यौनसुख से वंचित पाठिका से बने शारीरिक सम्बन्ध: लेखक की व्यथा

प्रिय पाठकगण

मैं डा. दलबीर, आप सबको मेरी कहानी पसंद आई इसके लिए मैं आप सब का शुक्र गुजार हूँ पर यौनसुख से वंचित पाठिका से बने शारीरिक सम्बन्ध के बाद हर पाठक मुझे यही रिक्वेस्ट भेज रहा है कि मैं उसे मंजरी का पता दे दूँ या फोन नम्बर दे दूँ या मैं उनसे उसकी दोस्ती करवा दूँ। मुझे ऐसे पाठकों के दिमाग़ी दीवालिएपन पर तरस आता है क़ि अगर वो ऐसी ही होती या जगह जगह मुँह मारने वाली होती तो उसने अपने पति के विदेश जाने के बाद 6 साल तक अपने ऊपर नियंत्रण नहीं किया होता।

मेरी आप सबसे यही विनम्र प्रार्थना है कि कृपया ऐसी मेल ना करें, मुझे मानसिक दुख होता है। यदि कोई भी स्त्री किसी पुरुष को अपना सब कुछ सौंपती है तो इस विश्वास के साथ कि यह व्यक्ति मेरी इज़्ज़त पर आंच नहीं आने देगा, आप सब लोग बताइए क़ि आप लोगों में से कोई भी अपनी प्रेयसी माशूका या अपनी महिला मित्र गर्लफ़्रेन्ड का नाम, पता, फोन नंबर, या मेल आई डी किसी को दे सकता है?

आप लोगों ने मुझे कोई ओछा व्यक्ति समझा है या फिर जिस्मों का व्यापार करने वाला? अगर आगे से भी ऐसी मेल्स आएँगी तो मैं अपनी कहानियाँ भेजना बंद कर दूँगा।

यहाँ कहानी भेजने का उद्देश्य मात्र अनुभव को बाँटना होता है यहाँ कहानी भेजने का कोई पराश्रमिक नहीं मिलता, मैं कहानी नहीं लिखता था तब भी जीवन सही चल रहा था। मेरे पास तो कहानी लिखने के लिए समय का भी अभाव रहता है पर फिर भी लिखता हूँ क्योंकि उनसे पाठकों का मनोरंजन होता है। परंतु अभी भी अगर ऐसा ही रहा तो मैं आगे से कहानियाँ भेजना बंद कर दूँगा।

यदि किस पाठक या पाठिका को मेरी बात बुरी लगी हो तो मैं क्षमा याचना करता हूँ। आपका डा. दलबीर