मेरी बेस्ट टीचर ने मुझे चोदना सिखाया -3

अब तक आपने पढ़ा कि कैसे मैंने मोना के साथ उसके भाई, दोस्त और सर की चुदाई को देखा।

अब आगे..

मैं अब दोपहर में मैडम के घर की तरफ चला गया, मैडम घर में अकेली रहती हैं.. उनके पति और बच्चे शहर में रहते हैं। मैडम दिखने में सुंदर हैं.. उनके मम्मों की छटा बहुत दिलकश है.. किसी पके हुए आम की तरह उठे हुए चूचे हैं। उनके मम्मों को एक बार देख लो तो बस बार-बार देखने की इच्छा होती है। मैडम की उम्र लगभग 30 साल की होगी। मैडम के बारे में जितना बोलूँ.. उतना कम है।

मैंने मैडम के घर पहुँच कर का गेट खटखटाया.. थोड़ी देर बाद मैडम ने दरवाजा खोल दिया। इस वक्त मैडम एक नाइटी में थीं।

मैडम के आम लटक रहे थे.. मैं तो बस उनको देखते ही रह गया। मैडम ने मुझे आवाज दी.. तब मैं होश में आया।

मैडम ने मुझे अन्दर बुला लिया।

मैडम अन्दर पानी लेने चली गई। मैं अपने आपको गाली देने लगा.. क्योंकि जिस तरह से मैं मैडम को देख रहा था.. उससे मुझे खुद पर गुस्सा आया। ये सब कल से शुरु हुआ.. जब से मैंने अपनी लाइफ की पहली चुदाई देखी.. तब से मेरा हर औरत को देखने का नजरिया बदल गया।

मैडम पानी लेकर आईं.. मुझे पीने के लिए दिया.. मैंने पानी पी लिया और अपनी किताबें निकालने में लग गया। जैसे ही मैंने किताब निकाली.. मैडम ने मुझे रोक दिया- अरे अवि तुम किताबें अन्दर बैग में ही रहने दो। अवि- पर मैडम अगर मैंने किताबें बैग में रख दीं.. तो मैं पढूंगा कैसे?

मैडम- सॉरी अवि.. वो क्या है मैं घर में अकेली बोर हो जाती हूँ.. इसी लिए मैंने तुम्हें यहाँ बुलाया है। अवि- पर मैडम मेरी पढ़ाई? मैडम- पढ़ाई घर पर कर लेना। अवि- पर आपने तो कहा था कि आप मुझे गणित पढ़ाओगी।

मैडम- देखो अवि.. तुम होशियार हो.. स्मार्ट हो.. खुद घर पर पढ़ाई कर सकते हो। रही बात तेरे पास आने की.. तो मुझे यही तरीका सही लगा.. इसी लिए मैंने तुम्हें यहाँ बुलाया है। अवि- पर मेरी पढ़ाई? यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैडम- क्या पढ़ाई-पढ़ाई लगा रहे हो.. रुको मैं तुम्हें कुछ दिखाती हूँ। देखो अवि मेरे हाथ मेरे रबर है… तुम महसूस करो कि ये तुम हो.. अब मैं इसे खींचती हूँ। देखो रबर अब कितना लंबा हो गया.. अब अगर मैंने इसे थोड़ा और खींचा.. तो ये टूट जाएगा। इसी तरह तुम्हारी भी एक लिमिट है.. अगर तुम उसे पार करोगे.. तो तुम्हें प्रॉब्लम हो सकती है। मैं ऐसा कह रही हूँ कि लिमिट क्रॉस करने से लॉस ही होता है.. पर कभी-कभी प्रॉफिट भी होता है। सबको वो प्रॉफिट नहीं मिलता.. ज्यादातर नुकसान ही होता है। देखो तुम स्मार्ट हो.. तुम कोई कितना भी पढ़ाए.. ये तुम पर है कि तुम कितना गेन कर सकते हो। मैं तुम्हें ये नहीं कह रही हूँ कि तुममें वो काबिलियत नहीं है… तुमको खुद उसे बाहर निकालना है।

अवि- हाँ.. मैं कुछ-कुछ समझ गया। मैडम- तो ठीक है.. आज से तुम रोज दोपहर को मेरे घर मुझसे बातें करने आया करो। अवि- ठीक है.. मैडम मैं आपके घर आया करूँगा। मैडम- देखो इतना लेक्चर देने से मेरा गला सूख गया.. रुको मैं कॉफी बनाती हूँ। अवि- ठीक है मैडम..

कुछ देर बाद: मैडम- ये लो कॉफी.. अवि- थैंक्स मैडम.. मैडम- क्या हुआ कॉफ़ी नहीं पी रहे हो? अवि- वो क्या है मैडम.. मैंने इससे पहले कभी कॉफ़ी नहीं पी है। मैडम- देखो अवि.. लाइफ में कोई ना कोई काम पहली बार करना पड़ता है.. उस वक्त थोड़ी प्रॉब्लम होगी.. पर बाद में तू उस काम को ‘एन्जॉय’ करना सीख जाओगे। अवि- ओके..

मैंने कॉफ़ी पी ली.. पहला घूंट मुझे अच्छा नहीं लगा.. पर बाद में मैं कॉफी को एन्जॉय करने लगा। मैडम- तो अवि कैसी थी कॉफ़ी? अवि- अच्छी थी.. मुझे पसंद आई। मैडम- कहा था न.. तुम्हें अच्छी लगेगी।

अवि- हाँ.. सही कहा आपने। आपके परिवार में कौन-कौन है? मैडम- मेरे परिवार में मेरे पति और मेरा बेटा है। अवि- तो वो दोनों शहर में रहते हैं न? मैडम- हाँ.. वो दोनों शहर में रहते हैं.. एक महीने के बाद मैं भी शहर चली जाउंगी।

कुछ देर इसी तरह की बात होती रहीं फिर मैंने पूछा- मैडम टाइम क्या हुआ। मैडम- अभी 4.30 हुए है.. क्यों कहीं जाना है? अवि- हाँ.. वो ग्राउंड पर खेलने जाना है.. मैडम- ठीक है.. जाओ.. कल फिर आना और कोई पूछे तो यही बताना कि पढ़ने गया था। अवि- ठीक है मैडम!

मैडम के घर से निकलने के बाद.. मैं सीधे घर गया और खेलने चला गया। पर खेलते समय मेरा सारा ध्यान स्टोर हाउस की ओर था कि कब मोना आएगी और कब मुझे उसकी चुदाई देखने मिलेगी।

बाय मित्रो, मिलते हैं अगले भाग में.. आप सभी मुझे ईमेल जरूर करें। आपके साथ दोस्ती करने में ख़ुशी होगी और आपको भी बहुत मजा आएगा.. [email protected]