मार्च 2016 की लोकप्रिय कहानियाँ

प्रिय अन्तर्वासना पाठको मार्च महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…

मेरा नाम ऋषभ जैन है, मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। मेरी उम्र 34 साल है.. मेरी शादी हुए दस साल हो चुके हैं। मेरे वाइफ का नाम जूही जैन है.. उसकी उम्र 31 साल है.. लेकिन लगती 25 की है। वो बहुत ही सेक्सी दिखती है। गोरा रंग.. ऊंचा कद.. बड़े-बड़े बूब्स.. पतली कमर और उभरे हुए नितंब यानि चूतड़.. उसकी बात ही कुछ और है, उसे जो भी देखे.. उसका लण्ड तन जाए.. और उस देखने वाले के मन में उसे चोदने की इच्छा हो जाए।

अपने जीवन की एक रोचक कामुकता भरी घटना अन्तर्वासना डॉट कॉम के पाठकों के लिये लिख रहा हूँ। उस वक्त मेरी और जूही की शादी हुए 4 साल चुके थे, हमारी लाइफ बड़े आराम और मस्त चल रही थी। जूही एक सीधी-सादी घरेलू औरत थी, अपने पति यानि कि मेरा पूरा ख्याल रखती थी।

हमारी लाइफ में अलग मोड़ आया और हमारी लाइफ और भी रंगीन हो गई। मेरा ट्रान्सफर दूसरे शहर में हो गया, मैंने अपने दोस्त रवि की मदद से उसके घर के बाजू में ही एक घर किराये पर ले लिया। घर बहुत बढ़िया था.. हॉल.. रसोई और बेडरूम..

हमने वहाँ शिफ्ट कर लिया, उसी दिन हमने पूरे घर की साफ-सफाई करके सारा समान सैट कर दिया। घर की सफाई करते वक़्त जूही को वहाँ पर एक सीडी का एलबम मिला, वो मेरे पास लेकर आई और उसने मुझे दिखाया। मैंने देखा और सोचा कि पुराने किराएदार का छूट गया होगा, मैंने उसको साइड में रख दिया।

हमें घर का समान सैट करते-करते रात हो गई, मैंने होटल से खाना मंगवाया और हमने खाना खाया और सोने लगे। तभी मुझे वो सीडी एलबम की याद आई और मैंने उसे टीवी पर लगाया.. और जो हमने देखा हमारी दोनों की आँखें फटी की फटी रह गईं। वो ब्लू-फिल्म की सीडियाँ थीं। इसके पहले हम दोनों ने साथ में कभी ब्लू-फिल्म नहीं देखी थी।

ब्लू-फिल्म देखने के बाद हमारी जबरदस्त चुदाई हुई।

उस दिन से हमारा जीवन ही बदल गया। अब हम हर रोज वो सीडियां देखने लगे और चुदाई करने लगे, हमें चुदाई में बहुत मज़ा आने लगा। इसके पहले हम खामोशी से चुदाई करते थे और सो जाते थे, अब हम सेक्सी बातें करने लगे।

एक दिन ऐसे ही सेक्स करते समय मैंने जूही से कहा- जूही जब तुम्हें कोई मर्द प्यासी नज़रों से देखता है.. तो मुझे बहुत मज़ा आता है। जूही मेरी बात सुनकर हैरान हो गई.. वो बोली- क्या जानू.. अक्सर मरदों को उनकी वाइफ को कोई देखे.. तो गुस्सा आता है.. और आप हैं कि आपको मज़ा आता है?

मैंने कहा- क्या करूँ जान.. मैं हूँ ही ऐसा.. वैसे भी तुम्हें नहीं अच्छा लगता अगर तुम्हें कोई प्यासी नज़रों से देखे तो.. सच सच बताना? वो मेरी बात सुन कर चुप हो गई।

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मेरी कहानी वाइफ़ स्वैपिंग की चाहत में दो दीवाने के तीन भाग अन्तर्वासना के चहेते लेखक वरिन्द्र सिंह द्वारा भेजे गए थे।

अब एक और सच्ची कहानी आपको बताना चाहता हूँ। आशा है आपको पसंद आएगी।

अन्तर्वासना डाट कॉम पर मेरी कहानी पढ़ने के बाद मुझे एक दिन मेरे ई मेल आईडी पर एक ई मेल मिला, किसी रिया नाम की लड़की का था, उसने मुझसे मेरे क्लब के बारे में जानकारी और मुझसे बात करने की इच्छा ज़ाहिर की। वो दिल्ली में ही रहती है।

पहले हमने ई मेल्स के जरिये और फिर गूगल हैंगआउट पर चैटिंग की और मेरे फेसबुक पेज gargseemaraj पर बहुत बहुत बार मेसेज के जरिये बात की।

जब दोनों का विश्वास बन गया तो फोन नम्बर ले दे कर कॉलिंग के जरिये आपस में बहुत खुल कर बात हुई। इस दौरान यह बात तो साफ हो गई कि उसका पति वाइफ़ स्वेपिंग में रुचि नहीं रखता था। मैंने उसे यह भी कहा कि हमारे क्लब में तो सिर्फ़ युगलों को ही प्रवेश मिलता है, अकेले क्लब जॉइन नहीं कर सकते।

मगर उसने बताया कि सेक्स के बारे में उसके पति और उसके विचार अलग अलग हैं। पति सिर्फ एक से ही सेक्स करना पसंद करते हैं, मगर उसे सेक्स में नित नई चीज़ें चाहिए, सेक्स को लेकर वो अपनी ज़िंदगी का भरपूर मज़ा लेना चाहती है, मगर यह नहीं चाहती कि लोग उसको रंडी ही समझे मगर जीवन का लुत्फ लेना तो सबका हक़ है।

मुझे वो लड़की बहुत बिंदास लगी, मैंने उससे मिलने का सोचा और उससे मिलने की इच्छा ज़ाहिर की। हम दोनों एक रेस्तरां में मिले, एक खूबसूरत, स्लिम और सेक्सी औरत… मुझे तो देखते ही वो भा गई और मन ही मन मैं उसे चोदने के सपने सँजोने लगा।

थोड़ा ज़्यादा बेतकल्लुफ होते हुये मैंने उससे हाथ मिला कर उसका अभिवादन किया, उसने भी बड़ी गर्मजोशी से मुझसे हाथ मिलाया। हम दोनों बैठ कर कुछ देर बातें करते रहे एक दूसरे के बारे में, क्लब के बारे में।

मुझे उसकी बातों से ऐसा लगा कि जैसे वो मन बना कर ही आई है कि आज ही क्लब जॉइन करके आज ही एंजॉय करके जाएगी। मैंने उससे यह बात की तो उसने कहा- बिल्कुल… मैं तो यह सोच कर ही घर से निकली थी कि अगर आज ही एंजॉय करने को मिला, तो मैं तो मज़ा करके ही आऊँगी।

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मेरा नाम सीमा सिंह है, मैं 30 साल की एक खूबसूरत शादीशुदा औरत हूँ।

उम्र के हिसाब से मैंने अपने आपको बहुत फिट रखा है, जिम जाती हूँ इसलिए कोई पेट नहीं बढ़ा, कमर जांघें सब सॉलिड हैं, मगर प्रोब्लम यह है कि मेरी छातियाँ मेरे जिस्म के हिसाब से कुछ बड़ी हैं और सभी लोगो का ध्यान अपनी और आकर्षित करती हैं। मेरे साइज़ की तो ब्रा भी जल्दी जल्दी नहीं मिलती।

जीन्स टी शर्ट, निकर, पेंट, सूट, साड़ी, स्कर्ट सब कुछ पहनती हूँ, बेशक हाउस वाइफ़ हूँ, पर किसी भी ऑफिस वाली से ज़्यादा फिट और तरो ताज़ा रहती हूँ। घर तो मेरे बदन पे सिर्फ नाइटी ही होती है, नीचे से कुछ नहीं पहनती।

अब जब भी घर में कोई आता है, जैसे दूध वाला, सब्जी वाला या और कोई भी, मुझे पता है सब मेरी बड़ी बड़ी छातियाँ ही देखते हैं, पर मुझे इसमें शर्म नहीं आती न ही उनके घूरने पर गुस्सा आता है, क्योंकि जो मेरे पास है वो मैंने किसी और के पास नहीं देखा।

अगर किसी की छातियाँ अपने जितनी बड़ी भी देखी तो उनके पेट तक झूलती देखी, मेरी तरह उठी हुई और सॉलिड नहीं। और ये मेरी छातियाँ अब से नहीं जब से मेरी सीने पे उगी हैं, तब से ही बड़ी ही रही हैं, स्कूल में भी मेरे बूब्स मेरी क्लास में सबसे बड़े थे। तब टीचर घूरते थे, कॉलेज में प्रोफेसर और स्टूडेंट्स।

सुहागरात पर जब पति ने मेरी शर्ट उतारी तो एक बार तो उसका भी मुँह खुला रह गया। चलो शादी हुई, चोदा चोदी शुरू हुई। मगर धीरे धीरे मेरी रुचि इसमें बढ़ने लगी क्योंकि हर वक़्त लोग मेरे गठीले बदन को और मेरे बूब्स को घूरते रहते, तो मेरे मन में भी यही बात आती, कि ये भी मुझे चोदना चाहता होगा, यह भी और यह भी।

अब जब आपको लगे कि आपके आस पास हर कोई आपको चोदना चाहता है, तो आपके मन में हर वक़्त सेक्स ही सेक्स चलता रहे तो आपकी तो भूख बढ़ेगी ही… मेरी भी बढ़ने लगी। पहले पहल तो पति से एक सेक्स में ही संतुष्ट हो जाती थी, फिर उसे कहा कि एक बार नहीं, थोड़ी देर बाद दुबारा आ। या फिर एक बार नहीं लगा ही रह ताकि मैं दो बार तीन बार या बार बार स्खलित हो सकूँ।

मगर ये सब पति के बस की बात नहीं थी, वो एक बार करके सो जाता, मैं फिर उंगली से करती। जब उंगली से मन न भरा तो फिर बैंगन, खीरा, गाजर और मूली से करना शुरू किया, मोटी से मोटी और लंबी से लंबी चीज़ ली। पति के सामने और उसे दिखा के ली, ताकि उसको भी लगे कि मुझमें कितनी चुदास है।

चूत के बाद गांड में भी लेती… जितनी चूत खुली थी, गांड भी उतनी ही खोल ली। पति से हर जगह चुदाई करवाती, मुँह में चुदवाती, उसका सारा वीर्य पी जाती, अपने चेहरे और बदन पे मल लेती।

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मेरा नाम पूनम शर्मा है। मैं आज जो लिखने जा रही हूँ वो कोई कपोल कल्पित कहानी नहीं.. बल्कि एक सच है.. जो मेरे साथ हुआ है। मैं एक हाउसवाइफ हूँ और एक मिडल क्लास फैमिली से हूँ।

मैं 32 साल की हूँ.. मेरी शादी को 12 साल हो चुके हैं, मेरे पति का नाम रोहित है, वो 35 साल के हैं। वो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मेरे दो बच्चे हैं, हम दोनों पति-पत्नी एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं.. मैं एक बहुत ही साधारण किस्म की औरत हूँ और हमेशा अपनी फैमिली का ख़याल रखती हूँ। लेकिन पता नहीं क्यों मेरे पति मुझसे सेक्सुअली संतुष्ट नहीं रहते हैं।

काफ़ी कोशिश के बाद भी मैं उन्हें खुश नहीं रख पाती हूँ। पिछले 3 साल से वो मेरे साथ नहीं हैं.. उनका ट्रान्सफर पुणे हो गया है। वो आजकल मुझसे ठीक से बात भी नहीं करते.. मैं कई बार उनसे मिलने भी गई.. पर वो आजकल एकदम घुटे-घुटे से रहते हैं। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूँ।

अपनी एक सहेली से मैंने इस बारे में बात की.. तो उसने कहा- तू उन्हें वॉच कर.. शायद उनका किसी और के साथ चक्कर न हो। मैं अब उन पर निगाह रखने लगी, उन्हें बहला कर सब कुछ जानने की कोशिश करने लगी।

मैंने देखा कि वो हमेशा उदास रहते हैं और खाली टाइम में ब्रूटल यानि हिंसक सेक्स ब्लू-फिल्म देखते रहते हैं और स्टोरीज पढ़ते रहते हैं। काफ़ी दिनों तक वॉच करने के बाद भी मुझे ऐसा नहीं लगा कि उनका किसी और से चक्कर है..

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ममता कुलकर्णी जैसी सहलज की चुदासी चूत

मेरा नाम विवेक है, उम्र 30 साल, शादी 2010 में हुई थी, मेरी पत्नी ममता के दो भाई हैं, दोनों बड़े हैं। यह कहानी सबसे बड़े भाई अजय की पत्नी स्नेहलता की है, उसकी उम्र 33 साल है, रंग एकदम गोरा है और चेहरे की मासूमियत आलिया भट्ट जैसी है जिससे उसकी उम्र 25-26 ही लगती है। ऐसी प्यारी सूरत है कि किसी का भी मन डोल जाये!

अजय बीकानेर में सरकारी नौकरी में है।

सोनू (स्नेहलता का घर का नाम) गृहणी है, उसकी आँखें बड़ी बड़ी हैं, उसके चूचे भी बड़े और कूल्हे बाहर को निकले हुए हैं, कद 5’3″ का होगा, उसे बन संवर कर रहना अच्छा लगता है। मेरी उस पर नज़र पहले दिन से ही थी, वो भी मुझे जब भी मिलती तो मजाक करती हुई एक आँख दबा देती थी। ‘उम्म्माआ…’ क्या मस्त लगती थी उस समय वो! पूछो मत… मुझे अंदर तक जला देती थी।

वो अक्सर, जब भी हम अकेले होते, तो सेक्स को लेकर मजाक कर लेती थी! मैं उसे भाभीजी कह कर ही बुलाता था।

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