गर्लफ्रेंड के बिना उसकी सहेलियों संग थ्री-सम –4

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

अब तक आपने पढ़ा..

प्रियंका ने मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया.. और तेजी से चूसने लगी और इधर दूसरी साली ने खुद मेरी आँखों से दुपट्टा हटा दिया। मैं- ओह्ह्ह.. तो आप हो मेरी दूसरी साली.. सुरभि.. तभी मैं सोचूं.. प्रियंका को सब दिख रहा था और आपको नहीं.. प्रियंका- अरे जीजू.. इन्होने भी पूरा काम देखा है आप दोनों का.. बस बात अब सामने आई है.. यह भी आपके व्हाट्सप्प वाले मैसेज पढ़कर अन्दर ही अन्दर तड़प रही थी.. इसकी चूत की ज्वाला भड़क उठी थी, फिर हम दोनों ने आपको बुलाया है।

सुरभि- हाँ जीजू.. उस दिन आपके लण्ड को देखकर मेरा हाल बेहाल हो गया था.. और जब आपका चुदाई वाला वीडियो देखा.. तो मेरे अन्दर की अन्तर्वासना ने जवाब ही दे दिया.. और देखो अब आपके लण्ड की सैर कर रही हूँ। मैं- तो सालियों.. बाँध कर चुदाई करने में क्या मजा.. खोलो मुझको.. तुम दोनों की प्यास बुझाता हूँ..

अब आगे..

प्रियंका ने उठ कर मेरे बंधन खोल दिए और मैं छूटने के तुरंत बाद सुरभि को अपने नीचे करके.. उसके ऊपर चढ़ कर.. उसको चूचे चूसने लगा। वहीं प्रियंका ने पीछे से मेरे लण्ड पकड़ कर.. सुरभि की चूत में सैट कर दिया.. और मेरी गाण्ड को ऊपर से अचानक ही तेज झटका मार दिया.. जिससे मेरा खड़ा फनफनाता लण्ड सुरभि की चूत में अचानक ही पूरा घुस गया.. और सुरभि का बड़ा सा मुँह खुल गया।

प्रियंका यूँ ही मेरी गाण्ड पकड़ कर.. ऊपर-नीचे करते हुए मेरे लण्ड को हथियार बना कर.. अपनी सुरभि मैम की चूत मरवा रही थी। कुछ झटकों के बाद प्रियंका आगे आई.. वो सुरभि के मुँह पर बैठ गई।

सुरभि ने पहले तो मना किया- यार यह नहीं प्लीज.. लेकिन प्रियंका जबरदस्ती बोली- अरे जान.. चूस कर देख.. जन्नत का मजा मिलेगा.. मेरा पानी मस्त है.. उसने अपनी चूत अपनी मैम के मुँह में धंसा दी।

धीरे-धीरे.. सुरभि को भी चूत चूसने में मजा आने लगा.. और प्रियंका की गाण्ड पकड़ कर.. वो अपने मुँह से जोर देने लगी.. जिससे प्रियंका की चूत सुरभि साली के मुँह में घुस गया।

प्रियंका अपनी चूत चटवा कर मदहोश होकर अपने मम्मों दबाने लगी.. मसलने लगी.. उधर मैं नीचे सुरभि की चूत में ‘दे..दनादन..’ अपना लण्ड पेलने लगा। पूरे कमरे में सिर्फ हमारी चुदाई की आवाज गूँज रही थीं.. बहुत ही सेक्सी नजारा हो गया था। मैं लण्ड के झटके तेजी से सुरभि की चूत में पेले जा रहा था.. झटके पे झटके.. फच फच फच.. सपाक.. सपाक सपाक…

कुछ देर में पता नहीं प्रियंका को क्या सूझा.. उसने सुरभि के हाथ-पैर ठीक मेरी तरह बाँध दिए और आँखों में भी बाँध पट्टी को दिया.. मैं भी समझ नहीं पाया।

फिर वो मेरे पास आकर बोली- जीजू आज इसकी गाण्ड मार लो.. बिलकुल नई है.. उंगली भी नहीं करती.. मुझको पता है आपको गाण्ड मारना बहुत पसंद है.. मैंने बोला- अरे यार, मर जाएगी साली.. वो बोली- अरे जीजू एक उपाय इसको भी मजा आ जाएगा।

वो नारियल का तेल लाई.. और कहा- यह लो.. भर दो इसकी गाण्ड में.. और घुसेड़ दो अपना मूसल लण्ड.. इसकी गाण्ड में.. जब तक मैं उसको एक्साइट करती हूँ.. वो गई.. और सुरभि के दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूसने लगी।

मैं भी सुरभि की गाण्ड के नीचे तकिया लगा कर उसकी चूत को चूसने लगा.. और साथ में उंगली करने लगा।

प्रियंका सुरभि से बोली- आज आपको बहुत मजा आने वाला है मैम..

वो नारियल का तेल सुरभि के बड़े गोल मम्मों पर गिराने लगी.. और चूत के ऊपर हिस्से को तेल से पूरा भर दिया। फिर अपने हाथों से उसके चूचों को मसाज करने लगी.. नीचे से ऊपर जाते हुए उसके निप्पल्स को मसल देती.. जिससे मैम के मुँह से सिसकारी निकल जाती।

फिर प्रियंका ने थोड़ा से तेल.. चूत के उठान से गिरा दिया.. जो नीचे की तरफ चूत से होता हुआ गाण्ड तक जाता है।

अब मैं भी उसकी चूत को तेजी से उंगली से पेलने लगा। मैंने हल्के से एक उंगली उसकी गाण्ड में डाल दी.. सुरभि ने तुरंत ‘आह..’ के साथ अपने चूतड़ ऊपर उठा लिए।

उधर प्रियंका उसको गर्म करने के लिए.. उसके दोनों मम्मों को चूसने लगी.. वो दोनों निप्पल्स को एक साथ चूसने काटने लगी.. और मैं यहाँ उसकी गाण्ड में उंगली तेज-तेज पेलने लगा।

प्रियंका ने कुछ इस तरह पोजीशन बनाई कि सुरभि के मुँह पर उसकी चूत को लगा दिया.. और वो दोनों 69 पोजीशन में.. एक-दूसरे की चूत चूसने लगीं। सुरभि के पैर बिस्तर से नीचे थे और उसकी गाण्ड मेरे सामने खुली थी.. मैं यहाँ उसकी गाण्ड में अपने लण्ड को ज़ोर लगा कर डालने लगा।

मेरा लम्बा मोटा लण्ड घुस नहीं रहा था.. है.. तो प्रियंका उसी पोज़ में तेल की बोतल उठा कर बोली- लो जीजू.. तुम इसकी गाण्ड में पूरा तेल भर दो।

साथ ही उसने बहुत सारा तेल मेरे लण्ड में भी चुपड़ दिया.. जो थोड़ा उसकी गाण्ड के ऊपर था।

तेल मेरे लण्ड से होते हुआ.. उसकी गाण्ड के छेद में.. जा रहा था.. और प्रियंका ने मेरा लण्ड पकड़ कर उसके टोपे को पूरा तेल से लस कर दिया और कहा- जीजू अब पेलो इसकी गाण्ड..

मैं उसकी गाण्ड में पूरा ज़ोर डालने लगा.. फिर भी सिर्फ टोपा घुस पाया था, प्रियंका ने थोड़ा और तेल मेरे लण्ड पर उड़ेला.. और बोतल का मुँह सुरभि की गाण्ड की ओर करके गाण्ड में तेल डाल दिया, फिर अपने दोनों हाथों से.. मेरी गाण्ड पकड़ कर.. अपनी ओर खींचा.. जिससे मेरा लण्ड धीरे-धीरे सुरभि की गाण्ड में घुसने लगा.. इससे सुरभि छटपटाने लगी..

तभी प्रियंका ने उसकी गाण्ड को पकड़ कर.. उसकी चूत को अपने मुँह में घुसेड़ लिया और तेज-तेज चूसने लगी। यहाँ तक कि उसकी क्लिट को काट लिया.. जिससे प्रियंका पगला गई.. और सुरभि की चूत को चूसते हुए अपनी उंगली से भी पेलने लगी।

इधर मेरा लौड़ा धीरे-धीरे अन्दर-बाहर होने लगा.. और मैंने धीरे-धीरे धक्कों की तेजी बढ़ा दिया, अब सुरभि को भी मजा आने लगा। मैं उसको अब तेजी से चोदने लगा.. उसके चूतड़ों से जब-जब मेरा लण्ड टकराता.. एक तेज आवाज होती.. सपाक.. चटाक..

प्रियंका मजे से उसको उकसाने लगी- क्यों.. जीजू की साली.. बहुत चुदने का मन था न… ले अब मजे ले जीजू के लौड़े के झटके खा.. आज पूरी रात तेरी चूत और गाण्ड की बैंड बजेगी.. तुझे जीवन का सबसे बड़ा सुख मिलने वाला है.. मजे ले आज.. जीजू के.. मैं बोला- आज दोनों सालियों की बैंड बजा दूँगा.. सुबह तक चलने की हालत नहीं रहेगी तुम दोनों की। मैं तेज झटकों से सुरभि की गाण्ड पेलता रहा.. और दोनों चुदक्कड़ों को खूब गालियाँ देता रहा।

अब मैंने अपने दोनों हाथों से प्रियंका के मम्मों को पकड़ लिया और पूरा ज़ोर लगाकर मम्मों को मसलते हुए.. सुरभि की गाण्ड मारने लगा। प्रियंका- आह जीजू.. आराम से मेरे चूचे दर्द कर रहे हैं। मैं बोला- दर्द में तो मजा है साली! मैंने उसको दोनों निप्पल्स को मसल दिए।

प्रियंका ने कहा- जीजू मेरी गाण्ड भी मारो न.. उसने सीधे होकर सुरभि की चूत के ऊपर.. अपनी गाण्ड लगा दी और अपना मुँह सुरभि के मुँह में दे दिया.. दोनों मजे से एक-दूसरे के होंठों को खाने लगीं।

फिर प्रियंका सुरभि के ऊपर डॉगी पोज़ में आ गई और सुरभि के दोनों हाथ और आँखों से बंधन खोल दिए। अब प्रियंका ने अपने दोनों हाथों से सुरभि के मम्मों दबाते हुए.. उसके लिप्स को खाना चालू कर दिया। सुरभि भी प्रियंका के चूचे दबाते हुए.. उसकी जीभ को चूस रही थी। दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे को खा रही थीं.. कभी-कभी दोनों एक-दूसरे के हाथ पकड़ कर.. एक-दूसरे को खाए जा रही थीं.. कभी एक-दूसरे के लब चूस रही थीं।

कभी प्रियंका.. सुरभि के मम्मे चूसने काटने लगती.. तो कभी सुरभि.. प्रियंका के चूचे चूसती और काटने लगती।

मैं यहाँ सुरभि की गाण्ड मारते हुए.. कभी अपना लण्ड सुरभि की चूत में ठोक देता.. कभी अपना मूसल लण्ड.. प्रियंका की चूत और गाण्ड में पेल देता.. इस तरह मैं दोनों की चूत और गाण्ड मारता रहा। कभी-कभी बीच में तेज झटकों से उन दोनों की सांसें ही रोक देता था।

‘फच फच.. फचाक..फच फच फचाक..’ ‘चोदेगा इण्डिया तभी तो बढ़ेगा इण्डिया…’ इसी धुन को गाता हुआ मैं उनकी चुदाई करने लगा।

मुझको थोड़ी दिक्कत होने लगी.. क्योंकि मैं प्रियंका को पूरे दम से चोद नहीं पा रहा था.. तो मैंने दूसरा तकिया सुरभि के चूत के जस्ट ऊपर रख दिया.. इससे प्रियंका और मुझको भी आराम हो गया।

अब मैं दोनों के चारों छेद को बारी-बारी पेलने लगा.. कुछ 50 से 100 झटकों चारों छेद में डालते हुए.. सुरभि अचानक ही अकड़ गई.. और प्रियंका के मम्मों को उसने लगभग नोंच ही लिया। प्रियंका ने भी चिल्लाते हुए कहा- आह्ह.. साली नोंच कर मेरे चूचे ही गायब ही कर देगी क्या? कमीनी जान निकाल दी..

तभी सुरभि के पानी ने मेरे लण्ड को भिगो दिया और सुरभि निढाल हो गई.. थोड़ी देर उसी अवस्था में लेटी रही। मैं अपना लण्ड अब प्रियंका की चूत में पेल कर लगातार कई धक्कों और झटकों के साथ उसे चोदने लगा। लगभग 20-20 धक्कों के बाद कभी मैं उसकी गाण्ड मारता.. कभी चूत में लौड़ा ठोक देता।

प्रियंका बोली- जीजू.. वो आवाज नहीं आ रही.. जो अभी सुरभि की गाण्ड मारने में आ रही थी… जरा और तेल डालो न.. आवाज के साथ चुदवाने में अलग ही मजा आता है..

मैं तेल की बोतल जिसमें थोड़ा ही तेल बचा था.. वो उसकी गाण्ड के छेद में भरने लगा। तेल उसकी गाण्ड से सरकता हुआ.. उसकी चूत को भी गीला कर रहा था.. थोड़ा तेल मैंने उसकी बड़े से चूतड़ों पर भी फैला दिया.. कमर से जस्ट ऊपर तक तेल फैला दिया.. और अपने हाथ से चारों तरफ उसकी गोरी गाण्ड में लगा दिया।

अब उसकी चूत में मैं तेज-तेज झटकों पे झटके मारने लगा, चुदाई की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं ‘चट-चट.. चट चट..’ प्रियंका- आह.. जीजू.. मजा आ रहा है.. पेल दो अपनी साली को.. चूत का भोसड़ा बना दो.. रंडी की तरह पेलो.. अपनी साली को जीजू..

प्रियंका ने मारे जोश के सुरभि को फिर से पकड़ लिया और उसे स्मूच करने लगी.. साथ ही उसके मम्मों को दबाने लगी। वो गरम सुर में बोली- कमीनी तेरा काम हो गया.. तो भैन की लौड़ी किनारे हो गई.. चल.. मजा दे मुझको..

दोस्तो, इस कहानी में रस भरा पड़ा हुआ है इसको मैं पूरी सत्यता से आपके सामने लिख रहा हूँ.. आप अन्तर्वासना से जुड़े रह कर इस कहानी का आनन्द लीजिए और मुझे अपने ईमेल जरूर भेजते रहिए। आपका विवान [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000