी एक-दूसरे के कपड़े उतार कर नंगे हो जाएँ और उसके बाद गीत केक काटें..

मेरी बात सुन कर सभी ने तालियाँ बजाईं और गीत ने कहा- क्या मस्त आईडिया है यार.. संजय बोला- अरे यार, ये तो बहुत मजेदार होगा। सिमरन कहने लगी- ओ वाऊ.. मुझे तो मालूम ही नहीं था कि शुरुआत ही इतनी बढ़िया होगी।

मैंने कहा- तो फिर देर किस बात की.. चलो अब आज गीत का बर्थ-डे है तो गीत हम सभी को पहले नंगा करेगी और फिर हम सभी मिल कर गीत के कपड़े उतारेंगे।

गीत ने बिना देर किए सबसे पहले संजय की कमीज़ उतारनी शुरू की और सिमरन ने मेरी कमीज़ के बटन तब तक खोल दिए। उसके बाद गीत ने संजय की कमीज़ को उतारा.. फिर मेरी कमीज़ को और फिर सिमरन की कमीज़ को और फिर हम सभी ने मिलकर गीत की कमीज़ उतार दी। उसके बाद गीत ने हम दोनों की पैंटें उतार दीं और सिमरन की सलवार भी गीत ने अपने हाथों से उतारी।

हमारे तीनों के शरीरों पर अभी सिर्फ अंडरगारमेंट बचे थे।

फिर हम तीनों ने मिल कर गीत को नंगा करना शुरू कर दिया और उसकी कमीज़ और सलवार उतारने के बाद मैंने अपने हाथ से उसकी पैंटी उतारी और और संजय ने उसकी ब्रा को उतार दिया।

अब हमारे सामने गीत बिल्कुल नंगी थी।

तभी गीत ने संजय के अंडरवियर में हाथ डाल कर उसका लौड़ा पकड़ा और उसको एक किस करके उसका अंडरवियर उतार कर संजय को भी नंगा कर दिया। गीत और सिमरन ने साथ मिलकर मुझे भी अल्फ नंगा कर दिया।

हम सभी ने सिमरन की चूत भी नंगी कर दी थी और उसके मम्मों को भी ब्रा से आज़ाद कर दिया था।

अब कमरे में हम सब नंगे थे। हमारे लौड़े खड़े थे, तभी गीत ने अपने हाथ में चाकू पकड़ा और केक काटने लगी। हम तालियाँ बजाते हुए गीत को ‘हैप्पी बर्थ-डे गीत..!’ कह रहे थे और गीत केक काट रही थी।

जैसे ही गीत ने केक काटा तो उसने केक कि पहली बाईट मेरी तरफ बढ़ाई.. तो मैंने गीत का हाथ पकड़ कर उसके मुँह में डाल दिया।

संजय ने केक उठाया और गीत के मम्मों और गालों पर लगा दिया। इसी तरह सिमरन ने गीत की गर्दन और गालों और मुँह में केक लगा दिया।

मैंने भी उसे बधाई देते हुए केक गीत के गाल, मम्मों और चूत पर केक लगा दिया।

अब गीत के पूरे शरीर पर केक ही केक लग चुका था।

गीत बोली- सालों कुत्तों.. और कुतिया सिमरन.. रुक मैं बताती हूँ तुम्हें.. कहते हुए उसने केक उठाया और हमारे लंडों पर लगा दिया और हमारे शरीर पर लगा दिया।

इसी तरह हम सभी ने मिल कर सिमरन के शरीर पर भी केक लगा दिया। हम केक खा भी रहे थे और खेल भी रहे थे। हम सभी के शरीरों पर केक लग चुका था।

मैंने गीत से कहा- बहन की लौड़ी साली.. आज दोनों की बहन एक साथ चुदेगी.. आओ रानियों.. आज हम दोनों मर्द तुम्हें असली चुदाई की महारानियाँ बनाते हैं। यह कहते हुए मैंने अल्फ नंगी गीत के मम्मों को अपने मुँह में ले लिया.. तो गीत बोली- अरे मेरे चोदू यारों.. पहले मेरी इस प्यारी सी सहेली को महारानी बना दो मेरे कुत्तों..

मैंने गीत को छोड़ा और उसकी सहेली सिमरन.. जिसको संजय ने पहले ही गर्म कर दिया था.. की चूत में उंगली डाल दी।

अब संजय सिमरन के मम्मों को चूस रहा था और मैंने नीचे से सिमरन को गर्म कर दिया।

मैंने अपने दूसरे हाथ की एक उंगली गीत की चूत में डाल दी। अब मेरी दोनों हाथों की एक-एक उंगली दोनों औरतों की चूतों में थी.. ऊपर से सिमरन के मम्मों को चूस रहे संजय भी गीत को कभी-कभी अपने हाथ से सहला देता था।

तभी गीत बोली- उई सालों कुत्तों.. मेरा रस मत निकाल देना पहले ही.. आज तो हम दोनों तुमको अपने असली कुत्ते बना कर चुदेंगी.. संजय बोला- ओह साली कुतियों.. कोई बात नहीं लौंडियों.. ले तू मेरा लौड़े को चूस..

इतनी देर में मैंने सिमरन की तरफ देखते हुए कहा- साली चुदक्कड़ लौंडिया.. तू चुप क्यों है.. तेरी बहन की चूत को अपने लंड से चोदूँ.. ले अब अपने जीजू से अपनी चूत चुसवा.. ये कहते हुए मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए और उसकी चूत को चूसने लगा।

साथियो.. मुझे उम्मीद है कि आपको ये चुदाई कथा बहुत पसंद आ रही होगी अभी इसमें और भी मजा आना बाकी है। मेरे साथ अन्तर्वासना से जुड़े रहिए और मुझे अपने मेल भेजते रहिए। आपका रवि [email protected]

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