बीवी की चूत और दोस्त का लण्ड -4

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अब तक आपने पढ़ा.. मेरी दोनों हाथों की एक-एक उंगली दोनों औरतों की चूतों में थी.. ऊपर से सिमरन के मम्मों को चूस रहे संजय भी गीत को कभी-कभी अपने हाथ से सहला देता था।

तभी गीत बोली- उई सालों कुत्तों.. मेरा रस मत निकाल देना पहले ही.. आज तो हम दोनों तुमको अपने असली कुत्ते बना कर चुदेंगी.. संजय बोला- ओह साली कुतियों.. कोई बात नहीं लौंडियों.. ले तू मेरा लौड़े को चूस..

इतनी देर में मैंने सिमरन की तरफ देखते हुए कहा- साली चुदक्कड़ लौंडिया.. तू चुप क्यों है.. तेरी बहन की चूत को अपने लंड से चोदूँ.. ले अब अपने जीजू से अपनी चूत चुसवा.. ये कहते हुए मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए और उसकी चूत को चूसने लगा। अब आगे..

मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अन्दर डाल दिया था और मैंने गीत की चूत में से उंगली निकाल ली और सिमरन की चूत के अन्दर तक जीभ डाल कर उसे चूसने लगा। हमारी ये पोजिशन देखकर गीत बोली- वाओ.. हाँ.. ऐसे ही चोदो सालों.. सिमरन को.. सिमरन मस्त कर कहने लगी- अरे उई बस.. बस.. धीरे कर..

मैंने कहा- संजय.. तू गीत की फुद्दी को गर्म कर.. मैं इसे देखता हूँ.. आज हम दोनों मिल कर इन दोनों मादरचोदियों की की एक साथ चूत और गाण्ड चुदाई करते हैं..

संजय ने गीत को पकड़ लिया और बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगें उठा कर उनके बीच आ गया। मैंने सिमरन को अपने मुँह पर बिठा लिया और बोला- अब चुदवा कुतिया साली.. बहन की लौड़ी..

मैं सिमरन की चूत चूस रहा था और संजय गीत की.. वाओ क्या सीन था.. एक कमरे में एक साथ सभी नंगे.. और एक साथ चुदाई..

तभी मैंने अपना मुँह गीत की तरफ बढ़ाया और गीत के होंठों को किस कर दी। उसके बाद दुबारा फिर सिमरन की चूत चूसने लगा।

मैंने संजय को इशारा किया और हम सभी ने पोजीशन इस हिसाब से सैट की कि अब मेरे मुँह में गीत की गीली चूत थी और मैंने उसमें अपनी जीभ डाल रखी थी और अपने लौड़े को सिमरन के मुँह में डाला हुआ था और गीत के मुँह में संजय का लौड़ा था और संजय के मुँह में सिमरन की चूत लगी थी।

इस तरह हम घेरा बना कर एक साथ चारों मज़ा ले रहे थे और शरीर पर लगा केक भी चाट रहे थे।

मैंने तो गीत की चूत से लेकर उसके मम्मों तक पूरा अच्छी तरह चाटा.. इतना चाटा कि उसकी चूत का पानी तक निकलने लगा और वो सिसकारने लगी। इधर संजय ने सिमरन का भी वही हाल कर दिया था, दोनों बहुत बड़ी मजेदार सिसकारियाँ लें रही थीं।

अब हम सभी एक-दूसरे के अंगों को चूस रहे थे। संजय ने मुझे इशारा किया तो मैंने उसका इशारा पाकर गीत को छोड़कर संजय की जगह पोजीशन ले ली और सिमरन की चूत चाटने लगा और संजय ने मेरी जगह लेकर गीत की चूत में जीभ डाल दी। मेरा लौड़ा अब गीत ने अपने मुँह में ले लिया और सिमरन.. संजय का लौड़ा चूसने लगी।

गीत ने मेरा लंड इतना जबरदस्त तरीके से चूसा कि मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आने लगा और एक बार तो झड़ते-झड़ते बचा। मैंने गीत की तरफ देखा और कहा- बहन की लौड़ी.. मादरचोद कुतिया.. अपने यार की जवानी से चुदने वाली.. जरा धीरे कर साली..

मेरी बात सुन कर गीत बोली- ओये मेरी जवानी को चोदने वाले कुत्ते.. साले.. तेरे लंड का रस अभी निकाल दूँगी.. तेरी मर्दानगी को अपनी औरतपन के सामने खत्म कर दूँगी.. तभी उसने सिमरन की तरफ देखा और बोली- तू साली क्या हमारी बातें सुन रही है.. अपनी फुद्दी मरवा मज़े से कुतिया.. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

हमने फिर पोजीशन बदल ली.. अब हम सब असली चुदाई के लिए तैयार थे।

सबसे पहले तय हुआ कि सिमरन की एक बार जबरदस्त चुदाई की जाए.. उसके बाद फिर गीत की।

हमने सिमरन को दोनों तरफ से ऊपर उठा लिया। संजय ने सिमरन को अपने लौड़े पर बिठाया.. गीत ने संजय का लंड पकड़ा और धीरे-धीरे सिमरन की चूत पर सैट किया और सिमरन की चूत में जड़ तक उसने का लौड़ा घुसवा दिया।

अब गीत ने सिमरन को अपनी गाण्ड पीछे से उठाने को कहा और मेरा लौड़ा पकड़ा और सिमरन की गाण्ड के छेद के ऊपर सैट कर दिया।

अब गीत ने मुझे इशारा किया और मैंने पीछे से एक धक्का लगाया और सिमरन की गाण्ड में अपना लंड डाल दिया और एक धक्का और लगाया और करीब आधा लौड़ा सिमरन की गाण्ड में घुस गया। सिमरन चिल्लाने लगी और कहने लगी- उ..ई.. साली.. कुतिया.. मर..वा दिया.. आह.. बाहर.. निकालो कुत्तों.. आह्ह.. चुद गई आ..ह.. मेरी गांड.. फट गई.. साली कुति.या.. तू.. ही चुदवा ले.. .ब..स. ..नि..का..लो .मे..री.. ..गां.ड.. .फ..ट. ..ग.ई.. उ..ई उ..ई.. यह कहते हुए उसने मेरा लंड बाहर निकालने की असफल कोशिश की..

उधर आगे से संजय ने उसे कस कर पकड़ रखा था और पीछे से उसकी गाण्ड को मैंने पकड़ कर लिया था।

तभी गीत बोली- अब क्या हुआ साली.. बहन की लौड़ी.. अब ले ले मज़ा.. अपनी जवानी का.. तू भी तड़प रही थी न.. देखना अभी मज़ा आएगा.. साली बर्दाश्त कर ले कुछ पल का दर्द.. यह कहते हुए गीत हमारी चुदाई को देखने लगी।

मैंने अब और जोर लगाया.. संजय अभी कुछ नहीं कर रहा था.. क्योंकि जब में पीछे से सिमरन की गाण्ड को धक्का लगाता.. तो सिमरन की चूत अपने आप ही सीधा संजय के लौड़े को अपने अन्दर ले लेती। इस तरह आगे से सिमरन को मज़ा आ रहा था और आगे के मज़े की वजह से वो पीछे वाला दर्द भूल जाती थी।

वैसे बेशक सिमरन चिल्ला रही थी.. परन्तु हमें मालूम था कि इस दर्द में भी वो मज़ा ले रही है।

गीत उसको उत्साहित कर रही थी और बार-बार कह रही थी- हाँ सिमरन.. ले मज़ा.. अभी देखना तुझे बहुत मज़ा आएगा.. तुम हमेशा याद रखोगी इन लौड़ों को.. साली तुम तो खुद बुलाओगी इन लौड़ों को अपनी गाण्ड और फुद्दी मरवाने के लिए..

अब मैंने सिमरन की गाण्ड में अपना लौड़ा जड़ तक उतार दिया था। संजय भी नीचे से झटके लगा रहा था। हम दोनों ताल से ताल मिला कर सिमरन को चोद रहे थे और सिमरन को भी मज़ा आ रहा था। वो भी धीरे-धीरे अपनी गाण्ड उठा-उठा कर मज़ा ले रही थी और मजेदार सिसकारियाँ भी ले रही थी।

‘उई.. चोदो.. आह्ह.. मजा आ गया.. आह.. गीत मेरी जान किधर से पकड़े ये लौड़े.. आह.. चोदो आज तेरा अहसान कभी नहीं भूलूंगी.. आह्ह.. मजा आ गया शाबाश.. चोदते रहो मेरी जान.. मादरचोदों आह्ह… मजा आ रहा है..जड़ तक घुसा दो संजय.. पेल मादरचोद.. मैं गई..ई..ई..’ यह कहते हुए सिमरन ने सच में अपनी चूत और गाण्ड से पानी छोड़ दिया, वो झड़ चुकी थी।

इस चुदाई में जहाँ सिमरन को बहुत मज़ा आया.. वहीं पर गीत को भी हमारी चुदाई देखने पर बहुत मज़ा आया।

अब बारी थी गीत की… गीत तो खुद ही इतनी एक्साईटड थी चुदने के लिए कि उसने कुछ नहीं देखा.. बस सीधा आकर संजय के लौड़े पर बैठ गई और अपनी चूत में उसका पूरा लौड़ा ले लिया।

मैंने उसकी गाण्ड में लौड़ा डाला कुछ देर ऐसे चुदने के बाद फिर हमने पोजीशन बदली। अब मेरा लौड़ा गीत की चूत में और संजय का गीत की गाण्ड में था। इस बार गीत चुद रही थी और सिमरन देख रही थी।

अब चिल्लाने की बारी गीत की थी. वो चिल्ला रही थी उ..ई कुत्तों.. ..धी..रे. ..से.. आ.ह आ.ह. .उ..ई.. रवि.. ..मा..द..र.चोद.. गांड. ..फा.ड़. .दी. .आ.ई. उई.. .सं.जय.. ..सा.ले.. .धीरे.. .चो.द.. कुत्ते उसे ऐसे चुदते देख सिमरन बोली- अब क्या हुआ कुतिया.. मेरी बारी बड़ी खुश हो रही थी न.. अब गाण्ड फट रही है क्या..

तभी गीत ने उसे जवाब दिया- अरे तू.. चुप कर साली.. ये तो क्या.. मैं तो तीन-तीन.. .लौड़े भी.. ले सकती हूँ.. अब. .म.ज़ा. .तो .ले.ने. .दे. कु.ती.या. तू.. .भी.. ..चि.ल्ला. रही.. ..थी. या..द. .क.र अपनी बा..री.. मज़ा.. भी.. .आ. .र.हा. .है. ब.ह..न. ..की. .लौ.ड़ी!

इस तरह गीत हम दोनों के बीच चुद रही थी।

अब फिर मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाल कर उसकी गाण्ड में डाल दिया और संजय ने गाण्ड से लौड़ा निकाला और गीत की चूत में डाल दिया। हम तीनों लय में चुद रहे थे कि मैंने अचानक बिना कोई इशारा किए.. गीत की गाण्ड से लंड निकाला और सीधा सिमरन की चूत में डाल दिया.. जो हमारे बिल्कुल पास ही नंगी मेरे लौड़े के सामने बैठी थी। उसे मालूम भी नहीं पड़ा कि मैं क्या करने वाला हूँ।

बस वो चिल्ला कर बोली- उ..ई.. .सा.ले.. ब..ता. .तो. .दे..ता.. पहले.. उसे.. तो. .चोद. दे.. जो.. चुद रही है.. आह.. आ.ह.. ब.स.. ब..स.. तभी गीत फिर बोली- ओ.. .प..ह.ले. मु..झ. रां..ड. .को.. तो चोद. दो.. सालों.. सिरमन.. की.. तो. चूत चुद गई.. अब. मेरी.. बारी थी.. लंड.. निकाल. लिया.. गांड से.. उई.. आह.. आह.. संज..य.. हाँ. ऐसे ही.. चोद.. चोद.. चोद.. मुझे आ..ह.. मज़ा.. आ.. रहा.. है.. उई..

मेरी इस हरकत से सिमरन इतना ज्यादा एक्साईटड हुई कि उसने अपनी चूत से पिचकारी छोड़ दी.. जिसने मेरा लंड नहला दिया। उसकी चूत से रस इस कदर निकला.. जैसे पेशाब कर रही हो। वाओ.. क्या सीन था..

सिमरन असल में अब झड़ी थी.. क्या जबरदस्त झड़ी थी सिमरन.. बहुत चिल्लाते हुए उ..ई. उ.ई उ.इ.उ.इ.उ उई. उई उई.. मर गई.. आह.. आ..ह. आ..ह मर.. गई.. मज़ा.. म.ज़ा.. आ गया.. उई.. उ.इ.उ.इ. ई.. ई.ई.. आ..ह.. आ..ह उ..ई..

अब मैंने अपना लंड फिर से गीत की गाण्ड में डाल दिया, हम दोनों गीत को जबरदस्त तरीके से चोदने लगे। गीत भी बहुत किनारे पर थी.. उसका रस निकलने वाला ही था.. मुझे मालूम था कि जब गीत झड़ती है.. तो वो इतना चिल्लाती है कि बस देखते ही रह जाएं!

गीत भी झड़ने लगी थी.. मैंने और संजय ने धक्के तेज कर दिए।

संजय भी चिल्ला रहा था ले.. साली.. चु..द.. चु..द.. चु.द.. मादरचोदीई… ब.ह.न.. की.. लौड़ी.. सा.ली.. कु.तिया.. आ.ह.. आ.ह.. आ.हआ.ह.. उ.ई.. चु.द.. चु.द.. चु.द..

गीत भी बहुत तेज चिल्ला रही थी- आ..ह.. आ..ह.. ..चो..दो. कु..त्तों.. ..चो..दो ..मु..झे.. .चो.दो.. .औ..र ..ते..ज..चो..दो.. .मे..री. ..चू..त. ..मे.री. ..फु..द्दी ..में.. .डा..लो. .अ.प..ने. .दो.. ..दो.. .लं.ड.. मुझे… ..पे.ल ..दो. .पे..ल. ..दो. मुझे… .पे.ल.. ..साले.. .पे.ल. .सा.ले. कमीने.. .सं.ज.य. पेल.. पेल.. रवि.. मुझे.. .पेल… .कु.त्ते. .दे.खत.. हूँ. .तु.म्हा.री.. .मर्दा..न.गी आ.ह. .आ.ह. उई.. उई.. उइउइ उई.. उई.. .उ.इ.उ. .उइ.उ.इ. .उ.ई उई.. .में. .आ .गे. .ग.ई. .आ..ई .आ. .गई. .झ..ड़. ..रही.. .हूँ.. उई..

ये कहते हुए उसने उसने अपनी चूत से अपना मजेदार रस टपका दिया और आखिर चुद गई।

अब बारी मेरी और संजय की झड़ने ई थी। वो दोनों चुद चुकी थीं.. हमने अपने लौड़े दोनों के मम्मों पर सैट किए और दोनों औरतें हमारे लौड़ों को हाथ से तेज तेज हिलाने लगीं और साथ ही साथ बोल भी रही थीं।

हमें मज़ेदार शब्द बोल-बोल कर हमारा रस निकालने के लिए उत्साहित थीं। पहली पिचकारी मेरे लौड़े ने गीत की छाती पर छोड़ी और दूसरी पिचकारी जैसे ही निकली.. तो गीत ने मेरे लौड़े को सिमरन के मम्मे पर कर दिया। अब संजय की पिचकारी भी सिमरन की छाती पर निकल गई थी। सिमरन संजय के झड़ रहे लौड़े को शरीर के हर हिस्से पर घुमा रही थी।

इस तरह हम सभी चुद गए.. मैंने चुदाई की बधाई दी और गीत को उसके जन्मदिन की दुबारा बधाई दी। अपने जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए भी बधाई दी।

उसके बाद हम सब फ्रेश हुए और फिर खाना खाया। दुबारा मिलने और जल्दी चुदाई करने का वादा करके मैंने उनसे विदा ली और फिर घर आ गए।

दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे आप सबकी मेल्स का इंतज़ार रहेगा। मुझे आशा है कि पहले जैसे ही आपको मेरी ये कहानी भी पसंद आएगी और मेरे दोस्त मुझे मेल जरूर करेंगे। आपका अपना रवि [email protected]

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