मौसेरी बहन की जवानी का मजा

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम गुर लाल है.. मैं पंजाब के लुधियाना की घटना बताने जा रहा हूँ.. जो मेरे साथ घटी थी।

यह कहानी मेरी मौसी की बेटी सिमरन की है, अगर कोई भी उसको एक बार देख ले.. तो उसका मन उसको चोदने को अवश्य करेगा। उसका रंग बहुत गोरा है। उसकी उम्र 19 साल है और चूचियों का साइज़ 36 है। उसकी चूचियाँ बहुत बड़ी हैं.. ऐसा लगता है कि सूट में से बाहर आ जाएंगी। उसकी कमर तो इतनी सेक्सी है कि क्या बोलूँ। मेरी बहन ज़्यादातर सलवार सूट और जीन्स-टॉप दोनों ही पहनती है।

कहानी उस समय की है.. जब मैं अपनी मौसी की बेटी को पढ़ाई पूरी करवाने उसके घर गया था। मेरी मौसी और पूरा परिवार गाँव में रहता है, मौसी की बेटी शहर वाले घर में अकेली रह कर पढ़ रही थी।

पहले मेरे मन में सिमर के बारे में कभी ऐसा ख्याल नहीं आया.. पर एक दिन क्या हुआ कि मेरी बहन कपड़े धो रही थी। उसने मुझे बोला- भाई, मेरे कमरे से धोने के कपड़े लाकर दे दो। मैंने कहा- चल मैं भी साथ में कपड़े धो देता हूँ.. उसने कहा- ठीक है..

मैं जब सिमर के कपड़े लेने गया.. तो उसके सब कपड़ों के नीचे उसकी ब्रा और पैन्टी पड़ी हुई थीं। मेरा लंड तो उनको देख कर ही खड़ा हो गया।

मैं सिमर के कपड़े उसको बाथरूम में देने चला गया। जब मैं कपड़े धो रहा था.. तो मुझे उसको देख कर अजीब लग रहा था।

उस वक़्त सिमर ने काले रंग का टॉप पहन रखा था और ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी। उसका कुर्ता पानी से भीगा हुआ था और उसके चूचे साफ़-साफ़ दिख रहे थे।

उस दिन सिमर बहुत थक चुकी थी, उसने अपनी थकान के बारे में मुझसे कहा कि उसकी टांगें दु:ख रही थीं। तो मैंने पूछा- मैं कोई मदद कर सकता हूँ? उसने मुझे बोला- हाँ प्लीज़ मेरी मदद कर दो.. मैंने कहा- क्या करूं? उसने कहा- मेरी टांगों की मालिश कर दो।

मैं तैयार हो गया… उसके नंगे बदन को देखने का यह तो बहुत ही बढ़िया मौका था।

हम दोनों कमरे में आ गए और मैं बैठ कर उसकी मालिश करने लगा.. मैं जब उसकी मालिश कर रहा था.. तो हिलने के कारण उसकी चूचियाँ बाहर आने को मचलतीं। मेरा दिल कर रहा था कि उसको अभी चोद दूँ।

मैं बोला- अभी और मालिश करूं? सिमर ने कुछ नहीं कहा, मुझे लगा कि इसको मालिश करवाना अच्छा लग रहा है..

मैंने उसकी मालिश करते-करते ऊपर तक हाथों को ले जाना चाहा.. लेकिन मुझे कुछ डर लग रहा था। अब यह रोज का रवैया हो गया, वो मुझसे रोज मालिश करवाने लगी और मैं उसकी मालिश करने के बहाने उसके जिस्म का स्पर्श सुख लेने लगा।

जब मैं मालिश करता.. तो उसकी चूचियाँ साफ़-साफ़ मेरी नज़रों के सामने आ जातीं। उसका रंग साफ़ होने के कारण उसके चूचुक गुलाबी रंग के थे.. जो उसके झीने कुरते से एकदम टाइट होकर दिखने लगते थे। मेरा दिल करता था कि अभी उनको चूस लूँ। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

यह सब देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया और चूंकि मैंने अंडरवियर नहीं पहना था.. इसलिए सिमर की नजर मेरे लंड पर पड़ गई। वो उसे देख कर धीरे से हँस पड़ी और बोली- अगर तुम थक गए हो तो जा सकते हो। पर मेरा मन जाने को नहीं कर रहा था, मैंने बोला- नहीं मैं यहीं रहूँगा।

तभी मुझे पता नहीं क्या हुआ और मैंने सिमर को बोला- सिमर तुम्हें पता है कि तुम बहुत सुंदर और सेक्सी हो। मैं बहुत डर भी रहा था.. पर सिमर ने बोला- एक लड़की को सुंदर और सेक्सी होना बहुत आवश्यक है। उसने मुझसे पूछा- आज तूने ऐसा क्या देख लिया.. जो आज तारीफ़ कर रहा है?

ये कह कर वो हँस दी। फिर मुझे लगा कि वो मुझसे खेल खेल रही है। मैंने भी बोल दिया- तुम्हारी हर चीज़ बहुत सेक्सी है।

सिमर ने मेरी तरफ़ घूर कर देखा.. मैं डर गया। वो फिर हँस पड़ी और बोली- क्या ख़ास बात है मुझमें?

मुझे लगा कि उसके मन में भी वासना है, मैंने हिम्मत करके कुछ करने की सोची। जब वो बातें करते-करते सोने का नाटक करने लगी.. तभी मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर ले गया.. उसने कुछ नहीं कहा.. वो चुपचाप मज़े ले रही थी।

फिर मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया। वो एकदम से जाग गई और हँस पड़ी, उसने कहा- नहीं.. ये ठीक नहीं है.. उसने मुझे सोने को कहा।

मैंने कहा- तुम मुझसे ऐसी बात क्यों कर रही हो? तो बोली- तू मुझसे बात कुछ भी कर ले.. पर और कुछ नहीं। अब मामला साफ़ हो गया था।

मैंने कहा- प्लीज़ एक बार कर लो.. उसने कहा- तुम मेरे जिस्म को बिना कपड़ों के भी देख सकते हो.. पर वो सब नहीं..।

मैं चुप रहा.. तो उसने कपड़े उतार दिए.. बिना कपड़ों में वो बहुत सेक्सी लग रही थी।

मैं अपने आपको नहीं रोक सका और मैं उस पर चढ़ गया और लण्ड को चूत में पेल कर आगे-पीछे होता रहा..

वो दर्द से तड़फ उठी.. उसने कहा- मुझे छोड़ दो.. मैंने कुछ नहीं कहा और उसकी सवारी करता रहा। उसकी चीखें निकलती रहीं- आई ईई.. ईईई मारर.. दिया.. या.. आह..

कुछ देर बाद उसकी चीखें आहों में बदल गईं.. ‘आहह आहह आहह.. धीरे-धीरे.. कर हरामी..’ वो मुझे गाली दे रही थी।

काफ़ी देर तक मैंने अपनी बहन को चोदा। मैं रुक कर उसको चूमने लगा और कुछ देर बाद जब वो शाँत हुई। खेल हो चुका था। उसकी कामुक आवाजों को मैं कभी नहीं भूल सकता।

उसके अगले चार दिन बाद मैं अपने घर आ गया।

मेरी कहानी आपको कैसी लगी। [email protected]