गर्लफ्रेंड की सहेली और थ्री-सम चुदाई -4

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अब तक आपने पढ़ा..

आयशा अपनी आँखें बंद करके मजे लेने लगी.. और एक हाथ से मेरी जीन्स की ज़िप खोलते हुए और अन्दर हाथ डालकर लण्ड को बाहर निकाल लिया।

मेरा लण्ड अब टाइट होने लगा था.. आयशा की हालत देख कर.. प्रियंका बोली- वाऊ जीजू.. आपका लण्ड तो बहुत ही बड़ा और मोटा है.. मैंने जबसे देखा है.. सोच-सोच कर मेरी चूत गीली हो जाती है.. आपकी चुदाई देखकर मैंने अपनी चूत में बाहर ही उंगली कर ली थी। फिर उसने दोनों हाथों से आयशा का टॉप उतार कर फेंक दिया.. और मेरी जीन्स का बटन खोल कर तुरंत नीचे खिसका कर उतार दिया। अब मैं नीचे से नंगा हो गया था.. और मेरा लण्ड फनफ़नाने लगा था।

प्रियंका बोली- जीजू.. आप आयशा के मम्मों को चूसो न..

अब आगे..

मैं आयशा के साइड में बैठ कर उसके दूध चूसने लगा.. और जैसे ही मैं आयशा के मम्मों चूसने लगा.. तो प्रियंका ने अपना कंट्रोल खोकर मेरे लम्बे मोटे लण्ड को.. गप्प से अपने मुँह में ले लिया। वो मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर कर आगे-पीछे करने लगी।

अब मैं भी आपे से बाहर होने लगा और आयशा के मम्मों को खूब जोर से चूसने और काटने लगा। इतने में प्रियंका ने मेरा लण्ड चूसते हुए.. आयशा का लोअर उतार दिया और उसके पैर फैला कर.. उसकी चूत में उंगली करने लगी।

आयशा भी बुरी तरह से गरम हो गई.. और उसने अपनी आँखें खोलीं.. तो पता नहीं उसको क्या हुआ कि वो प्रियंका का मुँह पकड़ कर.. मेरे लण्ड पर घुसेड़ने लगी.. और बोली- चूस.. कमीनी.. तुझे जीजू का लण्ड चाहिए था ना.. चूस.. रंडी चूस..

वो उसके बाल पकड़ कर बुरी तरह उसका सर मेरे लण्ड पर घुसेड़ने लगे। मेरा लण्ड चूंकि बड़ा है.. जो खुद आयशा अपने मुँह में पूरा नहीं ले पाती है।

प्रियंका की आँख से पानी निकलने लगा.. और मारे गुस्से के प्रियंका ने आयशा की चूत में सीधे दो उंगली घुसेड़ दीं.. और तेज-तेज उंगली से आयशा की चूत चोदने लगी। अब आयशा ने उसका सर छोड़ दिया और चूत की रगड़ाई से मदहोश होने लगी.. उधर मेरा लण्ड भी पूरा अकड़ गया।

प्रियंका बोली- जीजू, अब तेरा लण्ड आयशा चूसेगी.. आयशा दीवान के नीचे आकर.. मेरा लण्ड ‘गप्प’ से अन्दर लेकर गपागप चूसने लगी।

उधर प्रियंका ने मेरे पीछे आकर धीरे-धीरे मेरी गर्दन के पास चूमते हुए.. सारे बटन खोल दिए.. और आगे आकर अपनी ब्रा.. जो उसने पहली ही बाहर ही खोल ली थी.. अपनी टी-शर्ट के नीचे से ब्रा निकाल कर फेंक दी, अब वो अपने गोल-मटोल भारी भरकम मम्मों को टी-शर्ट के अन्दर से ही मेरे सामने हिलाने लगी।

मैंने देखा कि उसके निप्पल भी पूरी तरह खड़े हो चुके थे.. और उसने नीचे सिर्फ घुटने तक एक ढीली स्कर्ट पहनी हुई थी.. नीचे से उसके पूरे बाल गायब थे.. उसकी टाँगें एकदम दूध सी गोरी.. पूरी चिकनी थीं.. वो ऊपर से अपनी टी-शर्ट को उतारने की हरकत करते हुए मेरे पास आई और दीवान पर मेरे बगल से बैठ गई।

मेरी तरफ मुँह करके और बोली- जीजू.. अपनी साली की जवानी को नहीं चूसोगे.. निचोड़ोगे?

वो ये बोलते हुए अपनी टी-शर्ट को ऊपर उठाने लगी.. और जैसे ही टी-शर्ट उसके मम्मों से ऊपर उठी.. उसके निप्पलों में जाकर थोड़ा फंस गई। प्रियंका बोली- देखो न जीजू.. टी-शर्ट फंस गई निप्पलों में.. जरा छुड़ा दो न..!

मैं अपना हाथ उसके मम्मों पर ले जाने लगा तो प्रियंका बोली- जीजू हाथ नहीं होंठों से हटाओ न.. उसने अपने मम्मों को मेरे होंठों के पास खुद ही कर दिए और अपने चूचे की नोंकों को मेरे होंठों से छुआने लगी।

मैं इस कामुक अदा से गरम हो उठा और ‘गप्प’ से मैंने उसके निप्पलों को.. जो मेरी गर्लफ्रेंड आयशा से भी बड़े थे.. अपने मुँह में ले लिए.. और चूसने लगा।

अब प्रियंका ने अपनी टी-शर्ट ऊपर से उतार कर फेंक दी। वो ऊपर से नंगी हो गई और प्रियंका मेरा हाथ पकड़ कर.. अपने दूसरे मम्मों पर रखते हुए बोली- जीजू, अपनी साली की जवानी को निचोड़ डालो.. चूस डालो..

अब मैं उसके एक मम्मे के निप्पल को चूस रहा था और दूसरे को रगड़ते और मसलते हुए दबा रहा था। प्रियंका और गर्म होने लगी.. और मेरा सर पकड़ कर मम्मों में जबरदस्ती घुसेड़ने लगी। मैं खूब देर तक उसके मम्मों को चूसता रहा.. मसलता रहा।

मैंने उसके दोनों रसीले मम्मों को बारी-बारी से खूब चूसा। अब प्रियंका.. आयशा का मुँह मेरे लण्ड पर तेजी से घुसेड़ने लगी.. और आगे-पीछे करने लगी। आयशा देखकर जलते हुए बोली- जान आप मेरे मम्मों चूसो न अब! प्रियंका बोली- जीजू.. चूस लो इसके मम्मों को भी.. नहीं तो साली जल कर ही मर जाएगी।

मैं हँसने लगा।

प्रियंका बोली- जीजू आप सीधे लेट जाओ और आयशा तू जीजू के सर के पास जा और अपने मम्मों को जीजू के मुँह के ऊपर झुला.. मैं लेट गया.. और आयशा मेरे सर के पास आकर मम्मों को आमों के जैसे लटका कर झुलाने लगी।

आयशा के बड़े और भारी भरकम मम्मे मेरे आँखों के सामने झूल रहे थे और मैं उनको बारी-बारी से हाथों से पकड़ कर चूस भी रहा था।

प्रियंका मेरे खड़े लण्ड के पास जा कर लण्ड चूसने लगी.. वो मेरे पैरों को खोल कर बीच में बैठ गई.. और आयशा मदहोश होकर अपने पूरे मम्मों का भार मेरे मुँह में डाल कर मेरे सीने पर अपने होंठ ले जाकर मेरे निप्पलों काटने लगी।

मैं उसके निप्पलों को चूस और काट रहा था.. हम दोनों इतने गरम हो गए थे कि आयशा मेरे निप्पलों में दांतों के निशान लगाने लगी थी.. उधर मैं उसके मम्मों में दांतों के निशान बन रहा था और नीचे मेरा लण्ड पूरा लोहे जैसा गर्म होकर प्रियंका के मुँह में मजे ले रहा था।

प्रियंका बोली- हाय जीजू.. आपका गुलाबी सुपारा मुझको बहुत पसंद आ रहा है। मैं भी मस्त था। प्रियंका से अब कंट्रोल नहीं हुआ तो.. वो अपनी स्कर्ट उठा कर पैंटी को साइड में करके.. मेरे खड़े लम्बे मोटे लण्ड के ऊपर अचानक से बैठ गई।

‘आह..’

मेरा लण्ड उसकी गीली चूत में सरसराता हुआ घुसता चला गया। मेरे हलब्बी लौड़े के एकदम से घुसने से उसकी सांसें अटक गईं.. और वो दर्द से तड़फते हुए आधे में रुक कर बोली- ओह्ह.. जीजू आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है.. दर्द हो रहा है.. फिर वो उसी अवस्था में धीरे-धीरे मेरे खड़े लण्ड पर ऊपर-नीचे होने लगी।

मुझको यह पोजीशन बहुत अच्छी लगती है।

अब प्रियंका को दर्द कम और मजा ज्यादा आने लगा और वो अब अपनी चूत में पूरा लण्ड लेने लगी। मेरे लण्ड पर उचकते हुए मुझे भी मजा देने लगी.. इससे उसके मम्मे ऊपर-नीचे उछल रहे थे। मुझको बहुत मजा आने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

उधर आयशा अपने मम्मों को छोड़ कर अपनी चूत मेरे मुँह पर लेकर बैठ गई और प्रियंका की तरफ देखते हुए उसको एक अजीब सी कशमकश होने लगी।

वो खुद मुझसे अपनी चूत चुसवाते हुए.. प्रियंका की तरफ होकर उसके मम्मों को छूने लगी.. उसके निप्पलों को मसलने लगी.. रगड़ने लगी..

इससे प्रियंका पगला गई और एक पल के लिए उसने मेरा लण्ड अपनी चूत से बाहर निकाल दिया.. और जल्दी से अपनी स्कर्ट पैंटी के साथ उतार कर नीचे फेंक दी।

अब वो फिर से मेरा लण्ड अपनी चूत में डालकर कूदने लगी.. और उसने अपने आगे की तरफ झुक कर आयशा की तरफ अपने मम्मों को कर दिया। आयशा भी उसके मम्मों को दम से चूसने लगी।

प्रियंका मेरे लण्ड पर कूदते हुए.. आयशा के मम्मों को सहलाते हुए खूब जोर से मसल और रगड़ रही थी। अब आयशा बोली- प्रियंका.. चल पोजीशन बदल लेते हैं..

प्रियंका अब अपनी गीली चूत लेकर मेरे मुँह पर बैठ गई और आयशा अब मेरे लण्ड के ऊपर उछलने लगी। वो पूरे वेग से मेरे लौड़े पर दना-दन कूद रही थी और बोली- क्यों प्रियंका अब खुश.. चुद गई ना तू अपने जीजू से.. साली रंडी अब यह मत बोलना.. कि रोज चुदोगी.. प्रियंका बोली- यार, अभी मन नहीं भरा है।

वो आयशा के एक चूचे को दांतों से काटने लगी और दूसरे चूचे को मसल कर चूसने लगी।

आयशा चरम सीमा पर पहुँच गई और अचानक अकड़ती हुई… मेरे लण्ड के ऊपर ही पानी छोड़ बैठी.. मेरा लण्ड पूरा गीला हो गया। प्रियंका बोली- देख आयशा.. जीजू का लण्ड अभी तक नहीं झड़ा और तेरा पिछली बार की तरह फिर पानी निकल गया।

आयशा चादर से मेरे लण्ड को हल्के से पोंछने लगी.. लेकिन प्रियंका ने उसे रोक दिया, वो खुद आगे आई.. और मेरे लण्ड को उसी अवस्था में अपनी चूत के अन्दर डाल लिया.. और बोली- यार जीजू का बहुत मोटा है.. तो तेल की जरुरत थी न.. अब तेल की कमी तेरा पानी पूरा कर देगा। वो ‘उउ..आह..’ करते हुए मेरे लण्ड पर उछलने लगी।

20-22 बार उछलने के बाद बोली- जीजू अब आप हम दोनों की चूत एक साथ मारो.. मैं बोला- कैसे? ‘बताती हूँ जीजू..’

दोस्तो, मुझे इस चुदाई में जो आनन्द आ रहा था वो मैं आपको हूबहू बताने का पूरा प्रयास कर रहा हूँ। इस घटना का पूरा मजा लेने के लिए आप सभी मेरे साथ बने रहिये और मुझे अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं।

कहानी जारी है। [email protected]

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