गर्लफ्रेंड के बिना उसकी सहेलियों संग थ्री-सम –7

अब तक आपने पढ़ा..

मैंने बिना चड्डी के सिर्फ लोअर पहन लिया.. और प्रियंका ने बिना ब्रा और पैंटी के सुरभि का ही ढीला टॉप पहन लिया.. जो उसकी गाण्ड को मुश्किल से छुपा पा रहे थे।

अब तक सुरभि ने भी उठ कर हाथ धोकर.. प्रियंका के साथ डिनर तैयार करने लगी।

अब आगे..

मैं प्रियंका के लैपटॉप में ब्लू-फिल्म्स ढूंढने लगा.. मैंने देखा कि उसके लैपटॉप मैं ज्यादातर वही वीडियोज थे.. जो मैंने आयशा को दिए थे.. जिसमें थ्री-सम..लेसबो.. ग्रुप-सेक्स.. मियां खलीफा +सनी लियॉन के और भी बहुत सारे क्सक्सक्स वीडियोज थे।

मैंने उससे पूछा- प्रियंका तुम्हारे पास ये वीडियोज कहाँ से आये? प्रियंका- अरे जीजू आपकी आयशा ने दिए थे.. हम दोनों बेस्ट फ्रेंड जो हैं.. जो चीज उसकी.. वो मैं इस्तेमाल कर लेती हूँ। जैसे अभी आपके साथ साली बन कर खूब चुदाई कर रही हूँ। मैं सिर्फ ‘हम्म्म्म’ में सर हिला कर रह गया।

मैं- अरे प्रियंका बैग तो चैक करो.. मैं क्या लाया था?

प्रियंका ने थोड़ा सा अजीब मुँह बना कर बैग खोला.. और थोड़ा अन्दर हाथ डाला तो उसे एक वोडका की बोतल मिली.. और उसने ख़ुशी से सुरभि को दिखाते हुए कहा- देख साली.. हमारे लिए जीजू मस्ती का सामान लाए हैं.. वो मेरे पास आकर गाल पर चुम्बन देकर चली गई.. और वे दोनों मिल कर डिनर तैयार करने लगीं।

जल्दी ही बैंगन-आलू की सब्जी बन कर तैयार हो गई और रोटियाँ और सलाद के साथ में वोडका तबल पर सजा दी। हम लोग खाना खाने लगे.. प्रियंका ने एक पैग बना कर मुझको दिया.. पर मैंने मना कर दिया।

वैसे भी यह बोतल मैंने सिर्फ प्रियंका के लिए ही ली थी.. सोचा था कि उसको पिलाकर खूब चोदूँगा.. लेकिन मुझे कहाँ मालूम था कि आज मेरी खुशकिस्मती मुझे आज दो-दो-चूत.. दो-दो-गाण्ड.. दो जोड़ी चूचे दिलाने वाली थी।

मैंने कहा- अब मत देना.. वैसे ही मुझको वोडका चढ़ती नहीं है.. जवाब में प्रियंका बोली- हाँ जीजू वैसे भी आपके लिए हम दोनों किसी नशे से कम हैं क्या?? उसने यह कह कर एक तीखी मुस्कान दी और एक बड़ा पैग बना कर सुरभि को पकड़ा दिया.. एक खुद के लिए भी बना लिया।

सुरभि ने पहले मना किया.. शायद उसका आज पहली बार था.. तब भी प्रियंका ने सुरभि को एक बड़ा पैग बना कर दे ही दिया और जबरदस्ती उसको पिला भी दिया। जब सुरभि ने एक पैग गटक लिया और उसको कोई दिक्कत नहीं हुई तो प्रियंका ने अगला पैग अधिक बोदका मिला कर उसको दिया जिसे उसने बिना किसी विरोध के पी लिया।

फिर हम खाना खाकर आराम से दीवान मैं ही बैठ कर बातें करने लगे.. थोड़ी ही देर में सुरभि को हल्का नशा हो गया, उसने खुद ही अपनी चूत को खुजाते हुए पूछा- प्रियंका तेरे पास ब्लू फिल्म्स हैं न.. तूने बताया नहीं कभी?

फिर खुद ही लैपटॉप चला कर एक वीडियो चला दिया.. जो एक लेसबो वीडियो था। मैं अपने पैर फैला कर दीवान के दीवार की साइड के हिस्से में सट कर बैठ कर वीडियो देखने लगा।

वीडियो शायद उन दोनों को गर्म कर रहा था, सुरभि खुद ही अपने टॉप के ऊपर से अपने निप्पल्स मसलने लगी। कुछ पलों बाद.. उसने दूसरा वीडियो चलाया.. वो भी एक लेसबो वीडियो निकला।

प्रियंका ने उठ कर लैपटॉप कुर्सी पर रख दिया.. जो दीवान के सीध में थी.. लेकिन उस कुर्सी से लैपटॉप बार बार फिसल रहा था.. तो उसने लैपटॉप को एक गोल स्टूल पर रख दिया, अब सही से दिख रहा था।

मेरे दोनों पैर जो सीधे थे.. सुरभि और प्रियंका मेरे दोनों पैरों के अगल-बगल बैठ गईं.. और वीडियो देखने लगीं। धीरे-धीरे वो गर्म होने लगीं.. और मेरे ऊपर से हाथ निकाल कर एक-दूसरे के चूचों को मसलने लगीं। लेकिन तभी वो वीडियो खत्म हो गया.. प्रियंका ने उठ कर एक और वीडियो चला दिया.. जिसमें दो लड़कियां ब्रा-पैंटी पहने एक-दूसरे को स्मूच कर रही थीं।

दोनों यह देख कर गरम हो गईं.. और खुद भी एक-दूसरे को चूसने-चाटने लगीं.. कुछ इस तरह.. कि मेरे पैर के ठीक ऊपर होकर वो दोनों अपनी कामाग्नि में मस्त होने लगीं। उन दोनों के टॉप उनकी गाण्ड से उठ कर कमर तक आ गए.. जो मेरे आँखों को ललचा रहे थे।

अब मैं वीडियो छोड़ कर उनको देखने में मगन हो गया.. दोनों एक-दूसरे के मम्मों के निप्पल्स को टॉप के ऊपर से मसल रही थीं और एक-दूसरे को स्मूच कर रही थीं।

उधर प्रियंका ने अपनी एक उंगली से सुरभि की चूत को पेलना शुरू कर दिया था और उसके मम्मों को भी इतनी जोर से मसल रही थी कि मेरा मन कर रहा था.. कि मैं खुद उन दोनों के चूचों को पी जाऊँ.. लेकिन मैं उन दोनों की हरकतों का मजा ले रहा था.. और अपने लोअर के ऊपर से अपना लण्ड मसल रहा था।

वो दोनों वीडियो देखते हुए एक-दूसरे की.. चूतों में उंगली करने लगीं.. जिससे कमरे में ‘चप.. चप.. फच.. फच..’ की आवाज गूंजने लगी थी। इन मादक आवाजों को सुन कर मेरा लण्ड लोअर के अन्दर से अकड़ रहा था। थोड़ी देर में वीडियो के बीच में अचानक से एक लड़का आ जाता है.. और दोनों लेसबो लड़कियां उस लड़के के पास चली जाती हैं।

ठीक उसी तरह वो दोनों मेरी ओर देखने लगी। सुरभि की आँखें मदहोशी और नशे में मदमस्त लग रही थीं.. और प्रियंका अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए मेरे पास आने लगी।

सुरभि ने मेरी तरफ बढ़ते हुए.. मेरे दोनों पैरों को पकड़ कर फैला दिए और बीच में आकर मेरे लण्ड को लोअर के ऊपर से ही चूसने लगी। आह..

धीरे-धीरे उसके मुँह का गीलेपन ने मेरे लोअर को गीला कर दिया। मेरे लण्ड का आकार साफ़ दिखने लगा.. क्योंकि लोअर चिपक कर मेरे लण्ड के आकार में सिमट गया था। वो मेरा लण्ड ऐसे खाने लगी.. कि मेरे अन्दर से चुदास निकलने लगी।

इधर प्रियंका मेरी ओर बढ़ते हुए आई.. मेरी कमर के ऊपर मेरे पेट पर बैठ गई.. और सीधा मेरे होंठों को चूसने लगी।

वो पागलों की तरह मेरे होंठों को चबा रही थी.. और मेरी जीभ को चूस रही थी.. साथ ही अपने दोनों हाथों से मेरे निप्पलों को मींज रही थी.. मींज क्या नोंच रही थी।

कुछ देर ऐसा करने के बाद वो पीछे हो गई और मेरी तरफ देख कर आँख मारते हुए.. अपना टॉप नीचे से ऊपर की तरफ बहुत ही मादक और कामुक तरीके से मुझको ललचाते हुए ऊपर ले गई। उसने चूचों के पास जाकर अपने हाथ रोक दिए और अपने दोनों चूचों को अपने हाथ से कस कर दबा दिए।

सीत्कार भरते हुए उसने कहा- आह जीजू..

उसने आँख मार कर अपने दोनों कड़क निप्पलों को कस कर मसल दिया। फिर अचानक ही उसने अपना टॉप मम्मों से ऊपर कर लिया और दोनों मम्मों आपस में मिला लिया। उसने दोनों निप्पलों को साथ में दिखा कर मुझको ललचाने लगी।

फिर एक ही झटके में टॉप उतार कर फेंक दिया और अपने चूचे मेरे मुँह में खुद दे दिए जिन्हें मैंने बेरहमी से मसलते हुए चूसने और दबाने काटने लगा। प्रियंका मेरे सर पर हाथ फेरते हुए मेरे कंधे में ‘लवबाइट’ बनाने लगी, वो मुझे रसीला चुम्बन देते हुए अपने दांत लगाने लगी.. मैं पागल सा होने लगा.. मेरे लण्ड में जैसे एक खून का सैलाब भर उठा।

उधर सुरभि जैसे नशे में पागल हो गई.. वो मेरा पूरा लण्ड अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी.. इस नाकाम कोशिश में उसके आंसू छलक आए.. फिर भी वो अपने गले में मेरा लण्ड लोअर के ऊपर से ही उतार रही थी।

फिर उस कमीनी को पता नहीं क्या हो गया.. उसने अपने मुँह से मेरा लण्ड निकाल लिया.. और अपनी टाँगें फैला कर मेरे लण्ड को.. जो गीला होकर लोअर में साफ़ आकार बना चुका था.. उसी के ऊपर बैठ गई और जबरदस्ती अपना पूरा जोर लगा कर मेरे लण्ड पर बैठने लगी।

काफी कोशिश करने के बाद मेरा मोटा लण्ड नहीं घुसा.. तो जैसे वो कुतिया पागल ही हो गई। वो उठ कर गई.. और कुतिया चाक़ू लेकर आई.. और मेरे पैर पर जोर देकर बैठ गई।

मुझको डर लगा कि आज मैं गया। कमीनी चाक़ू से मेरे लोअर को लण्ड के अगल-बगल से काटने लगी.. और जैसे ही लोअर काटने से लण्ड फनफनाता हुआ बाहर आया.. सुरभि ने उसे फिर से अपने मुँह में डाल लिया। अब कुतिया लौड़े को ऐसे चूसने लगी थी कि जैसे साली को फिर कभी लौड़ा मिलेगा ही नहीं।

थोड़ी देर मेरा खड़ा लण्ड चूसने के बाद वो मेरे लण्ड पर बैठ गई.. और सीधा लण्ड अपनी चूत के अन्दर लेकर ‘दे..दनादन..’ कूदने लगी। मेरे लण्ड के ऊपर कूदने से उसकी चूत में आता-जाता लण्ड साफ़ दिख रहा था। जिसे देख कर मैं और भी पागल हो गया था। सुरभि मेरी ओर देखते हुए और तीखी मुस्कान के साथ अपना टॉप उतारने लगी और उतार कर फेंक दिया।

अब दोनों सुरभि और प्रियंका मेरे ऊपर चढ़ कर तांडव कर रहे थे.. उन दोनों कि इस कामुकता का मैं बहुत मजे में ले रहा था।

मैं प्रियंका की चूत में उंगली करने लगा सीधे दो उंगलियाँ मैंने उसकी चूत में पेल दीं और ‘फच.. फच..’ उसकी चूत को पेलने लगा। उसके चूचों के निप्पलों को रगड़ने लगा और निप्पलों को मुँह में लेकर काटने लगा।

प्रियंका- आह जीजू.. कमीने हरामी.. मार डालेगा क्या कुत्ते.. आह और तेज पेल.. चोदू जीजू.. आह तीन उंगली डाल दे.. मेरी चूत में.. मादरचोद। मैं- आह मेरी प्यासी चुदक्कड़.. भूखी शेरनी साली है न तू.. मेरी आधी घर वाली.. आज तुझको ऐसा पेलूंगा कि तू मेरे लण्ड के लिए तड़पेगी कुतिया.. हर जगह मेरा ही लण्ड दिखेगा।

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