मौसी की चुदक्कड़ बेटी को चोदा

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मेरी रण्डी बहन की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने मौसी के घर में अपनी शादीशुदा बहन को चोद दिया. वो शादी से पहले ही चालू थी और उसे मैं चोदना चाहता था.

दोस्तो, अन्तर्वासना की सभी पाठकों को मेरा नमस्कार और सभी चुत वालियों को मेरे खड़े लौड़े का सलाम. मेरा नाम राहुल है और मैं पुणे महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. मैं पच्चीस साल का हूँ. मैं अब तक बहुत सारी औरतों को चोद चुका हूँ.

ये मेरी रण्डी बहन की चुदाई कहानी मेरे और मेरी मौसी की लड़की के बीच की हुई चुदाई की है. उसका नाम स्वाति है. ये घटना करीब एक साल पुरानी है.

आज से करीब पांच साल पहले मेरे और मौसी के परिवार का झगड़ा हुआ था. तब से में अपनी बहन से नहीं मिला था.

मैं बता दूँ कि स्वाति के शादी के पहले तीन लड़कों के साथ चक्कर थे. मैंने सुना था कि उसकी शादी के बाद भी उसका एक के साथ चक्कर चल रहा है. शायद इसी वजह से उसके और उसके पति बीच में ज्यादा बनती नहीं है.

उसकी उम्र अब बत्तीस साल है. उसकी फिगर तो अभी भी ऐसी थी कि कोई भी उसे नजर भर कर देख लेगा, तो उसका लंड खड़ा हो जाए. हालांकि वो थोड़ी सांवली है, मगर कंटाप माल है.

उसकी फिगर 36-30-38 की है. उसके उठे हुए चुचे तो मानो ऐसे लगते हैं जैसे दूध की डेरी हों. जब वो चलती है, तो उसकी गांड बेहद मटकती है. लगता है कि अभी के अभी इसे पकड़ कर इसकी गांड मार दी जाए. स्वाति को एक लड़का और एक लड़की है.

उन दिनों स्वाति को पता चला कि मैं मामा के घर आया हूँ. तो वो खुद मुझसे मिलने आयी.

जैसे ही वो आयी, तो मैं खड़ा हो गया. वो आकर सीधा मेरे गले से लग गयी. जब कि मैं ये उम्मीद ही नहीं कर रहा था कि वो सीधे मेरे गले से आकर लग जाएगी.

चूंकि हम दोनों बहुत सालों बाद मिले थे, तो हम दोनों कुछ मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे. बाद में मैं उससे अलग हुआ. उसने अलग होने के बाद भी मुझे अपनी बांहों में पकड़ा हुआ था. उसने मेरी आंखों में देखा और मुँह आगे बढ़ा कर मेरे माथे पर चुम्मी ले ली.

हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे. हम दोनों ने काफी देर तक इधर उधर की बातें की … फिर वो अपने घर चली गयी.

उसने जाते समय मुझसे घर पर आने को कहा. मैंने हामी भर दी.

फिर अगली सुबह जल्दी में उसके घर पहुंचा, तो उसके घर में मेरे जीजा ने मेरा स्वागत किया. उनके साथ इधर उधर की बातें हुईं और वो अपने काम के लिए चले गए.

जीजा जी के जाने के बाद जब वो मेरे लिए नाश्ता लेकर आयी, तो उससे बात होने लगी.

मुझे वो कुछ परेशानी सी लगी, तो मैंने पूछा. उसकी बातों से मुझे पता चला कि उसका पति उसे ज्यादा भाव नहीं देता है … खाली दिखावा करता है. ये सब उसके चक्करों की वजह से है.

उसके शादी से पहले के चक्करों के बारे में मुझे मालूम था, ये वो भी जानती थी. मगर शादी के बाद जिस लड़के के साथ उसका चक्कर था, ये मुझे मालूम होगा, इसका अंदाजा उसे नहीं था.

मुझे मालूम था कि उस लड़के की अभी शादी हो गयी थी और अब वो भी स्वाति को ज्यादा लिफ्ट नहीं देता था. हालांकि वो लौंडा स्वाति से मिलने अब भी आता था मगर अब वो सिर्फ स्वाति को चोदने के लिए आता था.

मैंने उससे कहा- तेरी शादी के बाद भी तो एक ब्वॉयफ्रेंड है उसका क्या? ये सुनकर वो पहले तो चुप हो गई. मगर अगले पल ही वो हल्के से हंस दी और बोली- अरे वो तो ऐसे ही … और उसकी तो शादी हो चुकी है न.

मैंने स्वाति से इस विषय पर खुल कर बातचीत की, तो वो भी मेरे साथ खुलती चली गई कि हां वो मिलने के लिए अब भी आता है.

ऐसे ही शाम तक मैंने स्वाति के साथ टाइमपास किया और घर गया. स्वाति मुझसे अपने सेक्स सम्बन्धों को लेकर हर तरह से खुल चुकी थी और उसे मुझसे किसी भी बात के करने से कोई गुरेज नहीं रह गया था. यहां तक कि उसने मुझसे ये भी कह दिया था कि तेरे जीजा जी की रूचि सेक्स में न के बराबर है. इस वजह से मुझे बाहर का रुख करना पड़ता है.

फिर उसी रात को स्वाति का मैसेज आया कि कल उसे मौसी के घर की सफाई करने के लिए जाना है और उसे मेरी हेल्प चाहिए थी. तो मैंने उसे हां कह दी और कल मिलने के लिए बोल दिया.

दूसरे दिन मैं स्वाति के साथ मौसी के घर चला गया. हम लोगों ने सारे दिन काम करते हुए साथ ही बिताया. काम बाकी रह गया था तो दूसरे दिन फिर आना था.

उस दिन मुझे उसकी मादक जवानी का जलवा दिखा. मैं तो पहले से ही उस पर फ़िदा था, मगर बहन होने के कारण मैंने कभी हिम्मत नहीं की थी.

मुझे लगता था कि वो शायद मेरे साथ राजी नहीं होगी. पर मौसी के घर की साफ़ सफाई के दौरान मुझे उसके हाव भाव से ऐसा लगा कि वो मेरे साथ राजी हो सकती है.

मैं पूरी रात उसके बारे में यही सब सोचता रहा और मैंने चार बार मुठ मारी. अब मैं अपनी मौसेरी बहन स्वाति को चोदने का प्लान बनाने लगा.

अगले दिन जब मैं गया तो वो एक चुस्त से सलवार और कमीज में थी. स्वाति अपनी बेटी को साथ नहीं लायी थी.

उस दिन लाइट नहीं आ रही थी … बहुत गर्मी लग रही थी. चूंकि मई का महीना था, इसलिए गर्मी लगना जायज था.

मुझे गर्मी लगी, तो मैंने अपनी शर्ट उतार दी और सफाई में उसकी मदद करने लगा.

उसके चुचे देखकर मेरी हालत बुरी हो रही थी, तभी उसने भी अपना कुर्ता निकाल दिया और वो भी सिर्फ एक ब्रा में काम करने लगी.

मेरे साथ काम करते हुए बातों के साथ वो अपना दुख भी बता रही थी.

मैं उसकी कसी हुई ब्रा में तने उसके बमपिलाट मम्मों को घूरते हुए उससे बातें कर रहा था. उसने भी मुझे चूचियों को घूरते देखा था … फिर भी न ही वो कुछ बोली और न ही उसने अपने मम्मों को किसी दुपट्टे आदि से ढाम्पने का प्रयास किया. बल्कि वो मेरी तरफ मुँह करके बाते करते हुए काम करने लगी.

अब तो वो कभी अपने हाथ उठा कर ऊपर की सफाई कर रही थी तो कभी झुक कर सफाई करने लगती थी. इससे उसकी चूचियां एकदम से आग के शोले बरसा रही थीं. ये सब देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

फिर जैसे ही काम खत्म हुआ, तो हम दोनों आराम करने के लिया बाहर आए और हाथ मुँह धो कर बैठ गए. गर्मी के कारण मैंने अपनी जींस भी उतार दी और सिर्फ टॉवल में बैठा था.

स्वाति भी मुझे इस हालत में देख कर नहाने की कह कर बाथरूम में घुस गई.

पांच मिनट के बाद जब वो बाहर आयी तो सिर्फ टॉवल में थी. उसकी आधी से ज्यादा चूचियां बाहर को निकली हुई दिख रही थीं.

मैं अपना लंड छुपा कर बेड के कोने पर बैठा था. वो आयी और मेरे सामने लेट गयी. जैसे ही लेटी, उसके चूचों से टॉवल थोड़ा नीचे खिसक गई और चूचियां खुल कर दिखाई देने लगी थीं.

उसने अपनी तौलिया भी सही नहीं की. वो इधर उधर की बातें करती रही.

मैं भी उसके मदमस्त मम्मों को देखता हुआ उसके करीब लेट गया. कुछ देर बाद हम दोनों सोने के लिए आंखें बंद करके सो से गए. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.

वो मेरी तरफ मुँह करके सोई थी. उसका टॉवल पूरी तरह से खुल गया था और उसकी चूचियां खुले मैदान में आ गयी थीं. उसके काले निप्पल एकदम कड़क दिखाई दे रहे थे.

अब मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसके दूध छूने लगा. वो कुछ नहीं बोली.

तो मैंने दो उंगलियों में एक निप्पल दबाया और धीरे धीरे मसलने लगा.

कुछ देर बाद उसके मुँह से आहा आहा करके आवाज आने लगी. उसने विरोध न करके मजा लेना शुरू कर दिया था, इससे समझ आ गया था कि उसको सब पता था. वो जाग कर मेरे हाथ से मजे ले रही थी. मेरा लंड गीला हो चुका था.

तभी अचानक उसने आंखें खोलीं और मेरा हाथ पकड़ लिया. मैंने उसे देखा तो वो मुझे डांटने लगी.

लेकिन मेरे सर पर उसकी चुत सवार थी. मैंने सोचा ये साली रंडी ही तो है … माँ की लौड़ी न जाने कितनों के लंड चुत में ले चुकी है. एक मेरा और चुत में ले लेगी तो इसे क्या फर्क पड़ जाएगा.

उसकी मैंने एक न सुनी और सीधे उसके होंठों को चूमने लगा. पहले उसने दिखावे के लिए कुछ विरोध किया … लेकिन बाद में वो भी साथ देने लगी.

अब मैं उसकी चूचियां मसल रहा था बीच बीच में उसकी चुत में उंगली कर रहा था. वो मछली की तरह तड़प रही थी.

फिर मैंने उसका पूरा टॉवल हटा दिया वो पूरी नंगी सामने आ गई थी.

बेकाबू होकर मैं उसके शरीर के हर एक हिस्से को चाटने लगा. वो कामुक सिसकारियां ले रही थी. मैं कभी होंठों को चूसता, तो कभी चूचियों को चूसता.

जब मैं चाटते चाटते उसकी चुत तक गया, तो उसकी चुत की चाशनी की महक मदहोश करने वाली थी. चुत पर थोड़े से झांट के बाल उगे थे.

मैंने धीरे धीरे उसकी चुत को सहलाया … फिर आराम से उसकी चुत को चाटने लगा.

उसने चुत खोल दी … तो मैं उसकी चुत का खारा पानी पीने लगा था. वो भी आनन्द ले रही थी.

मैंने उसकी चुत को करीब बीस मिनट तक चाटा. मेरे चुत चाटते हुए ही वो झड़ चुकी थी.

फिर उसने मेरा लंड हाथ में लिया और जोर से हिलाने लगी और चूसने लगी. वो ऐसे लंड चूस रही थी मानो उसे जन्नत की कुल्फी चूसने को मिल गयी हो.

दस मिनट लंड चुसवाने के बाद मैं झड़ गया.

थोड़ी देर तक वो लंड को चूमती रही टट्टों को सहलाती और चूसती रही. साली पक्की मर्द खोर हो गई थी. उसको सब मालूम था कि लौड़ा कैसे खड़ा किया जाता है.

कुछ ही देर बाद मेरा लंड खड़ा हो गया. वो लंड कड़क होते देख कर हंस दी.

मैंने भी उसके गाल पर पप्पी ली और उससे कहा- चलो अब चुत खोलो. वो बोली- मेरी तो न जाने कब से खुली पड़ी है … तू पेल तो सही.

मैं उसके पैरों के बीच में जाकर बैठ गया और अपने खड़े लंड को उसकी चुत की फांकों में रख दिया. मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने गांड उठा कर चुदाई शुरू करने का इशारा दे दिया. मैंने लंड अन्दर सरका दिया.

मेरा आधा लंड अन्दर हुआ तो वो हल्के से कराही और लंड को गड़प कर गई. साली पक्की रांड हो गई थी. उसको लंड की लम्बाई से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था.

मैं सटासट धक्का देने लगा. मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर जाने लगा वो मस्ती में ‘आह आअह्ह आआह्ह … और तेज पेल न.’ की आवाज निकाल रही थी.

उसने जैसे ही तेज चुदाई करने के लिए कहा. मैंने स्पीड पकड़ ली और उसे जोर जोर से चोदने लगा.

वो कामुक सिसकारियां लेती हुई चुदवाती रही.

करीब बीस मिनट बाद वो झड़ गयी. उसके झड़ते ही मेरा वीर्य भी निकलने वाला था. मैंने लंड रस उसकी चुत में ही छोड़ दिया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया.

मैं उसके होंठों को चूसता रहा. इस चुदाई के दौरान वो मुझसे बहुत ज्यादा नहीं बोली थी, सिर्फ चुदाई का आनन्द लेती रही थी.

उस दिन मैंने लगातार अपनी बहन की चार बार चुदाई की और मौसी के घर से चला गया.

दूसरे दिन उसने मुझे अपने खेत वाले रूम पर बुलाया. वहां मैंने उसकी चुदाई किस तरह से की और उसकी चुदने की लालसा ने मुझसे क्या क्या करवाया, ये सब मैं सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगा. मेरी रण्डी बहन की चुदाई कहानी पर आप अपनी राय कमेंट्स में मुझे जरूर बताएं.

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