प्रेमिका की सहेली की चूत में चॉकलेट लगा कर चुदाई

सेक्सी हिन्दी कहानी साईट अन्तर्वासना डॉट कॉम के सभी पाठक और पाठिकाओं को प्रेम कुमार का प्रणाम.. आपने मेरी कहानी ‘पहाड़ की चढ़ाई, लण्ड-चूत चुसाई’ पढ़ी होगी। अब एक नई कहानी लिख रहा हूँ.. आनन्द लीजिए।

हमारे उस कांड को करीब डेढ़ साल हो चुका था और मेरी और निधि की अच्छी दोस्ती हो गई थी। हम दोनों अक्सर स्कूल में खाली जगह पर बैठ कर गंदी बातें करते थे, अब तक हम बहुत खुल चुके थे।

पर एक दिन उसने मुझे कहा- यार.. तुझसे एक बात करनी थी। मैं बोला- क्या? ‘सुन.. तू जानता मेरी सहेली नेहा को जानता ही है?’ मैं बोला- हाँ.. वो बोली- वो हमारी बातें सुनती है। ‘तो अब क्या करें?’

वो बोली- वो तुझे कैसी लगती है? मैं बोला- सच बताऊँ तो यार तेरी दोस्त तो मस्त माल लगती है.. बहुत से दिखती है.. जब भी चलती है.. तो साली की गाण्ड और चूचे मस्त हिलते हैं और उसे चोदने का मन करता है।

तो वो बोली- अबे साले मेरी गाण्ड देखकर मन नहीं होता क्या.. चल छोड़ अगर उसे चोदने का मौका मिले.. तो? मैं बोला- यार जरूर चोदूँगा साली के तीनों छेद भर दूँगा।

वो बोली- साले मादरचोद.. ये मत भूल कि मेरा भी एक छेद बाकी है। मैं बोला- तू चिंता मत कर.. वो भी मैं ही भरूंगा.. वो बोली- चल तो उसे चोदने की तैयारी कर ले।

मैं बोला- कैसे? ‘तो सुन.. कल जब वो आएगी.. तो उसके सामने जितनी हो सके.. उतनी गंदी बातें करते हैं।’

हमने ठीक वैसा ही किया। दो-तीन दिन जब वो हम दोनों को बात करते हुए सुन रही थी.. तब उसके बारे में जितनी हो सकती थी हम दोनों उतनी गन्दी बातें करते रहे।

चौथे दिन जब हम वहाँ गए.. तो नेहा वहाँ पहले से ही बैठी थी। मैं और निधि चौंक गए।

निधि बोली- अरे नेहा तू यहाँ.. क्या बात है.? कुछ कहना है क्या? तो नेहा उठी और बोली- हाँ मुझे कुछ कहना था। निधि बोली- क्या?

नेहा बोली- साली रण्डी कहीं की… मुझे चुदवाना चाहती है.. खुद तो रण्डी है ही मुझे भी बनाना चाहती है और तू साले भड़वे कहीं के.. मुझे चोदना चाहता है.. मेरे तीनों छेद भरेगा.. क्या बे तेरे लौड़े में इतना पावर है.. अगर ये बात में सबको बता दूँ तो?

इतना सुनते हमारी हवा टाईट हो गई, हम दोनों टेन्शन में आ गए और वो हमें इस तरह देख कर हँसने लगी। बोली- सालो, मेरी इतनी बात से डर गए।

निधि बोली- साली भोसड़ी की मजाक करती है.. जानती है.. हम दोनों की जान निकल गई थी। इस तरह हम सभी हँसने लगे।

फिर क्या था हम सबने चुदाई की बातें शुरू कर दीं।

मैं बोला- क्या नेहा.. अगर तू सब जानती थी तो ये सब क्यों किया.. और हमको इतना ड्रामा भी न करना पड़ता। नेहा बोली- अबे साले बिना मेहनत के मिलती तो मजा आता तेरे को क्या? मैं बोला- पॉइंट तो सही है यार..

उतने में घन्टी बज गई और हम फिर क्लास में चले गए।

फिर छुट्टी होने के बाद हम साथ में चलने लगे, मैंने निधि से पूछा- क्या प्लान है? निधि बोली- सुनो.. कल शनिवार है.. कल बात करेंगे।

जब दूसरे दिन हम मिले तो पता चला कि सोमवार से अगले तीन दिनों तक की हमारी छुट्टियाँ शुरू हो रही थीं। फिर हम छुट्टियों के बाद मिले.. तो हमने बात शुरू की।

नेहा ने कहा- सुनो मेरे पास एक प्लान है। मैं और निधि बोले- क्या? नेहा बोली- मेरा घर मंगलवार को खाली है.. सोमवार को मेरे डैड और मॉम बाहर जा रहे हैं.. तो तुम दोनों कोई बहाना करके मेरे घर पर आ जाना..

फिर हम सब अलग हो गए और सोमवार को मैंने घर पर बहाना बनाया कि मैं दोस्त के घर पढ़ने जा रहा हूँ.. तो कल सुबह आऊँगा। घर से परमीशन मिल गई।

फिर क्या था.. थोड़ा सामान खरीदने के बाद नेहा के घर पर पहुँचा और बेल बजाई.. तो नेहा ने दरवाजा खोला। नेहा बोली- साले अब तक कहाँ था.. कब से चूत चमका के तेरी राह देख रही हैं..

उसने मुझे अन्दर खींच लिया, मैं अन्दर आ गया और सोफे पर बैठ गया।

नेहा ने मेरे पास से मेरा बैग छीन लिया और देखने लगी। निधि ने मुझे जूस दिया, नेहा जोर से हँसने लगी।

बोली- साले तू तो बहुत बड़ा सयाना है.. निधि देख तो क्या लाया है.. चॉकलेट.. पोर्न मूवी.. व्हिस्की की बोतल.. अबे साले कन्डोम भी लाया है। निधि ने कहा- अबे तू तो बहुत चालू निकला.. चल अब जा और नहा कर आ।

मैं बोला- तुममें से किसी को आना है तो आ सकता है। नेहा बोली- चल-चल अब जा.. तब तक हम दोनों ये सीडी देखते हैं।

जब 10 मिनट के बाद मैं बाहर आया तो मुझे आवाज सुनाई दी ‘आहहह.. उऊहहह.. अअअअ… ओह फक मी.. कम ऑन फास्ट..’ ये आवाजें टीवी में से आ रही थीं।

मैं देखने गया तो देखा कि सामने टीवी में गर्म सीन चल रहा था और ये दोनों वहाँ एक-दूसरे को चुम्बन कर रही थीं एक-दूसरे के मम्मे दबा रही थीं। ये देख मेरी भी हालत खराब हो गई और मेरे तौलिए में टेंट बन गया।

फिर क्या उसी हालत में मैं उन दोनों के सामने खड़ा हो गया.. पहले तो दोनों ने मुझे अपनी नशीली आँखों से देखा फिर नेहा खड़ी हुई और मेरे तौलिए को खींच लिया। उसने मुझे धक्का देकर सोफे पर गिरा दिया। अब वे दोनों मुझ पर भूखी शेरनियों की तरह टूट पड़ीं।

निधि मेरा लौड़ा पकड़ कर हिलाती तो कभी पूरा मुँह में ले लेती.. तो दूसरी ओर मैं और नेहा एक-दूसरे को चुम्बन कर रहे थे.. साथ ही कभी मैं उसके चूचे दबा देता था।

ये सब कुछ 15 मिनट तक चला.. फिर हम सबने पोजीशन चेंज की। अब नेहा मेरा लौड़ा चूस रही थी।

फिर हम खड़े हुए.. मैंने निधि को इशारा किया और नेहा को सोफे पर बैठा दिया।

मैंने और निधि ने नेहा की चूत पर.. चूचों पर और होंठों पर चॉकलेट को लगाया। फिर निधि ने उसके चूचे और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसके मुँह से कामुक आवाजें आ रही थीं- उहहह.. अहह.. इशशश..

कभी मैं उसकी चूत के अन्दर तक अपनी जुबान डाल देता.. तो वो सिहर उठती। अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी, वो कह रही थी- साले बहन के लौड़े.. अब मत तड़पा.. डाल दे साले मादरचोद… मेरी माँ चोद दे !

तो मैं खड़ा हुआ.. निधि वहाँ से हट गई। फिर मैंने नेहा को अपनी तरफ खींचा.. अपने लौड़े को उसकी चूत पर घिसा और थोड़ा अन्दर डाला.. तो साली चिल्लाने लगी- घुसा दे बहनचोद…

फिर जोरदार धक्का दिया.. तो पूरा अन्दर चला गया और वो चिल्लाने लगी.. मुझे धक्का देने लगी। उसकी चूत में से खून निकल रहा था.. पर उसकी परवाह न करते हुए मैं अपना लौड़ा आगे-पीछे कर रहा था। कुछ देर के दर्द के बाद वो भी उछलने लगी थी।

अब वो चिल्ला रही थी.. मुझे गाली दे रही थी ‘साले भोसड़ी के मादरचोद.. बहनचोद डाल और अन्दर डाल.. मेरी चूत फाड़ दे.. मुझे अपनी रंडी बना ले..’

फिर मैंने लौड़ा बाहर निकाला और कन्डोम लगा कर फिर से डाल दिया और इस बार मैं उसे अपनी गोद में उठा कर खड़े-खड़े चोदने लगा। सारा कमरा कामुक आवाजों से गूँज रहा था।

वहीं निधि बैठी अपनी चूत में उंगली डाल कर हम दोनों की चुदाई देख रही थी। नेहा झड़ गई थी और फिर मैंने भी अपना माल छोड़ दिया।

दोस्तो, मेरी कहानी आपको कैसी लगी मेरी मेल आईडी पर मुझे जरूर लिखिएगा। [email protected]